दिल्ली में AQI 400 पार, सांस लेना हुआ मुश्किल — बढ़े अस्थमा और एलर्जी के मरीज

दिल्ली-NCR में बढ़ रहा प्रदूषण

दीवाली के बाद से दिल्ली-NCR की हवा में प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। शनिवार को पूर्वी दिल्ली के आनंद विहार में AQI लेवल 412 दर्ज किया गया, जिससे हवा की गुणवत्ता गंभीर कैटेगरी में पहुंच गई है। कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता खराब होने के कारण जनपथ रोड पर पार्टिकुलेट मैटर कम करने के लिए सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है।

स्वास्थ्य प्रभाव

सिर्फ दो दिनों के भीतर सांस लेने में कठिनाई, अस्थमा के दौरे और एलर्जिक ब्रोंकाइटिस के रोगियों में लगभग 30% की बढ़ोतरी देखी गई है। डॉक्टरों ने लोगों को मास्क पहनने और घर के अंदर रहने की सलाह दी है।

बंगाल की खाड़ी में दबाव क्षेत्र और तूफान की संभावना

मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है, जो 27 अक्टूबर तक तूफान में बदल सकता है। संभावित तूफान का नाम “मोन्था” रखा जा सकता है, जिसका अर्थ है सुगंधित या सुंदर फूल। इसमें हवाओं की गति 110 किमी/घंटा तक पहुंच सकती है। इससे आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, तमिलनाडु, ओडिशा और तेलंगाना में भारी बारिश होने की संभावना है।

हिमाचल, यूपी और मध्य प्रदेश में ठंड बढ़ी

हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले के ताबो में न्यूनतम तापमान माइनस 2°C तक गिर गया। मैदानी राज्यों में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में तापमान में गिरावट जारी है। शनिवार सुबह वाराणसी में गंगा घाटों पर धुंध की मोटी परत देखी गई।

तमिलनाडु और दक्षिण भारत में मौसम अलर्ट

बंगाल की खाड़ी के दबाव क्षेत्र के कारण तमिलनाडु, दक्षिण आंध्र प्रदेश, मन्नार की खाड़ी और कोमोरिन में 35-45 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। तमिलनाडु के कुड्डालोर, विल्लुपुरम, चेंगलपट्टू और पुडुचेरी में भारी बारिश का अलर्ट है। मछुआरों को 25 से 27 अक्टूबर के बीच समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।

केरल में भारी बारिश जारी

केरल के पलक्कड़, इडुक्की और त्रिशूर जिलों में भारी बारिश के कारण बांधों का जलस्तर बढ़ गया है। तिरुवनंतपुरम के ग्रामीण इलाकों में भूस्खलन से घरों को नुकसान पहुंचा। पलक्कड़ के वालयार, मालमपुझा, मूलथारा और चुलियार बांधों में जलस्तर अधिकतम क्षमता के करीब पहुंचने के कारण अधिकारियों ने कई शटर खोलने पड़े।


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मध्यप्रदेश में हर जिले में दवाओं की जांच की तैयारी

जहरीले सिरप से 26 बच्चों की मौत के बाद सरकार सख्त, 211 करोड़ का प्रस्ताव तैयार

मध्यप्रदेश में जहरीले सिरप से 26 बच्चों की मौत के बाद अब राज्य सरकार दवाओं में होने वाली मिलावट की जांच माइक्रो लेवल पर कराने की तैयारी में है। इसके लिए दवाओं की जांच के पूरे सिस्टम को अपग्रेड करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।

दावा है कि जिलों में मोबाइल लैब की मदद से जांच की जाएगी। इस बदलाव पर करीब 211 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। यह प्रस्ताव राज्य औषधि सुरक्षा और नियामक सुदृढ़ीकरण योजना (SSDRS 2.0) के तहत केंद्र सरकार को भेजा गया है।

अब हर जिले में ड्रग इंस्पेक्टर का स्वतंत्र कार्यालय

अब तक दवाओं की जांच सिर्फ भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर तक सीमित थी। अब हर जिले में ड्रग इंस्पेक्टर का स्वतंत्र कार्यालय बनाया जाएगा, जिस पर 110 करोड़ रुपए का प्रावधान है।

अभी छोटे जिलों में ड्रग इंस्पेक्टर्स अस्थायी रूप से अन्य कार्यालयों में बैठते हैं, लेकिन नए ऑफिस में आधुनिक आईटी सिस्टम, सर्वर, कंप्यूटर और प्रशिक्षण हॉल जैसे सभी जरूरी इंतजाम होंगे। दवा निरीक्षण, लाइसेंसिंग और रिपोर्टिंग प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन किया जाएगा, जिससे सैंपलिंग, मॉनिटरिंग और जांच की रफ्तार बढ़ेगी। इसके साथ ही नए ड्रग इंस्पेक्टर्स के पदों पर भर्ती भी की जाएगी।

लैब अपग्रेडेशन और नई तकनीक पर जोर

राज्य की चारों स्टेट ड्रग लैब्स — भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर — को 50 करोड़ रुपए की लागत से अपग्रेड किया जाएगा। इन लैब्स में अब माइक्रोबायोलॉजी और स्टेरिलिटी टेस्टिंग यूनिट्स स्थापित होंगी, जो यह जांचेंगी कि किसी दवा में फंगस, बैक्टीरिया या किसी अन्य रासायनिक मिलावट की मौजूदगी तो नहीं है।

लैब्स को NABL मान्यता दिलाने की प्रक्रिया भी इस प्रस्ताव में शामिल है। साथ ही एक नई माइक्रोबायोलॉजी लैब भी बनाई जाएगी, जहां अब तक संभव न रही जांचें भी की जा सकेंगी।

मोबाइल लैब और हैंडहेल्ड डिवाइस से होगी मौके पर जांच

राज्य सरकार 4 करोड़ रुपए की लागत से हैंडहेल्ड डिवाइस खरीदेगी, जिनसे मौके पर ही दवा की जांच की जा सकेगी। इसके अलावा मोबाइल लैब्स भी तैयार की जाएंगी ताकि जिलों में तुरंत सैंपल टेस्टिंग की जा सके।

36 करोड़ रुपए ड्रग इंस्पेक्टर, लैब असिस्टेंट, केमिस्ट और डेटा एंट्री ऑपरेटर की भर्ती और वेतन के लिए।

2 करोड़ रुपए से प्रशिक्षण केंद्र बनाया जाएगा, जहां अफसरों को आधुनिक जांच तकनीकों की ट्रेनिंग दी जाएगी।

जहरीले सिरप से 26 बच्चों की मौत के बाद कार्रवाई तेज

प्रदेश में जहरीला कफ सिरप पीने से अब तक 26 बच्चों की मौत हो चुकी है। शुरुआती जांच में मौत की वजह किडनी फेल होना बताई गई थी, लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार सिरप में मौजूद डायएथिलीन ग्लाइकॉल केमिकल ने बच्चों के अन्य अंगों — जैसे लिवर, फेफड़े और ब्रेन — को भी नुकसान पहुंचाया था।

इस हादसे के बाद सरकार ने राज्यभर में दवाओं की गुणवत्ता जांचने की दिशा में बड़ी कार्रवाई शुरू की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।


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दीवाली के बाद दम घोंटने लगी दिल्ली की हवा, दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बना राजधानी

 दीवाली पर पटाखों के इस्तेमाल के बाद दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बन गया। इस बात की जानकारी स्विस ग्रुप आईक्यूएयर ने दी। इसके मुताबिक, मंगलवार को दिल्ली में एयर क्वालिटी खतरनाक स्तर पर पहुंच गई और इसकी रीडिंग दुनिया में सबसे ज्यादा थी।

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों पटाखों पर बैन में ढील दी थी और सिर्फ ग्रीन पटाखों फोड़ने के इस्तेमाल की इजाजत दी थी। हालांकि कई मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट की तय समय सीमा के बाद भी पटाखे फोड़े गए।

कितनी रही दिल्ली की एयर क्वालिटी?

नई दिल्ली के लिए IQAir की रीडिंग 442 थी, जिससे भारतीय राजधानी दुनिया का सबसे प्रदूषित बड़ा शहर बन गई। इसका PM 2.5 कंसंट्रेशन वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की बताई गई सालाना गाइडलाइन से 59 गुना ज्यादा था। पीएम 2.5 हवा में घुलने वाला छोटा पदार्थ होता है, जिसका व्यास 2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम होता है और ये फेफड़ों में जा सकता है। इसका स्तर बढ़ने पर धुंध बढ़ती है और दिल की समस्याओं का खतरा होता है।

आने वाले दिनों में भी दिल्ली को नहीं मिलेगी राहत

इसके अलावा भारत के केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने भी शहर की एयर क्वालिटी को "बहुत खराब" बताया है, एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 350 रहा। CPCB 0-50 के AQI को अच्छा मानता है। आने वाले दिनों में दिल्ली को राहत मिलने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि अर्थ साइंसेज मिनिस्ट्री का अनुमान है कि एयर क्वालिटी "बहुत खराब से खराब" कैटेगरी में रहेगी और AQI लेवल 201 से 400 के बीच रहेगा।


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दिल्ली में 'जहरीली' हवा से घुटा दम, दीवाली के बाद रेड जोन में पहुंचे NCR के 10 इलाके

दीवाली की रात के बाद मंगलवार की सुबह दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए दमघोंटू साबित हुई। प्रदूषण का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया है, जिससे राजधानी के कई इलाके रेड जोन में पहुंच गए हैं।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस बार दिवाली पर केवल ग्रीन पटाखों की बिक्री और जलाने की अनुमति दी थी, लेकिन इसके बावजूद सोमवार को देशभर में अवैध पटाखों की जमकर आतिशबाज़ी हुई। इसका असर दिल्ली-NCR की हवा पर सीधा पड़ा, जो अब बेहद जहरीली हो चुकी है।

इसी बीच, वायु गुणवत्ता में गिरावट को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने रविवार को ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के दूसरे चरण को लागू करने का फैसला लिया। यह कदम शनिवार को उप-समिति द्वारा की गई समीक्षा और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) तथा भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) के पूर्वानुमानों के बाद उठाया गया।


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भारत में 3 कफ सिरप पर WHO की चेतावनी, बच्चों की मौत के मामलों के बाद जांच के आदेश

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सोमवार को भारत में बनी तीन कफ सिरप को लेकर गंभीर चेतावनी जारी की है। इनमें श्रीसन फार्मास्यूटिकल की कोल्ड्रिफ, रेडनेक्स फार्मास्यूटिकल्स की रेस्पिफ्रेश टीआर और शेप फार्मा की रीलाइफ सिरप की खेप शामिल हैं।

WHO ने कहा कि ये तीनों सिरप स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं और इनका सेवन जानलेवा बीमारियों का कारण बन सकता है। संगठन ने दुनियाभर के देशों से अपील की है कि अगर उनके यहां ये सिरप मिल रहे हैं, तो तुरंत WHO को इसकी जानकारी दें।

कोल्ड्रिफ वही सिरप है, जिससे मध्य प्रदेश में सितंबर से अब तक 5 साल से कम उम्र के 25 बच्चों की मौत हो चुकी है। जांच में पाया गया कि इसमें डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) की मात्रा तय सीमा से करीब 500 गुना ज्यादा थी। यह केमिकल किडनी फेलियर का प्रमुख कारण बनता है।

WHO ने 9 अक्टूबर को भारत सरकार से पूछा था कि क्या कोल्ड्रिफ सिरप विदेशों में भी निर्यात किया गया था। इस पर भारत की सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने कहा कि फिलहाल अवैध निर्यात या विदेशी आपूर्ति का कोई सबूत नहीं मिला है।

श्रीसन फार्मा का लाइसेंस रद्द, कंपनी हुई बंद

तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित श्रीसन फार्मास्यूटिकल कंपनी को सोमवार को तमिलनाडु ड्रग्स कंट्रोल विभाग ने स्थायी रूप से बंद कर दिया और उसका लाइसेंस रद्द कर दिया। कंपनी के मालिक रंगनाथन गोविंदन (75) को 9 अक्टूबर को चेन्नई से गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 20 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।

जांच में 48% जहरीला केमिकल मिला

मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत के बाद जांच में सामने आया कि कोल्ड्रिफ सिरप (बैच नंबर SR-13) में 48.6% w/v डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) मिला हुआ था। यह सिरप “Not of Standard Quality” पाया गया। इसमें एथिलीन ग्लाइकॉल और नॉन-फार्माकॉपिया ग्रेड प्रोपीलीन ग्लाइकॉल का इस्तेमाल किया गया था — जो दोनों ही केमिकल किडनी को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाते हैं।

छोटे शेड में बन रही थी जहरीली दवा

जांच में खुलासा हुआ कि श्रीसन फार्मा महज 2000 वर्ग फीट के लोहे के शेड में सिरप बना रही थी। कंपनी को 2011 में तमिलनाडु फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (TNFDA) से लाइसेंस मिला था।

सरकारी जांच में पाया गया कि यूनिट ने कई राष्ट्रीय दवा सुरक्षा मानकों का उल्लंघन किया था, बावजूद इसके कंपनी एक दशक से अधिक समय तक बिना किसी रोक-टोक के उत्पादन करती रही।

स्वास्थ्य मंत्रालय की चेतावनी – छोटे बच्चों को कफ सिरप न दें

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 3 अक्टूबर को एक देशव्यापी हेल्थ एडवाइजरी जारी करते हुए अपील की कि 2 साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी तरह का कफ सिरप न दिया जाए।

मंत्रालय ने कहा कि 5 साल तक के बच्चों में कफ सिरप से साइड इफेक्ट्स का खतरा अधिक होता है, इसलिए बड़े बच्चों को भी ये दवाएं सिर्फ चिकित्सक की सलाह से ही दी जानी चाहिए।

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MP-राजस्थान के बाद अब पंजाब में भी बैन हुआ Coldrief कफ सिरप

मध्य प्रदेश में जहरीले कफ सिरप से 16 बच्चों की दर्दनाक मौत के बाद अब पंजाब सरकार ने भी **Coldrief कफ सिरप** की बिक्री, वितरण और उपयोग पर तत्काल प्रभाव से **पूर्ण प्रतिबंध** लगा दिया है। यह कदम सिरप की **लैब रिपोर्ट में ‘नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी’** घोषित किए जाने के बाद उठाया गया। जांच में पाया गया कि सिरप में **डाइएथिलीन ग्लाइकॉल** नामक जहरीला केमिकल **46.28% w/v** मात्रा में मौजूद है, जो **ब्रेक फ्लूइड और गोंद** में उपयोग होता है और लीवर, किडनी तथा नर्वस सिस्टम** को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। यह वही रसायन है, जिसने पहले भी कई देशों में सामूहिक विषाक्तता की घटनाओं को जन्म दिया था।

पंजाब फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (FDA)** ने सभी दवा विक्रेताओं, थोक व्यापारियों और मेडिकल स्टोर्स को आदेश जारी करते हुए मौजूदा स्टॉक को तुरंत **सील** करने और रिपोर्ट एफडीए को सौंपने के निर्देश दिए हैं। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर **Drugs and Cosmetics Act** के तहत सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

यह सिरप **बैच नंबर SR-13 (Mfg. मई 2025, Exp. अप्रैल 2027)** का है, जिसे **स्रेसन फार्मास्यूटिकल मैन्युफैक्चरर प्राइवेट लिमिटेड**, सुंगुवरचत्रम (जिला कांचीपुरम, तमिलनाडु) द्वारा बनाया गया है। इसमें सामान्य रूप से **पैरासिटामॉल, फेनिलेफ्रिन हाइड्रोक्लोराइड** और **क्लोरफेनिरामाइन मेलिएट** जैसे तत्व होने चाहिए थे, लेकिन **मध्य प्रदेश ड्रग टेस्टिंग लैब** की **4 अक्टूबर** की रिपोर्ट ने इसे **मिलावटी और असुरक्षित** बताया।

छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)** में अगस्त से शुरू हुई इस त्रासदी में अब तक **16 बच्चों की किडनी फेलियर से मौत** हो चुकी है, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से बीमार हैं। इसके बाद **राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, केरल और तमिलनाडु** सहित कई राज्यों ने भी इस सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया है।

इसी बीच, **केंद्र सरकार** ने सभी राज्यों को सतर्क करते हुए दो साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी तरह का **कफ सिरप न देने** की सलाह दी है। वहीं, **सीडीएससीओ** ने स्रेसन फार्मा के खिलाफ


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रामपुर में बर्ड फ्लू के बाद प्रशासन अलर्ट, मुर्गी फॉर्म के आसपास का एक KM का एरिया सील

बिलासपुर तहसील क्षेत्र के एक फार्म की मुर्गियों के मरने की जांच में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है। प्रशासन ने डीएम के निर्देश पर पोल्ट्री फॉर्मों को सील कर दिया है। वहीं इससे निबटने की कवायद तेज कर दी है। इसके अलावा ग्रामीणों से पोल्ट्री फार्मों के आसपास न जाने की सख्त हिदायत देते हुए गाइडलाइन जारी कर दी है।

मुर्गियों को मारकर उन्हें दबाने की हो रही कार्रवाई

क्षेत्र में बड़ी संख्या में पोल्ट्री फार्म मौजूद हैं। जिनमें बड़ी तादाद में मुर्गी पालन किया जाता है। इसी बीच सप्ताह भर पूर्व तहसील के गांव सिहोर और सिहोरा के निकट एक फॉर्म में मुर्गियों के मरने का क्रम शुरू हो गया। रोजाना बड़ी संख्या में मुर्गियां मरतीं और फॉर्म संचालक उन्हें जंगल में खुले में फेंक दिया करते थे।

मरी हुईं मुर्गियों की दुर्गंध से परेशान ग्रामीण एकत्रित होकर तहसील पहुंचे थे। अधिकारियों को अवगत करवाया। पहले अधिकारी इसे मामूली समझकर टालमटोल करने लगे। मगर जब ग्रामीणों ने इस समस्या को तथ्यों के साथ रखा तो अधिकारी गांव पहुंच गए।

बरेली में स्पष्ट न होने के बाद भोपाल भेजी गई थी नमूनों की जांच

एसडीएम अरुण कुमार और पशु चिकित्सा अधिकारी डा. वेदपाल सिंह ने जेसीबी से गड्ढा खुदवाया था और मरी हुई मुर्गियां को उसमें दबवा दिया था। साथ ही नमूने लेकर जांच को बरेली भेजे गए थे। बरेली में जांच में स्पष्ट न होने के कारण भोपाल भेजा गया था।

देर रात भोपाल से आई रिपोर्ट में मुर्गियों के मरने का कारण बर्ड फ्लू पाया गया। बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया। अधिकारी देर रात गांव पहुंच गए और पोल्ट्री को सील कर दिया। साथ ही पोल्ट्री फार्म में मौजूद मुर्गियों को मारकर उन्हें दबाने का क्रम जारी कर दिया।

एक किलोमीटर का एरिया सील

पोल्ट्री फॉर्मों में हजारों की संख्या में मौजूद मुर्गियों को मारकर दबाने का सिलसिला रविवार की देर रात से शुरू होकर सोमवार को भी जारी रहा। इसके अलावा पोल्ट्री फार्म के आसपास एक किलोमीटर के दायरे को सुरक्षा की दृष्टि से बंद कर दिया गया। इसको लेकर पोल्ट्री फार्म संचालक, कर्मचारियों और ग्रामीणों को निर्देशित किया गया। जबकि एडवाइजरी जारी कर इसका सख्ती से पालन कराय जा रहा है।

सोमवार को एसडीएम ने स्वास्थ्य और पशु विभाग के साथ एक बैठक करते हुए इससे निपटने की योजना तैयार की। उधर, प्रशासन ने एडवाइजरी जारी कर ग्रामीणों से सतर्कता बरतने को कहा है।


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फिजिकल हेल्थ- कैसे जानें शरीर स्वस्थ है या नहीं

कम उम्र में अचानक मौत के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अक्सर वीडियो वायरल होते हैं कि कोई क्रिकेट खेल रहा है, डांस कर रहा है और गिरकर अचानक मौत हो गई। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि इनमें से ज्यादातर लोग बेहद फिट थे। वे एकदम चुस्त-दुरुस्त दिखते थे। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ये कैसे पता लगेगा कि कोई कितना स्वस्थ है। फिटनेस का पैमाना क्या होना चाहिए।

सेहतमंद रहने के लिए हमें अपने शरीर के कुछ जरूरी संकेतों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। हम अक्सर सोचते हैं कि अगर वजन ठीक है, तो सबकुछ ठीक है। हालांकि, पूरी सेहत का अंदाजा ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर कोलेस्ट्रॉल और दिल की धड़कन जैसे कई मार्कर्स से लगाया जाता है।

समय-समय पर इन मार्कर्स की जांच करवाते रहें, तो न सिर्फ बीमारी से बच सकते हैं, बल्कि लंबे समय तक फिट और खुश भी रह सकते हैं। इसे ऐसे समझिए कि अगर आप चाहते हैं कि आपकी गाड़ी स्मूदली चलती रहे तो इसकी सर्विस करवाना जरूरी होता है। इसी तरह अपने शरीर की देखभाल भी जरूरी है।

इसलिए ‘फिजिकल हेल्थ’ में आज 11 जरूरी हेल्थ मार्कर्स की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-

स्वस्थ्य व्यक्ति का बीपी और शुगर लेवल कितना होता है?

एक मिनट में कितने बार दिल धड़कना चाहिए?

अगर हमारे शरीर के नंबर इनसे मैच नहीं कर रहे तो क्या करें?

1. ब्लड प्रेशर

आइडियल ब्लड प्रेशर 120/80 mm Hg से कम होना चाहिए।

हाई ब्लड प्रेशर हार्ट डिजीज और स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकता है।

80 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए, 140/90 mm Hg तक सामान्य माना जा सकता है, क्योंकि उम्र के साथ धमनियां कठोर हो जाती हैं।

अगर लेवल सामान्य न हो तो?

अगर ब्लड प्रेशर हाई है तो भोजन में नमक कम करें, नियमित एक्सरसाइज करें, स्ट्रेस मैनेज करें और डॉक्टर की सलाह से दवाइयां लें।

लो ब्लड प्रेशर यानी 90/60 mm Hg से कम है तो पर्याप्त पानी पिएं, डॉक्टर की सलाह से नमक का सेवन बढ़ाएं और अगर चक्कर या कमजोरी हो तो डॉक्टर से कंसल्ट करें।

संतुलित डाइट लें, जिसमें फल, सब्जियां और साबुत अनाज शामिल हों।

रोजाना 30 मिनट एक्सरसाइज करें।

धूम्रपान और शराब से बचें।

नियमित रूप से ब्लड प्रेशर मॉनिटर करें।

2. ब्लड शुगर

स्वस्थ व्यक्ति का A1C लेवल यानी HbA1c 5.7% से कम होना चाहिए।

हाई लेवल प्री-डायबिटीज या डायबिटीज का संकेत हो सकता है।

अगर लेवल 5.7% से 6.4% है तो प्री-डायबिटीज और 6.5% या इससे अधिक होने पर डायबिटीज का संकेत है।

अगर लेवल सामान्य न हो तो?

हाई लेवल है तो चीनी और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट वाली डाइट बिल्कुल न लें, नियमित एक्सरसाइज करें और डॉक्टर की सलाह से दवाइयां लें।

लो लेवल है तो नियमित भोजन करें और अगर डायबिटीज की दवाइयां ले रहे हैं तो डॉक्टर से कंसल्ट करते रहें।

फाइबर से भरपूर चीजें खाएं- साबुत अनाज, फल और सब्जियां खाएं।

वजन नियंत्रित रखें।

3. हीमोग्लोबिन

पुरुषों के लिए इसका आइडियल लेवल 14.0-17.5 g/dL, महिलाओं के लिए 12.3-15.3 g/dL होता है।

इसका लो लेवल एनीमिया का संकेत हो सकता है।

अगर लेवल सामान्य न हो तो?

लो लेवल है तो आयरन, विटामिन B12 या फोलिक एसिड से भरपूर डाइट लें। डॉक्टर सप्लिमेंट्स या अन्य ट्रीटमेंट सुझा सकते हैं।

हाई लेवल है तो यह रेयर है, लेकिन धूम्रपान या बहुत ऊंचाई पर रहने से हो सकता है। डॉक्टर से कंसल्ट करें।

4. विटामिन D

स्वस्थ व्यक्ति में विटामिन D का आइडियल लेवल 20 ng/mL से अधिक होना चाहिए और आइडियली 30-50 ng/mL होना चाहिए।

इसकी कमी से हड्डियों में कमजोरी और इम्युनिटी संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

अगर लेवल सामान्य न हो तो?

लो लेवल है तो सन लाइट में समय बिताएं, मछली और अंडे जैसी चीजें खाएं और डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट्स लें।

हाई लेवल है तो अत्यधिक सप्लीमेंट्स से बचें और डॉक्टर से सलाह लें।

5. थायरॉइड-स्टिम्युलेटिंग हॉर्मोन (TSH)

इसका आइडियल लेवल 0.4-4.0 mIU/L होना चाहिए।

असामान्य लेवल थायरॉइड से जुड़ी समस्याओं का संकेत हो सकता है।

अगर लेवल सामान्य न हो तो?

हाई लेवल यानी हाइपोथायरॉइडिज्म है तो थायरॉइड हॉर्मोन दवाइयां लेने की जरूरत हो सकती है।

लो लेवल यानी हाइपरथायरॉइडिज्म है तो दवाइयां या अन्य ट्रीटमेंट की जरूरत हो सकती है।

6. कोलेस्ट्रॉल

स्वस्थ व्यक्ति का कुल कोलेस्ट्रॉल 200 mg/dL से कम होना चाहिए, LDL 100 mg/dL से कम होना चाहिए, HDL ≥60 mg/dL या इससे ज्यादा होना चाहिए, ट्राइग्लिसराइड्स <150 mg/dL से कम होना चाहिए।

हाई LDL हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ा सकता है।

अगर लेवल सामान्य न हो तो?

हाई LDL है तो सैचुरेटड फैट और ट्रांस फैट कम करें, फाइबर युक्त डाइट लें और एक्सरसाइज करें।

लो HDL है तो हेल्दी फैट, जैसे नट्स, मछली खाएं और नियमित एक्सरसाइज करें।

7. कमर की चौड़ाई

स्वस्थ व्यक्ति के कमर का आकार उसकी लंबाई के आधे से कम होना चाहिए।

कमर की ज्यादा चौड़ाई हार्ट डिजीज और डायबिटीज का खतरा बढ़ा सकती है।

अगर लेवल सामान्य न हो तो?

वजन कम करने के लिए संतुलित डाइट लें।

डॉक्टर या डाइटीशियन से सलाह लें।

रोजाना 30 मिनट एक्सरसाइज करें।

8. यूरिक एसिड

यह स्वस्थ पुरुषों के लिए 3.4-7.0 mg/dL, महिलाओं के लिए 2.4-6.0 mg/dL होना चाहिए।

इसका हाई लेवल गाउट और किडनी स्टोन का कारण बन सकता है।

अगर लेवल सामान्य न हो तो?

हाई लेवल है तो रेड मीट, शराब और हाई फ्रक्टोज वाली चीजें खाना कम करें।

लो लेवल रेयर है, लेकिन ऐसा हो तो डॉक्टर से सलाह लें।

पर्याप्त पानी पिएं।

नियमित ब्लड चेकअप करवाएं।

9. हार्ट रेट

आइडियल रेस्टिंग हार्ट रेट 60-100 बीट्स प्रति मिनट होनी चाहिए।

बहुत अधिक या कम हार्ट रेट स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकती है।

अगर लेवल सामान्य न हो तो?

हाई हार्ट रेट है तो तनाव या अन्य समस्याओं का संकेत हो सकता है।

लो हार्ट रेट है तो यह एथलीट्स में सामान्य हो सकता है, लेकिन अगर चक्कर आए तो डॉक्टर से सलाह लें।

नियमित एक्सरसाइज करें।

अपनी पल्स की जांच करते रहें।

10. कैल्शियम

इसका आइडियल लेवल 8.5-10.2 mg/dL होना चाहिए।

असामान्य लेवल हड्डियों और मांसपेशियों की समस्याओं का संकेत हो सकता है।

अगर लेवल सामान्य न हो तो?

हाई लेवल है तो अत्यधिक सप्लीमेंट्स से बचें और डॉक्टर से सलाह लें।

लो लेवल है तो डेयरी उत्पाद, हरी सब्जियां और सप्लीमेंट्स लें।

11. मेंस्ट्रुअल हेल्थ

आइडियल साइकल 28 दिन का होता है। यह 21-35 दिन का हो सकता है और ब्लीडिंग 3-7 दिन तक हो सकती है।

अनियमित साइकल हॉर्मोनल असंतुलन का संकेत हो सकता है।

अगर लेवल सामान्य न हो तो?

अनियमित साइकल या अत्यधिक दर्द होने पर डॉक्टर से सलाह लें।

हॉर्मोनल ट्रीटमेंट या लाइफस्टाइल में बदलाव की जरूरत हो सकती है।

हेल्दी डाइट लें और नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।


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युवाओं में Heart Attack के बढ़ रहे मामले, AIIMS के नए शोध से खुलेंगे राज़

कोविड-19 वैक्सीन को लेकर देशभर में उठ रहे सवालों के बीच एम्स ने स्पष्ट किया है कि अब तक के अध्ययनों में कोविड वैक्सीनेशन और अचानक मौतों के बीच कोई सीधा संबंध नहीं पाया गया है। हालांकि, एम्स ने युवाओं में अचानक हार्ट अटैक से हो रही मौतों के कारण जानने के लिए दो नए अध्ययन शुरू किए हैं।

युवाओं में अचानक हार्ट अटैक पर दो अध्ययन शुरू

गुरुवार को एम्स की ओर से इस मामले को लेकर एक प्रेस वार्ता की गई। इसमें बताया गया कि 18 से 45 वर्ष के युवाओं में हार्ट अटैक से हो रही अचानक मौतों को गंभीरता से लिया गया है। पैथोलॉजी और फॉरेंसिक विभाग की ओर से ‘युवाओं में अचानक और अज्ञात कारणों से मौत के कारण जानना’ नाम से एक अध्ययन किया जा रहा है।

पांच साल का डेटा और जेनेटिक जांच

एम्स के डॉ. सुधीर कुमार अराबा ने बताया कि भारत में यह चिंता बढ़ रही है कि 18 से 45 साल के युवा अचानक हार्ट अटैक (कोरोनरी आर्टरी डिजीज) से क्यों मर रहे हैं। पहले यह बीमारी 45 साल से ऊपर के लोगों में अधिक देखी जाती थी। उन्होंने कहा कि कोविड के बाद युवाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं या नहीं, इसे समझने के लिए पिछले पांच साल के आंकड़ों से तुलना की जा रही है।

अध्ययन के लिए ICMR द्वारा फंड

डॉ. कुमार ने बताया कि इस अध्ययन में उन युवाओं की पूरी जेनेटिक जांच की जा रही है जो पहले स्वस्थ थे और अचानक हार्ट अटैक से मर गए। अब तक 100 लोगों की जांच हो चुकी है, लेकिन दिल में कोई ऐसी अधिक सूजन नहीं पाई गई जिससे मौत को सीधे जोड़ा जा सके।

यह अध्ययन ICMR द्वारा फंड किया गया है। पहली रिपोर्ट समीक्षा के लिए भेज दी गई है और अगले चरण में 300 और मरीजों की जांच होगी, जिसकी रिपोर्ट अगले साल आएगी।

कोविड और वैक्सीन पर अलग अध्ययन

एम्स के हेमेटोलॉजी विभाग की ओर से दूसरा अध्ययन किया जा रहा है जिसमें कोविड और वैक्सीन के दीर्घकालिक प्रभावों को देखा जाएगा। डॉ. तुलिका सेठ ने बताया कि यह अध्ययन लंबा चलेगा और अभी मरीजों का डेटा एकत्र किया जा रहा है। रिपोर्ट अगले साल तक आने की उम्मीद है।

वैक्सीन से हार्ट अटैक का सीधा लिंक नहीं : डॉ. राय

डॉ. संजय राय ने भी बताया कि पिछले अध्ययनों में वैक्सीन और हार्ट अटैक के बीच कोई सीधा संबंध नहीं पाया गया है।

पिछले अध्ययन में क्या निष्कर्ष निकला था

पिछले साल अक्टूबर में ICMR और एम्स के डॉक्टरों द्वारा किए गए एक बड़े अध्ययन में कहा गया था कि कोविड वैक्सीन से युवाओं में अचानक मौत का खतरा नहीं बढ़ता। बल्कि पहले कोविड से अस्पताल में भर्ती होना, परिवार में अचानक मौत का इतिहास और कुछ गलत जीवनशैली की आदतें इसके मुख्य कारण हो सकते हैं।

सरकार ने भी साफ किया स्थिति को

दो जुलाई को स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कहा था कि कोविड वैक्सीन से युवाओं की अचानक मौत का कोई प्रमाण नहीं मिला है। यह अध्ययन मई से अगस्त 2023 के बीच देश के 19 राज्यों के 47 बड़े अस्पतालों में किया गया था।

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दिल्ली समेत NCR में भी International Yoga Day का दिखा जोश, सीएम, मंत्री से लेकर सांसदों तक ने किया योग

दिल्ली और दिल्ली-NCR समेत देशभर में आज 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता सोनिया विहार में योग करने पहुंची। उनके साथ दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा और सांसद मनोज तिवारी भी थे। वहीं पर फरीदाबाद में केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने योग किया तो गाजियाबाद में उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मोर्य ने योग किया। देखें तस्वीरें। 

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पूर्वी दिल्ली के सोनिया विहार में योग करती हुईं सीएम रेखा गुप्ता, उनके साथ सांसद मनोत तिवारी और मंत्री कपिल मिश्रा।

दक्षिणी दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष में दैनिक जागरण एवं ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ आयुर्वेद के संयुक्त तत्वाधान में एनटीपीसी बदरपुर स्थित केंद्रीय विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में योग करने के लिए जुटे प्रतिभागी।

गुरुग्राम :उद्योग विहार फेज-एक में संचालित गारमेंट सेक्टर की मल्टीनेशनल एक्सपोर्ट कंपनी मोडलामा एक्सपोर्ट इंडिया लिमिटेड के परिसर में आयोजित योग उत्सव में योगाभ्यास कराते योग एवं आयुर्वेद विशेषज्ञ डा. सुनील आर्य


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