नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दायर आरोपपत्र पर सुनवाई के दौरान ईडी ने राउज एवेन्यू की विशेष अदालत से कहा कि अनुसूचित अपराध मनी लॉन्ड्रिंग के लिए एक ट्रिगर है और यह अपराध की गतिविधि हो सकती है, लेकिन कंपनी की हर गतिविधि मनी लॉन्ड्रिंग नहीं हो सकती।
अदालत ने सुनवाई के दौरान ईडी से पूछा कि क्या ये शेयर अनुसूचित अपराधों से उत्पन्न हैं? अदालत ने कहा कि जांच एजेंसी को कुछ चीजों को अपराध की आय के रूप में पहचानना होगा। अदालत ने पूछा क्या मनी लॉन्ड्रिंग की कार्यवाही के उद्देश्य के लिए शेयर, संपत्ति और किराए अपराध की आय बने रहेंगे?
अदालत ने उक्त टिप्पणी व सवाल तब किए जब ईडी ने कहा कि यंग इंडियन के पास आरोपितों के लाभ के लिए जारी रखने के अलावा कोई व्यावसायिक गतिविधि नहीं थी। ईडी ने कहा कि शेयर, संपत्ति और किराया अपराध की आय है, जबकि विज्ञापन और ऋण को बाहर रखा गया है।
ईडी ने दाखिल किया था आरोपपत्र
वहीं, सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ईडी से पूछा कि क्या आपके पास फोरेंसिक ऑडिटर है? अदालत को यह देखना होगा कि कंपनियां कैसे काम करती हैं और शेयर जारी करने के लिए क्या स्वीकार्य तरीके हैं। जवाब में ईडी ने कहा कि यह केवल अपराध की आय से प्राप्त संपत्ति से संबंधित हैं। एक बार शेयर जारी होने के बाद यह एक संपत्ति है। यंग इंडियन को एजेएल के शेयर जारी करना धोखाधड़ी का अपराध है। नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी ने 15 अप्रैल को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व राहुल गांधी समेत अन्य के विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल किया था।
अदालत इस मामले में दो जुलाई से आठ जुलाई तक प्रतिदिन सुनवाई करेगी। मामले में ईडी के साथ अन्य आरोपितों की जिरह सुनी जाएगी। कोर्ट ने यह आदेश तब दिया जब प्रतिवादियों ने रिकॉर्ड की जांच के लिए सुनवाई स्थगित करने की मांग की। हालांकि, ईडी ने इसका विरोध किया।