भारत के जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने आखिरकार 90 मीटर के पार भाला फेंका। नीरज ने यह कामयाबी शुक्रवार रात को दोहा डायमंड लीग में 90.23 मीटर भाला फेंककर हासिल की। नीरज पिछले 8 साल से 90 मीटर भाला फेंकने का प्रयास कर रहे थे। उन्होंने कहा- इस सीजन में और भी 90 मीटर थ्रो आने वाले हैं।
आज से ठीक 9 महीने 7 दिन पहले 9 अगस्त 2024 को नीरज ने पेरिस ओलिंपिक में सिल्वर जीतने के बाद कहा था, 'आज मेरा दिन नहीं था। मुझे लग रहा था कि आज वो दिन है, जब 90 मीटर का थ्रो आएगा, लेकिन भगवान को कुछ और मंजूर था।' 9 महीने 7 दिन में नीरज ने 90 मीटर की बाधा कैसे पार कर ली।
क्यों खास है 90 मीटर मार्क?
जेवलिन में अब तक के इतिहास में दुनिया भर 25 जेवलिन थ्रोअर ही 90 मीटर भाला फेंक सके हैं। एशिया में ऐसा करने वाले 3 प्लेयर ही हैं। इनमें नीरज के अलावा, पाकिस्तान के अरशद नदीम और चीनी ताइपे चाओ-त्सुन चेंग शामिल हैं। 2024 ओलिंपिक से पहले चेंग ही यह कारनामा कर सके थे।
नीरज ने 90 मीटर मार्क कैसे पार किया?
1. वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाले जान जेलेजनी से ट्रेनिंग ली
नीरज ने वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर जान जेलेजनी से ट्रेनिंग लेने का फैसला लिया। उन्होंने नवंबर 2024 में चेक गणराज्य के जेलेजनी को अपना कोच बनाया। दोनों ने फरवरी महीने में कोचिंग शुरू की। जेलेजनी के नाम भाला फेंक का वर्ल्ड रिकॉर्ड है, उन्होंने 1996 में 98.48 मीटर भाला फेंका था। वे तीन ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं।
जर्मन बायोमैकेनिक्स विशेषज्ञ डॉ क्लॉस बार्टोनिट्ज की कोचिंग में नीरज ने 2020 में टोक्यो ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीता। उसके बाद पेरिस में सिल्वर मेडल भी हासिल किया। इस बीच नीरज डायमंड लीग, वर्ल्ड चैंपियनशिप जैसे टूर्नामेंट में मेडल जीतते रहे, लेकिन 90 मीटर मार्क हासिल नहीं कर सके।
2. नए कोच ने गलतियां बताईं, तकनीकी बदलाव किए
नीरज ने एक इंटरव्यू में कहा था कि कोच जेलेजनी ने पेरिस ओलिंपिक के वीडियो देखकर उन्हें 2 कमियां बताई थीं। उन्होंने नीरज की तकनीक में कुछ बदलाव भी किए थे, जिनका जिक्र नीरज ने एक इंटरव्यू में किया था।
वे पेरिस ओलिंपिक में बहुत नीचे भाला फेंक रहे थे, जिससे थ्रो दूर नहीं जा रहा था।
वे भाला फेंकते समय अपनी बाईं ओर झुक रहे थे। जिससे ज्यादा बल नहीं लग पा रहा था।
3. जेलेजनी के बताए डॉक्टर से इलाज करवाया
जेलेजनी से जुड़ने के बाद नीरज ने अपनी कमर की चोट के लिए जेलेजनी के बताए गए डॉक्टर से सलाह ली। नीरज ने एक इंटरव्यू में कहा था, 'मैं अपनी चोट के कारण अपनी तकनीक में 100 प्रतिशत नहीं दे पा रहा था। मैं प्राग में जेलेजनी के डॉक्टर के पास गया और उन्होंने कुछ एक्सरसाइज बताई।'
नीरज काफी समय से कमर की चोट से परेशान थे। उन्होंने माना कि वे चोट की वजह से पेरिस ओलिंपिक में अपना बेस्ट प्रदर्शन नहीं कर पाए। सिल्वर जीतने के बाद नीरज ने कहा था- 'मुझे लगता है कि मैं फाइनल में अधिक दूरी तक थ्रो कर सकता था। भले ही मानसिक रूप से मैं तैयार था, लेकिन मेरा शरीर मेरी कमर की चोट के बढ़ने के डर की वजह से पीछे हट रहा था। मैं ट्रैक पर रनअप के साथ संघर्ष कर रहा था, जिसके कारण मेरे कई अटेम्ट फाउल रहे।'
4. ट्रेनिंग के लिए जल्दबाजी में शादी, रिसेप्सन भी टाला
नीरज चोपड़ा को अपनी ट्रेनिंग की शुरुआत करने के लिए जल्दबाजी में शादी करनी पड़ी। इतना ही नहीं, रिसेप्शन को भी टालना पड़ा। नीरज ने अपनी सीक्रेट शादी के सवाल पर एक चैनल से कहा था- 'मुझे ट्रेनिंग करनी थी, इस वजह से जल्दी में शादी की।'
नीरज ने कहा था- ऐसा नहीं कि मेरी शादी की खबर किसी को नहीं थी। काफी लोगों को जानकारी थी, जिसमें फैमिली और क्लोज फ्रेंड भी थे। हम सभी को अच्छे तरीके से इनवाइट करना चाहते थे। वह ऐसा टाइम था कि मुझे ट्रेनिंग शुरू करनी थी। मेरा कॉम्पिटिशन का सीजन शुरू होने वाला था। पहले था कि सीजन के बाद ट्रेनिंग स्टार्ट करूंगा, लेकिन फिर भी सबको बुलाने में काफी टाइम लग जाता।
आखिर में जानिए नीरज ने क्या कहा?
मेरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन आना अभी बाकी है
90 मीटर से ज्यादा भाला फेंकने के बाद नीरज चोपड़ा ने दोहा में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन अभी आना बाकी है। फैंस इस साल उनसे 90 मीटर की और थ्रो की उम्मीद कर सकते हैं।
नीरज ने कहा-
मैं 90 मीटर मार्क हासिल करके बहुत खुश हूं। लेकिन, यह खट्टा-मीठा अनुभव रहा। मेरे कोच ने मुझसे कहा था कि मैं आज 90 मीटर पार कर सकता हूं। हवा ने मदद की और मौसम गर्म होने से भी मदद मिली।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए नीरज ने कहा-
मुझे लगता है कि आने वाली प्रतियोगिताओं में मैं इससे ज्यादा थ्रो कर सकता हूं। हम कुछ चीजों पर काम करेंगे और इस सीजन में फिर 90 मीटर की दूरी पार करेंगे।
नीरज चोपड़ा ने दोहा डायमंड लीग में 90.23मी. भाला फेंका
भारत के स्टार जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने दोहा डायमंड लीग में 90.23 मीटर भाला फेंका। उन्होंने तीसरे प्रयास में अपने करियर का बेस्ट थ्रो किया। हालांकि, वे दूसरे स्थान पर रहे। जर्मनी के जूलियन वेबर 91.06 मीटर के थ्रो के साथ पहले और ग्रेनेडा के पीटर्स एंडरसन 85.64 मीटर के साथ तीसरे स्थान पर रहे।