पतंजलि के मंजन में नॉनवेज मटेरियल होने का दावा

दिल्ली हाईकोर्ट में पतंजलि के प्रोडेक्ट दिव्य दंत मंजन को लेकर एक याचिका दायर की गई है। इसमें प्रोडेक्ट में नॉनवेज मटेरियल होने का दावा किया गया है।

याचिककर्ता एडवोकेट यतिन शर्मा ने आरोप लगाया गया है कि कंपनी अपने 'दिव्य दंत मंजन' में 'समुद्र फेन' (कटलफिश) नाम का मांसाहारी पदार्थ यूज करती है।

एडवोकेट यतीन शर्मा में यह भी बताया गया है कि नॉन वेजिटेरियन पदार्थ के इस्तेमाल के बावजूद उस प्रोडक्ट पर ग्रीन यानी वेजिटेरियन लेबल दिया गया है।

इस पर कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद और बाबा रामदेव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जस्टिस संजीव नरूला ने केंद्र सरकार और पतंजलि की दिव्य फार्मेसी को भी नोटिस जारी किया, जो यह प्रोडक्ट बनाती है। मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी।

याचिकाकर्ता का दावा- उनकी भावनाएं आहत हुईं

याचिकाकर्ता यतिन ने दावा किया है कि योगगुरु रामदेव ने खुद ही एक वीडियो में स्वीकार किया कि उनके इस प्रोडक्ट में कटलफिश का इस्तेमाल किया जाता है। इसके बावजूद कंपनी गलत ब्रांडिंग कर रही है और मंजन को वेजिटेरियन बता रही है।

कोर्ट को बताया गया कि याचिकाकर्ता और उसका परिवार दुखी है, क्योंकि वे केवल वेजिटेरियन प्रोडक्ट का ही इस्तेमाल करते हैं। जब से उन्हें पता चला कि दिव्य दंत मंजन में समुद्रफेन का इस्तेमाल किया गया है, उनकी भावनाएं काफी आहत हुई हैं।

मसूड़े मजबूत होने का दावा

पतंजलि की वेबसाइट के अनुसार दिव्य दंत मंजन मसूड़ों के साथ-साथ दांतों के लिए भी सबसे शक्तिशाली औषधीय उत्पाद है। इस टूथ पाउडर के इस्तेमाल से मसूड़े मजबूत होते हैं। इस कारण पायरिया (मसूड़ों से रक्त और मवाद का बहना) जैसी दांत की समस्याएं दूर हो जाती है।

पतंजलि की दवाओं के लाइसेंस पर लगा बैन हटा

उत्तराखंड सरकार ने 17 मई को अपने उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य फार्मेसी के 14 प्रोडक्ट का लाइसेंस रद्द किया गया था। एक हाई लेवल कमेटी की तरफ से शुरुआती जांच रिपोर्ट पेश करने के बाद सरकार ने अपने आदेश पर रोक लगाई।

राज्य सरकार ने 30 अप्रैल को बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य फार्मेसी के 14 प्रोडक्ट्स के मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस को सस्पेंड कर दिया था। उत्तराखंड सरकार की लाइसेंस अथॉरिटी ने प्रोडक्ट्स पर बैन का आदेश भी जारी किया था। इसमें कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद के प्रोडक्ट्स के बारे में बार-बार भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के कारण कंपनी के लाइसेंस को रोका गया है।


...

जियो यूजर्स को 100GB फ्री-स्टोरेज देने का ऐलान

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने आज यानी गुरुवार (29 अगस्त) को अपनी 47वीं एनुअल जनरल मीटिंग में जियो एआई क्लाउड वेलकम ऑफर का ऐलान किया। कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने बताया कि इसमें जियो यूजर्स को 100 GB तक का फ्री क्लाउड स्टोरेज मिलेगा।

क्लाउड स्टोरेज में फोटो, वीडियो, डाक्यूमेंट सहित अन्य डिजिटल कंटेंट को स्टोर किया जा सकेगा। इस ऑफर को दिवाली पर लॉन्च किया जाएगा। इसके साथ ही अंबानी ने कहा कि रिलायंस 5 सितंबर को 1:1 रेश्यो में बोनस शेयर देने पर विचार करेगी।

अंबानी ने कहा- Jio आठ सालों में दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल डेटा कंपनी बन गई है। प्रत्येक Jio यूजर प्रति माह 30 जीबी डेटा का कंजम्प्शन करता है। इसकी कीमत वर्ल्ड एवरेज की एक चौथाई है। उन्होंने लोकसभा चुनाव में जीत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी।

एनुअल जनरल मीटिंग से जुड़ी बड़ी बातें:

इन्सेंटिव बेस्ड एम्प्लॉयमेंट सिस्टम:रिलायंस ने नया इन्सेंटिव बेस्ड एम्प्लॉयमेंट सिस्टम अपनाया है। कंपनी ने पिछले साल 17 लाख नौकरियां दी। वहीं कंपनी ने मार्च 2024 को समाप्त वित्त वर्ष में रिसर्च और डेवलपमेंट पर ₹3,643 करोड़ से अधिक खर्च किया है।

रेवेन्यू 1 लाख करोड़ रुपए के पार: जियो फास्टैस्ट ग्रोइंग डिजिटल कंपनी बनी हुई है। इसका रेवेन्यू 1 लाख करोड़ रुपए को पार कर गया है। इसने देश को 5G डार्क से 5G ब्राइट में तब्दील किया है। बीते साल जियो टू 5G का पूरे देश में रोलआउट कंप्लीट किया गया।

जियो फोनकॉल AI लॉन्च: रिलायंस जियो ने एक नई AI-पावर्ड सर्विस, JioPhonecall AI लॉन्च की। यह नया AI फीचर Jio यूजर्स के रोजमर्रा के फोन कॉल में AI फीचर को इंटीग्रेट करता है। यूजर फोन कंवर्सेशन को रिकॉर्ड, ट्रांसक्रिप्ट और ट्रांसलेट कर सकेंगे।

एवरेज मंथली डेटा यूज 30 GB: मुकेश अंबानी ने बताया- जियो के 49 करोड़ कस्टमर हैं। हर जियो कस्टमर एवरेज 30 GB डेटा मंथली यूज कर रहा है। मौजूदा डेटा प्राइस, ग्लोबल एवरेज का एक चौथाई और विकसित देशों में डेटा प्राइस का 10% है।

जियो होम में नए फीचर्स मिलेंगे: जियो के चेयरमैन आकाश अंबानी ने बताया- जियो होम में नए फीचर्स का ऐलान किया गया है। JIO TV OS को सेटअप बॉक्स में लॉन्च किया गया है। AI के जरिए JIO सेटअप बॉक्स इस्तेमाल करना आसान हो जाएगा।

सोलर फोटो वोल्टाइक मॉड्यूल: इस साल के अंत तक, फोटो वोल्टाइक (पीवी) मॉड्यूल का उत्पादन शुरू होगा। अगली तिमाहियों में, इंटीग्रेटेड सोलर प्रोडक्शन फैसिलिटी का फर्स्ट फेज पूरा हो जाएगा। इसमें 10 GW की इनिशियल एनुअल कैपेसिटी वाले मॉड्यूल, सेल, ग्लास, वेफर, इनगॉट और पॉलीसिलिकॉन शामिल हैं।

AGM के दिन रिलायंस के शेयर में 1.55% की तेजी रही

AGM के दिन रिलायंस का शेयर 1.55% की तेजी के साथ 3,042.90 रुपए के स्तर पर बंद हुआ। एक साल में रिलायंस के शेयर ने 25.72% का रिटर्न दिया है। वहीं 6 महीने में शेयर केवल 4.15% चढ़ा है। वहीं एक महीने में भी इसके शेयर में केवल 0.09% की तेजी रही।

वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 15,138 करोड़ रुपए का मुनाफा

एक महीने पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अप्रैल-जून तिमाही के नतीजे जारी किए थे। कंपनी को इस तिमाही में 15,138 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है। सालाना आधार पर मुनाफे में 5.45% की कमी आई है। एक साल पहले की इसी तिमाही में मुनाफा 16,011 करोड़ रुपए रहा था।

वहीं, अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी की आय (रेवेन्यू) 2,36,217 करोड़ रुपए रही। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी ने 2,10,831 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। यानी, सालाना आधार पर इसमें 12.04% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

रिलायंस जियो: डेटा उपयोग के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा टेलीकॉम ऑपरेटर बना

भारत का नंबर 1 टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर, रिलायंस जियो डेटा उपयोग के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा टेलीकॉम ऑपरेटर बन गया है। जून तिमाही में जियो के नेटवर्क पर लगभग 45 एक्साबाइट डेटा की खपत हुई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 33% ज्यादा है।

टेलिकॉम कंपनियों के प्रदर्शन को मापने के लिए ऐवरेज रेवेन्यू पर यूजर (ARPU) का इस्तेमाल होता है। लगातार तीसरी तिमाही में जियो का ARPU ₹181.7 पर स्थिर रहा। हालांकि, पिछले महीने की गई 13-25% टैरिफ बढ़ोतरी से आने वाले दिनों में ARPU बढ़ने की संभावना है।

रिलायंस जियो लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 5,445 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया है। सालाना आधार पर इसमें 12% की बढ़ोतरी हुई है। एक साल पहले की समान तिमाही (Q1FY-2024) में कंपनी को 4,863 करोड़ रुपए का प्रॉफिट हुआ था।

अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी की आय सालाना आधार पर 10.33% बढ़कर 26,478 करोड़ रुपए हो गई। एक साल पहले की समान तिमाही में 24,042 करोड़ रुपए की आय दर्ज की थी। वहीं, पिछली तिमाही (Q4FY24) के मुकाबले नेट प्रॉफिट और रेवेन्यू 2%-2% बढ़ा है।

2. रिलायंस रिटेल: पहले तिमाही में 331 नए स्टोर खोले, कुल स्टोर 18,918 हुए

तिमाही में रिलायंस रिटेल को रिकॉर्ड 29.6 करोड़ फ़ुटफ़ॉल मिले, जो पिछले साल की समान अवधि में 24.9 करोड़ थे। यानी, फ़ुटफ़ॉल में 18.9% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। रिलायंस रिटेल ने 331 नए स्टोर खोले। कुल स्टोर की संख्या 18,918 हो गई।

डिजिटल कॉमर्स और न्यू कॉमर्स को बढ़ाने पर कंपनी का फोकस जारी रहा और इन चैनलों का कुल रेवेन्यू में 18% योगदान रहा। गर्मी के मौसम में एसी और रेफ्रिजरेटर की मांग बढ़ी। टी20 वर्ल्ड कप और आईपीएल ने टीवी की डिमांड को बढ़ा दिया।

रिलायंस रिटेल की आय में सालाना आधार पर 8.10% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। अप्रैल जून तिमाही में कंपनी का ऑपरेशन से रेवेन्यू ₹75,630 करोड़ दर्ज किया गया। पिछले साल इसी अवधि के दौरान कंपनी ने 69,962 करोड़ रुपए का रेवेन्यू दर्ज किया था।

30 जून 2024 को समाप्त तिमाही में कंपनी का सालाना आधार पर प्रॉफिट आफ्टर टैक्स 4.6% बढ़ा है। जून तिमाही में रिलायंस रिटेल ने 2,549 करोड़ रुपए का प्रॉफिट आफ्टर टैक्स दर्ज किया। एक साल पहले की समाना तिमाही में ये 2,436 करोड़ रुपए था।

भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट सेक्टर कंपनी है रिलायंस

रिलायंस भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट सेक्टर कंपनी है। ये अभी हाइड्रोकार्बन एक्सप्लोरेशन और प्रोडक्शन, पेट्रोलियम रिफाइनिंग और मार्केटिंग, पेट्रोकेमिकल्स, एडवांस मटेरियल और कंपोजिट, रिन्यूएबल एनर्जी, डिजिटल सर्विस और रिटेल सेक्टर में काम करती है।



...

रिलायंस-डिज्नी मर्जर से देश का सबसे बड़ा नेटवर्क बनेगा

डिज्नी और रिलायंस एंटरटेनमेंट एक हो रहे हैं। इसके मर्जर को कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया, यानी CCI से मंजूरी मिल गई है। ये भारत की सबसे बड़ी एंटरटेनमेंट कंपनी बनेगी। ये एक स्पोर्ट्स पावरहाउस भी बन जाएगा। कंपनी के पास पूरे भारत में 75 करोड़ दर्शक होंगे।

सवाल: नई कंपनी के पास कितने चैनल और OTT प्लेटफॉर्म होंगे?

जवाब: इस मेगा-मर्जर में डिज़्नी स्टार के 80 चैनल और रिलायंस Viacom18 के 40 चैनल जुड़ जाएंगे। यानी, कुल 120 चैनल हो जाएंगे। हालांकि, इनमें से कुछ चैनल्स को बंद किया जा सकता है। दोनों के पास OTT ऐप भी है- डिज्नी हॉटस्टार और जियो सिनेमा। मर्जर के बाद बनी नई कंपनी के पास 2 लाख घंटे का डिजिटल कंटेंट हो जाएगा।

वायाकॉम 18 के पास BCCI मैनेज्ड क्रिकेट मैचों के टीवी अधिकार भी हैं, जबकि डिज्नी स्टार के पास 2027 तक IPL ब्रॉडकास्ट करने के टीवी अधिकार हैं। वहीं रिलायंस के पास उसके OTT प्लेटफॉर्म जियो सिनेमा पर IPL दिखाने के अधिकार हैं। रिलायंस के न्यूज चैनल्स इस डील का हिस्सा नहीं होंगे, क्योंकि वो नेटवर्क 18 ग्रुप के तहत आते हैं।

जॉइंट वेंचर को 30,000 से अधिक डिज्नी कंटेंट एसेट के लाइसेंस के साथ भारत में डिज्नी फिल्मों और प्रोडक्शन को डिस्ट्रीब्यूट करने के एक्सक्लूसिव राइट भी दिए जाएंगे।

सवाल: रिलायंस-डिज्नी का मर्जर क्यों हो रहा है, इसका क्या फायदा?

जवाब: वॉल्ट डिज्नी के CEO बॉब ईगर ने बीते दिनों कहा था- मार्केट में काफी कॉम्पिटिशन है, इसलिए मर्जर से एक बड़ी कंपनी बनेगी जिससे उसे बाजार में टॉप पर बने रहने में मदद मिलेगी। नई कंपनी के पास सबसे बड़ा OTT कस्टमर बेस होगा। डिज्नी हॉटस्टर के करीब 3.6 करोड़ और रिलायंस के 1.5 करोड़ पेइंग सब्सक्राइबर्स है। यानी, कुल 5.1 करोड़ सबस्क्राइबर्स।

रिलायंस के साथ पार्टनरशिप से डिज्नी को बिजनेस बढ़ाने और रिस्क कम करने का मौका मिलेगा। वहीं इससे मुकेश अंबानी को 28 अरब डॉलर यानी, करीब 2.3 लाख करोड़ रुपए के एंटरटेनमेंट सेक्टर पर मजबूत पकड़ मिल जाएगी। नई कंपनी सोनी और नेटफ्लिक्स जैसी कंपनियों को टक्कर दे सकेगी।

सवाल: मर्जर के बाद एडवर्टाइजमेंट मार्केट में कितनी हिस्सेदारी होगी?

जवाब: मर्जर से बनी नई कंपनी के पास टीवी और स्ट्रीमिंग सेगमेंट में भारतीय विज्ञापन बाजार की 40% हिस्सेदारी होगी। नई कंपनी के पास क्रिकेट ऐडवर्टाइजमेंट रेवेन्यू में एक तरह से मोनॉपली होगी। क्रिकेट के अलावा विंबलडन टेनिस चैंपियनशिप, मोटो जीपी और इंग्लिश प्रीमियर लीग के प्रसारण अधिकार भी होंगे।

सवाल: इस मर्जर का आप पर क्या असर होगा, क्या सस्ते प्लान मिलेंगे?:

जवाब: भारत एंटरटेनमेंट सर्विसेज का बहुत बड़ा बाजार है। ऐसे में नेटफ्लिक्स, अमेजन, जैसी अमेरिकी स्ट्रीमिंग कंपनियां भारतीय बाजार की ओर अट्रैक्ट हुई हैं। डिज्नी और रिलायंस भी OTT पर हैं, जिन्हें नेटफ्लिक्स, अमेजन से टक्कर मिल रही है।

ये दोनों कंपनियां यूजर बेस बढ़ाने के लिए सस्ते प्लान लॉन्च कर सकती हैं। इसका सीधा फायदा दर्शकों को मिलेगा। वहीं डिज्नी के दर्शकों की पहुंच रिलायंस के कंटेंट तक और रिलायंस के दर्शकों की पहुंच डिज्नी के कंटेंट तक हो जाएगी।

सवाल: ये डील कितने रुपए की है, नई कंपनी का चेयरपर्सन कौन होगा?

ये डील 8.5 बिलियन डॉलर (करीब 71 हजार करोड़ रुपए) की है। विलय के बाद बनी कंपनी में रिलायंस की 63.16% और डिज्नी की 36.84% हिस्सेदारी होगी। नीता अंबानी इसकी चेयरपर्सन होंगी।

सवाल: रिलायंस डिज्नी की डील कब तक पूरी होगी, इसमें क्या अड़चनें?

इस डील के 6 महीने के भीतर क्लोज होने की उम्मीद है। डील कम्प्लीट करने के लिए इसे इंडियन कंपनीज ट्रिब्यूनल की मंजूरी की भी जरूरत होगी। CCI में विलय के पूर्व प्रमुख के.के शर्मा ने कहा है कि अगर यह डील पूरी हो जाती है, तो यह "ब्रॉडकास्टिंग मार्केट में बिग फिश" होगी जिसका "क्रिकेट ऐडवर्टाइजमेंट रेवेन्यू पर एकाधिकार" होगा।


...

जेवर एयरपोर्ट से इस साल शुरू नहीं होगी उड़ान, सामने आई नई तारीख

 नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से दिसंबर में यात्री सेवाओं की शुरुआत की संभावनाओं को विराम लग गया है। विकासकर्ता कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रा. लि. (वाईआईएपीएल) के सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने साफ कर दिया है कि अप्रैल 2025 में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से यात्री सेवा शुरू होगी।

क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने बताया कि सितंबर एयरपोर्ट पर विमानों की सुरक्षित लैंडिंग को लगाए उपकरणों की जांच का काम शुरू होगा। दिसंबर में एयरोड्राम लाइसेंस के आवेदन संग ट्रायल शुरू होगा। देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट के तौर पर विकसित हो रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए विकासकर्ता कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट को सितंबर 2024 तक का समय दिया गया था।

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. ने दावा किया था कि एयरपोर्ट से दिसंबर में यात्री सेवाओं की शुरुआत हो जाएगी, पर विकासकर्ता को तीन माह का ग्रेस पीरियड देने के बावजूद दिसंबर में यात्री सेवाओं की शुरुआत की संभावना पर विराम लगाते हुए विकासकर्ता कंपनी ने स्पष्ट किया है कि अप्रैल 2025 से पहले यात्री सेवाओं की शुरुआत की कोई संभावना नहीं है।

वाईआईएपीएल के सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन व सीओओ किरण जैन ने कहा कि एयरपोर्ट के निर्माण से जुड़े सभी कार्य तय समय के अनुसार चल रहे हैं। सितंबर में एयरपोर्ट पर विमानों की सुरक्षित लैंडिंग को लगाए उपकरणों की जांच का काम शुरू होगा। नेविगेशन व रडार सिस्टम की जांच होगी। एयरपोर्ट के लिए दिसंबर बेहद महत्वपूर्ण होगा। एयरपोर्ट पर विमान को उतार कर यह तय होगा कि सभी उपकरण व अन्य सेवाओं सुचारू हैं या नहीं। ट्रायल के दौरान यात्री सुरक्षा पूरी तरह से सुनिश्चित होने के बाद नागर विमानन महानिदेशालय के यहां लाइसेंस के लिए आवेदन किया जाएगा।

रिकॉर्ड समय में हो रहा नोएडा एयरपोर्ट का निर्माण

सीओओ किरण जैन का कहना है कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का अपना प्रासीजर कार्यप्रणाली तैयार है। डीजीसीए से अनुमति मिलने के बाद एयरपोर्ट का संचालन तय प्रासीजर पर होगा। अकासा एयर व इंडिगो के साथ अनुबंधन हो चुके हैं। नोएडा एयरपोर्ट का रिकॉर्ड समय में निर्माण हो रहा है। मल्टी माडल लाजिस्टिक हब का 80 एकड़ में निर्माण हो रहा है। यह एयरपोर्ट भारतीय आतिथ्य व स्विस तकनीकी का उम्दा उदाहरण होगा। एयरपोर्ट की दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे से कनेक्टिविटी को ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे का काम जल्द पूरा होगा।

एयरपोर्ट के 3.9 किमी लंबे रनवे का निर्माण पूरा हो चुका है। लाइट व मार्किंग का काम वर्षा की वजह से बचा हुआ है। सितंबर में यह दोनों काम पूरा हो जाएगा। टर्मिनल बिल्डिंग में प्रस्थान तल पर स्टील कार्य जारी है। आगमन तल पर फिनिशिंग का काम जारी है। एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर में एमईपी कार्य भी समाप्त होने को हो।

एयरपोर्ट के निर्माण में विलंब पर लगा सकता है जुर्माना

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट व प्रदेश सरकार के बीच हुए करार के अनुसार एयरपोर्ट का निर्माण सितंबर 2024 तक पूरा होना है। पिछले दिनों मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में तीन माह का ग्रेस पीरियड दिया गया था, लेकिन अप्रैल तक यात्री सेवाओं के शुरू होने से विकासकर्ता कंपनी पर अनुबंध के अनुसार जुर्माना लगाया जा सकता है। अनुबंध की शर्त के अनुसार निर्धारित समय में निर्माण न करने पर दस लाख रुपये प्रति दिन के हिसाब से जुर्माने का प्रविधान है।

नोएडा एयरपोर्ट एक नजर में 2025 में

- यात्री क्षमता 1.20 करोड़ सालाना

- एयर ट्रैफिक एक लाख सालाना

- कार्गो 2,50,000 टन

- यात्री टर्मिनल एक लाख वर्गमीटर क्षेत्रफल

- एयरक्राफ्ट स्टैंड 28




...

दिल्ली विद्युत बोर्ड के रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, केजरीवाल सरकार ने दिया बड़ा तोहफा

दिल्ली विद्युत बोर्ड के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अब कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध होगी। दिल्ली की ऊर्जा मंत्री आतिशी ने इसकी घोषणा की। शुक्रवार को इससे संबंधित फाइल पर उन्होंने हस्ताक्षर किया है और मंगलवार तक इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। इससे सेवानिवृत्त कर्मचारियों को स्वास्थ्य बिल के भुगतान के लिए कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

साल 2002 में दिल्ली विद्युत बोर्ड को किया था भंग

प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा, वर्ष 2002 में दिल्ली विद्युत बोर्ड को भंग किया था। उस समय यह तय हुआ था कि बोर्ड में काम करने वाले सभी कर्मचारियो को सुविधा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की होगी। किसी कारणवश बोर्ड से सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। उन्हें समय पर पेंशन नहीं मिलती थी। वर्ष 2015 में अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने के बाद सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन की समस्या हल की गई।

उन्होंने कहा, विद्युत बोर्ड के सेवानिवृत्त कर्मचारियों कैशलेस उपचार की सुविधा नहीं मिलने के कारण स्वास्थ्य बिल के भुगतान के लिए एक से दूसरे कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते थे जिससे उन्हें परेशानी होती थी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर ऊर्जा विभाग ने दिल्ली विद्युत बोर्ड के सभी 20 हजार सेवानिवृत्त कर्मचारियों को कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।

अधिसूचना जारी होने के साथ ही यह सुविधा उन्हें मिलने लगेगी। वर्ष 2002 से पहले सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को डीटीएल यह सुविधा कराएगी। उसके बाद सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी बिजली उत्पादन कंपनी, पारेषण कंपनी व डिस्काम की होगी। इन कंपनियों के पैनल में शामिल अस्पतालों में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उपचार हो सकेगा।

जुलाई, 2002 में दिल्ली विद्युत बोर्ड भंग कर छह कंपनी बनाई गई

दिल्ली में बिजली उत्पादन व वितरण की जिम्मेदारी पहले दिल्ली विद्युत बोर्ड के पास था। 1 जुलाई, 2002 को दिल्ली विद्युत बोर्ड छह भागों में विभाजित हो गया। बिजी उत्पादन के लिए दो कंपनी इंद्रप्रस्थ पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड (आइपीजीसीएल) व प्रगति पावर कारपोरेशन लिमिटेड (पीपीजीसीएल) बनाई गई।

बिजली पारेषण के लिए दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड नाम (TPDDL) से कंपनी बनाई गई। आइपीजीसीएल (IGPCCL), पीपीजीसीएल (PPGCL) और डीटीएल दिल्ली सरकार की है। बिजली वितरण की जिम्मेदारी बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (बीआरपीएल), बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड (बीवाईपीएल) और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) के पास है। इन तीनों बिजली वितरण कंपनियों (डिस्काम) में सरकार की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है।


...

1 सितंबर से ब्लैकलिस्ट कर दिए जाएंगे ये सिम कार्ड, स्पैम कॉलर्स पर नकेल कसेगा ट्राई का नया नियम

अगले महीने सितंबर की शुरुआत से टेलीकॉम रेगुलेटरी ट्राई (Telecom Regulatory Authority of India) देश में एक नया नियम लागू कर रहा है। यह नया नियम ट्राई की ओर से फेक और स्पैम कॉल्स को रोकने और खत्म करने की कड़ी में लाया जा रहा है। टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल पर एक नया अपडेट जारी किया है। टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने ट्राई के नए फैसलों को लेकर डिटेल में जानकारी दी है।

स्पैम कॉल करने वाली कंपनियों के लिए कड़े हुए नियम

पहला नियम

ट्राई के नियमों के मुताबिक, अगर कोई भी संस्था स्पैम कॉल करती पाई जाती है, तो उस संस्था के सभी टेलीकॉम रिसोर्स काट दिए जाएंगे। इसके अलावा, इस अलावा इस संस्था को सभी दूरसंचार ऑपरेटरों द्वारा 2 साल तक के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा।

यहां समझना होगा कि नए नियम के साथ किसी भी व्यक्ति जो कि टेलीमार्केटिंग या प्रमोशन के लिए अपना मोबाइल नंबर इस्तेमाल कर रहा है, उसका नंबर 2 साल के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा।

मालूम हो कि फाइनेंशियल फ्रॉड रोकने के लिए सरकार ने विशिष्ट नंबर श्रृंखला, 160 शुरू की थी। हालांकि, मोबाइल यूजर्स को कई बार प्रमोशन और टेलीमार्केटिंग से जुड़े कॉल निजी नंबरों से भी आते हैं। ऐसे में नया नियम सभी पर लागू होगा।

दूसरा नियम

ट्राई के नियमों के मुताबिक, 1 सितंबर 2024 से URL/APK वाले ऐसे किसी भी मैसेज को डिलीवर करने की इजाजत नहीं दी जाएगी, जिनमें मौजूद URL/APK वाइट लिस्टेड न हों।


...

UPI से टैक्स पेमेंट लिमिट में हुई बढ़ोतरी, जल्द मिलेगी डेलिगेटेड पेमेंट्स की भी सुविधा

6 अगस्त 2024 को आरबीआई एमपीसी बैठक शुरू हुई थी। आज आरबीआई गवर्नर ने बैठक में लिए गए फैसलों का एलान किया है। इस बार भी रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया गया है। 

इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने यूपीआई के जरिये टैक्स पेमेंट की सीमा बढ़ाने की घोषणा की। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने बताया कि यूपीआई अपनी सहज सुविधाओं से भुगतान का सबसे पसंदीदा तरीका बन गया है। वर्तमान में, यूपीआई के लिए टैक्स पेमेंट की सीमा एक लाख रुपये है।

दास ने कहा कि विभिन्न उपयोग-मामलों के आधार पर रिजर्व बैंक ने समय-समय पर पूंजी बाजार, आईपीओ अभिदान, लोन कलेक्शन, बीमा, चिकित्सकीय और शैक्षिक सेवाओं आदि जैसी कुछ श्रेणियों के लिए सीमाओं की समीक्षा की है और उन्हें बढ़ाया है।

एमपीसी बैठक के फैसलों का एलान करते हुए दास ने कहा कि चूंकि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर भुगतान सामान्य, नियमित तथा उच्च मूल्य के हैं। इसलिए यूपीआई के जरिये कर भुगतान की सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख प्रति लेनदेन करने का निर्णय लिया गया है। टैक्स पेमेंट को लेकर आवश्यक निर्देश अलग से जारी होंगे।

जल्द शुरू होगी डेलिगेटेड पेमेंट्स

आरबीआई के अनुसार यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) का उपयोगकर्ता आधार 42.4 करोड़ हो गया है। हालांकि, उपयोगकर्ता आधार के और विस्तार की संभावना है। यूपीआई में ‘डेलिगेटेड पेमेंट्स’ शुरू करने का भी प्रस्ताव है।

शक्तिकांत दास ने कहा कि ‘डेलिगेटेड पेमेंट्स’ से एक व्यक्ति (प्राथमिक उपयोगकर्ता) को प्राथमिक उपयोगकर्ता के बैंक खाते पर किसी अन्य व्यक्ति (द्वितीयक उपयोगकर्ता) के लिए यूपीआई लेनदेन सीमा निर्धारित करने की अनुमति मिलेगी।

इससे देशभर में डिजिटल भुगतान की पहुंच और उपयोग में वृद्धि होने की उम्मीद है। इस संबंध में भी विस्तृत निर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगें। इसके साथ ही आरबीआई ने अनधिकृत कंपनियों की जांच के लिए डिजिटल लोन देने वाले ऐप के सार्वजनिक तौर पर आंकड़े तैयार करने का प्रस्ताव दिया है।

इसके अलावा गवर्नर दास ने कहा कि ग्राहकों के हितों की सुरक्षा, डाटा गोपनीयता, ब्याज दरों तथा वसूली प्रक्रियाओं, गलत बिक्री आदि पर चिंताओं से निपटने के लिए दिशानिर्देश दो सितंबर, 2022 को जारी किए गए थे। हालांकि, मीडिया की खबरों ने डिजिटल लोन देने में बेईमान कंपनियों की मौजूदगी को उजागर किया है जो आरबीआई (आरई) से संबद्ध होने का झूठा दावा करती हैं।


...

TRAI की नई गाइडलाइन से होगी ग्राहकों की बल्ले-बल्ले, 24 घंटे नेटवर्क न होने पर मिलेगा मुआवजा

नेटवर्क न आने का कारण बहुत दिक्कत होती है। कई बार तो टेलीकॉम कंपनियों की ये सर्विस घंटों-घंटों तक बाधित रहती है। इसका खामियाजा ग्राहकों को उठाना पड़ता है। कितने भी घंटे सर्विस प्रभावित रहे इससे सिर्फ और सिर्फ यूजर्स का ही नुकसान होता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

ट्राई द्वारा शुक्रवार को जारी किए गए नए सर्विस क्वालिटी स्टैंडर्ड नियमों के तहत स्तर पर 24 घंटे से अधिक समय तक सेवा बाधित रहने की स्थिति में दूरसंचार ऑपरेटरों को ग्राहकों को मुआवजा देना होगा। ट्राई के नए नियम छह महीने बाद लागू होंगे।

सेवा बाधित होने पर ग्राहकों को मिलेगा मुआवजा

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने नए नियमों के तहत हर एक क्वालिटी स्टैंडर्ड को पूरा न करने पर जुर्माने की राशि को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया है। अगर कहीं नियमों में ढील पाई जाती है तो टेलीकॉम ऑपरेटर को ये जुर्माना भरना पड़ सकता है।

नियामक ने संशोधित नियमों सेवा की गुणवत्ता के मानक (वायरलाइन और वायरलेस) और ब्रॉडबैंड (वायरलाइन और वायरलेस) सेवा विनियम, 2024" के तहत नियम उल्लंघन के विभिन्न पैमानों के लिए 1 लाख रुपये, 2 लाख रुपये, 5 लाख रुपये और 10 लाख रुपये की कैटेगरी के हिसाब से नई प्रणाली शुरू की है।

नए मानदंड तीन अलग-अलग विनियमों बुनियादी और सेलुलर मोबाइल सेवाओं, ब्रॉडबैंड सेवाओं और ब्रॉडबैंड वायरलेस सेवाओं के लिए सेवा की गुणवत्ता (QOS) की जगह लेते हैं।

आउटेज की स्थिति में देनी होगी छूट

नए नियमों के अनुसार, किसी जिले में नेटवर्क आउटेज की स्थिति में दूरसंचार ऑपरेटरों को पोस्टपेड ग्राहकों के लिए किराए में छूट प्रदान करनी होगी और प्रीपेड ग्राहकों के लिए कनेक्शन की वैलिडिटी बढ़ानी होगी। ट्राई ने कहा यदि कोई जरूरी नेटवर्क आउटेज 24 घंटे से अधिक समय तक जारी रहता है, तो सर्विस ऑपरेटर अगले बिलिंग साइकिल में प्रभावित जिले में पंजीकृत पोस्टपेड ग्राहकों को सेवा आउटेज के वास्तविक दिनों की संख्या के लिए सब्सक्राइब्ड टैरिफ ऑफरिंग के अनुसार आनुपातिक किराए में छूट प्रदान करेगा।

12 घंटे से अधिक नेटवर्क आउटेज को एक दिन के रूप में गिना जाएगा

नियामक किराए में छूट या वैधता के विस्तार की गणना के लिए कैलेंडर दिवस में 12 घंटे से अधिक की नेटवर्क आउटेज अवधि को एक पूर्ण दिन के रूप में गिनेगा। टेलीकॉम ऑपरेटरों को सर्विस को ठीक करने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया जाएगा।


...

25 हजार लोगों को मिलेगा अपना घर, नोएडा एयरपोर्ट के पास योजना निकालेगा यीडा

आवासीय प्लॉट योजना के बाद यमुना प्राधिकरण ग्रुप हाउसिंग योजना निकालने जा रहा है।

इस योजना में ई नीलामी के आधार पर 19 प्लॉटों का आवंटन होगा। ग्रुप हाउसिंग योजना के करीब 25 हजार फ्लैट का निर्माण होगा। यीडा क्षेत्र में लोगों के लिए अपने घर का सपना पूरा हो सकेगा।

किस सेक्टर में होगी योजना?

प्राधिकरण की ग्रुप हाउसिंग योजना में आवंटित प्लॉट सेक्टर 18, 17, व 22 डी में हैं। यह प्लॉट 16188 वर्गमीटर से लेकर 48564 वर्गमीटर तक हैं। यीडा सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि प्लॉटों का आवंटन ई नीलामी के आधार पर होगा।

आवेदकों को दस प्रतिशत राशि रजिस्ट्रेशन शुल्क, बीस प्रतिशत राशि आवंटन के बाद व शेष 70 प्रतिशत राशि का किस्तों में भुगतान करना होगा।

संस्थागत श्रेणी के लिए भी प्लॉट योजना

ग्रुप हाउसिंग के अलावा प्राधिकरण नर्सरी एवं प्ले स्कूल, क्रेच, नर्सिंग होम, मिल्क एवं वेजिटेबल बूथ के लिए भी प्लॉट योजना निकालने जा रहा है।

नर्सरी एवं प्ले स्कूल के लिए पांच सौ वर्गमीटर से लेकर एक हजार वर्गमीटर तक के प्लॉट होंगे। इसके अतिरिक्त क्रेच के लिए दो सौ वर्गमीटर, डिस्पेंसरी के लिए एक हजार वर्गमीटर व मिल्क एवं वेजिटेबल बूथ के लिए सौ वर्गमीटर तक के प्लॉट होंगे।

आवासीय भूखंड योजना में 28 हजार से अधिक आवेदन

यमुना प्राधिकरण की ओर से पांच जुलाई को निकाली गई आवासीय भूखंड योजना में अब तक 28 हजार से अधिक आवेदन आ चुके हैं। इसमें सामान्य श्रेणी के लिए 280 प्लॉट हैं। रविवार तक 28867 आवेदन भरे जा चुके हैं। वहीं, 74939 आवेदकों ने पंजीकरण कर ब्रोशर खरीदा है।


...

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में आर्थिक सर्वे किया पेश

वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आर्थिक सर्वे को पेश कर दिया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में पिछले वित्त वर्ष के लिए आर्थिक सर्वेक्षण को पेश किया है. सर्वे के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की जीडीपी 6.5 - 7 फीसदी रहने का अनुमान है. वहीं महंगाई दर के 4.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है जबकि वित्त वर्ष 2025-26 में महंगाई दर 4.1 फीसदी रहने का अनुमान है.    


...