दिल्ली ब्लास्ट के बाद लाल किले का मुख्य मार्ग फिर से खुला, पार्किंग में फंसे वाहनों को लौटाया गया

लाल किला धमाके के बाद सुरक्षा कारणों से बंद किया गया घटनास्थल मार्ग अब आम लोगों के लिए खोल दिया गया है। शनिवार सुबह से यहाँ से वाहन गुजरते दिखाई दिए, जिससे पुरानी दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों के लोगों को राहत मिली।

10 नवंबर 2025 की शाम लाल किला के पास Hyundai i20 कार में हुए तेज धमाके से इलाके में अफरा-तफरी मच गई थी। विस्फोट में कई लोग घायल हुए और कुछ की मौत भी हुई। घटना के तुरंत बाद पुलिस व FSL टीम ने क्षेत्र को सील कर दिया था और सभी मार्ग बंद कर दिए गए थे। मेट्रो स्टेशन के गेटों की मरम्मत अब भी जारी है, खासकर गेट नंबर 1 के शीशे पूरी तरह टूट गए थे।

मार्ग खुलने के बाद यातायात धीरे-धीरे सामान्य होने लगा है। वाहन मालिक सड़क से गुजरते दिखे और आम लोगों की आवाजाही भी बहाल हो गई। लाजपत राय मार्केट के दुकानदार कमल ने बताया कि उन्हें आज ही अपना वाहन वापस मिल पाया। वहीं, प्रीति, जो अपने परिवार के साथ शादी का सामान लेने आई थीं, कहती हैं कि धमाके के समय उनकी मोटरसाइकिल पार्किंग में ही रह गई थी और तब से वहीं खड़ी थी। अब मार्ग खुलने के बाद वे इसे घर ले जा सकी हैं।


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डेटा लेने से पहले कंपनियों को बताना होगा क्यों ले रहीं और उसका क्या उपयोग होगा

भारत में डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) एक्ट 2023 अब पूरी तरह लागू हो गया है। केंद्र सरकार ने 14 नवंबर को इसके नियम नोटिफाई कर दिए, जिससे आम लोगों की प्राइवेसी और डिजिटल सुरक्षा को नई मजबूती मिली है। यह कानून डिजिटल पर्सनल डेटा को हैंडल करने वाली सभी कंपनियों (डेटा फिड्यूशरी) की जिम्मेदारियां तय करता है और नागरिकों को डेटा से जुड़े अधिकार देता है।

बच्चों और दिव्यांगों के लिए कड़े नियम

18 साल से कम उम्र के बच्चों का डेटा इस्तेमाल करने के लिए अब पेरेंट्स की अनुमति जरूरी होगी। हेल्थ, एजुकेशन और इमरजेंसी से जुड़े मामलों में ही राहत मिलेगी। दिव्यांग, जो स्वयं निर्णय नहीं ले सकते, उनके लिए वेरिफाइड लीगल गार्जियन की कंसेंट जरूरी होगी।

DPDP एक्ट की 5 बड़ी बातें

1. बिना कंसेंट डेटा नहीं

कोई ऐप या कंपनी आपका डेटा लेने से पहले यह बताएगी कि वह इसका क्या उपयोग करेगी। आपकी अनुमति बिना डेटा लिया या प्रोसेस नहीं किया जाएगा।

2. डेटा का सीमित उपयोग

कंपनियां आपका डेटा सिर्फ उसी उद्देश्य के लिए इस्तेमाल कर सकेंगी, जिसकी जानकारी उन्होंने दी है। उदाहरण: शॉपिंग ऐप ऑर्डर के लिए डेटा ले सकती है, लेकिन आपकी इजाजत बिना मार्केटिंग के लिए नहीं।

3. डेटा पर आपका पूरा नियंत्रण

आप अपनी पर्सनल जानकारी कभी भी देख सकते हैं, सुधार सकते हैं या डिलीट करवाने का अधिकार रखते हैं। कंपनियों को 90 दिनों में जवाब देना अनिवार्य है।

4. डेटा लीक पर तुरंत सूचना

अगर डेटा ब्रेक होता है, तो कंपनी को तुरंत आसान भाषा में यह बताना होगा कि क्या हुआ, जोखिम क्या हैं और क्या सावधानी रखनी है।

5. शिकायत आसान, डिजिटल बोर्ड

अगर कोई समस्या हो तो डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड पर ऑनलाइन शिकायत की जा सकती है। निर्णय से असंतुष्ट होने पर TDSAT में अपील का विकल्प होगा

डेटा ब्रेक और शिकायतों का प्रोसेस

किसी डेटा ब्रेक की स्थिति में कंपनियों को प्रभावित लोगों को तुरंत जानकारी देनी होगी। लोग अपना डेटा एक्सेस, करेक्ट, अपडेट या इरेज कराने का अधिकार रखते हैं—और इन रिक्वेस्ट्स का जवाब 90 दिनों में देना पड़ेगा। बोर्ड पूरी तरह डिजिटल होगा और शिकायतें ऐप/ऑनलाइन पोर्टल से दर्ज होंगी।

अब 8 महत्वपूर्ण सवालों के आसान जवाब

1. क्या पहले ऐसी सुविधा नहीं थी?

पहले IT एक्ट 2000 और IT रूल्स 2021 थे, जिनका फोकस कंटेंट और चाइल्ड सेफ्टी पर था। लेकिन ‘वेरिफायबल पैरेंटल कंसेंट’ का कोई सख्त नियम नहीं था—सिर्फ उम्र बताना काफी माना जाता था।

2. अब क्या बदला?

DPDP 2025 के तहत अब बच्चों के किसी भी प्रकार के डेटा के लिए पैरेंटल कंसेंट अनिवार्य है। ट्रैकिंग, टारगेटेड ऐड और बिहेवियर मॉनिटरिंग पूरी तरह प्रतिबंधित हैं। उम्र की जांच अब AI या ID वेरिफिकेशन से होगी।

3. अब पैरेंट्स को क्या करना होगा?

यदि बच्चा सोशल मीडिया अकाउंट बनाना चाहता है, तो पैरेंट्स को लॉगिन करके ईमेल/फोन वेरिफाई करना होगा और डिजिटल कंसेंट देना होगा। कंसेंट कभी भी वापस लिया जा सकता है।

4. फायदे क्या हैं?

बच्चों की प्राइवेसी और सुरक्षा बढ़ेगी

पैरेंट्स को डेटा पर पूरा कंट्रोल मिलेगा

साइबरबुलिंग और टारगेटेड स्कैम्स कम होंगे

भारत का डेटा लॉ वैश्विक स्तर के बराबर होगा

5. अगर बच्चा झूठी उम्र डाल दे?

ऐप संदेह होने पर अतिरिक्त वेरिफिकेशन मांगेगा। बाद में पता चलने पर डेटा डिलीट करना पड़ेगा और कंपनी पर जुर्माना लग सकता है। बच्चे पर कानूनी जिम्मेदारी नहीं होगी।

6. अगर फोन फॉर्मेट हो जाए?

ऐसे में पुरानी कंसेंट इनवैलिड मानी जा सकती है। दोबारा लॉगिन पर नया कंसेंट लेना होगा। कंपनियों को डेटा का रिकॉर्ड सुरक्षित रखना पड़ेगा।

7. क्या नियम पूरी तरह सफल होगा?

पूरी तरह नहीं।

बच्चे आसानी से फेक एज डाल सकते हैं

ग्रामीण इलाकों में पैरेंटल वेरिफिकेशन मुश्किल

AI हमेशा सटीक नहीं

8. नियम तोड़ने पर सजा?

कंपनी पर ₹250 करोड़ तक जुर्माना लग सकता है। जांच डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड करेगा।

अगर आप चाहें तो मैं इसे न्यूज़ रिपोर्ट,


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नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर क्रिसमस से शुरू होगी फ्लाइट सर्विस

नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NMIA) पर 25 दिसंबर 2025 से कमर्शियल फ्लाइट्स शुरू हो जाएंगी। इस दिन अकासा एयर अपनी पहली फ्लाइट उड़ाएगी, जो दिल्ली से नवी मुंबई पहुंचेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 अक्टूबर को इस एयरपोर्ट का उद्घाटन किया था। मुंबई का दूसरा बड़ा एयर हब बनने जा रहा यह एयरपोर्ट कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा। 2026 तक इसकी क्षमता इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट जितनी हो जाएगी और यह 9 करोड़ यात्रियों को हैंडल कर सकेगा।

पहली उड़ानों का शेड्यूल भी जारी किया गया है। अकासा एयर की मेडेन फ्लाइट 25 दिसंबर को दिल्ली से नवी मुंबई लैंड करेगी। इसी दिन गोवा रूट भी शुरू होगा। 26 दिसंबर से दिल्ली और कोच्चि के लिए सेवाएं मिलेंगी और 31 दिसंबर से अहमदाबाद रूट जोड़ा जाएगा। कंपनी के अनुसार, शुरुआती चरण में NMIA से चार शहरों के लिए डायरेक्ट कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी।

दूसरी ओर, इंडिगो भी 25 दिसंबर से बड़े पैमाने पर ऑपरेशंस शुरू करेगी। वह दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद, लखनऊ, नॉर्थ गोवा (मोपा), जयपुर, नागपुर, कोच्चि और मंगलुरु—कुल 10 शहरों को जोडने जा रही है। एयर इंडिया एक्सप्रेस भी वर्ष के अंत तक अपनी सेवाएं शुरू करेगी।

मुंबई का मुख्य एयरपोर्ट यात्रियों की बढ़ती भीड़ से जूझ रहा था, जिसे कम करने के लिए NMIA विकसित किया गया है। 1,160 हेक्टेयर में फैले इस एयरपोर्ट में पहले फेज में 2.5 करोड़ पैसेंजर्स सालाना हैंडल करने की क्षमता बनाई गई है, जहां से रोजाना 60 फ्लाइट उड़ान भर सकेंगी। पहले चरण में 19,647 करोड़ रुपये की लागत से एक टर्मिनल और एक रनवे तैयार हुआ है। आगे कुल चार टर्मिनल बनाने की योजना है। सभी फेज पूरे होने के बाद एयरपोर्ट सालाना 9 करोड़ यात्रियों और 300 फ्लाइट्स प्रति दिन की क्षमता तक पहुंच जाएगा।

NMIA का निर्माण अडाणी ग्रुप और महाराष्ट्र सरकार के उपक्रम CIDCO द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। इसमें अडाणी ग्रुप की 74% और CIDCO की 26% हिस्सेदारी है। एयरपोर्ट की लोकेशन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक और जवाहरलाल नेहरू पोर्ट के करीब स्थित है, जिससे पश्चिमी भारत की एविएशन और लॉजिस्टिक क्षमता को बड़ा फायदा मिलेगा।

एयरपोर्ट का नाम किसान नेता डी.बी. पाटिल के नाम पर रखा गया है, जो महाराष्ट्र में किसानों और स्थानीय समुदायों के अधिकारों के लिए संघर्ष के लिए जाने जाते थे। नवी मुंबई एयरपोर्ट प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान उन्होंने विस्थापित गांवों के हक़ की लड़ाई भी लड़ी थी।


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चीन से नोट छपवा रहे भारत के 5 पड़ोसी देश

चीन से नोट छपवा रहे भारत के 5 पड़ोसी देश

भारत के अधिकांश पड़ोसी देशों की तरह ही नेपाल भी अब अपनी करेंसी प्रिंटिंग के लिए चीन का रुख कर रहा है। नेपाल राष्ट्रीय बैंक (NRB) ने 7-8 नवंबर को 1000 रुपए के 43 करोड़ नोटों की प्रिंटिंग के लिए एक टेंडर जारी किया था। इस टेंडर को चीन की कंपनी ने जीत लिया है, जिसके बाद नेपाली बैंक ने चाइना CBPMC को यह कॉन्ट्रैक्ट दे दिया। 1945 से 1955 तक नेपाल के सभी नोट भारत की नासिक स्थित सिक्योरिटी प्रेस में छपे थे और लंबे समय तक भारत ही मुख्य साझेदार रहा, लेकिन 2015 के बाद से नेपाल ने ज्यादातर नोट चीन में छपवाने शुरू कर दिए।

नेपाल के अलावा श्रीलंका, मलेशिया, बांग्लादेश और थाईलैंड भी अपनी मुद्रा चीन में प्रिंट करा रहे हैं। पिछले कुछ सालों में चीन एशियाई देशों की करेंसी प्रिंटिंग का बड़ा केंद्र बनकर उभरा है, जिससे अमेरिका और ब्रिटेन की मुद्रा छापने वाली कंपनियों पर असर पड़ा है। बांग्लादेश 2010 से और श्रीलंका 2015 से चीन पर निर्भर हैं। अफगानिस्तान ने भी 2000 के दशक में चीन को चुना था। इसी तरह थाईलैंड और मलेशिया ने भी सस्ती प्रिंटिंग लागत और बेहतर सिक्योरिटी फीचर्स के कारण चीन को प्राथमिकता दी है।

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, थाईलैंड 2018 से और मलेशिया 2010 के बाद से चीन में नोट छपवा रहे हैं। मलेशिया ने चीन की पॉलीमर-आधारित प्रिंटिंग तकनीक अपनाने के बाद नकली नोटों की संख्या में करीब 50% तक कमी देखी। मनी कंट्रोल की 2025 रिपोर्ट बताती है कि ये बदलाव चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के साथ जुड़े आर्थिक लाभों के कारण हुए हैं और कई देशों ने भारत की सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉर्पोरेशन से दूरी बना ली है। हालांकि भूटान अभी भी भारत पर निर्भर है, लेकिन हालिया चर्चाओं में उसने चीन के साथ सहयोग की संभावना भी जताई है।

दूसरी ओर पाकिस्तान अपनी घरेलू प्रेस में ही मुद्रा की छपाई करता है, हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में चीन से तकनीकी सहयोग का उल्लेख मिलता है। म्यांमार ने 2020 के तख्तापलट के बाद राजनीतिक अस्थिरता के बीच अपनी करेंसी प्रिंटिंग के लिए चीन पर निर्भरता बढ़ाई। आज चीन का CBPMC दुनिया का सबसे बड़ा करेंसी प्रिंटर बन चुका है, जिसके पास 18,000 से ज्यादा कर्मचारी और 10 अल्ट्रा-सेक्योर फैसिलिटी हैं।

चीन की ‘कलरडांस’ तकनीक इन देशों को आकर्षित कर रही है। यह एक उन्नत ऑप्टिकल सिक्योरिटी फीचर है, जिसमें नोट को झुकाने पर 3D जैसी तस्वीरें दिखती हैं, जिन्हें नकली नोटों में कॉपी करना बेहद मुश्किल होता है। लागत भी कम है—चीन में नोट छपवाने से कई देशों को 30–40% तक की बचत होती है। नेपाल ने 2016 में 1000 के नोट छपवाते समय अमेरिकी फर्मों की तुलना में 3.76 मिलियन डॉलर बचाए थे।

यह रुझान अमेरिका और ब्रिटेन के बाजार पर दबाव डाल रहा है। ब्रिटेन की De La Rue जैसी कंपनियां 140 से अधिक देशों के लिए नोट छापती हैं, लेकिन चीन की कम लागत और बेहतर तकनीक के कारण उनकी मांग घट रही है। हालांकि विकसित देश अपनी करेंसी खुद ही छापते हैं, लेकिन विकासशील देशों में चीन तेजी से प्रिंटिंग का केंद्र बनता जा रहा है।

नेपाल और भारत के बीच राजनीतिक कारण भी इस बदलाव का हिस्सा रहे हैं। नेपाल ने 2020 में नया राजनीतिक मानचित्र जारी करके लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी को अपना हिस्सा बताया था, जिसके कारण दोनों देशों के बीच तनातनी बढ़ी। इस घटनाक्रम के बाद नेपाल ने मुद्रा प्रिंटिंग में भी भारत से दूरी बनाई।

दूसरी ओर भारत की सिक्योरिटी प्रिंटिंग लागत चीन की तुलना में 20-30% अधिक है। द डिप्लोमैट की 2019 स्टडी के अनुसार, पुराने नोट बदलने में लगने वाला समय, ऊंची लागत और उन्नत तकनीक की कमी के कारण भी कई देश चीन की ओर मुड़े। हालांकि भारत राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए अपनी मुद्रा खुद ही प्रिंट करता है और इस प्रक्रिया को गोपनीय रखा जाता है।

नोट छपाई की वैश्विक लागत 0.05 से 0.20 डॉलर (4 से 16 रुपए) प्रति नोट होती है। भारत में मात्रा अधिक होने के कारण कुल खर्च बढ़ जाता है। RBI की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 2023–24 में 5,101 करोड़ रुपए और 2024–25 में 6,372.8 करोड़ रुपए नोट छपाई पर खर्च किए। छोटे नोटों की लागत अधिक है क्योंकि उनका जीवनकाल कम होता है, जबकि बड़े नोट अधिक समय तक चलते हैं।


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बिहार चुनाव की जीत का जश्न दिल्ली में: NDA कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह

भाजपा ने शुक्रवार को दिल्ली मुख्यालय में बिहार में NDA की ऐतिहासिक जीत का भव्य जश्न मनाया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 42 मिनट का संबोधन दिया। उन्होंने मंच पर पहुंचकर कहा कि “बिहार के लोगों ने गर्दा उड़ा दिया, अब कट्टा सरकार कभी वापस नहीं आएगी।” पीएम ने छठी मईया के जयकारे लगाए और कहा कि जो लोग छठ पूजा को ‘ड्रामा’ कहते हैं, वे बिहार का सम्मान नहीं समझ सकते।

अपने भाषण में उन्होंने कांग्रेस, आरजेडी, पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु चुनावों का भी जिक्र किया। पीएम 6:51 बजे मुख्यालय पहुंचे और गमछा लहराकर कार्यकर्ताओं का अभिवादन किया। कार्यकर्ताओं ने भी उत्साह के साथ इसका जवाब दिया।

बिहार में आज NDA ने 243 में से 202 सीटों पर जीत दर्ज की, जो अब तक का रिकॉर्ड है। महागठबंधन सिर्फ 35 सीटों पर सिमट गया। बहुमत के लिए 122 सीटों की जरूरत होती है। इस चुनाव में भाजपा और जदयू ने 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ा, जबकि LJP को 29, HAM और RLM को 6-6 सीटें मिली थीं।

मोदी के भाषण की 4 बड़ी बातें

1. बंगाल में भाजपा की जीत का रास्ता बिहार ने बनाया

पीएम ने कहा कि बिहार की जीत से बंगाल समेत कई राज्यों में भाजपा को नई ऊर्जा मिली है। उन्होंने कहा कि भाजपा बंगाल से जंगलराज को हटाने के लिए जनता के साथ मिलकर काम करेगी।

2. कांग्रेस में बड़ा विभाजन संभव

पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस अब “मुस्लिम लीगी माओवादी कांग्रेस (MMC)” बन चुकी है। उन्होंने दावा किया कि पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ रहा है और आगे चलकर बड़ा विभाजन हो सकता है।

3. बिहार में निवेश और रोजगार में तेजी आएगी

उन्होंने वादा किया कि आने वाले 5 सालों में बिहार में बड़े पैमाने पर उद्योग, निवेश और रोजगार बढ़ेंगे। पर्यटन और आस्था से जुड़े स्थानों का भी विकास किया जाएगा।

4. कांग्रेस अपने सहयोगियों का वोट बैंक खा रही है

पीएम ने कहा कि कांग्रेस की नकारात्मक राजनीति से उसके सहयोगी दल भी अब दूरी बनाने लगे हैं। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस-आरजेडी का विवाद जल्द ही खुलकर सामने आएगा।


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IPL 2026 से पहले बड़ी ट्रेड लिस्ट जारी, कई टीमों में बड़े बदलाव के संकेत

IPL 2026 से पहले ट्रेड लिस्ट जारी: संजू सैमसन CSK में, जडेजा-करन RR पहुंचे; कई स्टार प्लेयर्स पर रिलीज की तलवार

IPL कमेटी ने शनिवार को प्लेयर्स की ट्रेड लिस्ट जारी कर दी है, जिसके बाद टीमों में बड़े बदलाव साफ नजर आने लगे हैं। राजस्थान रॉयल्स ने अपने कप्तान संजू सैमसन को 18 करोड़ रुपए में चेन्नई सुपर किंग्स को ट्रेड कर दिया है। वहीं, CSK ने रवींद्र जडेजा और सैम करन को राजस्थान भेज दिया है।

बड़े ट्रेड्स:

मोहम्मद शमी: SRH ➝ LSG

अर्जुन तेंदुलकर: MI ➝ LSG (30 लाख रुपए)

नीतीश राणा: SRH ➝ दिल्ली

डोनोवन फरेरा: दिल्ली ➝ राजस्थान

मयंक मार्कंडेय: KKR ➝ मुंबई

आज दोपहर 3 बजे रिटेंशन लिस्ट जारी होने की डेडलाइन है। इसके बाद 16 दिसंबर को अबू धाबी में IPL का मिनी ऑक्शन होगा। पिछले दो सीजन के ऑक्शन 2025 में सऊदी अरब और 2024 में दुबई में हुए थे।

कई बड़े नाम रिलीज हो सकते हैं

नीलामी से पहले कई महंगे और आउट ऑफ फॉर्म प्लेयर्स को रिलीज करने की चर्चा तेज है। इनमें शामिल हैं:

1. वेंकटेश अय्यर — KKR (23.75 करोड़)

तीसरे सबसे महंगे खिलाड़ी, पर प्रदर्शन निराशाजनक।

11 मैच में सिर्फ 142 रन।

KKR उन्हें छोड़कर कैमरन ग्रीन पर बोली लगा सकती है।

2. जोफ्रा आर्चर — RR (12.50 करोड़)

लगातार इंजरी से जूझ रहे।

11 विकेट ही ले सके, इकोनॉमी 10 के आसपास।

RR उन्हें छोड़कर विदेशी पेसर तलाश सकती है।

3. आंद्रे रसेल — KKR (12 करोड़)

उम्र 37+, फॉर्म में नहीं।

13 मैच में सिर्फ 167 रन और 8 विकेट।

KKR युवा ऑलराउंडर की ओर देख रही है।

4. मयंक यादव — LSG (11 करोड़)

हाई पेस के बावजूद इंजरी प्रोन।

2 मैच, 2 विकेट।

LSG भारतीय तेज गेंदबाज खरीदने की सोच सकती है।

5. शिमरोन हेटमायर — RR (11 करोड़)

फिनिशिंग में नाकाम।

14 मैच में 239 रन ही बना सके।

सैमसन, आर्चर, हेटमायर रिलीज होने पर RR के पास 41.50 करोड़ बढ़ेंगे।

6. टी. नटराजन — दिल्ली (10.75 करोड़)

DC में जगह नहीं मिल रही।

मैनेजमेंट उन्हें रिलीज कर मिडिल ऑर्डर मजबूत करना चाहेगा।

7. कगिसो रबाडा — गुजरात (10.75 करोड़)

सिर्फ 4 मैच, 2 विकेट।

गुजरात बॉलिंग के बजाय मिडिल ऑर्डर पर फोकस कर सकती है।

5 बड़े नाम भी असमंजस में

राशिद खान, मिचेल स्टार्क, दीपक चाहर, आवेश खान और लियम लिविंगस्टन जैसे प्लेयर्स भी रिलीज लिस्ट में आ सकते हैं। इनकी कीमत 8.50 करोड़ से ज्यादा है।

स्क्वॉड साइज: CSK सबसे आगे

CSK: सबसे बड़ा स्क्वॉड, 26 प्लेयर्स

MI व PBKS: 25-25 प्लेयर्स

नियम: एक टीम में अधिकतम 8 विदेशी खिलाड़ी हो सकते हैं, इसलिए MI कुछ विदेशियों को रिलीज कर सकती है।

राजस्थान, कोलकाता और हैदराबाद ने पिछले सीजन सिर्फ 20-21 खिलाड़ी खरीदे थे, लेकिन इस बार वे बड़े पैमाने पर बदलाव कर सकती हैं।

यदि चाहें, मैं इसे पॉइंट-वाइज, न्यूज़ रिपोर्ट स्टाइल, या संक्षिप्त हेडलाइन फॉर्मेट में भी बना दूं।


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कोलकाता HC बोला- नाबालिग भी अग्रिम जमानत ले सकते हैं

कोलकाता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया कि अब किसी भी अपराध में आरोपी नाबालिग भी अग्रिम जमानत (एंटीसिपेटरी बेल) के लिए आवेदन कर सकेंगे। इससे पहले यह अधिकार केवल बालिग आरोपियों को ही मिलता था। तीन जजों की डिवीजन बेंच ने कहा कि जुवेनाइल जस्टिस एक्ट तभी लागू होता है जब नाबालिग को गिरफ्तार कर जुवेनाइल बोर्ड के सामने पेश किया जाता है, जबकि अग्रिम जमानत गिरफ्तारी से पहले की स्वतंत्रता से जुड़ा अधिकार है।

यह महत्वपूर्ण फैसला जस्टिस जय सेनगुप्ता, जस्टिस तीर्थंकर घोष और जस्टिस बिवास पटनायक की बेंच ने सुनाया। देश में किसी भी हाईकोर्ट द्वारा इस तरह का यह पहला निर्णय है।

पूरा मामला कैसे शुरू हुआ?

यह केस चार नाबालिगों की याचिका से जुड़ा था, जिन्हें 2021 में रघुनाथगंज पुलिस स्टेशन में दर्ज मामलों में गिरफ्तारी का डर था। सवाल यह था कि क्या जुवेनाइल जस्टिस एक्ट, 2015 नाबालिगों को CrPC की धारा 438 के तहत अग्रिम जमानत का अधिकार देता है। जजों के अलग-अलग विचार के चलते यह मामला बड़ी पीठ के पास भेजा गया था।

तीन जजों की बेंच का फैसला — 4 मुख्य बिंदु

2 जज सहमत:

जस्टिस जय सेनगुप्ता और जस्टिस तीर्थंकर घोष ने कहा कि नाबालिगों को अग्रिम जमानत न देना उनके उस अधिकार को छीन लेने जैसा होगा जो बालिगों को मिलता है। यह बच्चों के हितों के खिलाफ है।

संविधान में दी गई व्यक्तिगत आजादी को सीमित करने का कोई इरादा कानून बनाने वालों का नहीं था। इसलिए जुवेनाइल जस्टिस एक्ट को ऐसा कानून नहीं माना जा सकता जो बच्चों को अग्रिम जमानत जैसे कानूनी अधिकार से वंचित करे, जब तक कि एक्ट में इसे स्पष्ट रूप से न रोका गया हो।

अगर किसी नाबालिग को अग्रिम जमानत दी जाती है, तो कोर्ट बच्चों के हितों और जेजे बोर्ड के अधिकार क्षेत्र को सुरक्षित रखते हुए आवश्यक शर्तें लगा सकता है। जेजे बोर्ड का अधिकार तब शुरू होता है जब बच्चा गिरफ्तार किया जाता है।

1 जज असहमत:

जस्टिस बिवास पटनायक ने असहमति जताते हुए कहा कि अग्रिम जमानत की अनुमति देने से जेजे एक्ट की बच्चों की सुरक्षा से जुड़ी संरचना कमजोर पड़ सकती है। गिरफ्तारी के बाद एक्ट में बच्चों के लिए विशेष जांच प्रक्रिया तय है, और अग्रिम जमानत इस प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है।

क्या है एंटीसिपेटरी बेल?

एंटीसिपेटरी बेल CrPC की धारा 438 के तहत मिलने वाली गिरफ्तारी-पूर्व जमानत है। अगर किसी व्यक्ति को लगता है कि पुलिस उसे गिरफ्तार कर सकती है, तो वह सेशन कोर्ट या हाईकोर्ट में पहले से ही जमानत के लिए अर्जी दे सकता है। यदि कोर्ट जमानत मंजूर कर ले, तो पुलिस व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं कर सकती, या गिरफ्तारी के बाद तुरंत जमानत पर छोड़ना होगा।


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IPL 2026 से पहले CSK, RCB और PBKS में बड़े बदलाव के संकेत

IPL 2026 से पहले चेन्नई सुपर किंग्स, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और पंजाब किंग्स ने बड़े बदलाव के संकेत दिए हैं। चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) ने सबसे बड़ा कदम उठाते हुए विकेटकीपर-बल्लेबाज संजू सैमसन को अपनी टीम में शामिल किया है। 30 वर्षीय सैमसन को राजस्थान रॉयल्स से ट्रेड डील में लाया गया है, जबकि उसके बदले में रविंद्र जडेजा और सैम करन को राजस्थान ने अपने साथ जोड़ लिया है। IPL 2026 का मिनी ऑक्शन 16 दिसंबर को अबू धाबी में होगा और सभी टीमों को 15 नवंबर दोपहर 3 बजे तक अपने रिटेंशन फाइनल करने होंगे।

CSK के अंदर संभावित बदलाव

चेन्नई सुपर किंग्स न्यूजीलैंड के बल्लेबाज डेवॉन कॉनवे और रचिन रवींद्र को रिलीज कर सकती है। कॉनवे को 2025 में 6.25 करोड़ में खरीदा गया था, जबकि रचिन को 4 करोड़ में राइट-टू-मैच कार्ड के जरिए रिटेन किया गया था। लेकिन IPL 2025 में दोनों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा।

कॉनवे ने पूरे सीजन में केवल 156 रन बनाए और रचिन 191 रन ही जुटा सके। खराब फॉर्म के कारण CSK सिर्फ चार मैच जीत पाई और आखिरी स्थान पर रही। कॉनवे 2022 और रचिन 2024 से CSK का हिस्सा थे।

RCB का फैसला — लिविंगस्टोन होंगे रिलीज

डिफेंडिंग चैम्पियन RCB ने इंग्लैंड के ऑलराउंडर लियाम लिविंगस्टोन को रिलीज करने का निर्णय लिया है। 8.75 करोड़ में खरीदे गए लिविंगस्टोन ने IPL 2025 में 112 रन ही बनाए और गेंदबाजी में भी केवल दो विकेट हासिल कर सके, जिसके चलते टीम ने उन्हें बाहर करने का फैसला किया।

PBKS का बड़ा फेरबदल — 7 खिलाड़ी होंगे रिलीज

पंजाब किंग्स IPL 2026 से पहले कम से कम सात खिलाड़ियों को रिलीज करने वाली है, जिनमें सबसे बड़ा नाम ग्लेन मैक्सवेल का है। मैक्सवेल 2025 सीजन में चोटिल होने से पहले सिर्फ 48 रन ही बना पाए थे। उनकी जगह टीम ने ऑस्ट्रेलिया के मिशेल ओवेन को शामिल किया था, जिन्हें PBKS रिटेन करने जा रही है।

रिलीज किए जाने वाले अन्य खिलाड़ियों में आरोन हार्डी, काइल जेमिसन, कुलदीप सेन, प्रवीण दुबे और विष्णु विनोद शामिल हैं।

LSG भी करेगी बड़े बदलाव

लखनऊ सुपर जायंट्स तेज गेंदबाज मयंक यादव को रिटेन करेगी, जबकि लेग स्पिनर रवि बिश्नोई, दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज डेविड मिलर और तेज गेंदबाज आकाश दीप को रिलीज करने की तैयारी कर चुकी है।

आकाश दीप को 8 करोड़ में खरीदा गया था लेकिन इंजरी के चलते वे पूरा प्रभाव नहीं छोड़ सके। मिलर ने भी 11 पारियों में सिर्फ 153 रन बनाए जिससे मैनेजमेंट असंतुष्ट रहा।

LSG जिन खिलाड़ियों को रिटेन करेगी:

ऋषभ पंत, निकोलस पूरन, एडन मार्क्रम, मिचेल मार्श, आयुष बादोनी, अवेश खान, दिग्वेश राठी, मोहसिन खान, आकाश सिंह, प्रिंस यादव, एम सिद्धार्थ, अब्दुल समद, हिम्मत सिंह, शाहबाज़ अहमद और मयंक यादव।


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NDA की रिकॉर्ड जीत पर जश्न आज, शाम 6 बजे BJP मुख्यालय में पीएम मोदी देंगे कार्यकर्ताओं को श्रेय

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए एक बार फिर ऐतिहासिक जीत की ओर बढ़ रहा है। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 6 बजे दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। शुरुआती रुझानों में भाजपा–जदयू गठबंधन की बड़ी बढ़त के बाद दोनों दलों के कार्यालयों में जश्न का माहौल है। कार्यकर्ता ढोल-नगाड़ों पर नाचते दिख रहे हैं, मिठाइयां बांटी जा रही हैं और पटाखे फोड़कर जीत का उत्सव मनाया जा रहा है। एनडीए की इस बढ़त में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता अहम कारक साबित हुई है।

नीतीश–मोदी की जोड़ी का असर

पिछले दो दशकों से बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार एक स्थिर नेतृत्व के रूप में उभरे हैं। ‘सुशासन बाबू’ की छवि और विकास-केन्द्रित राजनीति उनकी ताकत रही है। इस चुनाव में पीएम मोदी और नीतीश कुमार की संयुक्त रणनीति और समन्वित प्रचार ने गठबंधन को मजबूती दी। दोनों नेताओं ने बुनियादी ढांचे, विकास योजनाओं और प्रशासनिक स्थिरता को प्रमुख मुद्दा बनाकर जनता तक पहुंच बनाई।

NDA का प्रदर्शन

रुझानों के अनुसार एनडीए 197 सीटों पर आगे है। इसमें बीजेपी 90, जेडीयू 80, एलजेपी 20, एचएएम 3 और आरएलएम 4 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। दूसरी ओर विपक्षी गठबंधन में आरजेडी 28, कांग्रेस 4, CPI(ML) 4 और CPI-M 1 सीट पर आगे चल रहे हैं। इसके अलावा बीएसपी 1 और AIMIM 5 सीटों पर बढ़त में है।

चुनाव के दौरान शांतिपूर्ण माहौल

2025 के चुनावों में बिहार में पूर्ण शांति देखी गई और कहीं भी रिपोलिंग की आवश्यकता नहीं पड़ी। यह पिछले चुनावों—विशेषकर 1985, 1990 और 1995—की तुलना में बड़ा बदलाव रहा है, जब हिंसा और रिपोलिंग आम घटनाएं थीं। एनडीए ने इसे कानून-व्यवस्था में सुधार का परिणाम बताया है।

ग्रामीण वोटरों का भरोसा

राज्य की 89% ग्रामीण आबादी को ध्यान में रखते हुए एनडीए ने ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत पैठ बनाई। नीतीश कुमार की कल्याणकारी योजनाओं और पीएम मोदी की लोकप्रियता ने ग्रामीण से लेकर शहरी वोटर तक का समर्थन हासिल किया।

नीतीश कुमार की राजनीतिक यात्रा

करीब चार दशक के राजनीतिक करियर में नीतीश कुमार ने स्थिरता, विकास और सामाजिक न्याय को प्राथमिकता दी है। उन्होंने ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत किया और सीधे आर्थिक सहायता योजनाओं से जनता का भरोसा जीता। उनकी राजनीतिक यात्रा 1970 के जेपी आंदोलन से शुरू हुई, जिसके बाद वे पिछड़े वर्गों और धर्मनिरपेक्ष राजनीति का एक प्रमुख चेहरा बनकर उभरे।


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नीतीश–मोदी की सुपरहिट जोड़ी ने जीता बिहार का महासंग्राम, महागठबंधन को लगी करारी चोट

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के रुझान साफ़ इशारा कर रहे हैं कि राज्य में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनने जा रही है। एनडीए 196 सीटों पर आगे चल रही है, जो पूर्ण बहुमत से अधिक है। दूसरी ओर महागठबंधन (एमजीबी) की स्थिति बेहद कमजोर दिख रही है। राजद–कांग्रेस–लेफ्ट–वीआईपी गठबंधन सिर्फ 39 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। इन नतीजों ने साफ कर दिया है कि नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जोड़ी एक बार फिर बिहार में 'सुपरहिट' साबित हुई है और बिहार का महासंग्राम एनडीए के नाम हो चुका है।

एनडीए का रिपोर्ट कार्ड:

बीजेपी – 90 सीटों पर आगे

जदयू – 81 सीटों पर आगे

लोजपा (रामविलास) – 20 सीटों पर आगे

रालोमो – 4 सीटों पर आगे

हम – 3 सीटों पर आगे

महागठबंधन का रिपोर्ट कार्ड:

राजद – 29 सीटों पर आगे

कांग्रेस – 5 सीटों पर आगे

लेफ्ट – 5 सीटों पर आगे


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