राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को कर्नाटक स्थित कारवार नेवल बेस पर पनडुब्बी में यात्रा की। उन्होंने कलवरी क्लास की अत्याधुनिक सबमरीन INS वाघषीर में सफर किया। इस दौरान नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी भी उनके साथ मौजूद रहे।
कलवरी क्लास की किसी पनडुब्बी में राष्ट्रपति मुर्मू की यह पहली यात्रा है, जबकि किसी भारतीय राष्ट्रपति की यह दूसरी सबमरीन यात्रा मानी जा रही है। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने वर्ष 2006 में पनडुब्बी में यात्रा कर इतिहास रचा था।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू नौसेना की वर्दी पहनकर पनडुब्बी में सवार हुईं। उल्लेखनीय है कि INS वाघषीर, प्रोजेक्ट-75 स्कॉर्पीन परियोजना के तहत तैयार की गई छठी और अंतिम पनडुब्बी है, जिसे इसी वर्ष जनवरी में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।
लड़ाकू विमानों में भी भर चुकी हैं उड़ान
राष्ट्रपति मुर्मू भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों में उड़ान भरने वाली भारत की पहली राष्ट्रपति भी हैं। उन्होंने 29 अक्टूबर को राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी, जबकि इससे पहले वर्ष 2023 में वह सुखोई-30 एमकेआई में भी उड़ान भर चुकी हैं।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की ऐतिहासिक यात्रा
भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम सबमरीन में यात्रा करने वाले पहले भारतीय राष्ट्राध्यक्ष थे। 13 फरवरी 2006 को उन्होंने ईस्टर्न नेवल कमांड के तहत विशाखापट्टनम से INS सिंधुदर्शक में कुछ घंटों तक बंगाल की खाड़ी में यात्रा की थी। उस समय उनके साथ तत्कालीन नौसेना प्रमुख एडमिरल अरुण प्रकाश मौजूद थे और सबमरीन की कमान कमांडर पी.एस. बिष्ट के हाथों में थी।
सबमरीन यात्रा के बाद डॉ. कलाम ने कहा था कि पानी के भीतर सबमरीन में जाना उनका पहला अनुभव था और इससे उन्होंने भारतीय नौसेना की ‘साइलेंट फोर्स’ की कार्यप्रणाली को नजदीक से समझा।
INS वाघषीर के बारे में
स्कॉर्पीन यानी कलवरी क्लास की पनडुब्बी INS वाघषीर को चार साल पहले मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में प्रोजेक्ट-75 के तहत लॉन्च किया गया था। यह एक अत्याधुनिक डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन है, जिसमें उन्नत नेविगेशन और ट्रैकिंग सिस्टम लगे हैं। इसकी घातक क्षमता के कारण इसे ‘साइलेंट किलर’ भी कहा जाता है।
प्रोजेक्ट-75 के तहत भारतीय नौसेना को कुल छह आधुनिक पनडुब्बियां मिली हैं, जिनमें INS वाघषीर आखिरी पनडुब्बी है।
INS वाघषीर की प्रमुख खूबियां
INS वाघषीर में चार MTU 12V 396 SE84 डीजल इंजन और 360 बैटरी सेल्स लगे हैं। यह पनडुब्बी सतह पर लगभग 20 किमी प्रति घंटे और पानी के भीतर करीब 37 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है।
यदि यह सतह पर 15 किमी प्रति घंटे की गति से चले, तो इसकी रेंज करीब 12,000 किलोमीटर होती है। वहीं पानी के भीतर 7.4 किमी प्रति घंटे की गति पर यह लगभग 1,020 किलोमीटर तक जा सकती है।
यह कलवरी क्लास की पनडुब्बी लगभग 221 फीट लंबी, 20 फीट चौड़ी और 40 फीट ऊंची है। यह सतह-विरोधी युद्ध, पनडुब्बी रोधी युद्ध, खुफिया जानकारी जुटाने, समुद्री निगरानी और बारूदी सुरंग बिछाने जैसे कई अहम सैन्य अभियानों में सक्षम है।
INS वाघषीर करीब 50 दिनों तक पानी के अंदर रह सकती है और अधिकतम 350 फीट की गहराई तक जा सकती है। इसमें 8 अधिकारी और 35 नौसैनिक तैनात किए जा सकते हैं। पनडुब्बी में एंटी-टॉरपीडो काउंटर मेजर सिस्टम के साथ 533 मिमी के छह टॉरपीडो ट्यूब लगे हैं, जिनसे 18 SUT टॉरपीडो या SM-39 एक्सोसेट एंटी-शिप मिसाइल दागी जा सकती हैं। इसके अलावा यह पानी के भीतर 30 समुद्री बारूदी सुरंगें भी बिछाने में सक्षम है