दुबई एयर शो में विंग कमांडर नमांश शहीद

भारतीय वायुसेना का फाइटर जेट तेजस शुक्रवार को दुबई एयर शो के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में पायलट विंग कमांडर नमांश स्याल की मौत हो गई। नमांश हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के रहने वाले थे। उनके निधन पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गहरा शोक व्यक्त किया है।

विंग कमांडर नमांश स्याल दुबई एयर शो में तेजस विमान उड़ा रहे थे। दुर्घटना में उनकी शहादत पर मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि देश ने “एक बहादुर और समर्पित पायलट” को खो दिया है। उन्होंने कहा कि नमांश की हिम्मत, कर्तव्यनिष्ठा और देश सेवा को हमेशा याद रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने शोकाकुल परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने भी इस घटना पर शोक व्यक्त किया है। HAL ने अपने बयान में कहा कि दुबई एयर शो में हवाई प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले भारतीय वायुसेना के पायलट की मौत से वह बेहद दुखी है। कंपनी ने पायलट की वीरता और उनकी सेवा को सलाम करते हुए परिवार के प्रति संवेदना जताई। फिलहाल वायुसेना की ओर से घटना से संबंधित विस्तृत जानकारी का इंतज़ार है।


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आपदाओं पर आस्था भारी, इस बार चारधाम पहुंचे 1.87 लाख अधिक श्रद्धालु

अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव का असर हेमकुंड साहिब सहित चारधाम यात्रा पर भी देखा गया। इसके बाद वर्षा ऋतु में कई क्षेत्रों में आपदा जैसे हालात पैदा हुए, लेकिन इन चुनौतियों के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था डगमगाई नहीं। वर्ष 2024 की तुलना में इस बार चारधाम में 1.87 लाख अधिक यात्री पहुंचे, जबकि हेमकुंड साहिब में लगभग 91 हजार श्रद्धालुओं की वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में आई आपदा के कारण गंगोत्री और यमुनोत्री में श्रद्धालुओं की संख्या कुछ कम रही।

इस वर्ष गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट 30 अप्रैल को, केदारनाथ के 2 मई को, बदरीनाथ के 4 मई को और हेमकुंड साहिब के 25 मई को खोले गए। कपाट खुलने से पहले ही पहलगाम में हुए आतंकी हमले से दोनों देशों के बीच तनाव का माहौल बन चुका था, जिससे यात्रा की सुरक्षा पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गई। 15 जून से बारिश का दौर शुरू होने के बाद केदारनाथ और गंगोत्री-यमुनोत्री मार्गों पर कई भूस्खलन जोन सक्रिय हो गए, जिससे यात्रियों के लिए खतरा लगातार बना रहा।

पांच अगस्त को धराली में आई आपदा ने हालात और गंभीर कर दिए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर पूरा प्रशासनिक तंत्र राहत और बचाव कार्य में जुट गया, लेकिन इसके बावजूद बदरीनाथ, केदारनाथ और हेमकुंड साहिब की यात्रा सुचारू रूप से संचालित की गई। इसी कारण आपदाओं के बीच भी इन धामों में रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।

पहली बार कंट्रोल रूम के जरिए पूरी यात्रा की मॉनिटरिंग

हेमकुंड साहिब और चारधाम में इस वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना को देखते हुए पुलिस विभाग ने शुरुआत में ही रेंज कार्यालय में यात्रा कंट्रोल रूम स्थापित किया। इसके नोडल अधिकारी पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल राजीव स्वरूप को बनाया गया। सभी धामों के सीसीटीवी कैमरों की लाइव फीड कंट्रोल रूम में मॉनिटर की जाती रही, और किसी भी समस्या की स्थिति में तुरंत टीमें मौके पर भेजी गईं। यात्रा मार्गों पर पुलिस बल, एसडीआरएफ, जल पुलिस, फायर सर्विस, आतंकवादी रोधी दस्ता, बम निरोधक दस्ता और पैरा मिलिट्री फोर्स को तैनात किया गया।

यात्रियों का तुलनात्मक विवरण

यमुनोत्री – 2024: 7,14,755 | 2025: 6,44,637 | कमी: 70,118

गंगोत्री – 2024: 8,15,273 | 2025: 7,58,249 | कमी: 57,024

केदारनाथ – 2024: 16,52,076 | 2025: 17,68,795 | बढ़ोतरी: 1,16,719

बदरीनाथ – 2024: 14,35,341 | 2025: 16,32,981 | बढ़ोतरी: 1,97,640

हेमकुंड साहिब – 2024: 1,83,722 | 2025: 2,74,441 | बढ़ोतरी: 90,719

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प्रदूषण से निपटने के लिए सख्त हुए GRAP के प्रावधान, CAQM ने दिल्ली-NCR में नए नियम लागू किए

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) को और सख्त कर दिया गया है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने 21 नवंबर को GRAP के प्रावधानों में बदलाव करते हुए यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि वायु गुणवत्ता बेहद खराब होने की स्थिति आने से पहले ही कड़े कदम लागू किए जा सकें।

नए नियमों के अनुसार, जो उपाय पहले GRAP-2 के तहत लागू होते थे, उन्हें अब स्टेज-1 से ही लागू करना होगा। इस बदलाव का उद्देश्य शुरुआती स्तर पर ही प्रदूषण को नियंत्रित करना है, ताकि हालात बिगड़ने न पाएँ। यह निर्णय 20 नवंबर को संबंधित विभागों और विशेषज्ञों के साथ विस्तृत बैठक के बाद लिया गया। संशोधित GRAP को तुरंत प्रभाव से पूरे दिल्ली-एनसीआर में लागू कर दिया गया है।


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इस हफ़्ते सोने-चांदी में रही गिरावट

इस हफ्ते सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट देखने को मिली। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, पिछले शनिवार 15 नवंबर को सोना 1,24,794 रुपए प्रति 10 ग्राम था, जो 22 नवंबर को घटकर 1,23,146 रुपए रह गया। इस तरह एक सप्ताह में सोना 1,648 रुपए सस्ता हुआ।

चांदी के भाव में इससे भी ज्यादा गिरावट दर्ज की गई। पिछले शनिवार चांदी 1,59,367 रुपए प्रति किलोग्राम थी, जो अब घटकर 1,51,129 रुपए पर आ गई है। यानी एक हफ्ते में चांदी की कीमत में 8,238 रुपए की कमी हुई। गौरतलब है कि 17 अक्टूबर को सोना 1,30,874 रुपए और 14 अक्टूबर को चांदी 1,78,100 रुपए के ऑल-टाइम हाई स्तर पर पहुंची थी।

IBJA द्वारा जारी रेट्स में 3% GST, मेकिंग चार्ज और ज्वेलर्स मार्जिन शामिल नहीं होता। इसलिए शहरों में मिलने वाली कीमतें अक्सर इससे अलग होती हैं। RBI भी सोवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) की कीमत तय करने के लिए IBJA के रेट्स का उपयोग करता है। कई बैंक गोल्ड लोन के मूल्यांकन में भी इन्हीं रेट्स को आधार मानते हैं।

इस साल सोना ₹47,000 और चांदी ₹65,000 महंगी हुई

इस वर्ष सोने की कीमत अब तक 46,984 रुपए बढ़ चुकी है। 31 दिसंबर 2024 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 76,162 रुपए का था, जो अब 1,23,146 रुपए पर पहुंच गया है।

इसी अवधि में चांदी 65,112 रुपए महंगी हुई है। 31 दिसंबर 2024 को एक किलो चांदी की कीमत 86,017 रुपए थी, जो अब 1,51,129 रुपए प्रति किलो हो गई है।

आने वाले दिनों में उतार-चढ़ाव की उम्मीद

एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले दिनों में सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है। हालांकि शादी का सीजन शुरू होने से सोने को सपोर्ट मिलेगा और कीमतें दोबारा 1.25 लाख रुपए के करीब पहुंच सकती हैं।

सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें

हमेशा BIS हॉलमार्क वाला सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें। हॉलमार्क कोड अल्फान्यूमेरिक फॉर्मेट में होता है, जैसे—AZ4524। यह कोड दर्शाता है कि सोना कितने कैरेट का है और इसकी शुद्धता प्रमाणित करता है।


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रिलायंस रूसी क्रूड से बने प्रोडक्ट एक्सपोर्ट नहीं करेगी

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने जामनगर स्थित अपनी एक्सपोर्ट-ओनली (SEZ) रिफाइनरी में रूसी क्रूड ऑयल का इस्तेमाल पूरी तरह बंद कर दिया है। कंपनी ने बताया कि 20 नवंबर से SEZ यूनिट में रूसी क्रूड का आयात रोक दिया गया है। 1 दिसंबर से इस रिफाइनरी से एक्सपोर्ट होने वाला पूरा फ्यूल केवल नॉन-रशियन क्रूड से तैयार किया जाएगा।

हालांकि, रिलायंस घरेलू उपयोग वाले ईंधन के लिए रूसी क्रूड का इस्तेमाल जारी रखेगी। कंपनी ने यह कदम यूरोपीय यूनियन के प्रतिबंधों का पालन करने के लिए उठाया है। जनवरी 2026 से यूरोपीय यूनियन में रूसी क्रूड से बने किसी भी उत्पाद की बिक्री संभव नहीं होगी।

जामनगर कॉम्प्लेक्स में रिलायंस की दो रिफाइनरी हैं—एक SEZ यूनिट, जो केवल निर्यात करती है, और दूसरी पुरानी यूनिट, जो घरेलू बाजार को सप्लाई करती है। कंपनी ने बताया कि SEZ रिफाइनरी में फिलहाल पुराने रूसी क्रूड का इन्वेंट्री प्रोसेस हो रहा है। जैसे ही यह स्टॉक खत्म होगा, एक्सपोर्ट के लिए केवल नॉन-रशियन क्रूड का ही इस्तेमाल किया जाएगा।

रिलायंस के प्रवक्ता के अनुसार, 20 नवंबर से SEZ रिफाइनरी में रूसी क्रूड का आयात बंद किया जा चुका है और 1 दिसंबर के बाद एक्सपोर्ट होने वाले सभी उत्पाद नॉन-रशियन क्रूड से ही तैयार होंगे। उन्होंने बताया कि 22 अक्टूबर तक कमिट किए गए रूसी क्रूड कार्गो को कंपनी ऑनर कर रही है। अंतिम कार्गो 12 नवंबर को लोड हुआ था। 20 नवंबर या उसके बाद आने वाले सभी रूसी कार्गो को अब घरेलू टैरिफ एरिया (DTA) रिफाइनरी में प्रोसेस किया जाएगा।


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बर्फ से ढंका बद्रीनाथ धाम, उत्तराखंड में जमने लगी झील

उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में लगातार बर्फबारी हो रही है। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित बद्रीनाथ धाम में गुरुवार को नवंबर की पहली बर्फबारी दर्ज की गई, जिसके बाद पूरा मंदिर परिसर बर्फ की सफेद चादर से ढँक गया। यहां तापमान गिरकर माइनस 6 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच चुका है।

इसके साथ ही चमोली जिले की प्रसिद्ध शेषनेत्र झील भी जम गई है। पिथौरागढ़ जिले के 14,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित आदि कैलाश क्षेत्र में भी भारी बर्फबारी हुई है, जिससे स्थानीय झीलें पूरी तरह जम चुकी हैं। इन दृश्यों को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं।

वहीं राजस्थान में सप्ताहभर बाद सर्दी से राहत मिली है। शुक्रवार को न्यूनतम तापमान में 1 डिग्री की बढ़ोतरी देखी गई, जिससे कई शहरों में तापमान सिंगल डिजिट से डबल डिजिट में आ गया। अगले दो सप्ताह तक तापमान में गिरावट की संभावना नहीं है। हालांकि, उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण धुंध (स्मॉग) बढ़ने लगी है और दिन में धूप कमजोर पड़ गई है।

मध्य प्रदेश में सर्दी के असर से पिछले दो दिनों में दो लोगों की मौत हो गई है। शुक्रवार को भोपाल, इंदौर सहित सात जिलों में शीतलहर चली। पचमढ़ी में पहली बार पारा 5.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जबकि नर्मदापुरम में विजिबिलिटी घटकर 500 मीटर रह गई।

भारत का तापमान 0.9 डिग्री बढ़ा—अध्ययन

एक अध्ययन के अनुसार पिछले दशक (2015–2024) में भारत का औसत तापमान लगभग 0.9 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया है। इस बढ़ोतरी के चलते देश में हीट वेव की अवधि लंबी हो रही है और हर दशक में गर्म दिनों की संख्या में 5 से 10 दिनों तक की वृद्धि हो रही है।

स्टडी में बताया गया है कि 1950 के दशक के बाद से भारत के पश्चिमी और उत्तर-पूर्वी हिस्सों में वर्ष के सबसे गर्म दिन के तापमान में 1.5 से 2 डिग्री सेल्सियस तक इजाफा दर्ज किया गया है। यह रिपोर्ट भारत, नॉर्वे और नेपाल के क्लाइमेट विशेषज्ञों की संयुक्त टीम द्वारा तैयार की गई है।


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गोरों पर अत्याचार का हवाला देकर ट्रम्प G20 से गैरहाज़िर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प इस बार G20 समिट में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने साउथ अफ्रीका में गोरे किसानों पर हो रहे कथित अत्याचार को अपनी गैरमौजूदगी की वजह बताया है। इसी तरह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी समिट में भाग नहीं ले रहे हैं, क्योंकि यूक्रेन युद्ध को लेकर इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है और उन्हें गिरफ्तारी का खतरा है।

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी स्वास्थ्य कारणों से समिट में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। तीन बड़े वैश्विक नेताओं की अनुपस्थिति के बीच इस बार G20 में भारत की भूमिका और प्रभाव काफी बढ़ गया है। पीएम मोदी समिट के सभी तीन सत्रों में भाग लेंगे और समावेशी विकास, जलवायु संकट तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर अपने विचार रखेंगे।

यात्रा से पहले पीएम मोदी ने कहा कि यह समिट विशेष है, क्योंकि पहली बार G20 की बैठक अफ्रीका महाद्वीप में आयोजित हो रही है। उन्होंने याद दिलाया कि 2023 में भारत की पहल के बाद अफ्रीकन यूनियन को G20 का हिस्सा बनाया गया था। पहली बार अफ्रीका में G20 आयोजित होने के कारण भारत की प्रतिष्ठा महाद्वीप के देशों में और बढ़ी है। अफ्रीका पहुंचने पर स्थानीय कलाकारों ने पीएम मोदी का विशेष पारंपरिक तरीके से स्वागत किया।

ट्रम्प, पुतिन और जिनपिंग की अनुपस्थिति में भारत इस समिट का सबसे प्रमुख नेतृत्वकारी चेहरा बनकर उभरा है। पीएम मोदी आर्थिक विकास, जलवायु रेज़िलियंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भारत का दृष्टिकोण दुनिया के सामने रखेंगे।

यह समिट भारत की ग्लोबल साउथ नेतृत्व क्षमता और विकासशील देशों की आवाज़ को मजबूती देने का बड़ा मंच साबित होगी।


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मिचेल स्टार्क का ऐतिहासिक कमाल: 34 साल बाद दोहराया कारनामा, पर्थ में तहस-नहस किए कई रिकॉर्ड

ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने एशेज सीरीज के पहले टेस्ट के पहले ही दिन ऐसा तूफान मचा दिया, जिसने कई बड़े रिकॉर्ड तोड़ दिए। स्टार्क ने पहली पारी में 12.5 ओवर में 58 रन देकर शानदार 7 विकेट झटके और इंग्लैंड को सिर्फ 172 रन पर ढेर कर दिया। यह उनके टेस्ट करियर का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है।

स्टार्क ने इंग्लैंड की पारी की शुरुआत और अंत—दोनों अपने नाम किए। उन्होंने पहले ओवर की आखिरी गेंद पर जैक क्रॉली को आउट कर ऑस्ट्रेलिया को शुरुआती सफलता दिलाई और फिर 33वें ओवर की पांचवीं गेंद पर मार्क वुड को पवेलियन भेजकर इंग्लैंड की पारी का समापन किया।

रिकॉर्डों की बरसात

स्टार्क इस सदी के सिर्फ दूसरे ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज बन गए हैं, जिन्होंने घरेलू जमीन पर एशेज में एक पारी में सात विकेट लेने का कारनामा किया है। इसके साथ ही वे 1990-91 के बाद पहले ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज भी बने, जिन्होंने एशेज टेस्ट के पहले दिन सात विकेट हासिल किए। यह उपलब्धि 34 साल बाद दोहराई गई है—आखिरी बार यह रिकॉर्ड क्रैग मैक्डरमोट के नाम था।

स्टार्क ने अपने टेस्ट करियर में 24वीं बार पहले ही ओवर में विकेट चटकाया। इंग्लैंड की पारी महज 197 गेंदों में सिमट गई, जो ऑस्ट्रेलिया में एशेज इतिहास की तीसरी सबसे छोटी पारी है। पर्थ स्टेडियम में भी यह सबसे बेहतरीन गेंदबाजी प्रदर्शन बन गया।

इंग्लैंड की पारी ऐसे बिखरी

क्रॉली के बाद स्टार्क ने बेन डकेट को 20 गेंदों में 21 रन पर आउट किया। इसके बाद जो रूट भी बिना खाता खोले स्टार्क की गेंद पर चलते बने। इंग्लैंड के दूसरे बेस्ट स्कोरर ओली पोप (46) को कैमरन ग्रीन ने निपटाया।

बेन स्टोक्स को स्टार्क ने छह रन से आगे नहीं बढ़ने दिया। हैरी ब्रूक ने 61 गेंदों पर 52 रन बनाकर टीम को सबसे बड़ा स्कोर दिया, लेकिन उन्हें डेब्यू कर रहे ब्रेंडन डोगेट ने आउट किया। अंत में स्टार्क ने जैमी स्मिथ (33) और गस एटकिंसन (1) को भी पवेलियन भेजकर इंग्लैंड की उम्मीदें पूरी तरह ध्वस्त कर दीं।


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दुबई एयर शो में हादसा: तेजस विमान दुर्घटनाग्रस्त, गिरते ही भड़की भीषण आग

दुबई एयर शो में शुक्रवार दोपहर उस समय बड़ा हादसा हो गया, जब उड़ान प्रदर्शन के दौरान तेजस लड़ाकू विमान क्रैश हो गया। जैसे ही विमान जमीन पर गिरा, वहां आग का बड़ा गोला बनता दिखाई दिया। हादसे के तुरंत बाद अल मकतूम इंटरनेशनल एयरपोर्ट के ऊपर काले धुएं का घना गुबार उठने लगा।

प्रत्यक्षदर्शियों और वायरल हो रहे वीडियो के अनुसार दुर्घटना स्थानीय समयानुसार दोपहर करीब 2:10 बजे हुई। तेजस, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित एक सिंगल-सीट लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है जिसे कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रदर्शित किया जा चुका है।

पायलट की स्थिति अभी स्पष्ट नहीं

हादसे के बाद अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि पायलट ने इजेक्शन किया या नहीं। भारतीय वायुसेना (IAF) की ओर से भी इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। गौरतलब है कि दुबई एयर शो दुनिया के सबसे बड़े एविएशन इवेंट्स में से एक है, जहां इस सप्ताह कई अरबों डॉलर के विमान सौदों पर भी हस्ताक्षर हुए हैं।

यह घटना तेजस से जुड़े दो साल में दूसरी दुर्घटना है। इससे पहले मार्च 2024 में राजस्थान के जैसलमेर में तेजस क्रैश हुआ था, जो 2001 में पहली टेस्ट फ्लाइट के बाद उसका पहला बड़ा हादसा था। उस दुर्घटना में पायलट सुरक्षित बाहर निकल आया था।

तेजस की खूबियां और सुरक्षा फीचर्स

तेजस 4.5-जनरेशन का मल्टी-रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है, जिसे एयर-डिफेंस, ग्राउंड-अटैक मिशन और नजदीकी युद्ध जैसी भूमिकाओं के लिए डिजाइन किया गया है। यह अपने हल्के वजन, चुस्ती और आधुनिक तकनीक के लिए जाना जाता है।

इस विमान की एक महत्वपूर्ण विशेषता है इसका Martin-Baker zero-zero ejection seat। यह सीट पायलट को जीरो स्पीड और जीरो ऊंचाई पर भी सुरक्षित इजेक्ट होने की क्षमता देती है — जैसे टेकऑफ, लैंडिंग या लो-एल्टीट्यूड फ्लाइट के दौरान। इस सिस्टम में विशेष मैकेनिज्म होता है जो कैनोपी को तुरंत उड़ाकर पायलट को सुरक्षित बाहर निकाल देता है और पैराशूट खोलकर नीचे लैंड कराता है।


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केरल और यूपी में SIR विवाद पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, अदालत ने दोनों राज्यों को भेजा नोटिस

केरल में प्रस्तावित विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 26 नवंबर को होगी। राज्य सरकार ने याचिका में मांग की है कि स्थानीय निकाय चुनावों के समाप्त होने तक एसआईआर को स्थगित किया जाए।

राज्य सरकार के साथ ही इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर एसआईआर प्रक्रिया को तत्काल रोकने की मांग की है। दोनों याचिकाओं में मुख्य तर्क यह है कि एसआईआर और स्थानीय निकाय चुनावों का एक साथ होना प्रशासनिक रूप से असंभव है और इससे मतदाताओं के अधिकारों का हनन होगा।

केरल सरकार की याचिका आर्टिकल 32 के तहत दाखिल की गई है। इसमें कहा गया है कि राज्य में 1,200 स्थानीय स्वशासन संस्थाएं (एलएसजीआई) हैं, जिनमें 941 ग्राम पंचायतें, 152 ब्लॉक पंचायतें, 14 जिला पंचायतें, 87 नगर पालिकाएं और 6 नगर निगम शामिल हैं। इनके कुल 23,612 वार्डों के लिए चुनाव दो चरणों में 9 और 11 दिसंबर को होने हैं, जबकि गिनती 13 दिसंबर को होगी।

"एसआईआर प्रक्रिया 4 नवंबर से शुरू"

एसआईआर प्रक्रिया 4 नवंबर से शुरू हो चुकी है और ड्राफ्ट मतदाता सूची 4 दिसंबर को प्रकाशित होनी है। याचिका में तर्क दिया गया है कि इन चुनावों के लिए 1,76,000 कर्मियों और 68,000 सुरक्षा बलों की जरूरत होगी, जबकि एसआईआर के लिए अतिरिक्त 25,668 कर्मी चाहिए। इससे प्रशासनिक मशीनरी पर भारी दबाव पड़ेगा और सामान्य शासन व्यवस्था प्रभावित होगी।

याचिका में निर्वाचन आयोग से अपील की गई है कि चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक एसआईआर को स्थगित किया जाए, क्योंकि इससे किसी को कोई नुकसान नहीं होगा। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह एसआईआर की वैधता पर बाद में सवाल उठा सकती है, लेकिन फिलहाल केवल स्थगन की मांग कर रही है।


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