AQI पर सरकार का बयान, फेफड़ों की बीमारी से सीधा संबंध नहीं

केंद्र सरकार ने कहा है कि एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के ऊंचे स्तर और फेफड़ों की बीमारियों के बीच सीधा संबंध साबित करने वाले ठोस वैज्ञानिक प्रमाण फिलहाल उपलब्ध नहीं हैं। हालांकि, यह जरूर माना गया है कि वायु प्रदूषण श्वसन संबंधी रोगों को बढ़ाने वाले प्रमुख कारणों में से एक है। यह जानकारी पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब के जरिए दी। भाजपा सांसद लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने सवाल उठाया था कि क्या दिल्ली-एनसीआर में लंबे समय तक खतरनाक AQI रहने से लोगों की फेफड़ों की क्षमता प्रभावित हो रही है।

सरकार के इस बयान के बीच मेडिकल जर्नल ऑफ एडवांस्ड रिसर्च इंडिया में प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि खराब हवा के कारण फेफड़ों की कार्यक्षमता कम हो रही है। इस अध्ययन में दिल्ली-एनसीआर और राजस्थान के कुछ इलाकों में 15 से 29 वर्ष के युवाओं को शामिल किया गया था।

दिल्ली में सांस की बीमारियों के बढ़ते मामले

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 3 दिसंबर को राज्यसभा में बताया कि 2022 से 2024 के बीच दिल्ली के छह बड़े सरकारी अस्पतालों में सांस से जुड़ी समस्याओं के 2,04,758 मामले दर्ज किए गए। इनमें से करीब 35 हजार मरीजों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। मंत्रालय के अनुसार, इन मामलों की एक बड़ी वजह वायु प्रदूषण रहा है।

प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त अभियान

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि 18 दिसंबर की शाम शुरू हुए विशेष अभियान के तहत 24 घंटे में 11,700 से अधिक चालान काटे गए। दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (DPCC) सहित कई विभाग उत्सर्जन स्रोतों पर नियंत्रण के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। सरकार ने वाहन प्रवर्तन, धूल नियंत्रण, कचरा प्रबंधन और सड़क सफाई को मिलाकर मल्टी-लेवल रणनीति अपनाई है, जिससे पिछली सर्दियों की तुलना में वायु गुणवत्ता में कुछ सुधार देखा गया है।

धूल नियंत्रण के तहत नगर एजेंसियों ने 12,164 मीट्रिक टन से अधिक कचरा हटाया। 2,068 किलोमीटर सड़कों पर मैकेनिकल स्वीपिंग और 1,830 किलोमीटर सड़कों पर पानी का छिड़काव किया गया। मोबाइल एंटी-स्मॉग गन ने 5,500 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र को कवर किया, जबकि प्रमुख निर्माण स्थलों पर करीब 160 एंटी-स्मॉग गन तैनात की गईं।

मंत्री के अनुसार, बीते 24 घंटे में औसतन करीब 30,000 मीट्रिक टन पुराने कचरे की बायो-माइनिंग की गई। नागरिक शिकायत निवारण के तहत 311 हेल्पलाइन, ग्रीन दिल्ली ऐप, समीर और सोशल मीडिया के माध्यम से मिली 57 शिकायतों का समाधान किया गया।

ट्रकों की एंट्री पर रोक

प्रदूषण नियंत्रण के तहत शहर में प्रवेश करने से 542 ट्रकों को रोका और डायवर्ट किया गया, जबकि 34 ट्रैफिक जाम वाले स्थानों को खाली कराया गया। मंत्री ने नागरिकों और संस्थानों से अपील की कि वायु प्रदूषण से निपटने और हवा की गुणवत्ता सुधारने के लिए सभी की सामूहिक जिम्मेदारी जरूरी है।


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दिल्ली समेत 5 राज्यों में आज घना कोहरा, अलर्ट जारी

उत्तर भारत के कई राज्यों में गुरुवार को घने कोहरे ने जनजीवन प्रभावित किया। उत्तर प्रदेश से लेकर दिल्ली, पंजाब और हरियाणा तक कोहरे की इतनी घनी चादर छाई रही कि कई इलाकों में दृश्यता 5 से 20 मीटर तक सिमट गई। सड़कों पर वाहन रेंगते नजर आए, जबकि नोएडा, गाजियाबाद और दिल्ली समेत एनसीआर में बर्फीली हवाओं ने ठंड का असर बढ़ा दिया। मौसम विभाग ने पहले ही इन राज्यों में घने और अत्यधिक घने कोहरे की चेतावनी जारी की थी और कहा है कि यह स्थिति अगले पांच दिनों तक बनी रह सकती है।

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार 19 और 20 दिसंबर को पंजाब, उत्तराखंड और बिहार में, जबकि उत्तर प्रदेश और हरियाणा में सुबह के समय घने से अत्यधिक घने कोहरे का असर रहेगा। अकेले उत्तर प्रदेश के 50 से अधिक जिलों में 19 दिसंबर को कोहरे और शीत लहर की संभावना जताई गई है। गंगा के मैदानी इलाकों—कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, उन्नाव से लेकर गोरखपुर तक—अत्यधिक घना कोहरा छाए रहने का अनुमान है, जिससे वाराणसी, लखनऊ और हिंडन एयरपोर्ट पर उड़ानों में दिक्कतें आ सकती हैं।

दिल्ली-एनसीआर में 12 से 15 दिसंबर के बीच कोहरे ने सड़क, रेल और हवाई यातायात को बुरी तरह प्रभावित किया था। हालांकि 16 और 17 दिसंबर को तेज हवाओं से राहत मिली, लेकिन 17 दिसंबर की रात से कोहरा फिर लौट आया और 18 दिसंबर को दोबारा हालात बिगड़ गए। मौसम विभाग का कहना है कि दिल्ली में अगले पांच दिनों तक कोहरे का असर बना रहेगा, हालांकि न्यूनतम तापमान 9 से 12 डिग्री और अधिकतम तापमान 23 से 26 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है।

पूर्वी उत्तर प्रदेश के बरेली, शाहजहांपुर, मुरादाबाद, लखनऊ, गोरखपुर, कुशीनगर, कानपुर, बहराइच और आसपास के जिलों में दृश्यता 20 से 50 मीटर के बीच रहने का अनुमान है। उत्तराखंड के पंतनगर और खटीमा में भी घने कोहरे से विजिबिलिटी काफी कम दर्ज की गई। मौसम विभाग ने 18 से 22 दिसंबर के दौरान उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के कई इलाकों में शीत लहर का अलर्ट भी जारी किया है।

मौसम विभाग के अनुसार 18 से 23 दिसंबर के बीच जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगिट-बाल्टिस्तान और मुजफ्फरबाद में बारिश और बर्फबारी की संभावना है, जबकि 20-21 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी कुछ स्थानों पर बारिश और बर्फबारी हो सकती है। पंजाब के सीमावर्ती इलाकों और राजस्थान के बीकानेर संभाग में भी घना कोहरा छाया रहा। जयपुर मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार नागौर और सीकर के फतेहपुर में न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक उत्तर भारत में कोहरे और ठंड के ऐसे ही हालात बने रहने की संभावना जताई है।


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खराब विजिबिलिटी के कारण कई फ्लाइट्स रद, IMD ने मौसम को लेकर दिया ताजा अपडेट

दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (IGI) एयरपोर्ट पर मंगलवार को खराब विजिबिलिटी के चलते उड़ान संचालन प्रभावित रहा। सुबह से अब तक 49 प्रस्थान और 77 आगमन वाली उड़ानें रद की जा चुकी हैं।

इससे पहले सोमवार को भी घने कोहरे ने हवाई यातायात को बुरी तरह प्रभावित किया। सुबह 3:30 बजे से 9 बजे के बीच केवल चार उड़ानें ही टेकऑफ कर सकीं। एयरलाइन और एयरपोर्ट सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान कुल 228 उड़ानें रद हुईं, जिनमें 131 प्रस्थान और 97 आगमन शामिल हैं।

रविवार देर रात से लेकर सोमवार दोपहर तक मौसम साफ होने तक 700 से ज्यादा उड़ानें देरी से चलीं। इनमें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह की फ्लाइट्स शामिल थीं। सात विमानों को स्टार्टअप क्लियरेंस मिल चुका था, लेकिन सुबह 3:30 बजे विजिबिलिटी अचानक घटने के कारण टेकऑफ की अनुमति नहीं मिली, जिससे यात्रियों को विमान के अंदर करीब 10 घंटे तक इंतजार करना पड़ा।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने घने कोहरे को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है और आने वाले कुछ दिनों तक इसी तरह की स्थिति बने रहने की चेतावनी दी है।


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MP-राजस्थान समेत 13 राज्यों में घना कोहरा, ठंड और विजिबिलिटी ने बढ़ाई मुश्किलें

मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत देश के 13 राज्यों में सोमवार सुबह घना कोहरा छाया रहा। यूपी, बिहार, हरियाणा और दिल्ली में हालात सबसे ज्यादा खराब रहे, जहां कई इलाकों में विजिबिलिटी लगभग शून्य दर्ज की गई। सुबह 8:30 बजे तक सड़कों पर 10 मीटर दूर तक भी साफ दिखाई नहीं दे रहा था, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ।

उत्तर प्रदेश के हापुड़ में अनवरपुर के पास कोहरे के कारण करीब छह वाहन आपस में टकरा गए, जिसमें कई लोग घायल हो गए। वहीं राज्य के अलग-अलग जिलों में रविवार को कोहरे की वजह से हुए छह सड़क हादसों में 22 वाहन आपस में भिड़ गए। इन दुर्घटनाओं में 7 लोगों की मौत हो गई, जबकि 10 लोग घायल बताए जा रहे हैं।

हरियाणा में भी कोहरे का असर देखने को मिला। राज्य के 7 जिलों में 14 अलग-अलग जगहों पर सड़क हादसे हुए, जिनमें 58 वाहन आपस में टकरा गए। इन हादसों में 11वीं की एक छात्रा समेत 4 लोगों की जान चली गई। हालात को देखते हुए गुरुग्राम में ट्रैफिक पुलिस ने सड़कों पर वाहन पार्किंग पर रोक लगा दी है।

इधर, जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में रविवार रात हुई बर्फबारी के चलते तापमान में तेज गिरावट दर्ज की गई। पुलवामा में न्यूनतम तापमान -2.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि श्रीनगर में रात का तापमान 2 डिग्री सेल्सियस रहा।

दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता भी बेहद खराब स्थिति में पहुंच गई है। रविवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खतरनाक स्तर 497 तक पहुंचने के बाद सख्ती बढ़ा दी गई है। कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिए हैं कि स्कूलों और अन्य संस्थानों में बाहर होने वाली खेल गतिविधियों को तुरंत रोका जाए। आयोग ने चेतावनी दी है कि इस तरह की गतिविधियां बच्चों के लिए गंभीर स्वास्थ्य खतरा बन सकती हैं।

उत्तराखंड में इस बार बर्फबारी की कमी चिंता का विषय बनी हुई है। अक्टूबर-नवंबर में हल्की बर्फबारी के दौरान केदारनाथ में करीब डेढ़ फीट बर्फ जमी थी, लेकिन मौसम साफ होते ही वह दो दिनों में पिघल गई। इसके बाद 4 नवंबर से अब तक करीब एक महीने से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन दोबारा बर्फबारी नहीं हुई है।

11,750 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ के पीछे मेरु-सुमेरु पर्वत श्रृंखलाएं भी बिना बर्फ के नजर आ रही हैं। बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, तुंगनाथ और औली जैसे इलाकों में भी यही हाल है। 12 हजार फीट से अधिक ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ, जहां आमतौर पर इस समय मोटी बर्फ की परत रहती है, वहां भी जमीन खुली दिखाई दे रही है। बर्फ न होने से इन क्षेत्रों में नमी की भारी कमी दर्ज की जा रही है, जिसका असर दुर्लभ वनस्पतियों पर पड़ रहा है।

मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों में आखिरी बार 4 और 5 नवंबर को अच्छी बारिश और बर्फबारी हुई थी। इससे पहले अक्टूबर के पहले सप्ताह में 2 अक्टूबर को हल्की और 6 अक्टूबर को भारी बर्फबारी दर्ज की गई थी, जब जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल के ऊपरी इलाकों का करीब 80% हिस्सा बर्फ से ढक गया था। अब 18 और 19 दिसंबर को एक बार फिर अच्छी बर्फबारी होने की संभावना जताई गई है।


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शीतलहर का असर: राजस्थान और MP के 37 शहरों में पारा 10°C से कम

राजस्थान में कड़ाके की सर्दी के बीच पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है। बीकानेर, चूरू, श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ समेत कई इलाकों में बादल छाए हुए हैं, जिससे सर्द हवाओं की तीव्रता कुछ कम हुई है। हालांकि ठंड का असर बरकरार है। शुक्रवार को राज्य के 18 शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया, जबकि माउंट आबू में पारा गिरकर 3 डिग्री तक पहुंच गया।

मध्य प्रदेश में भी शीतलहर का प्रकोप जारी है। राज्य के 19 शहरों में शुक्रवार रात न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से कम रिकॉर्ड किया गया। इंदौर में पारा 5.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। इतना ही तापमान प्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन और सबसे ठंडे इलाके पचमढ़ी में भी रहा।

उत्तर प्रदेश और बिहार में घने कोहरे का असर लगातार बढ़ रहा है। यूपी के लखनऊ, गोरखपुर समेत करीब 30 जिलों में दृश्यता बेहद कम हो गई है और कई जगहों पर 10 मीटर दूर तक भी कुछ दिखाई नहीं दे रहा है। शनिवार सुबह सुल्तानपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर कोहरे के कारण कई वाहन आपस में टकरा गए, जिसमें एक महिला घायल हो गई।

वहीं पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग के अनुसार, उत्तराखंड के उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ जिलों में रविवार को बारिश के साथ हल्की बर्फबारी हो सकती है। हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति, चंबा और कुल्लू जिलों में भी बर्फबारी की आशंका है।


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कोहरे की मार: शताब्दी एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनें लेट, पश्चिमी यूपी से आने वाली गाड़ियां ज्यादा प्रभावित

घने कोहरे के कारण पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आने वाली कई ट्रेनें प्रभावित रहीं। शनिवार को शताब्दी एक्सप्रेस समेत अनेक गाड़ियां कोहरे में फंस गईं। शताब्दी एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय सुबह 6:10 बजे नई दिल्ली से रवाना हुई थी, लेकिन अलीगढ़ पहुंचते-पहुंचते यह करीब 1 घंटे 15 मिनट की देरी से चली।

इसी तरह लखनऊ मेल सहित लगभग एक दर्जन ट्रेनों का संचालन प्रभावित रहा, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

कोहरे के कारण देर से पहुंची ट्रेनें

ट्रेन नंबर | ट्रेन का नाम | देरी (घंटे:मिनट)

12230 – लखनऊ मेल – 1:15

12430 – एसी एक्सप्रेस – 1:05

12232 – चंडीगढ़ सुपरफास्ट – 3:00

12238 – चंडीगढ़ सुपरफास्ट – 1:40

13010 – दून एक्सप्रेस – 1:15

14307 – प्रयागराज संगम–बरेली एक्सप्रेस – 1:40

14242 – नौचंदी एक्सप्रेस – 1:15

13238 – कोटा–पटना एक्सप्रेस – 2:08

15009 – गोरखपुर–इज्जतनगर एक्सप्रेस – 1:15


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पहाड़ों में पाला, मैदानों में कोहरे के आसार; पारे की गिरावट बढ़ाएगी सर्दी

उत्तराखंड में इन दिनों मौसम पूरी तरह शुष्क बना हुआ है। पहाड़ों से लेकर मैदानी क्षेत्रों तक तेज धूप खिल रही है, जिससे दिन के तापमान में सामान्य से अधिक बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। हालांकि, न्यूनतम तापमान गिरने से रात के समय सर्दी का असर काफी बढ़ गया है। मौसम विभाग का कहना है कि फिलहाल प्रदेश में मौसम शुष्क ही रहने की संभावना है।

पर्वतीय इलाकों में पाला जमने के और मैदानी क्षेत्रों में कुहासा छाने के आसार हैं। न्यूनतम तापमान में एक से दो डिग्री सेल्सियस की और गिरावट हो सकती है। मंगलवार सुबह से ही दून और आसपास के क्षेत्रों में चटख धूप रही, जिससे दिन में ठंड से कुछ राहत मिली, लेकिन सुबह और शाम की ठिठुरन लगातार बढ़ रही है।

शाम को चल रही ठंडी हवाएं कंपकंपी बढ़ा रही हैं। दून में अधिकतम तापमान सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस ज्यादा, जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस कम दर्ज हुआ। प्रदेश के कई हिस्सों में रात के तापमान में तेजी से गिरावट देखी जा रही है, जिससे दिन और रात के पारे में चार गुना तक का अंतर पैदा हो गया है—जो स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है।

मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक भी मौसम शुष्क ही रहने का अनुमान है। पहाड़ों में पाला और मैदानी इलाकों में कोहरा लोगों के लिए परेशानी बढ़ा सकता है।


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मध्य प्रदेश में ठंड ने 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ा

उत्तर भारत में शीतलहर का असर लगातार बना हुआ है। पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान के कई इलाकों में रविवार को न्यूनतम तापमान तीन से सात डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया। मध्य प्रदेश में बर्फीली हवाओं के कारण ठिठुरन और बढ़ गई है। प्रदेश के ज्यादातर शहरों में रविवार को पारा 10 डिग्री से नीचे रहा। भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर सहित कई जिलों में शीतलहर चली, वहीं इंदौर में सर्दी ने पिछले 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। रविवार रात इंदौर का तापमान 5.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जो 24 दिसंबर 2015 के बाद सबसे कम है, जब यहां 7 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया था।

उधर, उत्तर प्रदेश के 20 जिलों में सोमवार को इस सीजन का पहला घना कोहरा छाया रहा। पीलीभीत और लखीमपुर खीरी समेत कई जिलों में विजिबिलिटी इतनी कम हो गई कि सड़क पर 10 मीटर की दूरी तक भी कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। अयोध्या प्रदेश का सबसे ठंडा शहर रहा, जहां पारा 5.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

जम्मू-कश्मीर में भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है। कई इलाकों में तापमान शून्य से नीचे पहुंच गया है। अमरनाथ यात्रा बेस कैंप रविवार को माइनस 4.3 डिग्री तापमान के साथ जम्मू-कश्मीर की सबसे ठंडी जगह रहा। हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे पर हल्की बर्फबारी होने से पहाड़ों पर बर्फ की सफेद परत जम गई है।


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राजस्थान और MP के 37 शहरों में तापमान 10 डिग्री से नीचे

पहाड़ी इलाकों से आ रही बर्फीली हवाओं ने कई राज्यों में ठिठुरन बढ़ा दी है। राजस्थान के 18 शहरों में शुक्रवार को तापमान 10 डिग्री से नीचे आ गया। 7 शहरों में तापमान 5 डिग्री से भी नीचे पहुंच गया। फतेहपुर 1.9 डिग्री के साथ सबसे ठंडा शहर रहा। लूणकरणसर में 3.2, सीकर में 3 और नागौर में 3.1 डिग्री तापमान दर्ज किया गया।

मध्य प्रदेश के 19 शहरों में भी पारा 10 डिग्री से नीचे चला गया। पचमढ़ी में तापमान सबसे कम 5.8 डिग्री रिकॉर्ड हुआ। मौसम विभाग का कहना है कि पहाड़ों से आने वाली सर्द हवाओं के कारण 7 और 8 दिसंबर को ठंड और बढ़ सकती है।

इधर, IMD ने उत्तराखंड में रविवार को बारिश और बर्फबारी का अलर्ट जारी किया है, जिससे तापमान में 2 से 3 डिग्री तक और गिरावट संभव है। कई जिलों में पारा पहले ही शून्य से नीचे पहुंच चुकी है। केदारनाथ में शुक्रवार को -14 और बद्रीनाथ में -11 डिग्री तापमान दर्ज किया गया।

हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाकों में भी हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना है। शुक्रवार को राज्य के सभी शहरों में तापमान 10 डिग्री से नीचे रिकॉर्ड हुआ। 14 शहरों में पारा 5 डिग्री से कम रहा। लाहौल-स्पीति के ताबो में -8.3 और कुकुमसैरी में -5.2 डिग्री तापमान दर्ज किया गया।


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मध्य प्रदेश के 17 शहरों में पारा 10° से नीचे पहुंचा

पहाड़ी राज्यों से चल रही बर्फीली हवाओं ने मध्य प्रदेश में ठंड को काफी बढ़ा दिया है। भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर समेत 17 शहरों में तापमान 10 डिग्री से नीचे पहुंच गया है। कई जिलों में सुबह के समय घना कोहरा भी छा रहा है।

राजस्थान में भी पारा तेजी से गिर रहा है। सीकर, चूरू और जयपुर सहित कई शहरों में गुरुवार की रात इस सीजन की सबसे ठंडी रही। सीकर में न्यूनतम तापमान 1 डिग्री दर्ज हुआ, जिससे ओस की बूंदें जम गईं।

उधर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए मौसम विभाग ने शुक्रवार को बारिश और बर्फबारी का अलर्ट जारी किया है। हिमाचल के ऊपरी इलाकों में गुरुवार को कोल्ड वेव और कोहरा रहा। लाहौल-स्पीति के ताबो में न्यूनतम तापमान माइनस 9.8 डिग्री तक पहुंच गया।

जम्मू-कश्मीर के कई क्षेत्रों में भी पारा शून्य से नीचे चला गया है। नदी-नाले जमने लगे हैं। श्रीनगर में न्यूनतम तापमान माइनस 4 डिग्री, पुलवामा में माइनस 5.6 डिग्री, काजीगुंड में माइनस 3.6 डिग्री और कुपवाड़ा में माइनस 3.2 डिग्री दर्ज किया गया।


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