डेटा लेने से पहले कंपनियों को बताना होगा क्यों ले रहीं और उसका क्या उपयोग होगा

भारत में डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) एक्ट 2023 अब पूरी तरह लागू हो गया है। केंद्र सरकार ने 14 नवंबर को इसके नियम नोटिफाई कर दिए, जिससे आम लोगों की प्राइवेसी और डिजिटल सुरक्षा को नई मजबूती मिली है। यह कानून डिजिटल पर्सनल डेटा को हैंडल करने वाली सभी कंपनियों (डेटा फिड्यूशरी) की जिम्मेदारियां तय करता है और नागरिकों को डेटा से जुड़े अधिकार देता है।

बच्चों और दिव्यांगों के लिए कड़े नियम

18 साल से कम उम्र के बच्चों का डेटा इस्तेमाल करने के लिए अब पेरेंट्स की अनुमति जरूरी होगी। हेल्थ, एजुकेशन और इमरजेंसी से जुड़े मामलों में ही राहत मिलेगी। दिव्यांग, जो स्वयं निर्णय नहीं ले सकते, उनके लिए वेरिफाइड लीगल गार्जियन की कंसेंट जरूरी होगी।

DPDP एक्ट की 5 बड़ी बातें

1. बिना कंसेंट डेटा नहीं

कोई ऐप या कंपनी आपका डेटा लेने से पहले यह बताएगी कि वह इसका क्या उपयोग करेगी। आपकी अनुमति बिना डेटा लिया या प्रोसेस नहीं किया जाएगा।

2. डेटा का सीमित उपयोग

कंपनियां आपका डेटा सिर्फ उसी उद्देश्य के लिए इस्तेमाल कर सकेंगी, जिसकी जानकारी उन्होंने दी है। उदाहरण: शॉपिंग ऐप ऑर्डर के लिए डेटा ले सकती है, लेकिन आपकी इजाजत बिना मार्केटिंग के लिए नहीं।

3. डेटा पर आपका पूरा नियंत्रण

आप अपनी पर्सनल जानकारी कभी भी देख सकते हैं, सुधार सकते हैं या डिलीट करवाने का अधिकार रखते हैं। कंपनियों को 90 दिनों में जवाब देना अनिवार्य है।

4. डेटा लीक पर तुरंत सूचना

अगर डेटा ब्रेक होता है, तो कंपनी को तुरंत आसान भाषा में यह बताना होगा कि क्या हुआ, जोखिम क्या हैं और क्या सावधानी रखनी है।

5. शिकायत आसान, डिजिटल बोर्ड

अगर कोई समस्या हो तो डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड पर ऑनलाइन शिकायत की जा सकती है। निर्णय से असंतुष्ट होने पर TDSAT में अपील का विकल्प होगा

डेटा ब्रेक और शिकायतों का प्रोसेस

किसी डेटा ब्रेक की स्थिति में कंपनियों को प्रभावित लोगों को तुरंत जानकारी देनी होगी। लोग अपना डेटा एक्सेस, करेक्ट, अपडेट या इरेज कराने का अधिकार रखते हैं—और इन रिक्वेस्ट्स का जवाब 90 दिनों में देना पड़ेगा। बोर्ड पूरी तरह डिजिटल होगा और शिकायतें ऐप/ऑनलाइन पोर्टल से दर्ज होंगी।

अब 8 महत्वपूर्ण सवालों के आसान जवाब

1. क्या पहले ऐसी सुविधा नहीं थी?

पहले IT एक्ट 2000 और IT रूल्स 2021 थे, जिनका फोकस कंटेंट और चाइल्ड सेफ्टी पर था। लेकिन ‘वेरिफायबल पैरेंटल कंसेंट’ का कोई सख्त नियम नहीं था—सिर्फ उम्र बताना काफी माना जाता था।

2. अब क्या बदला?

DPDP 2025 के तहत अब बच्चों के किसी भी प्रकार के डेटा के लिए पैरेंटल कंसेंट अनिवार्य है। ट्रैकिंग, टारगेटेड ऐड और बिहेवियर मॉनिटरिंग पूरी तरह प्रतिबंधित हैं। उम्र की जांच अब AI या ID वेरिफिकेशन से होगी।

3. अब पैरेंट्स को क्या करना होगा?

यदि बच्चा सोशल मीडिया अकाउंट बनाना चाहता है, तो पैरेंट्स को लॉगिन करके ईमेल/फोन वेरिफाई करना होगा और डिजिटल कंसेंट देना होगा। कंसेंट कभी भी वापस लिया जा सकता है।

4. फायदे क्या हैं?

बच्चों की प्राइवेसी और सुरक्षा बढ़ेगी

पैरेंट्स को डेटा पर पूरा कंट्रोल मिलेगा

साइबरबुलिंग और टारगेटेड स्कैम्स कम होंगे

भारत का डेटा लॉ वैश्विक स्तर के बराबर होगा

5. अगर बच्चा झूठी उम्र डाल दे?

ऐप संदेह होने पर अतिरिक्त वेरिफिकेशन मांगेगा। बाद में पता चलने पर डेटा डिलीट करना पड़ेगा और कंपनी पर जुर्माना लग सकता है। बच्चे पर कानूनी जिम्मेदारी नहीं होगी।

6. अगर फोन फॉर्मेट हो जाए?

ऐसे में पुरानी कंसेंट इनवैलिड मानी जा सकती है। दोबारा लॉगिन पर नया कंसेंट लेना होगा। कंपनियों को डेटा का रिकॉर्ड सुरक्षित रखना पड़ेगा।

7. क्या नियम पूरी तरह सफल होगा?

पूरी तरह नहीं।

बच्चे आसानी से फेक एज डाल सकते हैं

ग्रामीण इलाकों में पैरेंटल वेरिफिकेशन मुश्किल

AI हमेशा सटीक नहीं

8. नियम तोड़ने पर सजा?

कंपनी पर ₹250 करोड़ तक जुर्माना लग सकता है। जांच डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड करेगा।

अगर आप चाहें तो मैं इसे न्यूज़ रिपोर्ट,


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सोने के दाम में लगातार तीसरे हफ्ते गिरावट दर्ज

इस हफ्ते सोने-चांदी के दाम में गिरावट देखने को मिली। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के आंकड़ों के मुताबिक, 31 अक्टूबर को 10 ग्राम सोने की कीमत ₹1,20,770 थी, जो 7 नवंबर तक 670 रुपए घटकर ₹1,20,100 रह गई। यह लगातार तीसरा हफ्ता है जब सोने के भाव में गिरावट आई है। 17 अक्टूबर को सोना ₹1,29,584 प्रति 10 ग्राम था।

चांदी की कीमतों में भी गिरावट दर्ज की गई। 31 अक्टूबर को 1 किलो चांदी ₹1,49,125 की थी, जो 7 नवंबर तक 850 रुपए घटकर ₹1,48,275 प्रति किलो रह गई।

सोना-चांदी के दाम में गिरावट के कारण

त्योहारी खरीदारी का खत्म होना: दिवाली जैसे बड़े त्योहारों के बाद सोने-चांदी की मांग में कमी आई है।

ग्लोबल तनाव में कमी: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हालात स्थिर होने से सेफ-हेवन निवेश में कमी आई है।

प्रॉफिट बुकिंग और टेक्निकल इंडिकेटर्स: लगातार बढ़त के बाद निवेशकों ने मुनाफावसूली शुरू की है। RSI जैसे संकेतक ओवरबॉट जोन दिखा रहे थे, जिससे बिकवाली तेज हुई।

इस साल बड़ी बढ़ोतरी के बावजूद गिरावट का दौर

2024 में अब तक सोना ₹43,938 महंगा हो चुका है — 31 दिसंबर 2024 को इसकी कीमत ₹76,162 प्रति 10 ग्राम थी, जो अब ₹1,20,100 हो गई है।

इसी तरह, चांदी ₹62,258 बढ़ी है — पिछले साल के अंत में यह ₹86,017 प्रति किलो थी, जो अब ₹1,48,275 हो गई है।

अलग-अलग शहरों में सोने के दाम अलग होने की वजहें

ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट: सोने को एक जगह से दूसरी जगह भेजने का खर्च दामों पर असर डालता है।

डिमांड में अंतर: दक्षिण भारत में सोने की मांग सबसे ज्यादा होती है, जिससे थोक खरीद पर दाम कुछ कम रहते हैं।

लोकल एसोसिएशन: हर राज्य या शहर का ज्वेलर्स एसोसिएशन अपने हिसाब से दाम तय करता है।

खरीद मूल्य: ज्वेलर्स ने कब और कितने दाम पर स्टॉक खरीदा, इससे रिटेल प्राइस बदल जाता है।

सोना खरीदते समय ध्यान रखें ये दो बातें

सर्टिफाइड गोल्ड खरीदें: हमेशा BIS हॉलमार्क वाला सोना ही लें। हॉलमार्किंग से कैरेट की शुद्धता की पुष्टि होती है।

कीमत की जांच करें: सोने का वजन और रेट कई भरोसेमंद स्रोतों (जैसे IBJA वेबसाइट) से जरूर क्रॉस-चेक करें, क्योंकि 24K, 22K और 18K के रेट अलग-अलग होते हैं।


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गूगल का रेवेन्यू पहली बार 100 बिलियन डॉलर के पार, सुंदर पिचाई ने कहा— AI से जुड़ी कमाई ने बढ़ाई ग्रोथ

गूगल और उसकी पेरेंट कंपनी अल्फाबेट ने वर्ष 2025 की सितंबर तिमाही में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए 102.35 बिलियन डॉलर का रेवेन्यू दर्ज किया है। यह पहली बार है जब कंपनी ने किसी एक तिमाही में 100 बिलियन डॉलर का आंकड़ा पार किया है।

सीईओ सुंदर पिचाई ने अपने एक्स (X) हैंडल पर इसे ‘माइलस्टोन क्वार्टर’ बताया। उन्होंने लिखा, “हमने पहली बार 100 बिलियन डॉलर का क्वार्टर पूरा किया है, जिसमें हमारे हर बड़े बिजनेस सेगमेंट में डबल डिजिट ग्रोथ देखने को मिली। पांच साल पहले हमारा तिमाही रेवेन्यू 50 बिलियन डॉलर था।” पिचाई ने कहा कि यह ग्रोथ गूगल के कोर प्रोडक्ट्स — सर्च, यूट्यूब और क्लाउड — में AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के बढ़ते उपयोग का नतीजा है।

पिचाई के अनुसार, गूगल का ‘AI फुल-स्टैक अप्रोच’ कंपनी की ग्रोथ को नई दिशा दे रहा है। उन्होंने बताया कि Gemini 2.5 Pro, Vio, Jenny 3 और Nano जैसे एडवांस्ड AI मॉडल्स इनोवेशन में अग्रणी हैं। अब तक 1.3 करोड़ से ज्यादा डेवलपर्स गूगल के जेनरेटिव AI मॉडल्स के साथ काम कर चुके हैं, और कंपनी इस साल के अंत तक Gemini 3 लॉन्च करने की तैयारी में है।

AI से जुड़े रेवेन्यू की वजह से कंपनी की ग्रोथ में उल्लेखनीय तेजी आई है। नए कस्टमर्स में 34% साल-दर-साल वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि 70% से अधिक मौजूदा ग्राहक अब गूगल के AI प्रोडक्ट्स का उपयोग कर रहे हैं। गूगल क्लाउड की 13 प्रोडक्ट लाइनों ने 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा का एनुअल रन रेट हासिल किया है।

यूट्यूब के मोर्चे पर भी गूगल ने मजबूत प्रदर्शन किया है। पिचाई ने बताया कि यूट्यूब अमेरिका में पिछले दो वर्षों से स्ट्रीमिंग वॉच टाइम में नंबर वन प्लेटफॉर्म बना हुआ है। खास बात यह है कि यूट्यूब का शॉर्ट्स फीचर अब पारंपरिक इन-स्ट्रीम वीडियोज की तुलना में प्रति वॉच आवर ज्यादा रेवेन्यू कमा रहा है — जो दर्शाता है कि प्लेटफॉर्म पर शॉर्ट-फॉर्म कंटेंट की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है।


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पुष्य नक्षत्र से पहले सोने की कीमत में उछाल, ₹2,244 बढ़कर ₹1.23 लाख प्रति 10 ग्राम पहुंचा

सोने और चांदी की कीमतें पुष्य नक्षत्र से एक दिन पहले, 13 अक्टूबर को अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 10 ग्राम 24 कैरेट सोने के दाम 2,244 रुपए बढ़कर 1,23,769 रुपए हो गए हैं, जबकि शुक्रवार को यह 1,21,525 रुपए पर था। चांदी की कीमत भी तेजी के साथ बढ़ी और 8,625 रुपए की उछाल के बाद 1,52,700 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गई।

विशेषज्ञों का कहना है कि फेस्टिव सीजन की मांग, औद्योगिक जरूरतें और वैश्विक स्तर पर सप्लाई में कमी की वजह से दोनों कीमती धातुओं की कीमतों में लगातार बढ़त देखी जा रही है। इस साल अब तक सोने की कीमत 47,607 रुपए और चांदी 87,108 रुपए बढ़ चुकी है। 31 दिसंबर 2024 को सोने का भाव 76,162 रुपए और चांदी का 86,017 रुपए प्रति किलो था।

बैंक गोल्डमैन सैक्स की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, अगले साल सोने के लिए 5000 डॉलर प्रति औंस का टारगेट रखा गया है, जो मौजूदा एक्सचेंज रेट के अनुसार लगभग 1,55,000 रुपए प्रति 10 ग्राम होगा। वहीं पीएल कैपिटल के डायरेक्टर संदीप रायचुरा के अनुसार सोना 1,44,000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है।

विशेषज्ञों ने सोने में तेजी के तीन मुख्य कारण बताए हैं— फेस्टिव सीजन की खरीदारी, मिडिल ईस्ट में बढ़ता जियोपॉलिटिकल तनाव और केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीदारी बढ़ाना। चांदी में भी त्योहारी मांग, रुपये की कमजोरी और उद्योगों (जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स व सोलर पैनल) में बढ़ती जरूरत के कारण तेजी देखी जा रही है।

केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि सोने की कीमत इस साल लगभग 60% बढ़ चुकी है, इसलिए शॉर्ट टर्म में और तेजी की संभावना कम है और निवेशक मुनाफा वसूली कर सकते हैं। हालांकि लॉन्ग टर्म में निवेश लाभकारी हो सकता है।

सोना खरीदते समय विशेषज्ञ दो बातों पर ध्यान देने की सलाह देते हैं— हमेशा BIS हॉलमार्क वाला सर्टिफाइड गोल्ड खरीदें और खरीद के दिन सोने का सही वजन और मूल्य कई स्रोतों से क्रॉस-चेक करें। 10 ग्राम सोने का भाव 24, 22 और 18 कैरेट के अनुसार अलग-अलग होता है।


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सावधान! 147 आइटम्स पर 0% GST, दुकानदार वसूल तो नहीं रहे टैक्स

22 सितंबर से नई GST दरें लागू हो गई हैं। इसके बाद खाने-पीने की चीज़ों और रोजमर्रा के सामान में कई आइटम्स सस्ते हो गए हैं। हालांकि, कुछ वस्तुएँ GST के दायरे से बाहर हैं, यानी उन पर 0% GST लगता है। लेकिन कुछ दुकानदार ग्राहकों को गुमराह कर सकते हैं और टैक्स वसूल सकते हैं। इसलिए यह जानना जरूरी है कि किन 147 आइटम्स पर शून्य GST है। हमने इन्हें टेबल और कैटेगरी वाइज सूचीबद्ध किया है।

ध्यान रहे, यह छूट सरकारी नीतियों और अपडेट के आधार पर बदल सकती है। केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को GST छूट देने का अधिकार है।


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GST 2.0 की नई दरें लागू, फायदे और नुकसान पर एक नज़र

वस्तु एवं सेवा कर (GST) में आज से बड़ा बदलाव लागू हो गया है। जीएसटी की नई दरें लागू होने के साथ ही रोज़मर्रा की कई वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी। ऐसे में आइए जानते हैं वे 10 अहम बातें, जिन पर आपको ध्यान देना चाहिए।

जीवन बीमा पर राहत: नई जीएसटी दरों के बाद सभी व्यक्तिगत जीवन बीमा पॉलिसियाँ अब टैक्स से मुक्त हो गई हैं। इसका सीधा फायदा आम लोगों को होगा।

हेल्थ इंश्योरेंस में छूट: व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर भी अब जीएसटी नहीं देना होगा। इससे लोगों की जेब में ज्यादा पैसा बचेगा, जो आम जनता के लिए राहत की खबर है।

दवाओं पर आंशिक छूट: वित्त मंत्रालय ने बताया कि दवाओं को पूरी तरह जीएसटी मुक्त नहीं किया गया है। हालांकि, इन्हें 5% वाले स्लैब में डाल दिया गया है। मंत्रालय का कहना है कि पूरी छूट देने पर निर्माता इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ खो देते।

दूध पर कर व्यवस्था: डेयरी स्रोतों से मिलने वाले अल्ट्रा हाई टेम्परेचर (UHT) दूध पर अब पूरी छूट होगी। वहीं, सोया दूध जैसे सभी वनस्पति-आधारित दूध उत्पादों पर 5% जीएसटी लागू रहेगा।

कॉस्मेटिक्स पर असर: फेस पाउडर और शैंपू की कीमतें कम होंगी। मंत्रालय के अनुसार, दरों में यह कटौती बड़ी कंपनियों को लाभ देने के लिए नहीं, बल्कि टैक्स स्ट्रक्चर को सरल बनाने के लिए की गई है।

रेंट पर जीएसटी: यदि कोई वस्तु बिना ऑपरेटर के किराए पर ली जाती है, तो उस पर वही दर लागू होगी जो बिक्री पर लगती है। उदाहरण के लिए, यदि कार पर 18% जीएसटी है तो उसे किराए पर लेने पर भी 18% टैक्स लगेगा। यही नियम अन्य वस्तुओं पर भी लागू होगा।

आयात पर नई दरें: जीएसटी 2.0 के तहत संशोधित दरें आयात पर भी लागू होंगी। एकीकृत जीएसटी (IGST) 22 सितंबर से नई दरों पर लिया जाएगा। यह तब तक लागू रहेगा जब तक विशेष छूट अधिसूचित न हो।

परिवहन सेवाओं पर टैक्स: सड़क मार्ग से यात्री परिवहन पर बिना आईटीसी के 5% टैक्स लगता रहेगा। हवाई यात्रा में इकोनॉमी क्लास पर 5% और बिजनेस/प्रीमियम क्लास पर 18% जीएसटी लागू होगा।

स्थानीय डिलीवरी सेवाएं: नए नियमों के मुताबिक, यदि कोई अनरजिस्टर्ड सेवा प्रदाता ई-कॉमर्स ऑपरेटर के माध्यम से स्थानीय डिलीवरी सेवाएं देता है, तो जीएसटी की देयता सीधे ई-कॉमर्स ऑपरेटर पर होगी।


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टाटा ग्रुप का इकलौता शेयर चढ़ा बेतहाशा, खुलते ही 20% अपर सर्किट

टीआरएफ लिमिटेड के शेयर में जबरदस्त उछाल

टाटा ग्रुप की कंपनी टीआरएफ लिमिटेड के शेयरों में 17 सितंबर को 20% का अपर सर्किट लग गया। कंपनी का शेयर सुबह 327.30 रुपये पर खुला और सीधे उछलकर 392.75 रुपये पर पहुंच गया। टाटा ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों में हाल के दिनों में यह शेयर सबसे ज्यादा तेजी दिखा रहा है।

52 हफ्तों का सफर

टीआरएफ के शेयर में 25 जुलाई के बाद यह सबसे बड़ी तेजी है। इस साल अप्रैल में यह शेयर 285 रुपये तक गिरा था, जो इसका 52-वीक लो रहा। वहीं, पिछले साल सितंबर में इसने 532 रुपये का उच्च स्तर छुआ था।

मल्टीबैगर रिटर्न देने वाला स्टॉक

टीआरएफ ने पिछले 5 सालों में निवेशकों को मल्टीबैगर रिटर्न दिया है। इस अवधि में निवेशकों का पैसा 3 गुना से ज्यादा हो गया। हालांकि, बीते एक साल में स्टॉक नेगेटिव रिटर्न दिया है।

कंपनी का बैकग्राउंड

1962 में स्थापित टीआरएफ लिमिटेड इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर से जुड़ी परियोजनाओं की डिजाइनिंग, इंजीनियरिंग और सुपरविजन सेवाएं प्रदान करती है। 1994 में कंपनी को Tata-Robins-Fraser Ltd के नाम से रीब्रांड किया गया था।

मार्केट कैप और हिस्सेदारी

टीआरएफ का मार्केट कैप 431 करोड़ रुपये है। इसमें टाटा स्टील लिमिटेड की 34.11% हिस्सेदारी है। कंपनी बल्क मैटेरियल हैंडलिंग उपकरणों और इंडस्ट्रियल स्ट्रक्चर से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर काम करती है। जमशेदपुर स्थित इसका विनिर्माण प्लांट डिजाइन और इंजीनियरिंग की सुविधाओं से लैस है।


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मदर डेयरी ने घटाए दाम: दूध ₹2, घी ₹30 और पनीर ₹10 सस्ता

मदर डेयरी ने अपने लोकप्रिय डेयरी उत्पादों की कीमतों में बड़ी कटौती (New GST Rates 2025) का ऐलान किया है। जीएसटी दरों में हालिया बदलाव का सीधा लाभ अब उपभोक्ताओं को मिल रहा है।

नई दरें आज से लागू हो गई हैं और ये कटौती टेट्रा पैक UHT दूध, पनीर, मक्खन, चीज़, घी समेत रोजमर्रा की ज़रूरी वस्तुओं और यहां तक कि मिल्कशेक पर भी लागू होगी। उत्पाद और पैक के साइज के हिसाब से दामों में 2 रुपये से लेकर 30 रुपये तक की कमी की गई है।

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15 सितंबर से बदल जाएंगे UPI ट्रांजैक्शन के नियम

पिछले महीने अगस्त की शुरुआत में UPI के नियमों में कई बदलाव हुए थे। वहीं, अब एक बार फिर नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी NPCI यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी UPI के जरिए होने वाले बड़े डिजिटल पेमेंट को भी आसान बनाने जा रहा है। जी हां, इस बार ट्रांजैक्शन लिमिट बढ़ाने का ऐलान किया गया है। ये नए नियम इसी महीने 15 सितंबर 2025 से लागू होंगे। यानी Gpay-PhonePe चलाने वाले इन्हें अभी जान लें।

ये नए बदलाव खासतौर पर पर्सन-टू-मर्चेंट यानी P2M ट्रांजैक्शन पर लागू होंगे। आसान शब्दों में कहें तो जैसे अगर आप इंश्योरेंस प्रीमियम भरते हैं, लोन ईएमआई भरते हैं या मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं। हालांकि, पर्सन-टू-पर्सन ट्रांजैक्शन यानी फैमिली या दोस्तों को पैसे भेजने की लिमिट पहले की तरह 1 लाख रुपये प्रतिदिन ही रहेगी। इसमें अभी किसी तरह का कोई बदलाव नहीं होगा। चलिए जानते हैं कि UPI लिमिट में क्या-क्या बदल रहा हैक्या-क्या बदल रहा है UPI लिमिट में?

कैपिटल मार्केट इन्वेस्टमेंट और इंश्योरेंस: यहां अब आप जल्द ही 2 लाख की जगह 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजैक्शन और 24 घंटे में मैक्सिमम 10 लाख तक की ट्रांजैक्शन कर सकेंगे।

सरकारी ई-मार्केटप्लेस और टैक्स पेमेंट: इसकी लिमिट को भी 1 लाख से बढ़कर 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजैक्शन कर दिया जाएगा।

ट्रैवल बुकिंग: अब 1 लाख की बजाय 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजैक्शन, डेली कैप 10 लाख तक रहेगा।

क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट: एक बार में 5 लाख रुपये तक, लेकिन प्रतिदिन मैक्सिमम 6 लाख रुपये तक पेमेंट कर सकेंगे।

लोन और ईएमआई कलेक्शन: इसकी लिमिट को भी बढ़कर 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजैक्शन से मैक्सिमम 10 लाख रुपये प्रतिदिन कर दिया जाएगा।

ज्वेलरी खरीदारी: नई लिमिट के बाद 1 लाख की जगह आप 2 लाख रुपये प्रति ट्रांजैक्शन, डेली कैप 6 लाख तक पेमेंट कर सकेंगे।

टर्म डिपॉजिट: नई लिमिट के बाद यहां भी आप 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजैक्शन कर सकेंगे जो पहले 2 लाख था।

डिजिटल अकाउंट ओपनिंग में कोई बदलाव नहीं किया गया है इसकी लिमिट अभी भी 2 लाख ही रहेगी। इसके अलावा बीबीपीएस के जरिए फॉरेन एक्सचेंज पेमेंट जल्द ही 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजैक्शन और डेली कैप 5 लाख तक हो जाएगी। NPCI का कहना है कि इन बदलावों से लोगों और कारोबारियों को काफी फायदा होगा। इससे बड़े डिजिटल पेमेंट करने में भी आसानी होगी। इन बदलावों से कैशलेस लेनदेन को और बढ़ावा मिलेगा।


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अब IPL देखने के लिए ज्यादा पैसे होंगे देने

अब क्रिकेट फैंस को स्टेडियम में आईपीएल मैच देखने के लिए ज्यादा पैसे देने पड़ेंगे, क्योंकि सरकार ने जीएसटी की दर 28% से बढ़ाकर 40% कर दी है। GST काउंसिल की 56वीं मीटिंग में इस पर फैसला लिया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 3 सितंबर को इसकी जानकारी दी।

नई टैक्स व्यवस्था ने आईपीएल देखना एक लग्जरी एक्टिविटी माना है और इसे तंबाकू उत्पादों और कसीनो जैसी सर्विसेज की ही कैटेगरी में रखा है। हालांकि, आम क्रिकेट मैचों पर अभी भी 18% जीएसटी ही लागू रहेगा। यानी ये बदलाव सिर्फ प्रीमियम स्पोर्ट्स इवेंट्स के लिए है।

दूसरी ओर, 100 रुपए तक की सिनेमा टिकटों पर सिर्फ 5% जीएसटी लगेगा, जो पहले 12% था। लेकिन 100 रुपए से ज्यादा की टिकटों पहले की तरह 18% जीएसटी लगेगा। वहीं, होटल बुकिंग, सौंदर्य और सेहत से जुड़ी सेवाओं पर जीएसटी को घटाकर 5% कर दिया गया है।

1. GST में बदलाव से कैसे बदलेंगे IPL टिकट के दाम?

मान लीजिए की आईपीएल की टिकट की कीमत 1000 रुपए हैं…

पहले: 1000 + (28% यानी 280 रुपए) = 1280 रुपए।

अब: 1000 + (40% यानी 400 रुपए) = 1400 रुपए।

बढ़ोतरी: 1400-1280 = 120 रुपए प्रति टिकट।

इसी तरह अगर IPL के टिकट की कीमत 2000 रुपए है तो…

पहले: 2000 + (28% यानी 560 रुपए) = 2560 रुपए।

अब: 2000 + (40% यानी 800 रुपए) = 2800 रुपए।

बढ़ोतरी: 2800-2560 = 240 रुपए प्रति टिकट।

2. GST में बदलाव से कैसे बदलेंगे सिनेमा टिकट के दाम?

100 रुपए तक की टिकटों के दाम घटेंगे। वहीं 100 रुपए से ज्यादा की टिकटों में बदलाव नहीं हुआ है। मान लीजिए अगर एक टिकट की बेस कीमत 80 रुपए है:

पहले: 80 + (12% यानी 9.60 रुपए) = 89.60 रुपए।

अब: 80 + (5% यानी 4 रुपए) = 84 रुपए।

बचत: 89.60 - 84 = 5.60 रुपए प्रति टिकट।

3. GST में बदलाव से कैसे बदलेगा होटल में रुकने का किराया?

पहले: 12% टैक्स

अब: 5% टैक्स

कंडीशन: ये तभी लागू होगा जब एक दिन का किराया 7500 रुपए या उससे कम हो।

फायदा: सस्ते होटल और रिसॉर्ट अब और सस्ते हो जाएंगे। जैसे, 5000 रुपए का कमरा पहले 5600 रुपए पड़ता था, अब 5250 रुपए में मिलेगा।

4. GST में बदलाव से कितनी सस्ती होंगी जिम, सैलून जैसी सेवाएं?

पहले: 18% टैक्स

अब: 5% टैक्स

क्या शामिल है: जिम, नाई की दुकान, सैलून, योग सेंटर आदि।

फायदा: अब जिम और सैलून सस्ते हो जाएंगे। जैसे, 1000 रुपए की जिम फीस पर पहले 180 रुपए टैक्स लगता था, अब सिर्फ 50 रुपए। जिम में भी ऐसा ही होगा।

5. GST में बदलाव से कितनी सस्ती होंगी बीमा सेवाएं?

क्या छूट मिली: जीवन बीमा (टर्म, ULIP) और हेल्थ इंश्योरेंस (घरेलू और सीनियर सिटीजन) पर अब टैक्स नहीं।

फायदा: बीमा प्रीमियम सस्ता होगा। 10,000 रुपए की पॉलिसी पर 1800 रुपए बचेंगे, जिससे बीमा के दायरे को बढ़ाने में मदद मिलेगी।

6. GST में बदलाव से कैसे बदलेंगी निर्माण और डिलीवरी सेवाएं?

किफायती घर: 12% से 5% (PMAY जैसे प्रोजेक्ट्स)।

स्थानीय डिलीवरी: 18% से 5% (किराना डिलीवरी)।

फायदा: सस्ते घर और ऑनलाइन ऑर्डर सस्ते होंगे।

अब जानिए गुड्स में क्या सस्ता क्या महंगा होगा?

GST के 4 की जगह दो स्लैब 5% और 18% होने से आम जरूरत की चीजें जैसे साबुन, शैंपू के साथ AC, कार भी सस्ते होंगे। यहां ग्राफिक्स में देखें क्या सस्ता और क्या महंगा होगा

नए स्लैब 22 सितंबर से लागू हो जाएंगे

वित्त मंत्री ने बताया कि नए स्लैब नवरात्रि के पहले दिन, यानी 22 सितंबर से लागू हो जाएंगे। हालांकि, तंबाकू वाले सामान पर नई 40% GST दर अभी लागू नहीं होगी।

इन बदलावों का मकसद आम आदमी को राहत देना, छोटे व्यवसायों को सपोर्ट करना और हानिकारक उत्पादों जैसे तंबाकू पर टैक्स बढ़ाकर उनके उपयोग को कम करना है।


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