यूपी में 69000 शिक्षक भर्ती केस में 'सुप्रीम' आदेश, मेरिट लिस्ट रद्द करने के हाई कोर्ट के फैसले पर रोक

उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती मामले पर बड़ी खबर सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की तरफ से दिए गए आदेश पर रोक लगा दी है। चीफ जस्टिस ने पिछले महीने हाई कोर्ट की तरफ से जारी आदेश को निलंबित करते हुए 23 सितंबर को अगली सुनवाई की तारीख तय की है। गौरतलब है कि सहायक शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट रद्द किए जाने से हजारों टीचर्स की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा था।

दरअसल, उत्तर प्रदेश में 69 हजार टीचर भर्ती मामले में दायर याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा है कि हाई कोर्ट का आदेश फिलहाल निलंबित रहेगा। अब मामले में अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी। सीजेआई ने सभी पक्षकारों से कहा लिखित नोट दाखिल करने की बात कही है। उसके बाद इस पर फाइनल सुनवाई की जाएगी।

मैं तो अभी तुरंत ही... 69000 शिक्षक अभ्यर्थियों ने राजभर का आवास घेरा तो योगी के मंत्री ने कह दी बड़ी बात

इससे पहले पिछले ही महीने यूपी में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए सहायक शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट रद्द कर दिया था। इसके साथ ही सरकार को आरक्षण नियमावली 1994 की धारा 3(6) और बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 का पालन करने का आदेश भी दिया था। सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा का परिणाम नए सिरे से जारी करने का आदेश दिया गया था।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अगस्त के अपने फैसले में जून 2020 और जनवरी 2022 की सिलेक्शन लिस्ट को रद्द करते हुए यूपी सरकार को आदेश दिया था कि वो 2019 में हुई सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा के आधार पर 69 हजार शिक्षकों के लिए नई सिलेक्शन लिस्ट तीन महीने में जारी करे। हाई कोर्ट ने ये भी कहा था कि अगर कोई आरक्षित वर्ग का कैंडिडेट जनरल कैटेगरी के बराबर मेरिट हासिल कर लेता है तो उसका सिलेक्शन जनरल कैटगरी में ही माना चाहिए। इस आदेश के चलते यूपी में बड़ी संख्या में नौकरी कर रहे शिक्षकों पर नौकरी खोने का खतरा मंडराने लगा।



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​पीएम मोदी ने किया शिक्षकों से संवाद, नई शिक्षा नीति को साकार करने की ​दी प्रेरणा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षक दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकों से संवाद करते हुए उन्हें देश के युवाओं को विकसित भारत के निर्माण के लिए तैयार करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी पर जोर दिया. इस दौरान उन्होंने नई शिक्षा नीति (NEP) के सकारात्मक प्रभाव पर भी चर्चा की और शिक्षकों की भूमिका को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कई सुझाव दिए.

पीएम मोदी ने शिक्षकों को सुझाव दिया कि वे छात्रों को स्थानीय लोकगीतों के माध्यम से विभिन्न भाषाओं से परिचित कराएं, जिससे बच्चों में भाषाई विविधता के प्रति रुचि विकसित हो सके. इसके साथ ही उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे छात्रों को भारत की सांस्कृतिक विविधता और इतिहास से रूबरू कराने के लिए शैक्षिक यात्राओं का आयोजन करें.

प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षकों का योगदान देश के भविष्य निर्माण में अत्यंत महत्वपूर्ण है और नई शिक्षा नीति उसी दिशा में एक सशक्त प्रयास है.

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नीट यूजी काउंसलिंग के दूसरे राउंड के लिए रजिस्ट्रेशन आज से, फीस से लेकर शेड्यूल तक.

मेडिकल काउंसलिंग कमेटी आज नीट यूजी काउंसलिंग 2024 के सेकेंड राउंड के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू करेगी. वे कैंडिडेट्स जो राउंड टू के तहत आवेदन करना चाहते हों, वे एप्लीकेशन लिंक एक्टिव होते ही फॉर्म भर सकते हैं. ऐसा करने के लिए उन्हें एमसीसी की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा, जिसका पता  है – mcc.nic.in. यहां से आवेदन किया जा सकता है और आगे के डिटेल की भी जानकारी पायी जा सकती है.

कल से शुरू होगी च्वॉइस फिलिंग

नीट यूजी सेकेंड राउंड की काउंसलिंग के लिए रजिस्ट्रेशन आज यानी 5 सितंबर से शुरू होंगे. इसके बाद कल 6 सितंबर से च्वॉइस फिलिंग की जा सकेगी. च्वॉइस फिलिंग और सीटें लॉक करने की सुविधा कल से शुरू होगी और 10 सितंबर तक चलेगी. यानी इस तारीख के पहले आप अपनी च्वॉइस भर भी दें और उसे लॉक भी कर दें.

यहां देखें पूरा शेड्यूल

नीट यूजी 2024 के सेकेंड राउंड के लिए सीट अलॉटमेंट का प्रक्रिया 11 सितंबर से शुरू होगी जो 12 सितंबर तक चलेगी.

दूसरे राउंड के सीट अलॉटमेंट के नतीजे 13 सितंबर के दिन जारी होंगे.

जिन कैंडिडेट्स को कॉलेज एलॉट हो जाएगा, वे वहां 14 सितंबर से 20 सितंबर के बीच सारी औपचारिकताएं पूरी करते हुए रिपोर्ट कर सकते हैं.

इसके बाद ज्वॉइन करने वाले कैंडिडेट्स का डेटा वैरीफाई करके उन कॉलेजों को 21 और 22 सितंबर तक एमसीसी को भेजना होगा.

फीस कितनी देनी होगी

फीस कोर्स और यूनिवर्शिटी के हिसाब से अलग है, जिसका डिटेल आपको वेबसाइट से देखना होगा. मोटी जानकारी हम यहां साझा कर रहे हैं. मेडिकल, डेंटल, बीएससी नर्सिंग की सीटों पर, डीम्ड यूनिवर्सिटीज के लिए सफीस 5000 रुपये है साथ ही दो लाख रुपये सिक्योरिटी एमाउंट जमा कराना होगा. ये वापस हो जाएगा.

वहीं 15 प्रतिशत ऑल इंडिया कोटा सीटों के लिए यानी सेंट्रल यूनिवर्सिटीज, एम्स, एएफएमसी, ईएसआई वगैरह के लिए अप्लाई कर रहे हैं तो रजिस्ट्रेशन फीस 500 रुपये है. आरक्षित श्रेणी के लिए ये 100 रुपये है. यहां सिक्योरिटी एमाउंट 10 हजार है और रिजर्व कैटेगरी के लिए 5 हजार.

कैसे करना है अप्लाई

नीट यूजी काउंसलिंग के दूसरे राउंड के रजिस्ट्रेशन के लिए सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं यानी mcc.nic.in पर.

यहां होमपेज पर आपको राउंड 2 का रजिस्ट्रेशन लिंक दिखेगा, इस पर क्लिक करें.

ऐसा करते ही एक नया पेज खुलेगा. इस पेज पर आपको अपने डिटेल डालने होंगे. इन्हें डालें और सबमिट कर दें.

इतना करते ही आपको एकाउंट में जाने को मिलेगा.

अब लॉगिन करके फॉर्म भर दें और फीस भी जमा कर दें.

अब फॉर्म एक बार ठीक से चेक कर लें और सबमिट करने के बाद पेज डाउनलोड करके रख लें. ये आगे काम आएगा. 


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UPSC में नहीं होगी सीधी भर्ती! लेटरल एंट्री विज्ञापन पर मोदी सरकार ने लगाई रोक

केंद्र सरकार ने लेटरल एंट्री के विज्ञापन पर रोक लगा दी है। इस मामले को लेकर कार्मिक मंत्री ने यूपीएससी (UPSC) चेयरमैन को पत्र लिखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर सीधी भर्ती के विज्ञापन पर रोक लगा दी गई है।

सरकार के फैसले पर मचा सियासी बवाल 

बता दें कि यूपीएससी ने 17 अगस्त को एक विज्ञापन जारी करते हुए 45 ज्वाइंट सेक्रेटरी, डिप्टी सेक्रेटरी और डायरेक्टर लेवल की भर्तियां निकाली थी। सरकार के इस फैसले पर जमकर सियासी बवाल मचा। कांग्रेस समेत ज्यादातर विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि सरकार आरक्षण पर चोट कर रही है। इतना ही नहीं एनडीए के घटक दलों ने भी फैसले की आलोचना की।

सरकार ने क्यों वापस लिया फैसला? 

केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी चेयरमैन को लिखे पत्र में बताया कि सरकार ने यह फैसला लेटरल एंट्री के व्यापक पुनर्मूल्यांकन के तहत लिया है। पत्र में कहा गया है कि ज्यादातर लेटरल एंट्री 2014 से पहले की थी। 2014 से पहले होने वाले लेटरल एंट्री में आरक्षण के बारे में कभी सोचा नहीं गया। नेशनल एडवाइजरी काउंसि पीएमओ को कंट्रोल करती थी।

वहीं, मोदी सरकार का मानना है कि सार्वजनिक नौकरियों में आरक्षण के साथ छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए।

पत्र में आगे लिखा गया कि ये पद विशेष हैं ऐसे में इन पदों पर नियुक्तियों को लेकर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। इसकी समीक्षा और जरूरत के अनुरूप इनमें सुधार की जरूरत है क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी का पूरा फोकस सामाजिक न्याय की ओर है।

केंद्रीय मंत्री ने लेटरल एंट्री पर क्या कहा था?

सरकार के इस फैसले पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था  कि एनडीए सरकार ने लेटरल एंट्री को लागू करने के लिए एक पारदर्शी तरीका बनाया है। यूपीएससी के माध्यम से पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से भर्तियां की जाएंगी। इस सुधार से प्रशासन में सुधार होगा।

भाजपा ने  कहा था कि लेटर एंट्री का प्रस्ताव कांग्रेस शासन में लाया गया था। वहीं, मनमोहन सिंह, मोंटेक सिंह अहलूवालिया, सैम पित्रोदा सरीखे लोगों को लेटरल एंट्री के जरिए ही कांग्रेस शासन में सरकार का हिस्सा बनाया गया था। 


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10वीं और 12वीं पास युवाओं के लिए अच्छी खबर, अब आईटीआई में शुरू होंगे शॉर्ट टर्म कोर्स

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तहत राज्य के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में शॉर्ट-टर्म कोर्स शुरू होंगे। यही कोर्स निजी आईटीआई में भी लागू किए जाएंगे। यह स्कीम उन छात्र-छात्राओं के लिए है जो 10वीं और 12वीं कक्षा में उत्तीर्ण होने बाद आईटीआई में एक साल या दो साल के कोर्स नहीं कर सकते हैं।

उनके लिए स्कीम लाभकारी होगी, जो तीन से छह माह का कोर्स करना चाहते हैं। ऐसे कोर्स करने के बाद रोजगार के लिए भटकने की जरूरत नहीं है। कोर्स पूरा होते ही युवाओं को उन कंपनियों में ही अप्रेंटिस के लिए भेजा जाएगा, जहां नियोजन सुनिश्चित हो सके।

अगले पांच वर्षों में अपग्रेड किए जाएंगे आईटीआई

स्कीम के क्रियान्वयन को लेकर कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने बिहार सरकार से दो दर्जन आईटीआई का प्रस्ताव देने को कहा है। अगले पांच वर्षों में चयनित आईटीआई को अपग्रेड भी किया जाएगा। महत्वपूर्ण यह कि इसमें राज्य सरकार भी साझेदार होगी।

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत की गई पहल

श्रम संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि आईटीआई में अभी ये कोर्स नहीं आए हैं। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत एक खास पहल की गई है। इसके तहत तीन-तीन माह के शार्ट टर्म कोर्स कराए जाने हैं। इससे युवाओं का समय बचेगा। दो साल का कोर्स करने के बाद अप्रेंटिस में काफी समय लगता है। तीन माह कोर्स करने के बाद अप्रेंटिस लग जाएगी। नौकरी भी वहीं लगने की संभावना बनी रहेगी।

युवाओं के पास यह विकल्प भी होगा कि खुद रोजगार के लिए अन्य कंपनियों में संपर्क कर सकेंगे। कौशल विकास में जो तीन माह कोर्स कराए जाने हैं उनमें आटो कम्पोनेंट, एसेंबली, फिटर, वेल्डर, प्रेस शाप, सीविंग मशीन आपरेटर को शामिल किया गया है। इसमें ऐसे प्रोफेशनल कोर्स भी हैं, जो न केवल 10वीं पास युवाओं की मदद करेंगे बल्कि पांचवीं, आठवीं पास युवा भी कोर्स कर सकेंगे।


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हाई कोर्ट सख्त, 'कल रिपोर्ट दाखिल करे पुलिस, अतिक्रमण हटाया जाए, DCP पेश हों'

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर कोचिंग हादसे की उच्चस्तरीय जांच करवाने की मांग वाली याचिका पर आज (बुधवार, 31 जुलाई) हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि सब के सब गेंद दूसरे के पाले में डालने में लगे हैं. क्या एमसीडी के अधिकारियों की भूमिका की जांच पुलिस कर रही है?

हाई कोर्ट का आदेश

हाई कोर्ट के कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला ने इस दौरान आदेश देते हुए कहा कि इस मामले में दिल्ली पुलिस कल रिपोर्ट दाखिल करे. एमसीडी कमिश्नर भी सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहें. पुलिस के जांच अधिकारी और डीसीपी भी कोर्ट आएं. ड्रेन सिस्टम के ऊपर जो भी अतिक्रमण है, उसे हटाया जाए. एमसीडी के आला अधिकारी खुद फील्ड में जाएं, तो कुछ बदलाव होगा.

जज ने कहा, ''यह बेसमेंट कैसे बने? उनकी अनुमति किस इंजीनियर ने दी. उनसे पानी निकालने का क्या इंतज़ाम किया? यह सारे लोग जो ज़िम्मेदार हैं, वह क्या बच जाएंगे? इसकी जांच कौन करेगा? क्या एमसीडी का कोई एक अधिकारी जेल गया है? सिर्फ वहां से गुज़र रहे एक कार वाले को पकड़ लिया. इस तरह ज़िम्मेदारी तय की जा रही है. यह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसी घटनाएं फिर न हों.'' अब शुक्रवार 2.30 बजे सुनवाई होगी.

याचिकाकर्ता के वकील ने क्या कहा?

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि ऐसा लगता है कि हम जंगल में रह रहे हैं. नियम कहते हैं कि एमसीडी और दूसरे विभाग अवैध निर्माण या सेफ्टी नियमों की अनदेखी के सामने आते ही कार्रवाई करें. क्या इन्हें कहीं अनियमितता दिखती ही नहीं.

वकील ने कहा, ''एक छात्र ने राजेंद्र नगर बेसमेंट में चल रहे कोचिंग संस्थानों की शिकायत की. 2 बार रिमाइंडर भी भेजे थे. लेकिन शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.''

वकील ने कहा, ''मामले की उच्चस्तरीय जांच हो. यह भी देखा जाए कि शिकायत पर क्या कार्रवाई हुई? क्या शिकायत की जांच के लिए किसी अधिकारी को नियुक्त किया गया था? कोर्ट दिल्ली के हर जिले में अवैध निर्माण की जांच के लिए ज़िला लेवल कमेटी भी बनाए.''

एक दूसरे वकील ने कहा, ''कुछ दिनों पहले करंट लगने से एक छात्र मर गया था. लगातार लापरवाही हो रही है. भ्रष्टाचार से हर कोई पैसे बना रहा है. एमसीडी जानबूझकर सेफ्टी नियमों की उपेक्षा कर रही है.'' वकील ने कहा कि हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में कमिटी बने. इसका विस्तार दिल्ली के हर जिले तक हो. अवैध पीजी चल रहे हैं. एक बिल्डिंग में 50-60 छात्र रह रहे हैं. हर इलाके के लिए एमसीडी के लोग तय हैं. यह खुला तथ्य है कि निर्माण के दौरान हर लेंटर के लिए वसूली होती है.''

वहीं दिल्ली सरकार के वकील ने कहा, ''नियम बने हुए हैं. उनके पालन की कोशिश की जाती है. बिल्डिंग के आधार पर ही कोचिंग को अनुमति मिलती है. फायर सेफ्टी के लिए इंस्पेक्शन होता है. हम कोचिंग संस्थानों पर लगातार कार्रवाई कर रहे हैं. 75 को नोटिस दिया. 35 बंद हुए, 25 को सील किया गया. कुछ दूसरी जगह शिफ्ट हुए.'' इसपर याचिकाकर्ता ने कहा कि घटना के बाद अब कार्रवाई का दिखावा किया जा रहा है. पहले कुछ नहीं किया. 

दिल्ली सरकार ने इसपर कहा कि कई जांच कमिटी बनी हैं. उनकी रिपोर्ट से और जानकारी मिलेगी. यह सब की साझा ज़िम्मेदारी है. इस तरह की घटनाएं दुखद हैं.

जस्टिस की अहम टिप्पणी

इसके बाद जज ने कहा कि समस्या यह है कि आपने सुविधाओं का ढांचा विकसित किए बिना बिल्डिंग बायलॉज में ढील दी. कई फ्लोर का निर्माण हो जाता है, लेकिन सरकार को जो सुविधाएं देनी होती है, वह नहीं दी जा रही. एमसीडी के पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं हैं. लोगों को सुविधा क्या देगी. 

जज ने कहा, ''100 साल पुराना इंफ्रास्ट्रक्चर है, जिसे विकसित किए बिना बेहिसाब निर्माण होने दिया जा रहा है. पुलिस क्या जांच कर रही है? किसे पकड़ा अभी तक? क्या खुद पुलिस की जानकारी के बिना अवैध निर्माण हो जाते हैं, दूसरी गतिविधियां चलती हैं? सब के सब गेंद दूसरे के पाले में डालने में लगे हैं. क्या एमसीडी के अधिकारियों की भूमिका की जांच पुलिस कर रही है? इतना पानी वहां कैसे जमा हुआ?''

जज ने कहा कि क्या एमसीडी के अधिकारियों की भूमिका की जांच पुलिस कर रही है? इतना पानी वहां कैसे जमा हुआ? इसके बाद वकील ने कहा कि आप घर पर एक ईंट लगाइए, एमसीडी के लोग तुरंत आ जाएंगे, लेकिन उनके आने का मकसद वसूली होता है. अवैध निर्माण रोकने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है.

कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन ने कहा कि सरकार को पहले सुविधा विकसित करनी चाहिए, फिर निर्माण की इजाज़त देनी चाहिए. यहां ऐसा कुछ नहीं हो रहा. सिर्फ बेहिसाब निर्माण होता चला जा रहा है. बिल्डिंग बायलॉज को ढीला कर दिया गया है.

जज ने कहा कि सड़क से गुजरने वाले को भी पकड़ लिया गया, लेकिन एमसीडी के वरिष्ठ अधिकारियों की क्या कोई भूमिका नहीं? सिर्फ कुछ जूनियर लोगों को सस्पेंड कर दिया, बस. बड़े अधिकारी अपने एसी कमरे से बाहर भी नहीं निकल रहे.

जस्टिस ने कहा कि सरकार को कुछ पता ही नहीं है. उसकी कोई योजना ही नहीं है. एक दिन सूखे की शिकायत करते हैं, दूसरे दिन बाढ़ आ जाती है. आपको अपनी मुफ्त योजनाओं पर दोबारा विचार की ज़रूरत है 6-7 लाख लोगों के लिए बसाए गए शहर में 3 करोड़ से ज़्यादा लोग हो गए हैं. इंफ्रास्ट्रक्चर का कोई विकास नहीं हो रहा है.

जस्टिस ने कहा, ''ड्रेनेज की जगह पर एक पूरा मार्किट बस गया है. सरकार और एमसीडी इसे जानते हैं, पर इसकी बात भी नहीं कर रहे. अगर ड्रेन टूट गया है तो उसे ठीक नहीं किया जा सकता. हर चीज़ इतनी जटिल कर दी गई है कि एमसीडी को खुद कुछ पता नहीं कि कैसे सुधारें. जब पानी आता है, तो वह इंतज़ार नहीं करता. किसी को तो ज़िम्मेदारी लेनी होगी. हम एमसीडी कमिश्नर को निर्देश देते हैं कि खुद उस इलाके में जाएं. अगर पुलिस सही जांच नहीं करेगी, तो हम सीबीआई को मामला सौंपेंगे. दिल्ली में एमसीडी है, जल बोर्ड है, PWD है. किसकी ज़िम्मेदारी क्या है, पता ही नहीं चलता। शायद हमें केंद्रीय गृह मंत्रालय से विचार करने को कहना होगा कि दिल्ली कैसे चलेगी.''


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दिल्ली विश्वविद्यालय के कमला नेहरू कॉलेज में नॉन-टीचिंग पदों पर भर्ती के लिए आवेदन 17 अगस्त तक

डीयू नॉन-टीचिंग भर्ती के मौकों का इंतजार कर रहे उम्मीदवारों के लिए काम की खबर। दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के घटक कमला नेहरू कॉलेज (KNC) द्वारा विभिन्न नॉन-टीचिंग के पदों पर भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की गई है। कॉलेज द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक सीनियर पर्सनल असिस्टेंट, सीनियर टेक्निकल असिस्टेंट (कंप्यूटर्स), जूनियर असिस्टेंट, लाइब्रेरी अटेंडेंट, लैबोरेट्री अटेंडेंट (फिजियोलॉजी) और लैबोरेट्री अटेंडेंट (जियोग्राफी) के पदों पर भर्ती की जानी है। यह भी नियमित आधार पर होनी है।

KNC DU Recruitment 2024: आवेदन 17 अगस्त तक

दिल्ली विश्वविद्यालय के कमला नेहरू कॉलेज द्वारा विज्ञापित नॉन-टीचिंग के पदों पर भर्ती के लिए आवेदन के इच्छुक उम्मीदवार ऑनलाइन मोड में अप्लाई कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया अधिसूचना जारी होने के साथ ही शुरू हो चुकी है और उम्मीदवार निर्धारित अंतिम तिथि 17 अगस्त तक अप्लाई कर सकते हैं। आवेदन के लिए उम्मीदवार KNC की आधिकारिक वेबसाइट, knc.edu.in पर विजिट करें और भर्ती सेक्शन में जाएं। इस सेक्शन में एक्टिव लिंक या नीचे दिए डायरेक्ट लिंक से सम्बन्धित भर्ती अधिसूचना PDF डाउनलोड कर सकते हैं और अन्य लिंक से सम्बन्धित अप्लीकेशन पेज पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं।

KNC DU Recruitment 2024: कौन कर सकता है आवेदन?

कमला नेहरू कॉलेज द्वारा जारी भर्ती अधिसूचना के मुताबिक जूनियर असिस्टेंट पदों के लिए आवेदन हेतु उम्मीदवारों को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10+2 की परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए और कंप्यूटर पर अंग्रेजी में 35 शब्द प्रति मिनट और हिंदी में 30 शब्द प्रति मिनट की टाइपिंग की गति होनी चाहिए। उम्मीदवारों की आयु 27 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। अधिकतम आयु सीमा आरक्षित वर्गों के उम्मीदवारों को सरकार के नियमों के अनुसार छूट दी जाएगी। अधिक जानकारी, अन्य पदों के लिए योग्यता और अन्य विवरणों के लिए भर्ती (KNC DU Recruitment 2024) अधिसूचना देखें।


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एसएससी स्टेनोग्राफर परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, भरे जाएंगे हजारों पद

नौकरी की तलाश बैठे हैं तो ये खबर आपके लिए जरूरी है. कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की तरफ से स्टेनोग्राफर ग्रेड सी और डी एग्जाम 2024 के लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस शुरू कर दी है. जो अभ्यर्थी इस परीक्षा के लिए आवेदन करना चाहते हैं वह आधिकारिक साइट ssc.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते है

इस भर्ती अभियान के माध्यम से एसएससी में करीब 2006 पद भरे जाएंगे. इस अभियान के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय से 12वीं क्लास पास होना जरूरी है.

भर्ती अभियान के तहत स्टेनोग्राफर ग्रेड 'सी' पद के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की उम्र 18 वर्ष से 30 वर्ष के बीच होनी चाहिए. जबकि स्टेनोग्राफर ग्रेड 'डी' के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी की उम्र 18 वर्ष से 27 वर्ष के मध्य होनी चाहिए.

इन पद पर उम्मीदवारों का चयन कंप्यूटर आधारित परीक्षा (सीबीटी) के आधार पर किया जाएगा. परीक्षा की कुल अवधि 2 घंटे है.

अप्लाई करने वाले उम्मीदवारों को आवेदन शुल्क के तौर पर 100 रुपये का शुल्क अदा करना होगा.  महिला उम्मीदवारों और अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), बेंचमार्क दिव्यांगजन (पीडब्ल्यूबीडी) वर्ग के उम्मीदवारों को शुल्क भुगतान से छूट दी गई है.

इस भर्ती के लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख 17 अगस्त तय की गई है. जबकि कंप्यूटर आधारित परीक्षा का आयोजन अक्टूबर-नवंबर 2024 में होगा.


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यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा की तारीखों का एलान

यूपी पुल‍िस में स‍िपाही के 60244 पदों पर सीधी भर्ती की परीक्षा की तारीखों का एलान हो गया है। प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा कांस्टेबल नागरिक पुलिस के 60244 पदों पर सीधी भर्ती-2023 के ल‍िए लिखित परीक्षा का आयोजन 23, 24, 25 अगस्त और 30, 31 अगस्त 2024 को किया जाएगा। यह परीक्षा उक्त तिथियों में प्रतिदिन 2 पालियों में आयोजित की जाएगी और प्रत्येक पाली में लगभग 5 लाख अभ्यर्थी इस परीक्षा में सम्मिलित होंगे।

पुलिस की ओर से विज्ञप्ति जारी की गई है। इसमें बताया गया है क‍ि उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा आरक्षी नागरिक पुलिस के 60244 पदों पर सीधी भर्ती-2023 की लिखित परीक्षा दिनांक 23,24,25 अगस्त एवं 30,31 अगस्त 2024 को आयोजित कराने का निर्णय लिया गया है।

विज्ञप्ति में बताया गया है क‍ि यह परीक्षा पूर्व में निरस्त कर दी गई थी। मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश द्वारा निर्देशित किया गया था कि यह परीक्षा 06 माह के अंदर शुचिता एवं पारदर्शिता के उच्चतम मानकों को दृष्टिगत रखते हुए पुनः आयोजित करायी जाए। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस परीक्षा को एक निश्चित समय सीमा के अन्तर्गत शुधितापूर्ण एवं पारदर्शी तरीके से उच्चतम मानकों के अनुसार आयोजित करने की प्रतिबद्धता के क्रम में यह कार्यकम घोषित किया गया है।

बताया गया क‍ि चयन प्रक्रिया को पारदर्शी रूप से कराए जाने के संबंध में परीक्षा सम्बन्धित विभिन्न व्यवस्थाओं यथा-परीक्षा की तैयारियों, परीक्षा केन्द्रों के चयन, परीक्षार्थियों का सत्यापन, छ‌द्मनिरूपण रोके जाने आदि हेतु विस्तृत दिशा निर्देश उत्तर प्रदेश शासन द्वारा दिनांक-19.06.2024 को जारी किए गए है। यह परीक्षा इन सभी मानकों के अनुसार की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों, जैसे प्रश्नपत्र लीक होना, उत्तर पुस्तिकाओं से छेड़छाड़ आदि को रोकने के लिए उ०प्र० सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अध्यादेश-2024 (उत्तर प्रदेश अध्यादेश संख्या-6, सन् 2024) दिनांक 01 जुलाई, 2024 को अधिसूचित किया गया है, इस अधिनियम में प्रावधान किया गया है कि इस अधिनियम के अन्तर्गत परीक्षा में अनुचित साधनों का प्रयोग करना, नकल करना या नकल कराना, प्रश्न पत्र का प्रतिरूपण करना या प्रकट करना या प्रकट करने का षड्यंत्र करना आदि कृत्य अपराध की श्रेणी में आते हैं, जो इस अधिनियम के अन्तर्गत दण्डनीय है. ऐसे प्रकरणों में एक करोड़ तक का जुर्माना और आजीवन कारावास तक की सजा, दोनों ही हो सकती है।


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वित्त मंत्री ने की शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार के लिए बड़ी घोषणाएं

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली NDA सरकार के तीसरे कार्यकाल की पहला बजट केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आज यानी मंगलवार, 23 जुलाई 2024 को लोक सभा में प्रस्तुत किया जा रहा है। पूर्व वर्षों के दौरान पेश किए गए बजट के अनुसार ही इस बार भी वित्तमंत्री द्वारा शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं।

Education Budget 2024: शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार के लिए बड़ी घोषणाएं

वित्तमंत्री द्वारा केंद्र सरकार के वित्त वर्ष 2024-25 का बजट लोक सभा में आज सुबह 11 बजे से प्रस्तुत किया जा रहा है। बजट 2024 में शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार के लिए की गई मुख्य घोषणाएं नीचे दी गई हैं:-

शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार के लिए इस वित्त वर्ष में 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान।

महिलाओं के लिए पहली बार नौकरी पर अतिरिक्त वेतन का प्रावधान।

हर साल 25,000 छात्रों की मदद के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना में संशोधन का प्रस्ताव।

घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के ऋण के लिए ई-वाउचर हर साल 1 लाख छात्रों को सीधे ऋण राशि के 3% की वार्षिक ब्याज छूट के लिए दिए जाएंगे।

कामकामी महिलाओं के लिए महिला हॉस्टल और शिशु गृहों की स्थापना की जाएगी।

रोजगार प्रोत्साहन के लिए तीन योजनाएं घोषित - योजना क, योजना ख और योजना ग।

योजना 'क' पहली बार रोजगार पाने वाों के लिए है। ईपीएफओ में पहली बार पंजीकृत कर्मचारियों को एक माह के वेतन का 15 हजार रुपए तीन बार में दिया जाएगा।

योजना 'ख': रोजगार पाने के पहले 4 वर्षों में उनके ईपीएफओ योगदान के अनुसार कर्मचारी और नियोक्ता दोनों को प्रत्यक्ष प्रोत्साहन दिया जाएगा।

योजना 'ग': नियोक्ताओं को प्रत्येक कर्मचारी के लिए दो वर्ष तक उनके प्रतिमाह तीन हजार रुपये तक के ईपीएफओ योगदान की प्रतिपूर्ती की जाएगी।

औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITIs) का उन्नयन और कौशल विकास कार्यक्रम - हब और स्पोक व्यवस्था के तहत पांच साल में 1000 आइटीआइ का उन्ननयन। राज्यों और उद्योगों के सहयोग से परिणाम और गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाएगा।

शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप - भारत की शीर्ष कंपनियां पांच साल में 1 करोड़ युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देंगी। 5 हजार रुपये मासिक मानदेय के साथ 12 माह की प्रधानमंत्री इंटर्नशिप।

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Education Budget 2024: क्या-क्या हैं उम्मीदें?

बात करें शिक्षा बजट 2024-25 से उम्मीदों की तो स्कूल और कॉलेज से लेकर प्रशिक्षण, कौशल विकास एवं प्रतियोगी परीक्षाओं के कोचिंग संस्थानों व एडटेक प्लेयर्स की कई मांगे हैं। इनमें अधिक लागत वाले प्रोफेशनल कोर्सेस के लिए फंडिंग के विकल्प बढ़ाए जाने, सभी शिक्षा सेवाओं पर लगने वाले GST में छूट, शिक्षा की बुनियादी सुविधाओं का ग्रामीण क्षेत्रों में विकास, आदि शामिल हैं।

Education Budget 2024: अंतरिम बजट में की गई थी ये घोषणाएं

बता दें कि वित्तमंत्री ने इस साल 1 फरवरी को भी वर्तमान वित्त वर्ष के लिए केंद्र सरकार का अंतरिम बजट प्रस्तुत किया था। इस अंतरिम बजट में वित्तमंत्री ने पीएम श्री स्कूलों के लिए हुए 4000 हजार करोड़े रुपयेक के आवंटन, 3000 नए आईटीआई, 7 आईआईटी, 16 आईआईआईटी, 7 आईआईएम, 15 एम्स और 390 विश्वविद्यालयों की हुई स्थापनाओं की जानकारी साझा की थी।



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