Kedarnath में लैंडिंग के समय हेलीकॉप्‍टर क्रैश, मचा हड़कंप

केदारनाथ हेलीपैड में ऋषिकेश एम्स से से केदारनाथ आ रहा एक हेलीकॉप्टर लैंडिंग के समय अचानक अनियंत्रित होकर क्रैश हो गया। ऋषिकेश से हेली एंबुलेंस के रूप में यह सेवा चलती है, जो केदारनाथ में मरीज को लेने आई थी।

दिल्ली में दो डॉक्टर वह पायलट सवार थे। सभी सुरक्षित हैं। यह घटना हेलीपैड से 20 मी पर पहले हुई। बताया गया कि इमरजेंसी मेडिकल सेवा के तहत ही हेलीकॉप्‍टर मरीज को लेने केदारनाथ आया था।

पायलट की सूझबूझ से टला बड़ा हादसा

श्री केदारनाथ धाम में एक मरीज को रेस्क्यू करने पहुंचे संजीवनी हेली एंबुलेंस की आपातकाल लैंडिंग करने के दौरान क्रैश हो गया। पायलट की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया। हेली में एम्स ऋषिकेश से आई मेडिकल टीम भी सवार थी। सफल आपातकाल लैंडिंग के चलते पायलट सहित मेडिकल की टीम सुरक्षित है।


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तुर्किये के खिलाफ भारत में बायकॉट अभियान तेज,सेब-मार्बल पर रोक, ट्रैवल कंपनियों ने यात्रा बुकिंग बंद की

पाकिस्तान को सपोर्ट करने के कारण तुर्किये का भारत में बायकॉट हो रहा है। न केवल ट्रैवल कैंसिलेशन बढ़े हैं, बल्कि सेब और मार्बल सहित तुर्किये से इंपोर्ट किए जाने वाले हर सामान का बायकॉट किया जा रहा है।

16 मई को कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT ) ने तुर्किये और अजरबैजान के साथ व्यापार खत्म करने की घोषणा की। दिल्ली में हुई मीटिंग में देश के 24 राज्यों से बिजनेस लीडर्स ने भाग लिया। CAIT ने गुरुवार को कहा था कि जो देश भारत के खिलाफ हैं उसके साथ व्यापार करने का कोई सवाल ही नहीं है।

22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद भारत-पाक तनाव बढ़ा, तो तुर्किये-अजरबैजान ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया और भारत के खिलाफ इस्तेमाल के लिए पाकिस्तान को ड्रोन्स-हथियार और इन्हें चलाने वाले ट्रेंड लोग भी भेजे। इसके बाद देशभर में बायकॉट तुर्किये और बायकॉट अजरबैजान शुरू हो गया है।

तुर्किये का बायकॉट करने के लिए चार बड़े कदम

भारत के ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफॉर्म जैसे कि ईजमाईट्रिप और इक्सिगो ने सुरक्षा जोखिम और राजनीतिक तनाव का हवाला देते हुए तुर्किये और अजरबैजान की यात्रा न करने की एडवाइजरी जारी की है।

भारत के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए तुर्किये के इनोनू विश्वविद्यालय के साथ अपने समझौते को निलंबित कर दिया।

पुणे के व्यापारियों ने तुर्किये से सेब खरीदना बंद करने का फैसला किया है। इसके बजाय वे हिमाचल, उत्तराखंड, ईरान और अन्य क्षेत्रों से सेब खरीद रहे हैं। उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स एसोसिएशन ने सरकार से तुर्किये से मार्बल के आयात पर तत्काल रोक लगाने का आग्रह किया है।

अडाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स ने मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट और अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ग्राउंड हैंडलिंग सर्विसेज के लिए तुर्किए की फर्म सेलेबी के साथ अपनी पार्टनरशिप खत्म कर दी है।

भारत-तुर्किये व्यापार: सेब का सबसे बड़ा सप्लायर तुर्किये

बीते 5 साल में दोनों देशों के बीच व्यापार में कोई बड़ा बदलाव देखने को नहीं मिला है। अप्रैल 2024 से लेकर फरवरी 2025 के बीच भारत ने तुर्किये को 5.2 अरब डॉलर (₹44,500 करोड़) का सामान बेचा। 2023-24 में यह आंकड़ा 6.65 अरब डॉलर (56,873 करोड़ रुपए) था।

इस दौरान भारत ने तुर्किये से 2.84 अरब डॉलर (करीब 24,320 करोड़) का सामान खरीदा। दोनों देशों के बाइलेट्रल ट्रेड में भारत हमेशा ट्रेड सरप्लस रहा है। यानी हमने तुर्किये से सामान खरीदने के मुकाबले बेचा ज्यादा है।

भारत मुख्य रूप से मिनरल फ्यूल्स, ऑटो पार्ट्स, मशीनरी, फार्मास्यूटिकल्स और कपास का निर्यात करता है। हालांकि, तुर्किये से आयात में सोना, संगमरमर, सेब, सब्जियां, सीमेंट और रसायन शामिल हैं। तुर्किये भारत को सेब के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से एक है।

बायकॉट का तुर्किये पर असर: व्यापार घटा बढ़ने से इकोनॉमी पर असर होगा

1. पिछले साल 3.30 लाख भारतीय पर्यटक तुर्किये गए

2024 में लगभग 3.30 लाख भारतीय पर्यटकों ने तुर्किये की यात्रा की, जिससे तुर्किये की अर्थव्यवस्था में करीब ₹3,000 करोड़ का योगदान हुआ। बहिष्कार के कारण ट्रैवल बुकिंग में 60% की गिरावट और कैंसिलेशन में 250% की बढ़ोतरी हुई है।

देश की मेजर ट्रैवल बुकिंग कंपनियों- EaseMyTrip, इक्सिगो और मेकमाईट्रिप जैसे प्लेटफॉर्म ने भी तुर्किये के लिए प्रचार रोक दिया है। इससे तुर्किये की टूरिज्म सेक्टर पर असर पड़ सकता है।

2. एक्सपोर्ट मार्केट लॉस

भारत तुर्किये के संगमरमर और सेबों के लिए एक बड़ा बाजार है। बहिष्कार से तुर्किये को अपने प्रोडक्ट के लिए दूसरे मार्केट तलाशने होंगे, जो शायद उतनी मात्रा में प्रोडक्ट नहीं ले पाएं या कीमतें न दे पाएं।

OEC के अनुसार, भारत ने 2023 में तुर्किये से लगभग 92.8 मिलियन डॉलर के सेब आयात किए। पुणे के व्यापारियों ने तुर्किये से सेब खरीदना बंद करने का फैसला किया है। इसके बजाय, वे हिमाचल, उत्तराखंड, ईरान और अन्य क्षेत्रों से सेब खरीद रहे हैं।

स्टोरीबोर्ड के अनुसार, तुर्किये वर्तमान में भारत के आयातित संगमरमर का लगभग 70% आपूर्ति करता है - लगभग 14 से 18 लाख टन सालाना, जिसकी कीमत ₹2,500 से ₹3,000 करोड़ के बीच है।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 125 मार्बल फर्मों का प्रतिनिधित्व करने वाले उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स एसोसिएशन ने सरकार से तुर्किये से मार्बल के आयात पर तत्काल रोक लगाने का आग्रह किया है।

यदि भारत का निर्यात जारी रहता है और तुर्किये का एक्सपोर्ट घटता है, तो भारत के साथ तुर्किये का व्यापार घाटा बढ़ सकता है। इस सीधा असर उसके इकोनॉमी पर देखने को मिल सकता है।

बायकॉट का तुर्किये की इकोनॉमी पर ज्यादा बड़ा असर नहीं होगा

INSEAD बिजनेस स्कूल में अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर पुशन दत्त ने कहा, "तुर्किये के निर्यात का केवल 0.64% हिस्सा भारत को जाता है, और इसके आयात का 3% हिस्सा भारत से आता है। इसी तरह, तुर्किये के केवल 0.5% पर्यटक भारत से आते हैं। इसलिए, ट्रेड और टूरिज्म का बहिष्कार करने से तुर्किये की इकोनॉमी पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।

बायकॉट का भारत पर असर: सेब-संगमरमर महंगा हो सकता हैं

भारत अपने कुल संगमरमर आयात का 70% तुर्किये से करता है, जिसकी वैल्यू सालाना 2,500-3,000 करोड़ रुपए है। वहीं, सेब का इंपोर्ट सालाना 1,000-1,200 करोड़ रुपए है। बायकॉट के कारण, भारतीय उपभोक्ताओं और व्यवसायों के लिए ये प्रोडक्ट महंगे हो सकते हैं।

एर्दोगन बोले- तुर्किये-पाक की सच्ची दोस्ती के सबसे अच्छे उदाहरणों में से एक

बायकॉट के बावजूद, तुर्किये के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को एक्स पर जवाब देते हुए उन्हें 'प्रीशियस ब्रदर' कहा और समर्थन दिखाया। उन्होंने लिखा-

मेरे प्रीशियस ब्रदर, तुर्किये और पाकिस्तान के बीच भाईचारा, जिसका आनंद दुनिया में बहुत कम देशों में मिलता है, सच्ची दोस्ती के सबसे अच्छे उदाहरणों में से एक है। हम पाकिस्तानी स्टेट की समझदारीपूर्ण, धैर्यपूर्ण नीति की सराहना करते हैं, जो विवादों को सुलझाने में बातचीत और समझौते को प्राथमिकता देती है।

भारत ने तुर्किये की मदद की थी

6 फरवरी, 2023 को दक्षिणी तुर्किये में आए भूकंप के बाद, भारत ने ‘ऑपरेशन दोस्त’ नाम से एक मानवीय मिशन शुरू किया, जो तुर्किये पहुंचने वाले शुरुआती विदेशी सहायता मिशनों में से एक था। 250 से ज़्यादा ट्रेंड पर्सनल को विशेष उपकरणों और राहत सामग्री के साथ छह सी-17 सैन्य विमानों में तुर्किये भेजा गया था। उन्होंने बचाव प्रयासों में सक्रिय रूप से भाग लिया और जीवन रक्षक सर्जरी सहित मेडिकल ट्रीटमेंट प्रदान किया।


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ओडिशा में कहर बनकर गिरी बिजली, एक ही दिन में 14 लोगों की मौत

ओडिशा में बिजली गिरने से एक ही दिन में 14 लोगों की मौत हो गई है, जबकि छह अन्य का गंभीर हालत में अस्पतालों में इलाज चल रहा है। कोरापुट जिले में लक्ष्मीपुर ब्लॉक के ओडियापेंठ पंचायत के परदीगुडा गांव में तीन लोगों की मौत हो गई।

बिजली की चपेट में आने से इन लोगों की हुई मौत

मृतकों की पहचान बुद्री माडिंगा (60), कासा माडिंगा (16) और अंबिका काशी (35) के रूप में हुई है। बुद्री के पति हिंगु माडिंगा और पांच अन्य को गंभीर हालत में लखीमपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में भर्ती कराया गया है।

जानकारी के मुताबिक शुक्रवार शाम को कोरापुट जिले के लक्ष्मीपुर प्रखंड अंतर्गत ओडियापेंठ ग्राम पंचायत के पर्तिगुडा गांव में दोपहर में कालबैसाखी के कारण आंधी के साथ बारी बारिश हुई। बिजली की गड़गड़ाहट से आसमान गूंजयमान हो गया।

इसी दौरान खेत में काम कर रहे लोगों ने पास में मौजूद एक झोपड़ी में शरण ली। तभी झोपड़ी में बिजली गिर गई। बुद्री माडिंगा,उनकी पोती कासा माडिंगा और अंबिका काशी की मौके पर ही मौत हो गई।

इसी तरह सिमिलीगुड़ा प्रखंड की चारंगुल पंचायत अंतर्गत खालपड़ी गांव के कुम जानी के पुत्र दास जानी (32) की बिजली गिरने से मौत हो गई। नवरंगपुर जिले के उमरकोट प्रखंड के बेनोरा गांव में बिजली गिरने से एक नाबालिग की मौत हो गई, जबकि उसके दादा का गंभीर हालत में अस्पताल में इलाज चल रहा है।

बेनोरा पंचायत के शंकरदा गांव के चैतराम मांझी (35) और उनके भतीजे ललित माझी (15) मक्का सुखाने के लिए बनारा गांव गए थे। फर्श पर मकई सुखाते समय दोपहर करीब 3.30 बजे तेज हवा चली और वर्षा होने लगी। इसी दौरान बिजली गिरने से चैतराम और ललित की मौत हो गई।

ढेंकानाल जिले के कंकड़ाहाड़ ब्लॉक के दसीपुर पंचायत पंचायत के कुसुमुंडिया गांव की सुरुषि बिस्वाल (40) की बिजली गिरने से मौत हो गई है। दोपहर बाद सुरुषि घर के सामने थी तभी अचानक बिजली और वह झुलस गई। उन्हें परजंग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया।

गंजाम जिले के बेलगुंटा थाना क्षेत्र के केबिरी बरहमपुर में बिजली गिरने से एक महिला की मौत हो गई और एक महिला घायल हो गई। केबिरी बरहमपुर गांव के पूर्णचंद्र गौड़ की बेटी रीता गौड़ (30) बिजली की चपेट में आने से झुलस गई थी, जिसे नजदीकी अंबाटोटा अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने रीता को मृत घोषित कर दिया।

इसी तरह तनरादा गांव की नर्मदा पोलाई (38) अपने घर के सामने बैठी थी, तभी बिजली गिरने से गंभीर रूप से झुलस गई। उसका भंजनगर अस्पताल में इलाज चल रहा है। कविसूर्यनगर थाना अंतर्गत ए.बारीदा गांव के लक्ष्मण प्रधान के 13 वर्षीय पुत्र ओम प्रकाश प्रधान की बिजली की चपेट में आने से मौत हो गई है। वह गांव के खेल के मैदान में क्रिकेट खेल रहा था जब वह बिजली की चपेट में आ हया।

सियालीलटी पंचायत के कानकटा गांव की दमयंती मंडल (35) की सड़क किनारे बैठकर सब्जी बेच रही थी। बिजली गिरने की वजह से उनकी मौत हो गई। इसी दौरान बिजली की चपेट में आने से गांव के एक परिवार के दाऊद मंडल, लंकेई भुइयां, पंडित भुइयां, मेंगी भुइयां और सुनीला रैत झुलस गए हैं, जिनका इलाज चल रहा है।

कटक जिले के नरसिंहपुर प्रखंड के सियारिया विश्वनाथपुर गांव के आदित्य कुमार साहू (24) पुत्र प्रफुल्ल कुमार साहू अपने घर के पास खड़े थे, तभी बिजली की चपेट में आ गए। उनके परिवार के सदस्य उन्हें बेहोशी की हालत में कानपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले गए और वहां से कटक के एससीबी मेडिकल अस्पताल रेफर किया गया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

ढेंकानाल जिले के गोंदिया थाना अंतर्गत काबरा गांव के सनातन दियाणी (45) की बिजली गिरने से मौत हो गई। जाजपुर जिले के धर्मशाला प्रखंड के कटाबंध इलाके में बिजली गिरने से दो नाबालिग लड़कों की मौत हो गई है। मृतक की पहचान मणि हेम्ब्रम के बेटे तारा हेम्ब्रम (9) और पांडेय चातार का बेटा जाखुम चातार (12) के रूप में हुई है।

शाम 5 बजे दोनों घर के बाहर में खेल रहे थे तभी उन पर बिजली गिरी और दोनों की मौत हो गई। बालेश्वर के अउपड़ा ब्लॉक में बिजली गिरने से एक मजदूर चुनाराम किस्कू (31) की मौत हो गई है। उसका घर मयूरभंज जिले के उदला थाने के कुटिंग गांव में बताया जा रहा है।


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नीरज चोपड़ा ने पहली बार 90 मीटर भाला फेंका

भारत के जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने आखिरकार 90 मीटर के पार भाला फेंका। नीरज ने यह कामयाबी शुक्रवार रात को दोहा डायमंड लीग में 90.23 मीटर भाला फेंककर हासिल की। नीरज पिछले 8 साल से 90 मीटर भाला फेंकने का प्रयास कर रहे थे। उन्होंने कहा- इस सीजन में और भी 90 मीटर थ्रो आने वाले हैं।

आज से ठीक 9 महीने 7 दिन पहले 9 अगस्त 2024 को नीरज ने पेरिस ओलिंपिक में सिल्वर जीतने के बाद कहा था, 'आज मेरा दिन नहीं था। मुझे लग रहा था कि आज वो दिन है, जब 90 मीटर का थ्रो आएगा, लेकिन भगवान को कुछ और मंजूर था।' 9 महीने 7 दिन में नीरज ने 90 मीटर की बाधा कैसे पार कर ली। 

क्यों खास है 90 मीटर मार्क?

जेवलिन में अब तक के इतिहास में दुनिया भर 25 जेवलिन थ्रोअर ही 90 मीटर भाला फेंक सके हैं। एशिया में ऐसा करने वाले 3 प्लेयर ही हैं। इनमें नीरज के अलावा, पाकिस्तान के अरशद नदीम और चीनी ताइपे चाओ-त्सुन चेंग शामिल हैं। 2024 ओलिंपिक से पहले चेंग ही यह कारनामा कर सके थे।

नीरज ने 90 मीटर मार्क कैसे पार किया?

1. वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाले जान जेलेजनी से ट्रेनिंग ली

नीरज ने वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर जान जेलेजनी से ट्रेनिंग लेने का फैसला लिया। उन्होंने नवंबर 2024 में चेक गणराज्य के जेलेजनी को अपना कोच बनाया। दोनों ने फरवरी महीने में कोचिंग शुरू की। जेलेजनी के नाम भाला फेंक का वर्ल्ड रिकॉर्ड है, उन्होंने 1996 में 98.48 मीटर भाला फेंका था। वे तीन ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं।

जर्मन बायोमैकेनिक्स विशेषज्ञ डॉ क्लॉस बार्टोनिट्ज की कोचिंग में नीरज ने 2020 में टोक्यो ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीता। उसके बाद पेरिस में सिल्वर मेडल भी हासिल किया। इस बीच नीरज डायमंड लीग, वर्ल्ड चैंपियनशिप जैसे टूर्नामेंट में मेडल जीतते रहे, लेकिन 90 मीटर मार्क हासिल नहीं कर सके।

2. नए कोच ने गलतियां बताईं, तकनीकी बदलाव किए

नीरज ने एक इंटरव्यू में कहा था कि कोच जेलेजनी ने पेरिस ओलिंपिक के वीडियो देखकर उन्हें 2 कमियां बताई थीं। उन्होंने नीरज की तकनीक में कुछ बदलाव भी किए थे, जिनका जिक्र नीरज ने एक इंटरव्यू में किया था।

वे पेरिस ओलिंपिक में बहुत नीचे भाला फेंक रहे थे, जिससे थ्रो दूर नहीं जा रहा था।

वे भाला फेंकते समय अपनी बाईं ओर झुक रहे थे। जिससे ज्यादा बल नहीं लग पा रहा था।

3. जेलेजनी के बताए डॉक्टर से इलाज करवाया

जेलेजनी से जुड़ने के बाद नीरज ने अपनी कमर की चोट के लिए जेलेजनी के बताए गए डॉक्टर से सलाह ली। नीरज ने एक इंटरव्यू में कहा था, 'मैं अपनी चोट के कारण अपनी तकनीक में 100 प्रतिशत नहीं दे पा रहा था। मैं प्राग में जेलेजनी के डॉक्टर के पास गया और उन्होंने कुछ एक्सरसाइज बताई।'

नीरज काफी समय से कमर की चोट से परेशान थे। उन्होंने माना कि वे चोट की वजह से पेरिस ओलिंपिक में अपना बेस्ट प्रदर्शन नहीं कर पाए। सिल्वर जीतने के बाद नीरज ने कहा था- 'मुझे लगता है कि मैं फाइनल में अधिक दूरी तक थ्रो कर सकता था। भले ही मानसिक रूप से मैं तैयार था, लेकिन मेरा शरीर मेरी कमर की चोट के बढ़ने के डर की वजह से पीछे हट रहा था। मैं ट्रैक पर रनअप के साथ संघर्ष कर रहा था, जिसके कारण मेरे कई अटेम्ट फाउल रहे।'

4. ट्रेनिंग के लिए जल्दबाजी में शादी, रिसेप्सन भी टाला

नीरज चोपड़ा को अपनी ट्रेनिंग की शुरुआत करने के लिए जल्दबाजी में शादी करनी पड़ी। इतना ही नहीं, रिसेप्शन को भी टालना पड़ा। नीरज ने अपनी सीक्रेट शादी के सवाल पर एक चैनल से कहा था- 'मुझे ट्रेनिंग करनी थी, इस वजह से जल्दी में शादी की।'

नीरज ने कहा था- ऐसा नहीं कि मेरी शादी की खबर किसी को नहीं थी। काफी लोगों को जानकारी थी, जिसमें फैमिली और क्लोज फ्रेंड भी थे। हम सभी को अच्छे तरीके से इनवाइट करना चाहते थे। वह ऐसा टाइम था कि मुझे ट्रेनिंग शुरू करनी थी। मेरा कॉम्पिटिशन का सीजन शुरू होने वाला था। पहले था कि सीजन के बाद ट्रेनिंग स्टार्ट करूंगा, लेकिन फिर भी सबको बुलाने में काफी टाइम लग जाता।

आखिर में जानिए नीरज ने क्या कहा?

मेरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन आना अभी बाकी है

90 मीटर से ज्यादा भाला फेंकने के बाद नीरज चोपड़ा ने दोहा में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन अभी आना बाकी है। फैंस इस साल उनसे 90 मीटर की और थ्रो की उम्मीद कर सकते हैं।

नीरज ने कहा-

मैं 90 मीटर मार्क हासिल करके बहुत खुश हूं। लेकिन, यह खट्‌टा-मीठा अनुभव रहा। मेरे कोच ने मुझसे कहा था कि मैं आज 90 मीटर पार कर सकता हूं। हवा ने मदद की और मौसम गर्म होने से भी मदद मिली।

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए नीरज ने कहा-

मुझे लगता है कि आने वाली प्रतियोगिताओं में मैं इससे ज्यादा थ्रो कर सकता हूं। हम कुछ चीजों पर काम करेंगे और इस सीजन में फिर 90 मीटर की दूरी पार करेंगे।

नीरज चोपड़ा ने दोहा डायमंड लीग में 90.23मी. भाला फेंका

भारत के स्टार जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने दोहा डायमंड लीग में 90.23 मीटर भाला फेंका। उन्होंने तीसरे प्रयास में अपने करियर का बेस्ट थ्रो किया। हालांकि, वे दूसरे स्थान पर रहे। जर्मनी के जूलियन वेबर 91.06 मीटर के थ्रो के साथ पहले और ग्रेनेडा के पीटर्स एंडरसन 85.64 मीटर के साथ तीसरे स्थान पर रहे।


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ऑपरेशन सिंदूर- दुनिया को ब्रीफ करेंगी सांसदों की 7 टीमें

केंद्र सरकार सभी दलों के सांसदों के सात डेलिगेशन को विदेश भेजेगी। हर टीम में 5-5 सांसद होंगे। इनमें से एक सांसद ग्रुप को लीड करेगा। संसदीय कार्य मंत्रालय ने शनिवार को टीम लीडर्स के नाम जारी किए। इसमें भाजपा के दो, कांग्रेस, DMK, JDU, NCP (SP) और शिवसेना (शिंदे गुट) के एक-एक सांसद हैं।

भाजपा से रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, कांग्रेस के शशि थरूर, जदयू के संजय कुमार झा, DMK के कनिमोझी करुणानिधि, NCP (SP) की सुप्रिया सुले और शिवसेना (शिंदे गुट) के श्रीकांत एकनाथ शिंदे ग्रुप्स को लीड करेंगे।

इनके नेतृत्व में 7 डेलिगेशन इस महीने 23 या 24 मई से अगले 10 दिनों के लिए दुनिया के बड़े देशों, खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्य देशों में जाएंगे। वहां बताएंगे कि आतंकवाद के खिलाफ भारत का दृष्टिकोण क्या है और आपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन क्यों और कैसे लिया गया।

डेलिगेशन में कांग्रेस के 4 सांसदों के नाम

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने X पर बताया, 'शुक्रवार (16 मई) सुबह संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से बात की थी। पाकिस्तान से आतंकवाद पर भारत का रुख समझाने के लिए विदेश भेजे जाने वाले डेलिगेशन के लिए 4 सांसदों के नाम देने को कहा। कांग्रेस की तरफ से 4 नाम- आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, डॉ. सैयद नसीर हुसैन और राजा बरार, दिए गए हैं।'

इससे पहले जयराम रमेश ने शुक्रवार को कहा था, 'प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान से आतंकवाद पर भारत के रुख को समझाने के लिए विदेश में मल्टी पार्टी डेलिगेशन भेजने का फैसला किया है। कांग्रेस इस डेलिगेशन का हिस्सा होगी, क्योंकि वह भाजपा की तरह राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों का राजनीति नहीं करती।'

शशि थरूर बोले- 5 देशों की राजधानियों में डेलिगेशन जाएगा

 सांसदों का डेलिगेशन अमेरिका, UK, दक्षिण अफ्रीका, कतर और UAE जाएंगे। हालांकि, सरकार की तरफ से इसकी जानकारी सामने नहीं आई है।

शशि थरूर ने X पर अपने पोस्ट में बताया कि उनके नेतृत्व में सांसदों का एक डेलिगेशन पांच प्रमुख देशों की राजधानियों में जाएगा। उन्होंने X पर लिखा, 'मैं हाल की घटनाओं पर हमारे देश का दृष्टिकोण रखने के लिए पांच प्रमुख राजधानियों में एक सर्वदलीय डेलिगेशन का नेतृत्व करने के लिए भारत सरकार के निमंत्रण से सम्मानित महसूस कर रहा हूं।'

अनुराग ठाकुर-ओवैसी के भी विदेश दौरे पर जाने की संभावना

 डेलिगेशन में पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, ओडिशा से भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी के नाम शामिल हैं। दूसरी पार्टियों से जिन सांसद के नाम पर विचार किया जा रहा है, उनमें TMC के सुदीप बन्योपाध्याय, बीजद के सस्मित पात्रा (BJD, CPI-M के जॉन ब्रिटास और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी हो सकते हैं।

क्या है ऑपरेशन सिंदूर?

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। आतंकियों ने 26 टूरिस्ट्स की हत्या की थी। 7 मई को भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी। सेना ने 100 आतंकियों को मार गिराया था। दोनों देशों के 10 मई की शाम 5 बजे से सीजफायर पर सहमति बनी थी।

सीजफायर के 3 दिनों में क्या-क्या हुआ था...

10 मई: अमेरिका ने सीजफायर की बात कही, भारत ने पुष्टि की

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शाम करीब 5:30 बजे सीजफायर की जानकारी दी थी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कहा था- रात में USA की मध्यस्थता में चली लंबी बातचीत के बाद मुझे बताते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान तुरंत और पूरी तरह हमले रोकने के लिए तैयार हो गए हैं। मैं दोनों देशों को कॉमनसेंस, समझदारी से भरा फैसला लेने के लिए बधाई देता हूं।'

ट्रंप के बयान के 30 मिनट बाद विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने शाम 6 बजे प्रेस ब्रीफ किया था। उन्होंने बताया था कि दोनों देश अब एक-दूसरे पर सैन्य कार्रवाई नहीं करेंगे। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने भी युद्ध विराम पर सहमति जताई थी, लेकिन 3 घंटे बाद भारत के 4 राज्यों पर हमला किया था।

11 मई: सेना ने कहा- पाकिस्तानी DGMO ने कॉल किया था

डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, वाइस एडमिरल एएन प्रमोद और एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की जानकारी दी थी।

एयरमार्शल भारती ने बताया था...

मुझे 10 मई को पाकिस्तानी डीजीएमओ ने कॉल किया। पाकिस्तान के डीजीएमओ से दोपहर 3.30 बजे बातचीत हुई। जिसमें तय हुआ कि 7 बजे के बाद से कोई हमला नहीं किया जाएगा। अगली बातचीत 12 मई को होगी। कुछ ही घंटों बाद उन्होंने संघर्ष विराम तोड़ा। ड्रोन अटैक किया और फायरिंग की।

हमने उन्हें मैसेज भेजा कि हम पर किए गए हमले का जवाब हमने दिया है। अगर आज रात भी ऐसा किया तो हम जवाब देंगे। इसके बाद हमारे आर्मी चीफ ने हमें जवाब देने के लिए पूरी अथॉरिटी दी है। हमारे 5 जवान मारे गए, उन्हें हम श्रद्धांजलि देते हैं। हमने तनाव बढ़ाने वाली कोई प्रतिक्रिया नहीं की, लेकिन अगर हमारी संप्रभुता और अखंडता पर हमला किया गया तो इसका निर्णायक जवाब देंगे। पूरी खबर पढ़ें...

12 मई: सेना ने कहा- हमारी लड़ाई आतंकियों से, पाकिस्तानी मिलिट्री से नहीं

पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर पर भारतीय सेना ने लगातार दूसरे दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस की। एयर मार्शल भारती ने कहा- भय बिनु होय ना प्रीति। हमारी लड़ाई आतंकवादियों के साथ है। हमारी लड़ाई पाकिस्तानी मिलिट्री के साथ नहीं है। पाकिस्तान की सेना ने आतंकियों का साथ दिया, तो हमने उसका जवाब दिया। अपनी सेना के नुकसान के लिए वह खुद जिम्मेदार है।

पाकिस्तान की तरफ से किए गए हमले में चाइनीज ओरिजन की मिसाइल शामिल थीं, इनमें लॉन्ग रेंज रॉकेट थे, uav थे, चीनी ओरिजन के कुछ कॉप्टर्स और ड्रोन थे। इन्हें हमारे एयरडिफेंस सिस्टम ने मार गिराया। हमने सिविलियन और मिलिट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर को मिनिमम टारगेट पर रखा, जबकि पाकिस्तानी सेना लगातार सभी जगह हमले कर रही थी। 

पीएम बोले- पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई सिर्फ स्थगित, हमला हुआ तो मुंहतोड़ जवाब देंगे

पाकिस्तान के साथ सीजफायर के 51 घंटे बाद PM मोदी ने सोमवार रात 8 बजे देश को संबोधित किया था। अपने 22 मिनट के भाषण में प्रधानमंत्री ने पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर, सीजफायर, आतंकवाद, सिंधु जल समझौते और PoK पर बात की थी। PM ने कहा था कि जिन आतंकियों ने हमारी मां-बहनों का सिंदूर मिटाया, हमने उन्हें मिटा दिया।


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दिल्ली-NCR के इस शहर में वाहनों पर ताबड़तोड़ एक्शन, दो हजार के कटे चालान

पुलिस ने स्पेशल चैकिंग अभियान चला वाहनों को चेक किया, पिछले दो सप्ताह में दो हजार से ज्यादा वाहनों के काटे चालान, 50 से अधिक वाहन जब्त किए।

महेंद्रगढ़ जिले में पुलिस द्वारा पिछले दो सप्ताह में जिलेभर में यातायात के नियमों का उल्लंघन करने पर दो हजार से अधिक वाहन चालकों के चालान किए गए, जिसमें बिना हेलमेट पहने दोपहिया वाहन चालकों, सीट बेल्ट ना लगाने वालों, गलत लेन/दिशा में वाहन चलाने वालों, बिना कागजात वाली गाड़ियों के चालान काटे गए।

जिनमें से 50 से अधिक वाहनों को जब्त भी किया गया। महेंद्रगढ़ पुलिस द्वारा विशेषत: बिना नंबर प्लेट वाले वाहनों पर स्पेशल नजर रखी और उनके कागजात चेक कर वाहनों की जांच भी की।

डीएसपी सुरेश कुमार ने बताया कि पुलिस अधीक्षक पूजा वशिष्ठ के निर्देशानुसार आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए और यातायात नियमों की पालना सुनिश्चित कराने के लिए यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालो के विरुद्ध सख्ती की जा रही है।

उन्होंने कहा कि महेंद्रगढ़ पुलिस द्वारा जिलेभर में विभिन्न स्थानों पर नाके लगाकर वाहनों की गहनता से चैकिंग की गई, इस दौरान वाहनों के कागजात भी जांचे गए। पुलिस ने चैकिंग के दौरान पिछले दो सप्ताह में बिना हेलमेट, बिना सीट बेल्ट, वाहन चलाते समय फोन का प्रयोग करने, गलत दिशा में वाहन चलाने और तेज गति में वाहन चलाने वाले वाहन चालकों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए दो हजार से अधिक वाहनों के चालान काटे हैं और 50 से अधिक वाहनों को इंपाउंड किया गया है।

महेंद्रगढ़ पुलिस द्वारा लोगों को जागरूक किया गया कि तय गति सीमा में वाहन चलाएं, वाहन चलाते समय फोन का इस्तेमाल ना करें। यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के विरुद्ध भविष्य में भी पुलिस की सख्ती जारी रहेगी।


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ऑपरेशन सिंदूर पर दुनिया को ब्रीफ करेंगे भारतीय सांसद

पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर पर भारत के सांसद दुनिया को ब्रीफ करेंगे। केंद्र सरकार सभी दलों के चुनिंदा सांसदों को 22 मई से 10 दिनों के लिए 5 देशों में भेज रही है। 5-6 सांसदों के कुल 8 ग्रुप्स अमेरिका, UK, दक्षिण अफ्रीका, कतर और UAE जाएंगे। वहां की सरकार को आतंकवाद पर भारत का पक्ष बताएंगे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अलग-अलग पार्टियों के सीनियर सांसद विदेश दौरे पर भारतीय डेलिगेशन के ग्रुप्स को लीड करेंगे। कांग्रेस सांसद शशि थरूर को ग्रुप लीडर बनाया जा सकता है। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी डेलिगेशन का हिस्सा हो सकते हैं।

सूत्रों की तरफ से बताया जा रहा है कि सांसदों के साथ विदेश मंत्रालय (MEA) का एक अधिकारी और एक सरकारी प्रतिनिधि भी जाएंगे। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू सांसदों का विदेश दौरा कोऑर्डिनेट कर रहे हैं। सांसदों को निमंत्रण भेजा जा चुका है। उन्हें अपना पासपोर्ट और ट्रैवल से जुड़ी जरूरी डॉक्यूमेंट्स तैयार रखने की सलाह दी गई है।

सरकार ने 8 मई को सभी दलों की बैठक बुलाई थी

केंद्र सरकार ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक की थी। अगले दिन संसद में ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देने के लिए सभी दलों की बैठक बुलाई गई थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की थी।

रक्षा मंत्री ने बैठक में बताया कि भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (POJK) में आतंकी ठिकानों पर जो हमले किए, उसमें कम से कम 100 आतंकवादी मारे गए। सर्वदलीय बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के अलावा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी पहुंचे थे

पिछली सरकारों ने अपना पक्ष रखने के लिए डेलिगेशन विदेश भेजे-

1994: विपक्ष के नेता वाजपेयी ने UNHRC में भारत का पक्ष रखा था

ये पहली बार नहीं है, जब केंद्र सरकार ने किसी मुद्दे पर अपना पक्ष रखने के लिए विपक्षी पार्टियों की मदद लेगी। इससे पहले 1994 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंह राव ने कश्मीर के मुद्दे पर भारत का पक्ष रखने के लिए विपक्ष के नेता अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भारतीय डेलिगेशन को जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (UNHRC) भेजा था।

उस डेलिगेशन में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और सलमान खुर्शीद जैसे नेता भी शामिल थे। तब पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघन के संबंध में UNHRC के सामने एक प्रस्ताव पेश करने की तैयारी में था।

हालांकि, भारतीय डेलिगेशन ने पाकिस्तान के आरोपों का जवाब दिया और नतीजतन पाकिस्तान को अपना प्रस्ताव वापस लेना पड़ा। उस समय यूएन में भारत के राजदूत हामिद अंसारी ने भी प्रधानमंत्री राव की रणनीति सफल कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

2008: मुंबई हमलों के बाद मनमोहन सरकार ने डेलिगेशन विदेश भेजा था

2008 में मुंबई हमलों के बाद, तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी आतंकवादी हमलों में पाकिस्तानी लिंक होने से जुड़े दस्तावेजों के साथ विभिन्न राजनीतिक दलों के डेलिगेशन को विदेश भेजने का फैसला किया था।

भारत ने पाकिस्तान पर सैन्य हमला न करने का फैसला किया था। हालांकि, मनमोहन सरकार के कूटनीतिक हमले के कारण पाकिस्तान पर लश्कर-ए-तैयबा और अन्य आतंकी समूहों के खिलाफ एक्शन लेने के लिए काफी अंतरराष्ट्रीय दबाव पड़ा। यूनाइटेड नेशन्स सिक्योरिटी काउंसिल और फाइनेंशियल एक्स टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को पहली बार ग्रे-लिस्ट में भी डाला था।

ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने बॉर्डर पार किए बिना पाकिस्तान में 9 आतंकी कैंप्स नष्ट किए

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमले में 26 टूरिस्ट मारे गए थे। पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में हमला किया था।

इस दौरान भारत ने अपने एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम की बदौलत बॉर्डर पार किए बिना पाकिस्तान के भीतर जाकर नौ आतंकवादी कैंपों को नष्ट कर दिया। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान ने भी हमला किया, लेकिन भारत की मल्टी लेयर्ड एयर डिफेंस सिस्टम ने लगभग हर पाकिस्तानी मिसाइल और ड्रोन को बेअसर कर दिया।

भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान रूस की एस-400, बराक-8 मीडियम रेंज SAM सिस्टम और स्वदेशी आकाशतीर सिस्टम को तैनात किया था। इसके अलावा पिकोरा, OSA-AK और LLAD गन (लो-लेवल एयर डिफेंस गन) के जरिए भी पाकिस्तान के मिसाइल और ड्रोन हमले नाकाम किए।



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दिल्ली में 24 कैरेट सोना ₹95,280 पर बिक रहा,सोना-चांदी की कीमतों में बड़ी तेजी

सोने-चांदी के दाम में आज यानी 16 मई को बढ़त है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का दाम ₹1,293 बढ़कर ₹93,658 पर पहुंच गया है। कल सोने की कीमत ₹92,365 प्रति 10 ग्राम थी।

वहीं, चांदी का भाव ₹1,016 बढ़कर ₹95,588 हो गया है। इससे पहले चांदी का भाव ₹94,572 प्रति किलो था। इससे पहले सोने ने 21 अप्रैल को ₹99,100 और 28 मार्च को चांदी ने ₹1,00,934 का ऑल टाइम हाई बनाया था।

4 महानगरों में सोने की कीमत

दिल्ली : 10 ग्राम 22 कैरेट सोने की कीमत 87,350 रुपए और 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 95,280 रुपए है।

मुंबई : 10 ग्राम 22 कैरेट सोने की कीमत 87,200 रुपए और 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 95,130 रुपए है।

कोलकाता : 10 ग्राम 22 कैरेट गोल्ड की कीमत 87,200 रुपए और 24 कैरेट 10 ग्राम सोने की कीमत 95,130 रुपए है।

चेन्नई : 10 ग्राम 22 कैरेट सोने की कीमत 87,200 रुपए और 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 95,130 रुपए है।

भोपाल: 10 ग्राम 22 कैरेट सोने की कीमत 87,250 रुपए और 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 95,180 रुपए है।

इस साल अब तक 17,496 रुपए महंगा हो चुका है सोना

इस साल यानी 1 जनवरी से अब तक 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का दाम 76,162 रुपए से 17,496 रुपए बढ़कर 93,658 रुपए पर पहुंच गया है। वहीं, चांदी का भाव भी 86,017 रुपए प्रति किलो से 9,571रुपए बढ़कर 95,588 रुपए पर पहुंच गया है। वहीं पिछले साल यानी 2024 में सोना 12,810 रुपए महंगा हुआ था।

साल के आखिर तक ₹1.10 लाख तक जा सकता है सोना

इस साल सोना 3,700 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है। इंटरनेशनल रेट के हिसाब से कैलकुलेट करें तो भारत में 10 ग्राम सोने के दाम 1.10 लाख रुपए तक जा सकते हैं। विदेशी इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स ने ये अनुमान जारी किया है।

सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें

हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें। सोने पर 6 अंकों का हॉलमार्क कोड रहता है। इसे हॉलमार्क यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर यानी HUID कहते हैं। ये नंबर अल्फान्यूमेरिक यानी कुछ इस तरह होता है- AZ4524। हॉलमार्किंग के जरिए ये पता करना संभव है कि कोई सोना कितने कैरेट का है।



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जैकलीन फर्नांडिस पर भारी पड़ीं 17 साल की Nitanshi Goel, ब्लैक ड्रेस में रेड कारपेट पर ढहाया कहर

कान्स फिल्म फेस्टिवल दुनिया के प्रतिष्ठित फिल्म समारोहों में से एक है। हर साल फ्रांस का कान शहर में आयोजित फिल्म फेस्टिवल में दुनियाभर की फिल्म इंडस्ट्री से सितारे आते हैं और रेड कारपेट पर अपना फैशन का जलवा दिखाते हैं। इस साल बॉलीवुड से भी कई हसीनाएं रेड कारपेट पर अपनी हुस्न का जलवा दिखाने गईं।

बीते दिनों उर्वशी रौतेला ने पहले दिन कान्स के रेड कारपेट पर अपनी खूबसूरती का जादू बिखेरा। उन्होंने यूनीक लुक में एंट्री मारी और सबकी नजरें चुरा लीं। अब कान्स के रेड कारपेट पर यंगेस्ट स्टार नितांशी गोयल (Nitanshi Goel) आईं और ब्लैक आउटफिट में कमाल कर दिया।

ब्लैक ड्रेस में नितांशी का कमाल

17 साल की नितांशी गोयल कान्स में आने वाली सबसे कम उम्र की बॉलीवुड स्टार हैं। लापता लेडीज में फूल का किरदार निभाकर मशहूर हुईं नितांशी ने पहले दिन ही अपने लुक से धमाल कर दिया। वह रेड कारपेट पर जेड बाय मोनिका और करिश्मा के काउचर से एक शानदार लॉन्ग ब्लैक कलर का स्ट्रैपलेस गाउन पहना था जिस पर गोल्डन डिटेलिंग थी।

नितांशी गोयल ने अपने लुक को मिनिमल ज्वेलरी के साथ स्टाइल किया था। उन्होंने स्टेटमेंट नेकलेस के साथ ईयररिग्स पहने थे। ग्लॉसी मेकअप के साथ न्यूड लिपस्टिक और स्लीक पोनीटेल में वह स्टनिंग लग रही थीं। सोशल मीडिया पर जैसे ही उनकी तस्वीर सामने आई, लोग उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं।

इससे पहले नितांशी  व्हाइट ड्रेस में दिखाई दी थीं। उन्होंने अपने पोनीटेल में दिग्गज हसीनाओं को ट्रिब्यूट देते हुए उनकी फोटोज को बालों में लगाया था।

जैकलीन फर्नांडिस का अनोखा लुक 

इस साल जैकलीन फर्नांडिस भी कान्स फिल्म फेस्टिवल का हिस्सा हैं। उन्होंने अपने लुक को डीसेंट बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। रेड कारपेट से पहले कान्स से जैकलीन ने अपनी लेटेस्ट फोटोज शेयर की हैं जिसमें वह कमाल की लग रही हैं। उन्होंने व्हाइट कलर की ड्रेस के साथ सिल्वर कलर की चैन कैरी की थी।

आपको बता दें कि जैकलीन फर्नांडिस 'वुमन इन सिनेमा' पैनम में शामिल होने वालीं सात हीरोइनों में से एक हैं। 13 मई को शुरू हुआ कान्स 24 मई तक चलने वाला है। अभी और अभी बॉलीवुड सेलेब्स कान्स के मंच पर जलवा बिखेरेंगे।


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माता वैष्णो देवी धाम पर फ्री हुईं कई सुविधाएं, ठहरना और भोजन भी एकदम मुफ्त

भारत- पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम के बाद देशभर से श्रद्धालुओं ने मां वैष्णो देवी (Mata Vaishno Devi Dham Free Facilities) के आधार शिविर कटड़ा की तरफ रुख करना शुरू कर दिया है। धीरे-धीरे यात्रा आंशिक बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। गुरुवार रात दस बजे तक 5423 श्रद्धालु भवन की ओर रवाना हो चुके थे।

यात्रियों को मिल रही फ्री सुविधाएं

श्राइन बोर्ड की तरफ से यात्रा में बढ़ोतरी के लिए श्रद्धालुओं को कटड़ा से लेकर कई तरह की सुविधाएं निशुल्क मुहैया करवाई जा रही है। इनमें कटड़ा, और मां वैष्णो देवी भवन और अर्धकुंवारी मंदिर क्षेत्र में ठहरने की व्यवस्था, मां के भवन व अर्धकुंवारी मंदिर परिसर में रोजाना होने वाली दिव्य आरती में बैठने की सुविधाएं शामिल हैं।

इसके अलावा भवन मार्ग पर जगह-जगह स्थापित लंगरों में भोजन, बाणगंगा क्षेत्र के साथ ही कटड़ा रेलवे स्टेशन पर श्राइन बोर्ड द्वारा श्रद्धांलुओं के लिए निशुल्क चाय का काउंटर स्थापित किया है।

भवन पर सुबह और शाम दिव्य आरती के समय श्रद्धालुओं की थोड़ी रौनक देखने को मिल रही है, लेकिन अधिकांश समय मां का भवन और यात्रा मार्ग वीरान नजर आ रहा है।श्राइन बोर्ड ने क्यों लिया यह फैसला?

श्राइन बोर्ड ने रविवार को इस बात का एलान किया कि जो भी श्रद्धालु आधार शिविर कटड़ा में मां वैष्णो (Mata Vaishno Devi News) की यात्रा के लिए पहुंच रहे हैं ऐसे सभी श्रद्धालुओं के लिए कटड़ा में श्राइन बोर्ड के आशीर्वाद परिसर में ठहरने की निशुल्क व्यवस्था श्राइन बोर्ड द्वारा की गई है।

दरअसल, भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के कारण यात्रा में कमी को देखते हुए श्राइन बोर्ड ने आशीर्वाद परिसर में ठहरने की निशुल्क व्यवस्था की है। श्राइन बोर्ड निशुल्क इन सुविधाओं को कब तक जारी रखेगा। इसे लेकर फिलहाल अपडेट नहीं है। लेकिन संभव है कि श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होते ही श्राइन बोर्ड फ्री सुविधाएं रोक दें।


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