एशिया कप 5 से 21 सितंबर तक हो सकता है

एशिया कप 5 सितंबर से संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में शुरू हो सकता है। टूर्नामेंट का फाइनल 21 सितंबर को खेला जाएगा। ग्रुप स्टेज और सुपर-4 फॉर्मेट के तहत एशिया कप में भारत और पाकिस्तान का पहला मुकाबला 7 सितंबर को खेला जाएगा। अगर दोनों टीमें सुपर-4 में पहुंचती हैं, तो इनकी दूसरी टक्कर 14 सितंबर को हो सकती है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।

इससे पहले, एशिया कप की मेजबानी भारत के पास थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की वजह से UAE को टूर्नामेंट होस्ट करने को कहा गया है। 17 दिन तक चलने वाले इस टूर्नामेंट में 6 टीमें भाग लेंगी।

एशियन क्रिकेट काउंसिल ने अगले 3 एशिया कप साइकल के बारे में भी बताया है। 2027 में पाकिस्तान में यह टूर्नामेंट वनडे फॉर्मेट में खेला जाएगा। वहीं 2029 में बांग्लादेश और 2031 में श्रीलंका इसे होस्ट करेगा।

BCCI ने मंजूरी दी

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) को अपनी-अपनी सरकारों से टूर्नामेंट खेलने की मंजूरी लगभग मिल चुकी है। टूर्नामेंट के ऑफिशियल ब्रॉडकास्टर सोनी स्पोर्ट्स ने प्रमोशनल पोस्टर भी जारी कर दिया है।

जानिए एशिया कप 2025 के बारे में

टूर्नामेंट T-20 फॉर्मेट में खेला जाएगा और भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और UAE टीमें हिस्सा लेंगी।

अभी तक कोई आधिकारिक फैसला नहीं हुआ है, लेकिन एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) इस हफ्ते फैसला ले सकती है।

ACC अगले 2-3 दिन में टूर्नामेंट का शेड्यूल जारी कर सकती है।

इस बार भारत को मेजबान देश बनाया गया है, लेकिन सुरक्षा कारणों से टूर्नामेंट को न्यूट्रल वेन्यू (UAE) पर कराने की बात चल रही है।

पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव

अप्रैल में पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद भारत की ओर से 6-7 मई को ऑपरेशन सिंदूर चलाया गया था। पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे। ऑपरेशन सिंदूर अभी जारी है। दोनों देशों के बीच राजनीतिक संबंध खराब हैं। ऐसे में एशिया कप में पाकिस्तान के भारत आने की संभावना खत्म हो गई है। ऐसे में ACC टूर्नामेंट को UAE में कराने पर विचार कर रहा है।

भारत ने 8 बार जीता एशिया कप

एशिया कप की शुरुआत 1984 में हुई थी। अब तक 16 बार यह टूर्नामेंट खेला जा चुका है। भारत ने इसे सबसे ज्यादा 8 बार जीता। वहीं श्रीलंका ने 6 और पाकिस्तान ने 2 बार इस टूर्नामेंट को अपने नाम किया है।

चैंपियंस ट्रॉफी में टीम इंडिया के मैच न्यूट्रल वेन्यू पर खेले गए थे

इस साल फरवरी में हुई चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम इंडिया पाकिस्तान नहीं गई थी। भारत के सभी मैच UAE में कराए गए थे, यही नहीं एक सेमीफाइनल और फाइनल भी UAE में ही हुए थे। भारत ने फाइनल में न्यूजीलैंड को हरा कर खिताब अपने नाम किया था।

विमेंस वनडे वर्ल्ड कप हाइब्रिड मॉडल पर

अक्टूबर में भारत में होने वाला विमेंस वनडे वर्ल्ड कप हाइब्रिड मॉडल पर खेला जा रहा है। पाकिस्तान के सभी मैच श्रीलंका में होंगे। इस टूर्नामेंट में भारत-पाक की विमेंस टीम लीग में आमने-सामने होंगी। वहीं, 2026 में इंग्लैंड में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप में भारतीय विमेंस और पाकिस्तान विमेंस टीम लीग के दौरान भिड़ेंगी।

मुंबई हमले के बाद से द्विपक्षीय सीरीज बंद

2008 के मुंबई हमले के बाद से भारत-पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय सीरीज बंद हैं। अब दोनों टीमें अब केवल ICC और ACC टूर्नामेंट में एक-दूसरे का सामना करती हैं। ऐसे में जब भी भारत-पाकिस्तान मैच होता है तो दुनियाभर के क्रिकेट फैंस की नजरें इस मुकाबले पर टिकी होती हैं। ऐसे में आयोजक और ब्रॉडकास्टर भारत-पाकिस्तान मैच से ज्यादा से ज्यादा कमाई करते हैं।

2008 में आखिरी बार पाकिस्तान गई थी टीम इंडिया: टीम इंडिया ने 2008 में आखिरी बार पाकिस्तान का दौरा किया था। 3 टेस्ट मैचों की उस सीरीज को भारतीय टीम ने 1-0 से जीता था। इस सीरीज के 2 मैच ड्रॉ रहे थे।

2013 में द्विपक्षीय सीरीज खेलने भारत आया था पाकिस्तान: पाकिस्तान ने 2012-13 में भारत का आखिरी दौरा किया था। उस दौरे पर 3 वनडे और 2 टी-20 मैचों की बाइलैटरल सीरीज खेली गई थी। वनडे सीरीज को पाकिस्तान ने 2-1 से जीता था, जबकि टी-20 सीरीज 1-1 की बराबरी पर रही थी।


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लीड्स का 'विलेन' एजबेस्‍टन में बनेगा हीरो, द्रविड़- ब्रैडमैन का रिकॉर्ड खतरे में

इंग्‍लैंड के खिलाफ लीड्स टेस्‍ट में शतक लगाने वाले भारतीय सलामी बल्‍लेबाज यशस्‍वी जायसवाल अब एजबेस्‍टन में 2 कीर्तिमान स्‍थापित कर सकते हैं। 5 मैचों की सीरीज का दूसरा मुकाबला 2 जुलाई से शुरू होगा। इस मुकाबले में यशस्‍वी की निगाहें राहुल द्रविड़ के 26 साल पुराने रिकॉर्ड पर होंगी।

खतरे में द्रविड़ का रिकॉर्ड

यशस्वी जायसवाल 2,000 टेस्ट रन तक पहुंचने वाले सबसे तेज भारतीय बल्लेबाज बनने के करीब हैं।

यह रिकॉर्ड अभी राहुल द्रविड़ और वीरेंद्र सहवाग के नाम है।

दोनों ने 40 पारियों में यह उपलब्धि हासिल की थी।

द्रविड़ ने 1999 में हैमिल्टन में न्यूजीलैंड के खिलाफ यह उपलब्धि हासिल की।

वहीं सहवाग ने 2004 में चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच के दौरान यह उपलब्धि हासिल की थी।

पहले भारतीय बनने का मौका

जुलाई 2023 में वेस्टइंडीज के खिलाफ डेब्‍यू करने वाले जायसवाल ने अब तक 38 पारियों में 52.86 की औसत से 1,903 रन बनाए हैं। 2 जुलाई को बर्मिंघम के एजबेस्टन में भारत और इंग्लैंड के बीच शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट मैच में उनके पास इतिहास रचने का मौका होगा। अगर वह पहली पारी में 97 रन बनाते हैं तो 39 पारियों में 2000 टेस्‍ट रन बनाने वाले पहले भारतीय बल्‍लेबाज बन जाएंगे।

सबसे तेज 2000 टेस्ट रन बनाने वाले भारतीय

राहुल द्रविड़ (40 पारी)

वीरेंद्र सहवाग (40 पारी)

विजय हजारे (43 पारी)

गौतम गंभीर (43 पारी)

सुनील गावस्कर (44 पारी)

पहले टेस्‍ट में ठोका था शतक

जायसवाल ने पहले टेस्ट मैच में बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया था, जिसमें भारत को लीड्स के हेडिंग्ले में पांच विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। पहली पारी में उन्होंने 159 गेंदों पर 101 रन बनाए। दूसरी पारी में यशस्‍वी उस प्रदर्शन को दोहरा नहीं सके और 11 गेंदों पर केवल चार रन बनाकर ब्रायडन कार्से की गेंद पर आउट हो गए। लीड्स में उन्‍होंने 4 कैच भी छोड़े थे।

यशस्‍वी ने इंग्‍लैंड के खिलाफ अब तक खेले 6 टेस्‍ट मुकाबलों की 11 पारियों में 817 रन बनाए हैं। वह इंग्‍लैंड के खिलाफ टेस्‍ट में 1000 रन बनाने से सिर्फ 183 रन दूर हैं। यशस्‍वी अगर दूसरे टेस्‍ट की दोनों पारियो में मिलाकर 187 रन बना लेते हैं तो ड्रॉन ब्रेडमैन की बराबरी कर लेंगे और इंग्‍लैंड के खिलाफ संयुक्‍त रूप से सबसे तेज 1000 रन बनाने वाले बल्‍लेबाज बन जाएंगे। अगर वह पहली पारी में 187 रन बना देते हैं तो सर ब्रैडमैन का रिकॉर्ड तोड़ देंगे।


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ICC ने क्रिकेट में किए 8 बड़े बदलाव, कैच को लेकर बदला बड़ा नियम, इस गलती पर लगेगा 5 रन का जुर्माना

इंटरनेशनल क्रिकेट में 2 जुलाई से काफी कुछ बदलने वाला है. दरअसल आईसीसी ने में इंटरनेशनल क्रिकेट के लिए कई नए नियमों को और खेल की शर्तों में बदलाव को मंजूरी दे दी है. इन बदलावों में वनडे में सिर्फ 35वें ओवर से सिर्फ एक गेंद के इस्तेमाल का नियम तो शामिल है ही लेकिन इसके साथ-साथ आईसीसी ने टेस्ट में स्टॉप क्लॉक नियम लागू कर दिया है. यही नहीं अगर कोई कैच साफ नहीं है और खिलाड़ी अगर उसके बावजूद बल्लेबाज के आउट होने का दावा करता है तो उसे नो बॉल करार दिया जाएगा. आइए आपको बताते हैं कि आईसीसी ने कौन से बड़े नियम बदले हैं.

टेस्ट क्रिकेट में स्टॉप क्लॉक

टी20 और वनडे क्रिकेट में स्टॉप क्लॉक नियम लागू करने के एक साल बाद अब आईसीसी ने टेस्ट में भी इसे लागू करने का फैसला किया है. टेस्ट में स्लो ओवर रेट एक बड़ी समस्या है. अब आईसीसी के नए नियम के मुताबिक फील्डिंग टीम को पिछले ओवर के खत्म होने के एक मिनट के अंदर अगला ओवर शुरू करना होगा. अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो अंपायर से उन्हें दो वॉर्निंग मिलेगी. इसके बाद अगर ऐसा हुआ तो हर बार पांच रन का जुर्माना लगाया जाएगा. 80 ओवर के बाद चेतावनी दोबारा रीसेट हो जाएंगी. ये नियम 2025-27 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में ही लागू है.

शॉर्ट रन पर बड़ा जुर्माना

आईसीसी ने शॉर्ट रन के मामले पर भी बड़ा फैसला लिया है. जानबूझकर शॉर्ट रन लेने पर पहले पांच रन का जुर्माना लगता था लेकिन नए नियमों के मुताबिक अगर बल्लेबाज एक्स्ट्रा रन चुराने के लिए जानबूझकर रन पूरा नहीं करता तो अंपायर फील्डिंग टीम से पूछेंगे कि वो किस बल्लेबाज को स्ट्राइक पर चाहते हैं. इसके अलावा शॉर्ट रन लेने वाले बल्लेबाजों की टीम पर पांच रन का जुर्माना तो लगेगा ही. हालांकि ये सब तभी होगा जब अंपायर को लगा हो कि बल्लेबाज का इरादा अंपायर को धोखा देना या रन बनाना नहीं था.

सलाइवा लगाया तो गेंद नहीं बदलेगी

आईसीसी ने गेंद पर सलाइवा लगाने पर बैन तो लगाया हुआ है लेकिन बड़ा बदलाव ये हुआ है कि अगर अंपायर किसी गेंद पर सलाइवा पाते हैं तो उसे तुरंत नहीं बदला जाएगा. ये बदलाव इसलिए किया गया ताकि गेंद बदलने के लिए टीमें जानबूझकर सलाइवा का इस्तेमाल ना करें. अब अंपायर सिर्फ तभी गेंद बदलेंगे जब उसकी स्थिति में भारी बदलाव हो, जैसे कि गेंद बहुत गीली हो या उसमें एक्स्ट्रा चमक हो.ये फैसला पूरी तरह अंपायर अपने विवेक से लेंगे. अगर अंपायर को लगता है कि लार के इस्तेमाल से गेंद की स्थिति में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है तो गेंद नहीं बदलेगी.

आउट के फैसले का बाद DRS प्रोटोकॉल में बदलाव

आईसीसी ने डीआरएस प्रोटोकॉल में भी बड़ा बदलाव किया है. मान लीजिए, एक बल्लेबाज को कैच आउट दिया गया और वो रिव्यू मांगता है. अल्ट्राएज दिखाता है कि गेंद बल्ले को छूए बिना पैड से टकराई. कैच आउट खारिज होने के बाद, टीवी अंपायर अब दूसरा डिसमिसल मोड (जैसे एलबीडब्ल्यू) की जांच करता है. पहले, अगर कैच आउट नहीं था, तो एलबीडब्ल्यू के लिए डिफॉल्ट निर्णय “नॉट आउट” होता था. लेकिन नए नियम में, जब एलबीडब्ल्यू के लिए बॉल-ट्रैकिंग ग्राफिक दिखाया जाएगा,और अगर बल्लेबाज यहां आउट पाया गया तो उसे पवेलियन लौटना होगा.

बल्लेबाज के खिलाफ दो अपील हुई तो…

आीसीसी ने अंपायर और खिलाड़ी के रिव्यू की प्रक्रिया में भी बड़ा बदलाव किया है. मतलब पहले टीवी अंपायर पहले अंपायर और फिर खिलाड़ी के रिव्यू पर विचार करता था लेकिन नए नियम के मुताबिक अगर बल्लेबाज पहली घटना में ही आउट हो जाता है तो गेंद डेड हो जाएगी. दूसरे रिव्यू की जांच ही नहीं की जाएगी. उदाहरण के लिए, अगर एलबीडब्ल्यू और रन आउट के लिए अपील है, तो टीवी अंपायर पहले एलबीडब्ल्यू की जांच करेगा, क्योंकि ये पहले हुआ. अगर बल्लेबाज आउट है तो गेंद वहीं डेड हो जाएगी.

कैच पर भी बड़ा नियम बदला

आईसीसी ने कैच को लेकर भी एक बड़ा नियम बदला है. मान लीजिए, मैदानी अंपायरों को अगर पता नहीं है कि कैच सही लिया गया है या नहीं. लेकिन टीवी अंपायर बताता है कि ये नो बॉल थी. पहले, नो-बॉल सिग्नल होने पर कैच की निष्पक्षता की जांच नहीं होती थी. लेकिन नए नियमों में, तीसरा अंपायर अब कैच की समीक्षा करेगा. अगर कैच सही है, तो बल्लेबाजी करने वाली टीम को नो-बॉल के लिए केवल एक एक्स्ट्रा रन मिलेगा. लेकिन अगर कैच सही नहीं है, तो बल्लेबाजों की ओर से बनाए गए रन बल्लेबाजी टीम को मिलेंगे.

ये दो बड़े बदलाव भी हुए

आईसीसी ने वनडे क्रिकेट में 35वें ओवर के बाद एक ही नई गेंद के इस्तेमाल की इजाजत दे दी है. इससे अब डेथ ओवर्स में तेज गेंदबाजों को मदद मिल सकेगी. इसके अलावा बाउंड्री पर होने वाले कैच को लेकर भी आईसीसी ने बदलाव किया है. अगर कोई खिलाड़ी बाउंड्री के बाहर से गेंद के साथ किसी भी तरह का संपर्क अवैध माना जाएगा. फील्डर गेंद को बाउंड्री के बाहर से सिर्फ एक ही बार उछाल कर कैच पकड़ सकते हैं.


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हर्षित राणा को टीम इंडिया से रिलीज किया गया

भारत के तेज गेंदबाज हर्षित राणा को इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के दूसरे टेस्ट से पहले टीम से रिलीज कर दिया गया है। युवा गेंदबाज को पहले टेस्ट में कवर के तौर पर टीम में शामिल किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, राणा टीम के साथ लीड्स से बर्मिंघम नहीं गए हैं।

टीम इंडिया लीड्स से बर्मिंघम रवाना

भारतीय टीम लीड्स से बर्मिंघम के लिए रवाना हो गई। टीम अगले दो दिन आराम करेगी और फिर दूसरा टेस्ट शुरू होने से पहले ट्रेनिंग शुरू करेगी। दूसरा टेस्ट 2 जुलाई से खेला जाना है। भारतीय टीम पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-0 से पीछे है।

कोच ने राणा को टीम से रिलीज के दिए थे संकेत

कोच गौतम गंभीर ने राणा के बारे में कहा, 'मैंने अभी चीफ सिलेक्टर से बात नहीं की है, लेकिन कुछ खिलाड़ियों को छोटी-मोटी चोट की आशंका थी। इसलिए हमने उन्हें बैकअप के तौर पर रखा था। लेकिन अब सब ठीक लग रहा है, तो अगर सब फिट हैं, तो उन्हें वापस जाना होगा।'

5 खिलाड़ियों के शतक के बाद भी हेडिंग्ले टेस्ट हारा भारत

हेडिंग्ले टेस्ट में पांच बल्लेबाजों के शतक लगाने के बाद भी टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा। यह टेस्ट इतिहास में पहली बार हुआ कि किसी टीम ने पांच शतक लगाने के बावजूद मैच गंवाया। यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, केएल राहुल और ऋषभ पंत (दो बार) ने शतक बनाए, लेकिन इंग्लैंड ने दूसरी पारी में 371 रनों का लक्ष्य हासिल कर पांच विकेट से जीत दर्ज की।

बेन डकेट ने दूसरी इनिंग में 149 रनों की पारी खेली। दोनों टीमों के बीच कुल 1673 रन बने, जो भारत-इंग्लैंड टेस्ट में अब तक का सबसे बड़ा स्कोर है। भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरा टेस्ट 2 जुलाई को एजबेस्टन में खेला जाएगा।


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Salman Khan की आखिरकार क्रिकेट में हुई एंट्री, दिल्‍ली फ्रेंचाइजी के बने मालिक

देश की पहली और सबसे बड़ी टेनिस-बॉल टी10 क्रिकेट लीग- इंडियन स्ट्रीट प्रीमियर लीग (ISPL Season 3) ने अपने तीसरे सीजन से पहले एक बड़ा ऐलान किया है। बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान अब आईएसपीएल की नई दिल्ली फ्रेंचाइजी के मालिक होंगे। यह नई टीम आईएसपीएल में उस समय शामिल की गई है, जब लीग ने अपने दूसरे सीजन में रिकॉर्ड तोड़ लोकप्रियता हासिल की है।

आईएसपीएल के सीजन 2 ने टीवी पर 2.8 करोड़ से अधिक दर्शकों की पहुंच बनाई और पहले सीजन की तुलना में 47 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की। इसने आईएसपीएल को देश के सबसे बड़े खेल और मनोरंजन फेस्टिवल में से एक बना दिया है, जो क्रिकेट के साथ-साथ संगीत और सितारों के संगम का अद्वितीय अनुभव दर्शकों को देता है।

Salman Khan की ISPL Season 3 में एंट्री

सलमान खान के शामिल होने से न सिर्फ नई दिल्ली टीम को मजबूती मिलेगी, बल्कि पूरे लीग को एक नया जोश और नई पहचान भी मिलेगी। अब वह उन मशहूर हस्तियों की सूची में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने पहले से आईएसपीएल की अन्य टीमों का मालिकाना हक संभाला हुआ है। इनमें अमिताभ बच्चन (माझी मुंबई), सैफ अली खान और करीना कपूर खान (टाइगर्स ऑफ कोलकाता), अक्षय कुमार (श्रीनगर के वीर), सूर्या (चेन्नई सिंहम्स), ऋतिक रोशन (बैंगलोर स्ट्राइकर्स) और राम चरण (फाल्कन राइजर्स हैदराबाद) जैसे नाम शामिल हैं।

हिंदी सिनेमा के दिग्गज स्टार सलमान खान ने कहा,

क्रिकेट हर भारतीय गली की धड़कन है, और जब वही ऊर्जा स्टेडियम तक पहुंचती है, तो आईएसपीएल जैसी लीग जन्म लेती है। मैं हमेशा इस खेल को लेकर जुनूनी रहा हूं, और आईएसपीएल से जुड़कर मुझे बेहद खुशी हो रही है। यह लीग न सिर्फ जमीनी स्तर के क्रिकेट को बढ़ावा देती है, बल्कि प्रतिभावान खिलाड़ियों को एक सशक्त मंच भी देती है। यह तो बस शुरुआत है-सीजन 3 के साथ दर्शकों को हमारी टीम के बारे में और जानने को मिलेगा और उनसे एक गहरा जुड़ाव बनेगा।

आईएसपीएल की संचालन समिति में भारत रत्न सचिन तेंदुलकर, केंद्रीय मंत्री एवं एशियन क्रिकेट काउंसिल के सदस्य आशीष शेलार, मिनल अमोल काले और लीग कमिश्नर सूरज सामत शामिल हैं। इस समिति का उद्देश्य देशभर की गलियों और कस्बों से उभर रही प्रतिभा को मुख्यधारा के क्रिकेट से जोड़ना है।

आईएसपीएल की संचालन समिति के सदस्य सचिन तेंदुलकर ने कहा,

पहले दो सीजनों को देशभर से शानदार समर्थन मिला, जिससे खिलाड़ियों का मनोबल भी ऊंचा हुआ है। अलग-अलग पृष्ठभूमियों से आए ये खिलाड़ी दिन-रात मेहनत कर इस मंच तक पहुंचे हैं, और जब उन्हें पूरे देश से सराहना मिलती है, तो उनका आत्मविश्वास दोगुना हो जाता है। अब एक नई टीम के जुड़ने से और भी नए प्रशंसक लीग से जुड़ेंगे, जिससे खिलाड़ियों को और समर्थन मिलेगा।

आईएसपीएल की संचालन समिति के सगसेय आशीष शेलार ने कहा कि ISPL ने अब तक दो शानदार सीज़न पेश किए हैं, जिसमें टीवी और डिजिटल प्लेटफॉर्म दोनों पर रिकॉर्ड तोड़ व्यूअरशिप देखी गई है। उन्होंने कहा कि सलमान खान जैसे सुपरस्टार का जुड़ना इस सफर में “सोने पे सुहागा” है, और अब हम एक और भी भव्य और ज़ोरदार तीसरे सीजन के लिए तैयार हैं।

आईएसपीएल की संचालन समिति के सदस्य मिनल अमोल काले ने कहा कि आईएसपीएल की लोकप्रियता अब किसी से छुपी नहीं है। तीसरे सीज़न के लिए अब तक 42 लाख से ज़्यादा खिलाड़ियों ने रजिस्ट्रेशन किया है। सलमान खान की मौजूदगी लीग को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगी।

संचालन समिति के सदस्य सूरज सामत ने जानकारी दी कि जल्द ही अहमदाबाद से एक और नई टीम का एलान किया जाएगा, जिसका मालिकाना हक भी एक और बड़े सेलिब्रिटी के पास होगा।

ISPL Season 2 माझी मुंबई ने जीता

आईएसपीएल के सीजन 2 का समापन माझी मुंबई की जीत के साथ हुआ। इस सीजन में कई उभरते हुए सितारों ने शानदार प्रदर्शन किया, जिनमें अभिषेक डल्होर, सागर अली, रजत मुंधे, केतन म्हात्रे, जगन्नाथ सरकार और फरदीन काज़ी प्रमुख हैं। खासकर अभिषेक डल्होर ने दो सीज़नों में इतना दमदार प्रदर्शन किया कि उन्हें कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम में नेट गेंदबाज़ के तौर पर मौका मिला — यह आईएसपीएल की उस मूल सोच को साबित करता है, जो गली क्रिकेटरों को भविष्य का प्रोफेशनल खिलाड़ी बनाने का वादा करती है।

क्रिकेट और संगीत का अनूठा मेल आईएसपीएल को हर उम्र के दर्शकों के लिए एक यादगार अनुभव बनाता है। हाई-वोल्टेज परफॉर्मेंस और मैच डे की ऊर्जा ने लीग को एक महोत्सव जैसा रूप दे दिया है, जिससे भारतीय खेल जगत की परिभाषा बदल रही है।

जियोस्टार नेटवर्क के साथ आईपीएसएल की ऐतिहासिक तीन साल की साझेदारी की शुरुआत बेहद सफल रही। सीज़न 2 में टीवी पर 2.79 करोड़ दर्शकों और डिजिटल पर 4.74 करोड़ व्यूज़ दर्ज हुए। बीएआरसी के आंकड़ों के अनुसार, टीवी दर्शकों में 43 प्रतिशत महिलाएं थीं, जबकि डिजिटल दर्शकों में 66 प्रतिशत युवा (29 वर्ष से कम आयु) थे — जो लीग की युवा पीढ़ी में गहरी पैठ और व्यापक लोकप्रियता को दर्शाता है

अब जब 101 शहरों में टैलेंट हंट ट्रायल्स आयोजित किए जा रहे हैं और नई-नई फ्रेंचाइज़ियां जुड़ रही हैं और यही कारण है कि आईएसपीएल का तीसरा सीज़न पहले से कहीं ज़्यादा बड़ा, रोमांचक और दिलों को छू जाने वाला होने जा रहा है।

तीसरे सीजन के लिए प्लेयर रजिस्ट्रेशन पहले ही 42 लाख का आंकड़ा पार कर चुके हैं।



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जीतते हुए हार गया भारत, लीड्स टेस्‍ट में इन 5 गलतियों ने शुभमन ब्रिगेड की नैया डुबोई

लीड्स में वही हुआ, जिसका हर किसी को डर था। जहां सीनियर खिलाड़ियों के बिना पहली बार इंग्लैंड दौरे पर पहुंची टीम इंडिया नए युग की शुरुआत जीत के साथ हासिल करना चाहती थी, तो वहीं, इंग्लैंड की टीम ने उनके इस इरादे को चकना-चूर कर दिया।

टीम इंडिया ने पूरे मैच में पकड़ बनाई हुई थी, जहां शुरुआती दो दिन उसने मैच में दबदबा बनाया, लेकिन इंग्लैंड ने उतनी ही आसानी से उनसे वो मैच छीन लिया। 

दोनों पारियों में उप-कप्तान ऋषभ पंत ने शतकीय पारी खेली थी, जबकि गिल,यशस्वी और केएल ने भी शतक बनाए थे। भारत ने दोनों पारियों में मिलाकर 835 रन बनाए, लेकिन इसके बावजूद उसे इंग्लैंड ने हरा दिया। ऐसे में जानते हैं 5 बड़ी गलतियां जिसके कारण जीता हुआ मैच भारत हार गया। 

IND VS ENG 1st Test: 5 कारण क्यों जीता हुआ मैच हारा भारत?

1. निचले क्रम के बल्लेबाज फ्लॉप हुए

भारतीय टीम लीड्स टेस्ट की दोनों पारियों में बेहद मजबूत स्थिति में थी, लेकिन अचानक निचले क्रम के बल्लेबाजों के लगातार आउट होने ने उन्होंने सब कुछ गंवा दिया। पहली पारी में यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल और ऋषभ पंत के शतकों की बदौलत भारत का स्कोर 430/3 था। ऐसा लग रहा था कि टीम 600 के करीब का स्कोर बना सकती है, लेकिन हुआ क्या भारत 471 रन पर ऑलआउट हो गया और सिर्फ 41 रन पर 7 विकेट गिर गए। निचले क्रम के बल्लेबाजों ने हमेशा की तरह कोई योगदान नहीं दिया।

दूसरी ओर देखें तो इंग्लैंड के निचले क्रम के बल्लेबाजों ने अपनी पहली पारी में 71 महत्वपूर्ण रन जोड़कर भारत के विशाल स्कोर की बराबरी करने में मदद की।  

वहीं, दूसरी पारी में भारतीय टीम के लिए स्थिति अलग नहीं थी। ऋषभ पंत ने एक और शतक बनाया और केएल राहुल ने भी शतक जड़ा। एक समय भारत 333/5 पर था और लग रहा था कि वह बड़ा टारगेट इंग्लैंड को देगा, लेकिन उन्होंने अपने आखिरी 5 विकेट सिर्फ 31 रन पर गंवा दिए और 364 रन पर ऑल आउट हो गए।  

2. खराब फील्डिंग और कैच ड्रॉप

भारत की फील्डिंग बेहद खराब रही। उन्होंने IND vs ENG 1st Test मैच में करीब 8 कैच छोड़े, जिसमें से अकेले इंग्लैंड की पहली पारी में 6 कैच शामिल थे। साल 2019 के बाद यह उनका सबसे खराब फील्डिंग में प्रदर्शन रहा। युवा क्रिकेटर यशस्वी जायसवाल ने इस मैच में सबसे ज्यादा (4) कैच छोड़े। एक समय तो ऐसा लग रहा था मानो गेंद जानबूझकर जायसवाल की तरफ जा रही थी क्योंकि उसे पता था कि वह उसे छोड़ देंगे।

यहां तक कि ऋषभ पंत, साई सुदर्शन और रवींद्र जडेजा जैसे खिलाड़ियों ने भी कैच छोड़ने की गलती की। इन सभी ने एक-एक कैच छोड़ा, जबकि जायसवाल ने चार कैच टपकाए, जिनमें से तीन बुमराह की गेंदबाजी पर आए।

3. गिल की खराब कप्तानी

बतौर कप्तान शुभमन गिल पहले टेस्ट में कप्तानी को लेकर सवालों के घेरे में है। कप्तान होने के बावजूद उनकी बजाय पंत और केएल जैसे खिलाड़ी फील्डिंग में बदलाव कर रहे थे। गिल को मैदान पर दबाव में देखा गया, खासकर उस वक्त जब इंग्लैंड के बल्लेबाज रनों की बरसात कर रहे थे। शार्दुल ने पहली पारी में सिर्फ 6 ओवर फेंके, जबकि दूसरी पारी में उनका कम ही इस्तेमाल हुआ। दूसरी पारी में जब बेन और क्राउली रन बना रहे थे, तब टीम इंडिया की फील्ड सेटिंग डिफेंसिव नजर आ रही थी।

4. चयन पर उठे सवाल

टीम इंडिया इस मैच में 4 स्पेशलिस्ट गेंदबाजों के साथ उतरी थी। कुलदीप यादव की मैच में साफ कमी देखने को मिली। कुलदीप किसी भी पिच पर गेंद घुमाने की क्षमता रखते हैं। वहीं, अर्शदीप सिंह को भी अगर मौका दिया जाता तो शायद स्थिति कुछ और होती।

भारतीय टीम ने शार्दुल ठाकुर को लीड्स में चौथे सीमर के रूप में चुना था ताकि बल्लेबाजी में गहराई मिले, लेकिन पहली पारी में उन्हें 40वें ओवर में गेंद दी गई और उन्होंने 6 ओवर में 6 से ज्यादा की इकॉनमी से रन लुटाए। दूसरी पारी में उन्होंने दो विकेट लेकर तो लिए, लेकिन वह कुछ खास नहीं कर पाए।  इसके साथ ही करुण नायर और साई सुदर्शन भी फ्लॉप रहे।  नायर के 0 और 20 के स्कोर और सुदर्शन के 0 और 30 रन बनाए।

5. बुमराह पर निर्भरता

भारतीय टीम की हार की एक वजह ये भी है कि वह जसप्रीत बुमराह पर ज्यादा निर्भर रहें। बुमराह को छोड़े तो बाकी के गेंदबाज बेअसर दिखे। पहली पारी में उन्होंने 5 विकेट लिए, जबकि दूसरी पारी में उन्हें कोई सफलता नहीं मिली। उनके अलावा कोई और कुछ खास नहीं कर पाया।




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MS Dhoni ने IPL 2025 के बाद RCB के पूर्व बल्‍लेबाज के बेटे के साथ खेला मजेदार गेम

चेन्‍नई सुपरकिंग्‍स के कप्‍तान एमएस धोनी को हाल ही में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के पूर्व बल्‍लेबाज सौरभ तिवारी के बेटे के साथ जिम में खेलते हुए देखा गया।

एमएस धोनी आखिरी बार आईपीएल 2025 में क्रिकेट एक्‍शन में नजर आए थे। सौरभ तिवारी ने अपने फेसबुक अकाउंट पर एक वीडियो पोस्‍ट किया, जिसमें एमएस धोनी को सौरीश के साथ जिम में खेलते हुए देखा गया।

एमएस धोनी ने अपना एक हाथ ऊपर रखा और तिवारी के बेटे से उसे छूने के लिए कहा। तिवारी के बेटे ने इस खेल का भरपूर आनंद लिया और उचकते हुए उनका हाथ छूने की कोशिश की। तिवारी ने एमएस धोनी और सौरीश के फोटो भी एक कैप्‍शन के साथ शेयर किए।

तिवारी ने वीडियो और पोस्‍ट करते हुए कैप्‍शन लिखा, 'माही भईया मेरे बेटे सौरीश के साथ खेलते हुए।' इसके बाद उन्‍होंने एमएस धोनी और सौरीश के साथ फोटो पोस्‍ट करते हुए कैप्‍शन लिखा - मेरे बेटे सौरीश और माही भईया की कुछ और फोटो।'

सीएसके का लचर प्रदर्शन

बता दें कि एमएस धोनी ने आईपीएल 2025 के बीच सीजन में सीएसके की कमान संभाली थी क्‍योंकि रुतुराज गायकवाड़ चोटिल होकर टूर्नामेंट से बाहर हो गए थे। उम्‍मीदें थी कि धोनी के नेतृत्‍व में सीएसके के हाल में सुधार होगा, लेकिन फ्रेंचाइजी लीग चरण में संघर्षरत रही।

सीएसके ने ग्रुप स्‍टेज में 14 में से केवल 4 जीत दर्ज की। 10 हार और 8 अंक के कारण सीएसके की टीम आईपीएल 2025 की प्‍वाइंट्स टेबल में आखिरी स्‍थान पर रही। धोनी (जिन्‍हें मेगा नीलामी से पहले अनकैप्‍ड खिलाड़ी की श्रेणी में 4 करोड़ रुपये में रिटेन किया गया) का प्रदर्शन फीका रहा। उन्‍होंने 14 मैचों में 196 रन बनाए।


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ललित उपाध्याय ने इंटरनेशनल हॉकी से संन्यास लिया

साल 2025 क्रिकेट फैंस के लिए काफी भावुक रहा है. इस साल कई दिग्गज खिलाड़ियों ने संन्यास लेकर सभी को चौंका दिया. विराट कोहली, रोहित शर्मा, स्टीव स्मिथ और एंजेलो मैथ्यूज जैसे कई दिग्गज खिलाड़ियों ने किसी न किसी फॉर्मेट से संन्यास लेकर फैंस का दिल तोड़ दिया. अब हॉकी फैंस के लिए बुरी खबर है. भारतीय हॉकी दिग्गज खिलाड़ी ललित उपाध्याय ने अपने एक दशक से भी ज्यादा समय तक चले शानदार इंटरनेशनल करियर को रविवार को अलविदा कह दिया.

ओलंपिक्स में दो बार मेडल जीत चुके हैं ललित, शानदार रहा है करियर

 ललित ने साल 2014 में विश्व कप में इंटरनेशनल क्रिकेट में अपना डेब्यू किया. ललित ने अपने दस साल से भी लंबे करियर में दो ओलंपिक मेडल जीते. ललित ने भारतीय टीम के साथ टोक्यो 2020 ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था. इसके बाद उन्होंने एक बार फिर साल 2024 पेरिस ओलंपिक में भी ब्रॉन्ज मेडल जीता. ललित ने 15 जून को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच खेला था. ललित ने भारत के लिए 183 मैच खेले हैं. इस दौरान उन्होंने टीम के लिए 67 गोल दागे. ललित को भारत सरकार द्वारा अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है.

ललित ने शेयर किया भावुक पोस्ट

ललित ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रिटायरमेंट की जानकारी दी. ललित ने लिखा, “आज, मैं इंटरनेशनल हॉकी से रिटायरमेंट की घोषणा करता हूं. यह बहुत मुश्किल पल है, लेकिन हर एक एथलीट को एक न एक दिन इसका सामना करना होता है. देश का प्रतिनिधित्व करना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान और गर्व की बात रही. सभी को धन्यवाद.”

ललित ने अपने सफर के बारे में लिखा, “यह सफर एक छोटे से गांव में कम संसाधनों के साथ लेकिन बिना सीमाओं के सपनों के साथ शुरू हुई. एक स्टिंग ऑपरेशन का सामना करने से लेकर ओलंपिक पदक हासिल करने तक - एक बार नहीं, बल्कि दो बार - यह एक चुनौती, विकास और न भूलने वाला गर्व से भरा रास्ता रहा. अपने शहर से एक ओलंपियन बनना कुछ ऐसा है जिसे मैं हमेशा सम्मान और आभार के साथ अपने साथ रखूंगा.”

ललित ने इस दौरान अपने परिवार, बचपन के कोच, दोस्तों और सरकार से लेकर अपने टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह को धन्यवाद भी दिया.


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अल्काराज ने क्वींस क्लब चैंपियनशिप जीता

स्पेन के कार्लोस अल्काराज ने विंबलडन से 8 दिन पहले लंदन में ग्रास कोर्ट पर खेले गए टेनिस टूर्नामेंट क्वींस क्लब चैंपियनशिप जीत लिया है। उन्होंने फाइनल में चेक के जिरी लहेच्का को 7-5, 6-7, 6-2 से हराकर दूसरी बार यह खिताब जीता है।

इसके साथ ही उनकी जीत का सिलसिला 18 मैचों तक पहुंच गया, जो उनके करियर का सबसे लंबा विजयी क्रम है। यह उनका चौथा ग्रास कोर्ट खिताब है। अब केवल सर्बिया के नोवाक जोकोविच ही उनसे ज्यादा ग्रास कोर्ट खिताब (आठ) जीतने वाले एक्टिव मेंस प्लेयर हैं।

चार या उससे ज्यादा ग्रास कोर्ट खिताब जीतने वाले तीसरे स्पेनिश खिलाड़ी

अल्काराज चार या उससे ज्यादा ग्रास कोर्ट खिताब जीतने वाले पांचवें सक्रिय पुरुष खिलाड़ी हैं। स्पेन के केवल तीन खिलाड़ियों राफेल नडाल, फेलिसियानो लोपेज और अल्काराज ने चार ग्रास कोर्ट खिताब जीते हैं। लेकिन अल्काराज ने यह उपलब्धि 22 साल की उम्र में हासिल की, जबकि नडाल 29 और लोपेज 37 साल के थे।

ग्रास कोर्ट पर अब मैं सहज हो गया हूं- अल्काराज

जीत के बाद अल्काराज ने कहा कि मिट्टी के कोर्ट से ग्रास के कोर्ट पर आना आसान नहीं था। उन्होंने बताया, 'मिट्टी से ग्रास पर सिर्फ दो दिन की प्रैक्टिस के बाद आना मुश्किल था। मैं बिना किसी उम्मीद के यहां आया था। मेरा लक्ष्य सिर्फ दो-तीन मैच खेलकर ग्रास पर सहज होना था। लेकिन मैं जल्दी ही ग्रास पर ढल गया और मुझे इस पर गर्व है।'

अल्काराज ने इससे पहले 8 जून को फ्रेंच ओपन के खेले गए फाइनल में इटली के जैनिक सिनर को हरा कर अपना पांचवां ग्रैंड स्लैम जीता था। फ्रेंच ओपन क्ले कोर्ट (लाल मिट्टी) पर खेला जाता है। वहीं, स्पेनिश खिलाड़ी स्पेन में क्ले कोर्ट पर ही प्रैक्टिस करते हैं।

अल्काराज विंबलडन में लगातार तीसरा खिताब जीतने उतरेंगे

अब अल्काराज विंबलडन में लगातार तीसरा खिताब जीतने की कोशिश करेंगे। ओपन एरा में केवल तीन पुरुष खिलाड़ियों ब्योर्न बोर्ग, पीट सैम्प्रास और रोजर फेडरर ने कम से कम तीन बार लगातार विंबलडन खिताब जीता है।


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नीरज चोपड़ा का साल का पहला खिताब

दो बार के ओलिंपिक मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा ने पेरिस डायमंड लीग का खिताब अपने नाम किया। उन्होंने पहले ही राउंड में 88.16 मीटर का थ्रो फेंककर जीत सुनिश्चित कर ली। वहीं, इससे पहले उन्होंने 90.23 मीटर थ्रो किया था और दूसरे स्थान पर थे।

वहीं पेरिस डायमंड लीग में जर्मनी के जूलियन वेबर 87.88 मीटर के बेस्ट थ्रो के साथ दूसरे नंबर पर रहे। ब्राजील के मौरिसियो लुइज डा सिल्वा ने 86.62 मीटर के थ्रो के साथ तीसरा स्थान हासिल किया।

नीरज के छह में से तीन थ्रो फाउल

नीरज चोपड़ा ने अपना पहला थ्रो 88.16 मीटर का किया था। वहीं उनके तीन थ्रो फाउल रहे। पहले राउंड में वेबर (87.88 मीटर) और त्रिनिदाद और टोबैगो के केशोर्न वालकॉट (80.94 मीटर) का नंबर था।

दूसरा राउंड- वेबर ने 86.20 मीटर का थ्रो फेंका, जबकि नीरज ने 85.10 मीटर का थ्रो दर्ज किया और वालकॉट ने 81.66 मीटर के साथ सुधार किया।

इसके बाद नीरज लगातार तीन बार फाउल कर बैठे। छठे और आखिरी प्रयास में वह 82.89 मीटर ही दूर फेंक पाए। इसके बाद भी नीरज ने पेरिस डायमंड लीग के भाला फेंक इवेंट को अपने नाम करने में सफलता हासिल की।

वहीं, तीसरे राउंड में डा सिल्वा ने 86.62 मीटर का थ्रो फेंककर अपनी मौजूदगी दर्ज की। वेबर ने चौथे राउंड में 83.13 मीटर और पांचवें राउंड में 84.50 मीटर के थ्रो के साथ जोरदार कोशिश की, लेकिन वह 88 मीटर का आंकड़ा पार नहीं कर सके।

5 जुलाई को बेंगलुरु में क्लासिक थ्रो में भाग लेंगे

दो बार के ओलिंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा अब 5 जुलाई को होने वाले पहले नीरज चोपड़ा क्लासिक में भाग लेंगे। यह आयोजन मूल रूप से 24 मई को होने वाला था, लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा तनाव के कारण इसे 5 जुलाई के लिए स्थगित कर दिया गया।इस जीत से मेडल नहीं मिलता

डायमंड लीग में जीत हासिल करने पर कोई मेडल नहीं मिलता है। हर स्थान पर रहने वाले एथलीट को पॉइंट मिलते हैं। इसी पॉइंट के आधार पर साल के अंतिम डायमंड लीग में जगह मिलती है। वहां फाइनल होता है। नीरज के अभी तक 15 पॉइंट हैं और जूलियन वेबर के साथ वह संयुक्त रूप से पहले नंबर पर चल रहे हैं। इस जीत का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि नीरज ने पिछले साल ओलिंपिक खेलों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए पेरिस डायमंड लीग में भाग नहीं लिया था। ओलिंपिक में उन्होंने 89.45 मीटर के थ्रो के साथ सिल्वर मेडल जीता था।

क्या है डायमंड लीग?

डायमंग लीग एथलेटिक्स (ट्रैक और फील्ड) का एक टूर्नामेंट है, जिसमें एथलेटिक्स के 16 इवेंट (मेंस और विमेंस) होते हैं। यह हर साल दुनिया के अलग-अलग शहरों में आयोजित किया जाता है।

डायमंड लीग एथलेटिक्स सीरीज हर साल मई से सितंबर तक आयोजित की जाती है और सीजन का समापन डायमंड लीग फाइनल के साथ होता है। आमतौर पर डायमंड लीग के सीजन में प्रतियोगिताओं की संख्या 14 होती है, जिसमें फाइनल भी शामिल होता है, लेकिन कभी-कभी यह संख्या बदल जाती है।

हर इवेंट में टॉप-8 खिलाड़ियों को पॉइंट्स मिलते हैं, पहले नंबर के खिलाड़ी को 8 और 8वें नंबर के खिलाड़ी को एक पॉइंट मिलता है। 13 इवेंट के बाद सभी खिलाड़ियों के पॉइंट्स काउंट होते हैं। टॉप-10 पोजिशन पर फिनिश करने वाले खिलाड़ियों को डायमंड लीग फाइनल में जगह मिलती है। इसमें जीतने वाले खिलाड़ी को डायमंड लीग विजेता की ट्रॉफी और कैश प्राइज मिलता है।


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