केंद्र सरकार ने कहा है कि एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के ऊंचे स्तर और फेफड़ों की बीमारियों के बीच सीधा संबंध साबित करने वाले ठोस वैज्ञानिक प्रमाण फिलहाल उपलब्ध नहीं हैं। हालांकि, यह जरूर माना गया है कि वायु प्रदूषण श्वसन संबंधी रोगों को बढ़ाने वाले प्रमुख कारणों में से एक है। यह जानकारी पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब के जरिए दी। भाजपा सांसद लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने सवाल उठाया था कि क्या दिल्ली-एनसीआर में लंबे समय तक खतरनाक AQI रहने से लोगों की फेफड़ों की क्षमता प्रभावित हो रही है।
सरकार के इस बयान के बीच मेडिकल जर्नल ऑफ एडवांस्ड रिसर्च इंडिया में प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि खराब हवा के कारण फेफड़ों की कार्यक्षमता कम हो रही है। इस अध्ययन में दिल्ली-एनसीआर और राजस्थान के कुछ इलाकों में 15 से 29 वर्ष के युवाओं को शामिल किया गया था।
दिल्ली में सांस की बीमारियों के बढ़ते मामले
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 3 दिसंबर को राज्यसभा में बताया कि 2022 से 2024 के बीच दिल्ली के छह बड़े सरकारी अस्पतालों में सांस से जुड़ी समस्याओं के 2,04,758 मामले दर्ज किए गए। इनमें से करीब 35 हजार मरीजों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। मंत्रालय के अनुसार, इन मामलों की एक बड़ी वजह वायु प्रदूषण रहा है।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त अभियान
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि 18 दिसंबर की शाम शुरू हुए विशेष अभियान के तहत 24 घंटे में 11,700 से अधिक चालान काटे गए। दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (DPCC) सहित कई विभाग उत्सर्जन स्रोतों पर नियंत्रण के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। सरकार ने वाहन प्रवर्तन, धूल नियंत्रण, कचरा प्रबंधन और सड़क सफाई को मिलाकर मल्टी-लेवल रणनीति अपनाई है, जिससे पिछली सर्दियों की तुलना में वायु गुणवत्ता में कुछ सुधार देखा गया है।
धूल नियंत्रण के तहत नगर एजेंसियों ने 12,164 मीट्रिक टन से अधिक कचरा हटाया। 2,068 किलोमीटर सड़कों पर मैकेनिकल स्वीपिंग और 1,830 किलोमीटर सड़कों पर पानी का छिड़काव किया गया। मोबाइल एंटी-स्मॉग गन ने 5,500 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र को कवर किया, जबकि प्रमुख निर्माण स्थलों पर करीब 160 एंटी-स्मॉग गन तैनात की गईं।
मंत्री के अनुसार, बीते 24 घंटे में औसतन करीब 30,000 मीट्रिक टन पुराने कचरे की बायो-माइनिंग की गई। नागरिक शिकायत निवारण के तहत 311 हेल्पलाइन, ग्रीन दिल्ली ऐप, समीर और सोशल मीडिया के माध्यम से मिली 57 शिकायतों का समाधान किया गया।
ट्रकों की एंट्री पर रोक
प्रदूषण नियंत्रण के तहत शहर में प्रवेश करने से 542 ट्रकों को रोका और डायवर्ट किया गया, जबकि 34 ट्रैफिक जाम वाले स्थानों को खाली कराया गया। मंत्री ने नागरिकों और संस्थानों से अपील की कि वायु प्रदूषण से निपटने और हवा की गुणवत्ता सुधारने के लिए सभी की सामूहिक जिम्मेदारी जरूरी है।









