पावर कॉरपोरेशन ने वर्ष 2027 तक सभी बिजली कनेक्शनों पर स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य तय किया है। इस योजना के तहत सरकारी भवनों के साथ-साथ उन विद्युत कर्मियों के घरों में भी स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे, जिन्हें अब तक विभागीय योजना के अंतर्गत रियायती टैरिफ का लाभ मिल रहा था।
अधिशासी अभियंता अपने-अपने डिविजन में चिन्हित उपभोक्ताओं से संपर्क कर उन्हें स्मार्ट मीटर लगवाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। बिजली बिल राहत योजना और एलएमवी-10 श्रेणी के लक्ष्यों को पूरा करने का दबाव अधिकारियों पर है, जिसके चलते वे छुट्टी के दिनों में भी घर-घर जाकर अभियान चला रहे हैं।
विद्युत वितरण खंड सदर में एलएमवी-10 श्रेणी के लगभग 150 कनेक्शन हैं। नई व्यवस्था के तहत इन उपभोक्ताओं को मिलने वाली छूट समाप्त की जा रही है और स्मार्ट मीटर के माध्यम से नियमित रूप से बिजली बिल का भुगतान करना होगा।
हालांकि, इस बदलाव को लेकर सेवानिवृत्त विद्युत कर्मचारी अभी सहमत नहीं हैं और आंदोलन का रुख अपना सकते हैं। वे केंद्रीय संगठन के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं। इसी क्रम में शनिवार और रविवार को अधिशासी अभियंता शुभम पांडेय ने उपखंड अधिकारी आशुतोष कुमार के साथ चिन्हित कनेक्शनों पर जाकर स्मार्ट मीटर लगवाने के लिए उपभोक्ताओं से संवाद किया।
पावर कॉरपोरेशन के दिशा-निर्देशों के अनुसार अधिकारियों ने समय पर बिल भुगतान और नई व्यवस्था में सहयोग की अपील की। अधिशासी अभियंता ने बताया कि सरकारी भवनों के साथ-साथ एलएमवी-10 श्रेणी के सभी उपभोक्ताओं के कनेक्शनों पर स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। अब तक 25 विभागीय उपभोक्ताओं के परिसरों में स्मार्ट मीटर स्थापित किए जा चुके हैं।