NDA की रिकॉर्ड जीत पर जश्न आज, शाम 6 बजे BJP मुख्यालय में पीएम मोदी देंगे कार्यकर्ताओं को श्रेय

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए एक बार फिर ऐतिहासिक जीत की ओर बढ़ रहा है। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 6 बजे दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। शुरुआती रुझानों में भाजपा–जदयू गठबंधन की बड़ी बढ़त के बाद दोनों दलों के कार्यालयों में जश्न का माहौल है। कार्यकर्ता ढोल-नगाड़ों पर नाचते दिख रहे हैं, मिठाइयां बांटी जा रही हैं और पटाखे फोड़कर जीत का उत्सव मनाया जा रहा है। एनडीए की इस बढ़त में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता अहम कारक साबित हुई है।

नीतीश–मोदी की जोड़ी का असर

पिछले दो दशकों से बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार एक स्थिर नेतृत्व के रूप में उभरे हैं। ‘सुशासन बाबू’ की छवि और विकास-केन्द्रित राजनीति उनकी ताकत रही है। इस चुनाव में पीएम मोदी और नीतीश कुमार की संयुक्त रणनीति और समन्वित प्रचार ने गठबंधन को मजबूती दी। दोनों नेताओं ने बुनियादी ढांचे, विकास योजनाओं और प्रशासनिक स्थिरता को प्रमुख मुद्दा बनाकर जनता तक पहुंच बनाई।

NDA का प्रदर्शन

रुझानों के अनुसार एनडीए 197 सीटों पर आगे है। इसमें बीजेपी 90, जेडीयू 80, एलजेपी 20, एचएएम 3 और आरएलएम 4 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। दूसरी ओर विपक्षी गठबंधन में आरजेडी 28, कांग्रेस 4, CPI(ML) 4 और CPI-M 1 सीट पर आगे चल रहे हैं। इसके अलावा बीएसपी 1 और AIMIM 5 सीटों पर बढ़त में है।

चुनाव के दौरान शांतिपूर्ण माहौल

2025 के चुनावों में बिहार में पूर्ण शांति देखी गई और कहीं भी रिपोलिंग की आवश्यकता नहीं पड़ी। यह पिछले चुनावों—विशेषकर 1985, 1990 और 1995—की तुलना में बड़ा बदलाव रहा है, जब हिंसा और रिपोलिंग आम घटनाएं थीं। एनडीए ने इसे कानून-व्यवस्था में सुधार का परिणाम बताया है।

ग्रामीण वोटरों का भरोसा

राज्य की 89% ग्रामीण आबादी को ध्यान में रखते हुए एनडीए ने ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत पैठ बनाई। नीतीश कुमार की कल्याणकारी योजनाओं और पीएम मोदी की लोकप्रियता ने ग्रामीण से लेकर शहरी वोटर तक का समर्थन हासिल किया।

नीतीश कुमार की राजनीतिक यात्रा

करीब चार दशक के राजनीतिक करियर में नीतीश कुमार ने स्थिरता, विकास और सामाजिक न्याय को प्राथमिकता दी है। उन्होंने ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत किया और सीधे आर्थिक सहायता योजनाओं से जनता का भरोसा जीता। उनकी राजनीतिक यात्रा 1970 के जेपी आंदोलन से शुरू हुई, जिसके बाद वे पिछड़े वर्गों और धर्मनिरपेक्ष राजनीति का एक प्रमुख चेहरा बनकर उभरे।


...

नीतीश–मोदी की सुपरहिट जोड़ी ने जीता बिहार का महासंग्राम, महागठबंधन को लगी करारी चोट

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के रुझान साफ़ इशारा कर रहे हैं कि राज्य में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनने जा रही है। एनडीए 196 सीटों पर आगे चल रही है, जो पूर्ण बहुमत से अधिक है। दूसरी ओर महागठबंधन (एमजीबी) की स्थिति बेहद कमजोर दिख रही है। राजद–कांग्रेस–लेफ्ट–वीआईपी गठबंधन सिर्फ 39 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। इन नतीजों ने साफ कर दिया है कि नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जोड़ी एक बार फिर बिहार में 'सुपरहिट' साबित हुई है और बिहार का महासंग्राम एनडीए के नाम हो चुका है।

एनडीए का रिपोर्ट कार्ड:

बीजेपी – 90 सीटों पर आगे

जदयू – 81 सीटों पर आगे

लोजपा (रामविलास) – 20 सीटों पर आगे

रालोमो – 4 सीटों पर आगे

हम – 3 सीटों पर आगे

महागठबंधन का रिपोर्ट कार्ड:

राजद – 29 सीटों पर आगे

कांग्रेस – 5 सीटों पर आगे

लेफ्ट – 5 सीटों पर आगे


...

बिहार चुनाव में बंपर जीत के बीच दूसरे राज्य में BJP को बड़ा झटका, उपचुनाव में मिली करारी हार

बिहार विधानसभा चुनाव की मतगणना के साथ-साथ 7 राज्यों की 8 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के वोटों की काउंटिंग जारी है। एक तरफ जहां बीजेपी बिहार में बंपर जीत की ओर बढ़त बनाए हुए है, वहीं दूसरी ओर मिजोरम की डंपा सीट पर करारी हार का सामना करना पड़ा है।

मिजोरम की डंपा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजे घोषित हो गए हैं। मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) के उम्मीदवार डॉ. आर. लालथंगलियाना ने विधानसभा उपचुनाव में 562 मतों के अंतर से जीत हासिल की है। इसकी घोषणा भारत निर्वाचन आयोग ने की है।

दरअसल, डम्पा उपचुनाव के लिए मतगणना आज (शुक्रवार) सुबह 8 बजे शुरू हुई और 5 राउंड की मतगणना के बाद, एमएनएफ उम्मीदवार 6981 मत प्राप्त कर विजयी हुए। एमएनएफ उम्मीदवार ने जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) के उम्मीदवार वनलालसैलोवा को हराया, जिन्हें 6419 मत मिले, और कांग्रेस के जॉन रोटलुआंगलियाना को 2394 मत मिले।

45 लोगों ने दबाया NOTA

भाजपा के लालमिंगथांगा और मिजोरम पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार के. जाहमिंगथांगा सहित दो अन्य उम्मीदवारों को क्रमशः 1541 और 50 वोट मिले, जबकि 45 लोगों ने उपरोक्त में से NOTA दबाया।

एमएनएफ ने डम्पा सीट बरकरार रखी

एमएनएफ उस सीट को बरकरार रखने में कामयाब रही है जिस पर 22 जुलाई, 2025 को नई दिल्ली के एक अस्पताल में एमएनएफ विधायक लालरिन्टलुआंगा सैलो के निधन के बाद पुनर्मतदान हुआ था। सैलो दो बार विधायक रहे और एमएनएफ की राष्ट्रीय कोर कमेटी के सदस्य थे।

इस जीत के साथ, एमएनएफ विपक्षी दल होने के नाते मिजोरम में 10 विधानसभा सीटें हासिल करने में सफल रही है, जबकि ZPM 40 सीटों वाली विधानसभा में 27 विधायकों के आरामदायक बहुमत के साथ राज्य पर शासन करती है।

इन राज्यों में भी चल रही मतगणना

जम्मू-कश्मीर के बडगाम और नगरोटा; राजस्थान के अंता; पंजाब के तरनतारन; झारखंड के घाटशिला; ओडिशा के नुआपाड़ा और तेलंगाना के जुबली हिल्स में भी वोटों की गिनती हो चुकी है। तेलंगाना की जुबली हिल्स सीट पर पिछड़ा वर्ग (BC) के नेता, कांग्रेस के नवीन यादव और गोपीनाथ की विधवा, BRS की सुनीता के बीच मुकाबला है। भाजपा ने लंकाला दीपक रेड्डी को अपना उम्मीदवार बनाया है।

ओडिशा में नुआपाड़ा विधानसभा सीट सितंबर में वरिष्ठ बीजद विधायक राजेंद्र ढोलकिया के निधन के बाद खाली हो गई थी। भारतीय जनता पार्टी के जय ढोलकिया राज्य विधानसभा में पार्टी की स्थिति मजबूत करने की कोशिश करेंगे, क्योंकि उनका मुकाबला बीजद की स्नेहांगिनी छुरिया और कांग्रेस के घासीराम माझी से है।

राजस्थान के बारां जिले के अंता निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा विधायक कंवर लाल मीणा को अयोग्य ठहराए जाने के बाद मतगणना हुई। मीणा को 2005 के एक मामले में दोषी ठहराया गया था। उन पर एक सरकारी अधिकारी को धमकाने का आरोप था और इस साल मई में उन्हें दोषी ठहराया गया था।


...

बिहार में नीतीश कुमार का जलवा

243 सीटों वाली बिहार विधानसभा के लिए मतगणना जारी है। अगले कुछ घंटों में 2600 से ज्यादा उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का फैसला हो जाएगा। एनडीए में, भाजपा और जेडीयू दोनों ने 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ा, जबकि चिराग पासवान की लोजपा (रालोद) ने 29 और हम और आरएलएम को 6-6 सीटें मिलीं।

बता दें कि जदयू अभी 77 सीटों पर आगे है।

यहां चेक करें जदयू का रिजल्ट-

क्र.सं.    निर्वाचन क्षेत्र    आगे उम्मीदवार    कुल मत    अंतर    स्थिति

1    सिक्टा (9)    समृद्धि वर्मा    17001    7524    4/25

2    नरकटिया (12)    विशाल कुमार    21014    144    5/26

3    केसरिया (15)    शालिनी मिश्रा    2945    7    1/22

4    शिवहर (22)    श्वेता गुप्ता    10789    4998    3/27

5    रून्नीसैदपुर (29)    पंकज कुमार    23912    8557    6/25

6    हरलाखी (31)    सुधांशु शेखर    10497    5879    3/26

7    बाबूबरही (34)    मीना कुमारी    16767    5446    4/28

8    लौकहा (40)    सतीश कुमार साह    15292    2774    4/30

9    निर्मली (41)    अनिरुद्ध प्रसाद यादव    16231    6915    4/30

10    पिपरा (42)    रामबिलास कामत    12358    7190    3/27

11    सुपौल (43)    बिजेंद्र प्रसाद यादव    13585    7849    3/30

12    त्रिवेणीगंज (44)    सोनम रानी    21548    5516    5/26

13    रानीगंज (47)    अचमित ऋषिदेव    6221    289    2/30

14    अररिया (49)    शगुफ्ता आज़िम    15864    7856    4/29

15    जोकीहट (50)    मंज़र आलम    16792    4773    5/26

16    ठाकुरगंज (53)    गोपाल कुमार अग्रवाल    18110    7413    4/26

17    रूपौली (60)    कलाधर प्रसाद मंडल    14586    10468    3/26

18    धमदहा (61)    लेशी सिंह    12800    2651    3/29

19    कदवा (64)    दुलाल चंद्र गोस्वामी    30707    15075    6/25

20    बरारी (68)    बिजय सिंह    18956    12742    3/25

21    अलमनगर (70)    नरेंद्र नारायण यादव    8714    5951    2/32

22    बिहारीगंज (71)    निरंजन कुमार मेहता    19311    3016    5/28

23    सिंघेश्वर (72)    रमेश ऋषि    14561    4732    3/27

24    मधेपुरा (73)    कविता कुमारी साहा    19596    5265    5/29

25    सोनबरसा (74)    रत्नेश सदा    11053    1655    3/26

26    कुशेश्वर स्थान (78)    अतिरेक कुमार    6348    1259    2/22

27    बेनीपुर (80)    विनय कुमार चौधरी    10284    2077    3/25

28    बहादुरपुर (85)    मदन साहनी    18757    3769    5/26

29    गायघाट (88)    कोमल सिंह    26052    9329    7/30

30    मीनापुर (90)    अजय कुमार    25787    8445    6/25

31    सकरा (92)    आदित्य कुमार    25582    9368    6/25

32    कांति (95)    अजित कुमार    25245    8320    6/29

33    कुचायकोट (102)    अमरेंद्र कुमार पांडेय    23450    3790    7/31

34    भोरे (103)    सुनील कुमार    18856    6760    5/31

35    जिरादेई (106)    भिष्म प्रताप सिंह    11322    383    4/23

36    बरहरिया (110)    इंद्रदेव सिंह    17806    1481    5/26

37    महाराजगंज (112)    हेम नारायण साह    9723    1918    3/27

38    एकमा (113)    मनोरंजन सिंह    13756    6529    4/26

39    मांझी (114)    रणधीर कुमार सिंह    8215    1656    3/26

40    पारसा (121)    छोटे लाल राय    8300    79    3/24

41    वैशाली (125)    सिद्धार्थ पटेल    22750    4385    7/31

42    राजा पकड़ (127)    महेंद्र राम    15029    9642    4/26

43    महनार (129)    उमेश सिंह कुशवाहा    11631    6369    3/28

44    कल्याणपुर (131)    महेश्वर हजारी    34356    7059    9/29

45    वारीसनगर (132)    मंजरीक मृणाल    15171    2955    4/29

46    समस्तीपुर (133)    अश्वमेध देवी    30931    15273    6/23

47    मोरवा (135)    विद्या सागर सिंह निषाद    7020    1902    2/25

48    सरायरंजन (136)    विजय कुमार चौधरी    21211    2292    5/24

49    बिभूतिपुर (138)    रवीना कुशवाहा    13291    1703    4/25

50    हसनपुर (140)    राज कुमार राय    8479    4038    2/27

51    अलौली (148)    राम चंद्र सदा    19313    5385    5/22

52    खगड़िया (149)    बबलू कुमार    15104    6411    3/22

53    बेलदौर (150)    पन्ना लाल सिंह पटेल    12789    3630    3/28

54    गोपालपुर (153)    शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल    19062    10420    4/23

55    सुल्तानगंज (157)    ललित नारायण मंडल    21171    4477    6/29

56    अमरपुर (159)    जयंत राज    8675    6012    2/28

57    धौरैया (160)    मनीष कुमार    13586    6153    3/29

58    बेलहर (163)    मनोज यादव    24264    12809    6/29

59    जमालपुर (166)    नचिकेता    13812    5281    4/28

60    सूर्यगढ़ा (167)    रामानंद मंडल    8695    3568    3/32

61    शेखपुरा (169)    रणधीर कुमार सोनी    20863    7019    5/22

62    बरबीघा (170)    डॉ. कुमार पुष्पांजय    10266    4547    3/20

63    अस्थावां (171)    जीतेंद्र कुमार    23451    13272    7/27

64    राजगीर (173)    कौशल किशोर    18557    9428    5/28

65    इस्लामपुर (174)    रुहैल रंजन    14496    4947    4/28

66    नालंदा (176)    श्रावण कुमार    21605    7982    5/28

67    हरनौत (177)    हरि नारायण सिंह    31800    11659    9/29

68    मोकामा (178)    अनंत कुमार सिंह    32552    9665    9/25

69    फुलवारी (188)    श्याम रजक    22143    1539    6/33

70    मसौढ़ी (189)    अरुण मांझी    32393    6456    9/32

71    राजपुर (202)    संतोष कुमार निराला    8934    921    3/31

72    चैनपुर (206)    मो. जमा खान    4240    199    2/32

73    नोखा (211)    नागेंद्र चंद्रवंशी    19252    6672    5/26

74    करकट (213)    महाबली सिंह    12613    550    5/30

75    कुर्था (215)    पप्पू कुमार वर्मा    8679    995    3/24

76    बेलागंज (232)    मनोरमा देवी    31901    1575    8/23

77    नवादा (237)    विभा देवी    7780    2615    3/33

78    झाझा (242)    दामोदर रावत    24509    5695    6/30


...

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 65% से ज्यादा मतदान, चुनाव आयोग ने जारी किया अंतिम आंकड़ा

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण का मतदान शांतिपूर्ण और उत्साहजनक माहौल में संपन्न हुआ। चुनाव आयोग द्वारा जारी अंतिम आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 65.08% मतदान दर्ज किया गया। यह वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव (57.29%) और 2024 के लोकसभा चुनाव (56.28%) की तुलना में क्रमशः 7.79% और 8.8% की वृद्धि दर्शाता है।

चुनाव आयोग ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि पहले चरण के अंतर्गत आने वाले सभी विधानसभा क्षेत्रों में स्क्रूटिनी की प्रक्रिया प्रेक्षकों की उपस्थिति में सफलतापूर्वक पूरी हो गई है। किसी भी क्षेत्र में पुनर्मतदान (री-पोल) की आवश्यकता नहीं पाई गई। सभी EVM, कंट्रोल यूनिट और VVPAT मशीनों को त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था में सील कर स्ट्रॉन्ग रूम में सुरक्षित रखा गया है। इन स्ट्रॉन्ग रूम्स की 24×7 CCTV निगरानी सुनिश्चित की गई है।

मॉक पोल के दौरान खराब पाई गई या अतिरिक्त बची हुई मशीनों को भी आयोग के निर्देशानुसार अलग स्ट्रॉन्ग रूम में सुरक्षित किया गया है। सभी प्रत्याशियों को सूचित किया गया है कि वे अपने प्रतिनिधियों को EVM स्ट्रॉन्ग रूम की निगरानी के लिए नियुक्त कर सकते हैं। इसके साथ ही CCTV डिस्प्ले की लाइव फीड भी उम्मीदवारों और उनके प्रतिनिधियों के लिए उपलब्ध कराई गई है।

चुनाव आयोग ने बताया कि मतगणना 14 नवंबर 2025 को होगी। मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सभी केंद्रों पर वेबकास्टिंग की प्रभावी व्यवस्था की गई थी।

आयोग के अनुसार, इस चरण में महिलाओं, युवाओं, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग मतदाताओं की भागीदारी विशेष रूप से उल्लेखनीय रही। दिव्यांग मतदाताओं के लिए रैंप, व्हीलचेयर और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं। सभी मतदान केंद्रों पर EVM-VVPAT मशीनें सुचारु रूप से कार्यरत रहीं और किसी भी केंद्र पर तकनीकी समस्या की सूचना नहीं मिली।


...

असम में SIR प्रक्रिया नागरिकता जांच के बिना शुरू होगी

देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मंगलवार से मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) शुरू हो गया है। इन राज्यों में तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल शामिल हैं, जहां 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं। असम में भी अगले साल चुनाव हैं, लेकिन वहां SIR की तारीख फिलहाल तय नहीं की गई है।

सूत्रों के अनुसार, असम में मतदाता सूची की गहन समीक्षा तो होगी, लेकिन वोटर्स की नागरिकता की जांच नहीं की जाएगी। नागरिकता को लेकर जारी विवाद को देखते हुए चुनाव आयोग राज्य के लिए नया मॉडल तैयार कर रहा है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि असम में NRC प्रक्रिया अधूरी है, इसलिए वहां नागरिकता से संबंधित प्रावधान अलग होंगे।

असम में नागरिकता की उलझन बरकरार

असम में 1971 से 1987 के बीच जन्मे लोगों की नागरिकता को लेकर भ्रम कायम है। 1985 के असम समझौते में यह तय हुआ था कि 1971 की जंग के दौरान आए बांग्लादेशी नागरिक भारत लौटेंगे, लेकिन इसके क्रियान्वयन में देरी से स्थिति और जटिल हो गई।

1997 में तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त एम.एस. गिल ने संदिग्ध नागरिकता वाले मतदाताओं को ‘D-वोटर’ (डाउटफुल) श्रेणी में रखने का निर्देश दिया था। इनके नाम मतदाता सूची में तो रहेंगे, लेकिन नागरिकता की पुष्टि होने तक ये मतदान नहीं कर सकेंगे।

बाद में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 2005 में NRC प्रक्रिया शुरू हुई, जो 2019 में समाप्त हुई। इसमें करीब 19 लाख लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाने की सिफारिश की गई थी, लेकिन राजनीतिक विवादों के चलते प्रक्रिया अधूरी रह गई। अब चुनाव आयोग की मंशा है कि नागरिकता विवाद के समाधान तक SIR के दौरान इस विषय को शामिल न किया जाए।

BLO घर-घर जाकर करेंगे मतदाताओं की पुष्टि

SIR प्रक्रिया के तहत बूथ लेवल अधिकारी (BLO) घर-घर जाकर मतदाताओं की जानकारी अपडेट करेंगे। यह देखा जाएगा कि कौन मतदाता अपने क्षेत्र में रह रहा है, कौन बाहर चला गया है या अब जीवित नहीं है। 2004 में असम में 1.7 करोड़ मतदाता थे, जो अब बढ़कर 2.6 करोड़ हो चुके हैं।

DMK ने तमिलनाडु में SIR को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी

तमिलनाडु में सत्तारूढ़ DMK ने राज्य में चल रहे SIR को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया था।

12 राज्यों में 51 करोड़ मतदाता

SIR वाले 12 राज्यों में करीब 51 करोड़ मतदाता हैं। इस प्रक्रिया में 5.33 लाख BLO और 7 लाख से अधिक राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि (BLA) शामिल होंगे। मतदाता अपने नाम की पुष्टि, सुधार या नया नाम जुड़वाने के लिए फॉर्म भर सकेंगे।

मान्य दस्तावेज़

मतदाता पहचान के लिए पेंशनर कार्ड, पासपोर्ट, जन्म प्रमाणपत्र, 10वीं की मार्कशीट, स्थायी निवास प्रमाणपत्र, NRC में नाम, परिवार रजिस्टर, आधार कार्ड आदि दस्तावेज़ स्वीकार किए जाएंगे। हालांकि, चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि आधार केवल पहचान प्रमाण है, नागरिकता का नहीं।

SIR का मकसद

SIR का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी योग्य मतदाता सूची से न छूटे और कोई भी अयोग्य नाम शामिल न हो। इसमें मृतकों के नाम हटाना, दोहरी प्रविष्टियाँ सुधारना और नए पात्र मतदाताओं को जोड़ना शामिल है।

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि सभी राज्यों में अंतिम मतदाता सूची objections पर विचार के बाद ही प्रकाशित की जाएगी।


...

एमसीडी की 12 सीटों पर 30 नवंबर को उपचुनाव, 3 दिसंबर को आएंगे नतीजे

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की 12 वार्डों में होने वाले उपचुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। दिल्ली चुनाव आयोग ने मंगलवार को 12 नगर पार्षदों के रिक्त पदों को भरने के लिए उपचुनाव की अधिसूचना जारी की। आयोग के अनुसार, सभी 12 वार्डों पर 30 नवंबर को मतदान होगा, जबकि 3 दिसंबर को मतगणना की जाएगी और उसी दिन नतीजे घोषित किए जाएंगे।

चुनाव कार्यक्रम के तहत नामांकन प्रक्रिया 3 नवंबर से शुरू होगी। उम्मीदवार 10 नवंबर तक नामांकन दाखिल कर सकेंगे। नामांकन पत्रों की जांच 12 नवंबर को की जाएगी और नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 15 नवंबर निर्धारित की गई है। मतदान 30 नवंबर को सुबह 7:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक होगा।

जहां होंगे उपचुनाव:

मुंडका, शालीमार बाग-बी, अशोक विहार, चांदनी चौक, चांदनी महल, द्वारका-बी, दिचाऊं कलां, नारायणा, संगम विहार-ए, दक्षिण पुरी, ग्रेटर कैलाश और विनोद नगर — इन 12 वार्डों में उपचुनाव होंगे।

उल्लेखनीय है कि शालीमार बाग-बी वार्ड पहले भाजपा नेता रेखा गुप्ता के पास था, जो पार्षद रह चुकी हैं। वहीं, द्वारका-बी वार्ड भाजपा की कमलजीत सहरावत के पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से निर्वाचित होने के बाद खाली हुआ था। बाकी वार्ड बीजेपी और आप (AAP) के उन पार्षदों के खाली हुए हैं, जिन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर विधायक पद ग्रहण किया था।


...

SIR को लेकर आज चुनाव आयोग की अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस

चुनाव आयोग सोमवार शाम 4:15 बजे विशेष इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी देशभर में SIR की तारीखों की घोषणा करेंगे।

सूत्रों के मुताबिक, आयोग अगले हफ्ते से पूरे देश में SIR शुरू कर सकता है। इसकी शुरुआत 10 से 15 राज्यों में होगी। सबसे पहले उन राज्यों में यह प्रक्रिया शुरू होगी, जहां अगले एक साल में विधानसभा चुनाव होने हैं — जैसे असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल, जहां मई 2026 में चुनाव प्रस्तावित हैं।

कुछ राज्यों में फिलहाल नहीं होगी SIR प्रक्रिया

चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि जिन राज्यों में स्थानीय निकाय चुनाव होने वाले हैं, वहां अभी SIR नहीं होगी। इसका कारण यह है कि निचले स्तर पर कर्मचारी इन चुनावों में व्यस्त रहेंगे और SIR के लिए समय नहीं निकाल पाएंगे। ऐसे राज्यों में यह प्रक्रिया स्थानीय चुनावों के बाद शुरू की जाएगी।

राज्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ दो दौर की बैठक

SIR लागू करने की रूपरेखा को अंतिम रूप देने के लिए आयोग ने हाल ही में राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEOs) के साथ दो बैठकें की हैं। कई राज्यों ने अपनी पिछली SIR के बाद तैयार की गई वोटर लिस्ट अपनी वेबसाइट्स पर डाल दी है।

उदाहरण के लिए, दिल्ली की CEO वेबसाइट पर 2008 की वोटर लिस्ट उपलब्ध है, जब वहां अंतिम बार SIR हुई थी। उत्तराखंड में 2006 में SIR हुई थी, वहीं बिहार में हाल ही में वोटर वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी कर फाइनल डेटा 1 अक्टूबर को जारी किया गया।

अंतिम SIR बनेगी कट-ऑफ डेट

राज्यों में होने वाली यह SIR कट-ऑफ डेट के रूप में काम करेगी, जैसे बिहार की 2003 की वोटर लिस्ट को पहले किया गया था। अधिकांश राज्यों में अंतिम बार SIR 2002 से 2004 के बीच हुई थी। दिल्ली और उत्तराखंड में यह क्रमशः 2008 और 2006 में हुई थी।

अधिकांश राज्यों ने अपने मौजूदा मतदाताओं का मिलान पिछली SIR के आंकड़ों से लगभग पूरा कर लिया है। आयोग के अनुसार, इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची को अपडेट करना और यह सुनिश्चित करना है कि सूची में केवल वैध भारतीय नागरिकों के नाम हों।

SIR का मुख्य लक्ष्य: विदेशी अवैध मतदाताओं की पहचान

SIR का प्राथमिक उद्देश्य विदेशी अवैध प्रवासियों की पहचान करना है, खासकर बांग्लादेश और म्यांमार से आए लोगों की। यह प्रक्रिया मतदाता सूची से फर्जी या दोहरे नाम हटाने में भी मदद करेगी।

चुनाव आयोग का फोकस फिलहाल केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, असम और पुडुचेरी जैसे राज्यों पर है, जहां अगले डेढ़ साल में चुनाव होने हैं।

दो दशक बाद हो रही इतनी बड़ी समीक्षा

ऐसी व्यापक समीक्षा करीब 20 साल बाद की जा रही है। आयोग के अनुसार, शहरीकरण और जनसंख्या में प्रवासन (migration) बढ़ने से मतदाता सूची के पुनरीक्षण की जरूरत महसूस की गई।

आंकड़ों के अनुसार,

आंध्र प्रदेश में 2003-04 में 5.5 करोड़ मतदाता थे, अब यह संख्या 6.6 करोड़ हो चुकी है।

उत्तर प्रदेश में 2003 में 11.5 करोड़ मतदाता थे, जो अब 15.9 करोड़ हैं।

दिल्ली में 2008 में 1.1 करोड़ मतदाता थे, जो अब 1.5 करोड़ तक पहुंच चुके हैं।

बीएलओ घर-घर पहुंचाएंगे प्री-फिल्ड फॉर्म

बैठक में यह तय हुआ कि बीएलओ (Booth Level Officers) हर मतदाता के घर जाकर प्री-फिल्ड फॉर्म पहुंचाएंगे। इस प्रक्रिया में 31 दिसंबर 2025 तक 18 वर्ष पूरे करने वाले नागरिकों को भी शामिल माना जाएगा।

देशभर में फिलहाल 99 करोड़ 10 लाख मतदाता हैं। इनमें से बिहार के 8 करोड़ मतदाताओं की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। 2002–2004 के SIR में कुल 70 करोड़ मतदाता दर्ज हुए थे। इस बार अनुमान है कि लगभग 21 करोड़ मतदाताओं को अपने दस्तावेज अपडेट कराने होंगे।

बिहार में SIR को लेकर विवाद

बिहार में चुनाव से पहले हुई SIR प्रक्रिया को लेकर राजनीतिक विवाद हुआ था। विपक्षी दलों ने सरकार पर वोट चोरी का आरोप लगाया था। यह मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, हालांकि अदालत ने अब तक चुनाव आयोग की प्रक्रिया को सही बताया है।

आयोग ने बिहार की अंतिम वोटर लिस्ट सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत की है। वहीं, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए थे।

राहुल गांधी के आरोप और विवाद

18 सितंबर को राहुल गांधी ने एक 31 मिनट का प्रेजेंटेशन दिया था, जिसमें उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर “लोकतंत्र को कमजोर करने और वोट चोरी करने वालों को बचाने” का आरोप लगाया।

उन्होंने कर्नाटक की आलंद विधानसभा सीट का उदाहरण देते हुए दावा किया कि कांग्रेस समर्थकों के वोट योजनाबद्ध तरीके से हटाए गए। राहुल ने आरोप लगाया कि जिन मतदाताओं के नाम डिलीट किए गए, उनके लिए दूसरे राज्यों से ऑपरेट हो रहे मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया गया।

राहुल ने प्रेजेंटेशन में उन मोबाइल नंबरों और मतदाताओं के नाम भी दिखाए, जिनके नाम मतदाता सूची से हटाए गए थे — जिनमें गोदावाई के 12 पड़ोसियों के नाम भी शामिल थे।


...

नवंबर से देश भर में शुरू होगा SIR, राज्य चुनावों से पहले पूरी होगी प्रक्रिया, SC ने दिया था निर्देश

भारत निर्वाचन आयोग ने देशभर में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) यानी मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण की तैयारी पूरी कर ली है। आयोग के अनुसार यह प्रक्रिया नवंबर 2025 से मार्च 2026 तक चलेगी। इसका उद्देश्य आगामी विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूचियों को पूरी तरह सटीक और अद्यतन बनाना है। इस बार का पुनरीक्षण सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों और सभी विधिक मानकों का पालन करते हुए किया जाएगा। आयोग का कहना है कि प्रक्रिया का लक्ष्य केवल नए मतदाताओं को जोड़ना नहीं है, बल्कि डुप्लीकेट नामों को हटाना, मृत व्यक्तियों के नाम डिलीट करना और हर पंजीकृत मतदाता की नागरिकता की पुष्टि करना भी शामिल है।

20 साल बाद सबसे बड़ा मतदाता पुनरीक्षण अभियान

निर्वाचन आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि करीब दो दशकों बाद इस पैमाने पर मतदाता सूची का पुनरीक्षण किया जा रहा है। पिछले विशेष पुनरीक्षण (2002–2004) के दौरान देश में लगभग 70 करोड़ मतदाता दर्ज थे, जबकि अब यह संख्या बढ़कर लगभग 99.10 करोड़ हो गई है। इस बार लगभग 21 करोड़ मतदाताओं को अपने दस्तावेजों का सत्यापन कराना होगा।

किन राज्यों पर रहेगा विशेष ध्यान

2026 में केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, असम और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसलिए आयोग ने इन राज्यों को प्राथमिकता दी है। राज्य निर्वाचन अधिकारियों को मार्च 2026 तक प्रक्रिया पूरी करने और अंतिम सूची प्रकाशित करने के निर्देश दिए गए हैं।

आधार कार्ड को मिला वैकल्पिक दर्जा

इस बार की प्रक्रिया में आधार कार्ड को 12वें दस्तावेज़ के रूप में शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य मतदाता की पहचान और पते की पुष्टि को आसान बनाना है। हालांकि आयोग ने स्पष्ट किया है कि आधार अनिवार्य नहीं, बल्कि एक वैकल्पिक सत्यापन दस्तावेज़ रहेगा।

मतदाता सूची सुधार की नई व्यवस्था

निर्वाचन आयोग ने प्रत्येक ब्लॉक लेवल ऑफिसर (BLO) को मतदाताओं के घर-घर जाकर प्री-फिल्ड फॉर्म देने के निर्देश दिए हैं।

इस दौरान—

हर मतदाता के नाम, पते और आयु की पुष्टि की जाएगी।

31 दिसंबर 2025 तक 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के सभी नागरिकों को सूची में शामिल करने का लक्ष्य है।

शहरी क्षेत्रों में मोबाइल ऐप और ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा दी जाएगी।

राज्यों में मतदाता संख्या में वृद्धि

ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में मतदाताओं की संख्या 11.5 करोड़ से बढ़कर 15.9 करोड़, आंध्र प्रदेश में 5.5 करोड़ से 6.6 करोड़, और दिल्ली में 1.1 करोड़ से 1.5 करोड़ हो गई है। अब तक लगभग 8 करोड़ मतदाताओं का पुनरीक्षण पूरा हो चुका है।

सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में प्रक्रिया

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया था कि मतदाता सूची की शुद्धता और नागरिकता सत्यापन में कोई लापरवाही न हो। इसी के तहत इस बार डेटा क्रॉस-वेरिफिकेशन, बायोमेट्रिक मिलान और स्थानीय जांच के ज़रिए मतदाता सूचियों की दोबारा पुष्टि की जाएगी।


...

DU की पहली सूची जारी, बिहार चुनाव के लिए 57 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान

जेडीयू ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अपनी पहली उम्मीदवार सूची जारी कर दी है। बुधवार को पार्टी ने 57 नामों का ऐलान करते हुए चुनावी रणभेरी बजा दी। इस लिस्ट में कई पुराने चेहरों के साथ कुछ नए उम्मीदवारों को भी मौका दिया गया है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक, उम्मीदवारों का चयन जीत की संभावनाओं और क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखकर किया गया है।

लिस्ट में मधेपुरा से कविता साहा, बहादुरपुर से मदन सहनी, समस्तीपुर से अश्वमेघ देवी, नालंदा से श्रवण कुमार और मोकामा से अनंत सिंह जैसे चर्चित नाम शामिल हैं। वहीं, जीरादेई से भीषम कुशवाहा और फलवारी से श्याम रजक को टिकट दिया गया है।

जेडीयू अध्यक्ष ने कहा कि यह सिर्फ पहली सूची है, बाकी सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा चल रही है और दूसरी लिस्ट जल्द जारी की जाएगी। उन्होंने भरोसा जताया कि इस बार जनता फिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में जेडीयू को भारी बहुमत से जिताएगी।




...