बंद होने जा रहा Microsoft का आइकॉनिक 'ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ', अब नजर आएगी ब्लैक स्क्रीन

Microsoft का Blue Screen of Death (BSOD) बंद होने वाला है और कंपनी ने अब इस बात की भी जानकारी दी है कि इस एरर मैसेज को कब हटाया जाएगा।। पहले कंपनी ने कहा था कि वो BSOD को रिप्लेस कर रही है, इसका सक्सेसर ब्लैक स्क्रीन है और इसमें फ्राउन टेक्स्ट इमोटिकॉन नहीं है। ये यूजर्स को क्रैश से जुड़ी अतिरिक्त जानकारी देगा, जो IT एडमिनिस्ट्रेटर्स को क्रैश के बाद कंप्यूटर की समस्या जल्दी ढूंढने में मदद कर सकता है।

Windows 11 में Black Screen of Death अपडेट स्क्रीन जैसी होगी

Microsoft में एंटरप्राइज एंड OS सिक्योरिटी के VP, डेविड वेस्टन ने The Verge को इंटरव्यू में बताया कि Microsoft Windows 11 पर Blue Screen of Death को नई ब्लैक स्क्रीन से रिप्लेस किया जाएगा। रीडिजाइन इस गर्मी के बाद, क्विक मशीन रिकवरी (QMR) फीचर के साथ रोल आउट होगा। एग्जीक्यूटिव द्वारा शेयर किए गए टाइमलाइन के आधार पर, हम उम्मीद कर सकते हैं कि यूजर्स अगस्त या सितंबर से पहले नया BSOD डिजाइन देखेंगे।

जब अपडेटेड BSOD डिजाइन यूजर्स के लिए रोल आउट होगा, तो वे एक सिंपल डिजाइन देखेंगे, जिसमें बड़ा फ्राउन इमोटिकॉन नहीं होगा। Microsoft के जरिए से हमें नए Black Screen of Death का अच्छा अंदाजा है। इस साल की शुरुआत में, कंपनी ने BSOD को रिप्लेस करने के लिए ग्रीन कलर की एरर स्क्रीन रोल आउट की थी, जो Windows Insiders टेस्टर्स के लिए बीटा चैनल पर उपलब्ध थी।

नई ब्लैक स्क्रीन मार्च में कंपनी द्वारा शेयर की गई ग्रीन स्क्रीन जैसी ही दिखती है। ये Windows 11 अपडेट स्क्रीन से काफी मिलती-जुलती है, जिसमें सेंटर-अलाइन्ड टेक्स्ट यूजर्स को बताता है कि कंप्यूटर एरर की वजह से रीस्टार्ट हो रहा है और क्रैश लॉग कलेक्शन प्रोसेस की प्रोग्रेस का परसेंटेज दिखाता है।

यूजर्स को स्टॉप कोड के साथ एक एरर भी दिखेगा, जिसे सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर्स के साथ शेयर किया जा सकता है, जबकि ब्लैक स्क्रीन फेल हुए प्रोसेस के बारे में भी बताएगी (उदाहरण के लिए, ये यूजर्स को बताएगी कि कोई खास ड्राइवर फाइल फेल हुई, जैसे rdbss.sys)।

गौर करने वाली बात ये है कि ये पहली बार नहीं है जब Microsoft ने BSOD वार्निंग को ब्लू से बदलने की घोषणा की है। 2021 में, कंपनी ने वार्निंग मैसेज का ब्लैक वर्जन टेस्ट किया था, लेकिन उस वर्जन में भी कोलन और ब्रैकेट के साथ टेक्स्ट इमोटिकॉन (फ्राउन) शामिल था।

Windows 11 पर BSOD को खत्म करने का कदम इसके शुरू होने के दशकों बाद आया है। एक साल पहले, सिक्योरिटी फर्म CrowdStrike की तकनीकी खराबी ने लाखों Windows कंप्यूटर्स को अनबूटेबल स्टेट में इंपैक्ट किया था। इसने Microsoft को Windows सिक्योरिटी में सुधार और PC के लिए बेहतर रिकवरी प्रोसेस पर काम करने के लिए प्रेरित किया, जो इस साल बाद में यूजर्स तक पहुंचेगा।


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अमिताभ की आवाज वाली कॉलर ट्यून बंद

कोई भी अनजान व्यक्ति अगर आपके बैंक खाते, OTP, KYC या अन्य निजी जानकारी मांगता है, तो उसे बिल्कुल न दें। हर फोन के पहले 40 सेकेंड तक सुनाई देने वाले अमिताभ बच्चन की आवाज के वॉयस मैसेज सरकार ने बंद कर दिया है।

सितंबर 2024 में साइबर फ्रॉड के प्रति जागरूक करने के लिए इसे शुरू किया गया था। लेकिन इमरजेंसी कॉलिंग के दौरान लोग इससे परेशान हो गए थे। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी इसी हफ्ते इंदौर में कहा था- मैं भी इससे परेशान हो गया हूं।

कॉलर ट्यून सितंबर 2024 में शुरू हुई थी

केंद्रीय गृह मंत्रालय के सितंबर 2024 में इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर ने साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस जागरूकता अभियान की शुरुआत की थी।

इसमें अमिताभ बच्चन की आवाज में एक 40 सेकेंड लंबा मैसेज था। इसमें लोगों को फर्जी कॉल्स, अनजान लिंक्स और OTP शेयर करने के खतरों से आगाह किया जा रहा था।

शुरुआत में इस पहल की खूब तारीफ हुई, क्योंकि देश में हर दिन हजारों लोग साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं। लेकिन, धीरे-धीरे ये कॉलर ट्यून लोगों के लिए सिरदर्द बन गई।

40 सेकेंड लंबे मैसेज की शिकायत कर रहे थे लोग

लोगों की शिकायत थी कि ये 40 सेकेंड लंबा मैसेज हर कॉल से पहले बजना, खासकर इमरजेंसी में काफी परेशान करता था। कुछ ने तो RTI तक दाखिल कर इसकी जरूरत पर सवाल उठाए थे।

सरकार ने पहले इस कॉलर ट्यून की फ्रीक्वेंसी को दिन में 8-10 बार से घटाकर सिर्फ दो बार किया और इमरजेंसी कॉल्स (पुलिस, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड) के दौरान इसे बंद कर दिया गया। लेकिन अब इसे पूरी तरह हटा दिया गया है।

कुछ महीनों से सोशल मीडिया पर लोग इस कॉलर ट्यून को लेकर नाराजगी जाहिर कर रहे थे। कई यूजर्स ने इसे 'झुंझलाहट भरा' बताया, खासकर इमरजेंसी कॉल्स के दौरान इसे देरी का कारण माना।

सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहे थे अमिताभ बच्चन

हाल ही में अमिताभ बच्चन को इस कॉलर ट्यून की वजह से ट्रोलिंग का भी सामना करना पड़ा था। सोमवार देर रात (23 जून) अमिताभ बच्चन ने अपने ऑफिशियल X अकाउंट से लिखा, 'जी हां, हिजूर मैं भी प्रशंसक हूं।' कुछ देर बाद उन्होंने सुधार कर फिर लिखा, 'हुजूर, न कि हिजूर। लिखने की गलती, माफ करिए।'

इस पर एक ट्रोलर ने बिग बी की साइबर क्राइम वाली कॉलर ट्यून पर कहा- 'तो कॉल पर बोलना बंद करो भाई।' इसके जवाब में बिग बी ने लिखा- 'सरकार को बोलो भाई, उन्होंने हमसे कहा सो किया।

कोविड महामारी के दौरान भी हुआ था विवाद

ये पहली बार नहीं है जब अमिताभ बच्चन की आवाज वाली कॉलर ट्यून पर बवाल हुआ हो। कोविड-19 के दौरान भी उनकी आवाज में एक जागरूकता मैसेज चलाया गया था। इसमें मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग और हैंड सैनिटाइजेशन की सलाह दी जाती थी।

इस पर विवाद तब हुआ जब अमिताभ बच्चन और उनके परिवार के कुछ लोग कोरोना से संक्रमित हो गए थे। उस वक्त एक यूजर ने कॉलर ट्यून से परेशान होकर दिल्ली हाई कोर्ट में एक PIL भी दाखिल की थी, जिसमें उनकी आवाज हटाने की मांग की गई थी।

क्यों इस्तेमाल होती हैं कॉलर ट्यून?

भारत में कॉलर ट्यून को जागरूकता का एक प्रभावी माध्यम माना जाता है, क्योंकि देश में टेलीफोन यूजर्स की संख्या बहुत ज्यादा है। खासकर ग्रामीण इलाकों में, जहां इंटरनेट और टीवी का पहुंच सीमित हो सकता है, कॉलर ट्यून के जरिए मैसेज आसानी से लोगों तक पहुंच जाता है। हालांकि, लंबे समय तक एक ही मैसेज सुनने से लोग परेशान भी हो जाते हैं, जैसा कि कोविड और साइबर क्राइम कॉलर ट्यून के मामले में देखा गया।


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अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना हुए शुभांशु शुक्ला, Axiom-4 मिशन की सफल लॉन्चिंग

 AXIOM-4 Mission की सफल लॉन्चिंग हो चुकी है। फाल्कन रॉकेट ने सफलतापूर्वक अंतरिक्ष की ओर उड़ान भर ली है। भारत की ओर से शुभांशु शुक्ला मिशन क्रू के हिस्सा हैं। इस मिशन में कई देशों की साझेदारी है। 

भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे। इससे पहले साल 1984 में अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष की यात्रा की थी। राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष से कहा था, 'सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा'

पहला एबॉर्ट मोड सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद, चालक दल अब एबॉर्ट मोड 2 अल्फा में दाखिल हो चुका है। ये उड़ान के इस चरण के लिए एक मानक सुरक्षा प्रोटोकॉल है। सभी सिस्टम सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। मिशन कक्षा की ओर अच्छी तरह से आगे बढ़ रहा है। 

शुभांशु शुक्ला के माता-पिता हुए भावुक। अगले 28 घंटे के बाद अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पहुंचेगा Axiom-4 का ड्रैगन कैप्सूल।

शुंभाशु शुक्ला अंतरिक्ष में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय बने हैं।

फाल्कन ने सफल उड़ान भरी है। मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च हुआ।

Mission Axiom-4 एक्सिओम स्पेस की ओर से 2025 का तीसरा मानव अंतरिक्ष उड़ान प्रक्षेपण है।

स्पेस एक्स का रॉकेट 'ड्रैगन' का हैच बंद हो गया है। सभी संचार और सूट की जांच पूरी हो गई है। Axiom-4 क्रू लॉन्च के लिए तैयार है।

IAF ग्रुप कैप्टन और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की बहन निधि मिश्रा ने कहा, "यह न केवल मेरे लिए बल्कि भारत में सभी के लिए गर्व का क्षण है। मैं इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती; मैं बस इतना कहना चाहूंगी कि 'शुभांशु, आपका मिशन सफल हो और आप सुरक्षित हमारे पास वापस आएं।"

र अंतरिक्ष यात्री हिस्सा ले रहे हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला इस मिशन के पायलट होंगे। मिशन की कमान पूर्व नासा अंतरिक्ष यात्री और एक्सिओम स्पेस की मानव अंतरिक्ष उड़ान निदेशक पैगी व्हिटसन संभालेंगी। इसके अलावा, यूरोपियन स्पेस एजेंसी के प्रोजेक्ट अंतरिक्ष यात्री स्लावोश उजनांस्की-विस्निएव्स्की (पोलैंड) और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री टिबोर कपु मिशन विशेषज्ञ के तौर पर शामिल होंगे। ये चारों अंतरिक्ष यात्री मिलकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर कई वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे।

एक्सिओम मिशन 4 क्या है?

Axiom-4 मिशन एक निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन है जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए है। इस मिशन का मकसद 31 देशों की ओर से लगभग 60 वैज्ञानिक अध्ययन और गतिविधियों को डायरेक्ट करना है। ये देश हैं भारत, अमेरिका, पोलैंड, हंगरी, सऊदी अरब, ब्राजील, नाइजीरिया, संयुक्त अरब अमीरात, और यूरोप। एक्सिओम के अनुसार, यह मिशन इन देशों का इतिहास में दूसरा मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन होगा, लेकिन यह पहली बार होगा जब ये तीनों देश ISS पर एक साथ मिशन को पूरा करेंगे।


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थोड़ी देर में अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरेंगे शुभांशु शुक्ला

 AXIOM-4 Mission कुछ ही पल में रवाना हो जाएगा। इस मिशन से जुड़ी कंपनी स्पेसएक्स ने कहा है कि मौसम 90 फीसदी अनुकूल है। इस मिशन में कई देशों की साझेदारी है। भारत की ओर से शुभांशु शुक्ला मिशन क्रू के हिस्सा हैं।

भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे। इससे पहले साल 1984 में अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष की यात्रा की थी। राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष से कहा था, 'सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा'

Mission Axiom-4 एक्सिओम स्पेस की ओर से 2025 का तीसरा मानव अंतरिक्ष उड़ान प्रक्षेपण है।

स्पेस एक्स का रॉकेट 'ड्रैगन' का हैच बंद हो गया है। सभी संचार और सूट की जांच पूरी हो गई है। Axiom-4 क्रू लॉन्च के लिए तैयार है।

IAF ग्रुप कैप्टन और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की बहन निधि मिश्रा ने कहा, "यह न केवल मेरे लिए बल्कि भारत में सभी के लिए गर्व का क्षण है। मैं इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती; मैं बस इतना कहना चाहूंगी कि 'शुभांशु, आपका मिशन सफल हो और आप सुरक्षित हमारे पास वापस आएं।"

कौन हैं इस मिशन के यात्री?

इस मिशन में चार अंतरिक्ष यात्री हिस्सा ले रहे हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला इस मिशन के पायलट होंगे। मिशन की कमान पूर्व नासा अंतरिक्ष यात्री और एक्सिओम स्पेस की मानव अंतरिक्ष उड़ान निदेशक पैगी व्हिटसन संभालेंगी। इसके अलावा, यूरोपियन स्पेस एजेंसी के प्रोजेक्ट अंतरिक्ष यात्री स्लावोश उजनांस्की-विस्निएव्स्की (पोलैंड) और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री टिबोर कपु मिशन विशेषज्ञ के तौर पर शामिल होंगे। ये चारों अंतरिक्ष यात्री मिलकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर कई वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे।

एक्सिओम मिशन 4 क्या है?

Axiom-4 मिशन एक निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन है जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए है। इस मिशन का मकसद 31 देशों की ओर से लगभग 60 वैज्ञानिक अध्ययन और गतिविधियों को डायरेक्ट करना है। ये देश हैं भारत, अमेरिका, पोलैंड, हंगरी, सऊदी अरब, ब्राजील, नाइजीरिया, संयुक्त अरब अमीरात, और यूरोप। एक्सिओम के अनुसार, यह मिशन इन देशों का इतिहास में दूसरा मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन होगा, लेकिन यह पहली बार होगा जब ये तीनों देश ISS पर एक साथ मिशन को पूरा करेंगे।


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अब तक का सबसे बड़ा डेटा ब्रीच,1600 करोड़ पासवर्ड ऑनलाइन हुए लीक,Google ने यूजर्स की ये सलाह

Apple, Google, Facebook और Telegram के लाखों यूजर्स का ऑनलाइन लीक हो गया है। साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह अब तक के सबसे बड़े डेटा ब्रीच में से एक है, जिसमें करीब 1600 करोड़ पासवर्ड ऑनलाइन लीक हो गए हैं। इन पासवर्ड की मदद से साइबर अपराधी यूजर्स की निजी जानकारी, फोटो, वीडियो और दूसरी जानकारी चुरा सकते हैं। इस डेटा की मदद से से साइबर अपराध के जोखिम बढ़ सकते हैं।

फोर्ब्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि ऑनलाइन लीक हुए क्रेडेंशियल सरकारी प्लेटफॉर्म के साथ-साथ Apple, Facebook, Google, GitHub और Telegram जैसी दिग्गज कंपनियों के यूजर्स के हैं। रिसर्चर्स ने 184 मिलियन रिकॉर्ड वाले सीक्रेट डेटाबेस का पता लगाया, जिसे अनसिक्योर वेब सर्वर पर अपलोड किया गया था। इससे साइबर फ्रॉड की घटनाएं बढ़ सकती हैं। अपराधियों द्वारा उल्लंघन का जोखिम काफी बढ़ गया।

रिसर्चर्स ने इस डेटाबेस से 30 डेटासेट की जांच की है। उन्हें करीब 350 करोड़ रिकॉर्ड मिले, जिसमें कॉर्पोरेट और डेवलपर प्लेटफॉर्म, VPN लॉगिन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के यूजर्स के क्रेडेंशियल शामिल हैं। बताया जा रहा है कि यह डेटा 2025 की शुरुआत से लेकर आज तक का है। रिसर्चर्स का दावा है कि ऑनलाइन लीक हुआ यह डेटा साधारण नहीं है।

क्या यह अब तक का सबसे बड़ा डेटा ब्रीच है?

रिसर्चर्स का दावा है कि स्कैमर्स इन क्रेडेंशियल का यूज कर यूजर्स को फिशिंग में फंसा सकते हैं। इसके साथ ही वे बिजनेस इमेल अटैक कर सकते हैं। इन क्रेडेंशियल को देखते हुए पता चलता है कि यह काफी खतरनाक हो सकता है।

Google ने यूजर्स को दी सलाह

इस डेटा ब्रीच की जानकारी सामने आने के बाद दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी Google ने यूजर्स को 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) एक्टिव करने की सलाह दी है। इसके साथ ही उसने अपने यूजर्स को पासवर्ड अपडेट करने को कहा है। गूगल का यूजर्स को यह भी कहना है कि उन्हें अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स की बेहतर सुरक्षा के लिए Passkey फीचर का यूज करना चाहिए। पासकी से लॉगइन के लिए बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन की जरूरत होती है, जिससे यह डबल सेफ्टी प्रोवाइड करता है।

इस डेटा ब्रीच की जानकारी सामने आने के बाद दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी Google ने यूजर्स को 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) एक्टिव करने की सलाह दी है। इसके साथ ही उसने अपने यूजर्स को पासवर्ड अपडेट करने को कहा है। गूगल का यूजर्स को यह भी कहना है कि उन्हें अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स की बेहतर सुरक्षा के लिए Passkey फीचर का यूज करना चाहिए। पासकी से लॉगइन के लिए बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन की जरूरत होती है, जिससे यह डबल सेफ्टी प्रोवाइड करता है।

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शुभांशु शुक्ला मई में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जाएंगे

इंडियन एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला एक्सिओम मिशन 4 के तहत मई में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जाएंगे। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को सोशल मीडिया X पर इसकी जानकारी दी।

जितेंद्र सिंह ने लिखा- भारत अपनी अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय लिखने के लिए तैयार है। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जाने वाले पहले और अंतरिक्ष जाने वाले दूसरे भारतीय बनेंगे। इससे पहले राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत यूनियन के स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष यात्रा की थी।

इस मिशन में चार देशों के चार एस्ट्रोनॉट 14 दिन के लिए स्पेस स्टेशन जाने वाले हैं। नासा और इसरो के बीच हुए एग्रीमेंट के तहत ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को इस मिशन के लिए चुना गया है।

शुभांशु के साथ तीन और एस्ट्रोनॉट जाएंगे

एक्सिओम 4 मिशन के चालक दल में भारत, पोलैंड और हंगरी के मेंबर शामिल हैं। स्लावोज़ उज़्नान्स्की 1978 के बाद स्पेस में जाने वाले पोलैंड के दूसरे एस्ट्रोनॉट होंगे। टिबोर कापू 1980 के बाद स्पेस में जाने वाले हंगरी के दूसरे एस्ट्रोनॉट होंगे। अमेरिकी की पैगी व्हिटसन का यह दूसरा कॉमर्शियल ह्यूमन स्पेस फ्लाइट मिशन है।

शुभांशु शुक्ला: NDA क्लियर करके IAF पायलट बने

शुभांशु शुक्ला मूल रूप से उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले हैं। इनकी की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई अलीगंज, लखनऊ के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल से पूरी हुई। 12वीं के बाद उन्होंने नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) का एंट्रेंस एग्जाम क्लियर किया और यहीं से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।

NDA भारत में सशस्त्र बलों (थल सेना, नौसेना और वायुसेना) के लिए ऑफिसर कैडेट्स को प्रशिक्षण देने वाली एक प्रमुख संस्था है। ये ट्रेनिंग के साथ-साथ एकेडमिक डिग्री भी देती है, जो जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), नई दिल्ली से एफिलिएटेड होती है।

2,000 घंटे से अधिक का फ्लाइंग एक्सपीरियंस

शुभांशु को 17 जून, 2006 को भारतीय वायुसेना के फाइटर विंग में शामिल किया गया। वे एक अनुभवी फाइटर और टेस्ट पायलट हैं। उनके पास 2,000 घंटे से अधिक का फ्लाइंग एक्सपीरियंस है। उन्होंने सुखोई-30 MKI, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर और An-32 जैसे लड़ाकू विमानों को उड़ाया है।

अब जानिए मिशन के बारे में...

ड्रैगन कैप्सूल में चारों एस्ट्रोनॉट उड़ान भरेंगे

इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल में ये एस्ट्रोनॉट उड़ान भरेंगे। इस मिशन को फाल्कन-9 रॉकेट से फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। लॉन्च की तारीख फाइनल अप्रूवल और मिशन की तैयारियों के अनुसार घोषित होगी।

मिशन का उद्देश्य

Ax-4 का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष में वैज्ञानिक अनुसंधान, प्रौद्योगिकी प्रदर्शन करना है। यह मिशन प्राइवेट स्पेस ट्रैवल को प्रोत्साहित करने और भविष्य में एक कॉमर्शियल स्पेस स्टेशन (Axiom Station) स्थापित करने की दिशा में एक्सिओम स्पेस की योजना का हिस्सा है।

वैज्ञानिक प्रयोग: माइक्रोग्रैविटी में विभिन्न प्रयोग करना।

टेक्नोलॉजी टेस्टिंग: अंतरिक्ष में नई तकनीकों का परीक्षण और विकास।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग: विभिन्न देशों के अंतरिक्ष यात्रियों को एक मंच प्रदान करना।

एजुकेशनल एक्टिविटीज: अंतरिक्ष से पृथ्वी पर लोगों को प्रेरित करना और जागरूकता फैलाना।

प्राइवेट स्पेस मिशन है एक्सिओम 4

एक्सिओम मिशन 4 एक प्राइवेट स्पेस फ्लाइट मिशन है। अमेरिका की प्राइवेट स्पेस कंपनी एक्सिओम स्पेस और नासा के कोलेबोरेशन में यह मिशन हो रहा है।

एक्सिओम स्पेस का यह चौथा मिशन है। 17-दिवसीय मिशन एक्सिओम 1 अप्रैल 2022 में लॉन्च हुआ था। एक्सिओम का दूसरा मिशन 2 मई 2023 में लॉन्च हुआ था।

इस मिशन में चार एस्ट्रोनॉट्स ने आठ दिन स्पेस में बिताए थे। वहीं तीसरा मिशन 3 जनवरी 2024 में लॉन्च किया गया, जिसमें चालक दल ने स्पेस स्टेशन पर 18 दिन बिताए।

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन क्या है?

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पृथ्वी के चारों ओर घूमने वाला एक बड़ा अंतरिक्ष यान है। इसमें एस्ट्रोनॉट रहते हैं और माइक्रो ग्रैविटी में एक्सपेरिमेंट करते हैं। यह 28,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रैवल करता है। यह हर 90 मिनट में पृथ्वी की परिक्रमा पूरी कर लेता है। 5 स्पेस एजेंसीज ने मिलकर इसे बनाया है। स्टेशन का पहला पीस नवंबर 1998 में लॉन्च किया गया था।


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अमेरिकन सिंगर Katy Perry 5 महिलाओं के साथ भरेंगी अंतरिक्ष की उड़ान, Blue Origin के मिशन से रचेंगी इतिहास

14 अप्रैल को इतिहास रचने जा रहा है, जब पश्चिम टेक्सास (West Texas) से ब्लू ओरिजिन (Blue Origin’s NS-31) की पहली ऑल-वुमन स्पेस फ्लाइट अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरने वाली है। इस खास मिशन – NS-31 – का हिस्सा होंगी दुनिया की छह दमदार महिलाएं, जिनमें पॉप सेंसेशन केटी पेरी (Katy Perry in space), टीवी आइकन गेल किंग, पत्रकार लॉरेन सांचेज, नासा की रॉकेट वैज्ञानिक आयशा बोवे, बायोएस्ट्रोनॉटिक्स की शोधकर्ता अमांडा गुयेन, और फिल्ममेकर केरियन फ्लिन शामिल हैं।

यहां पर होगी मिशन की लाइव स्ट्रीमिंग

यह मिशन अंतरिक्ष की आधिकारिक सीमा – कर्मन रेखा – के पार जाने वाला है। उड़ान के दौरान ये महिलाएं शून्यता (Zero Gravity) का अनुभव करेंगी और अंतरिक्ष से पृथ्वी के बेमिसाल नजारे भी देख सकेंगी। अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस के स्वामित्व वाली इस कंपनी द्वारा आयोजित यह मिशन पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणा बनेगा और इसका सीधा प्रसारण भी किया जाएगा।

ब्लू ओरिजिन इस मिशन को अपनी वेबसाइट पर भारतीय समय अनुसार शाम 7:00 बजे लाइव स्ट्रीम करेगा। लॉन्च विंडो स्थानीय समय (CDT) अनुसार सुबह 8:30 बजे खुलेगी। इसके अलावा, पैरामाउंट प्लस भी मिशन की पूरी कवरेज देगा, और संभावना है कि लॉन्च को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भी लाइव स्ट्रीम किया जाएगा।

मिशन पैच में छुपी है हर महिला की कहानी

इस स्पेशल मिशन के लिए ब्लू ओरिजिन ने एक प्रतीकात्मक पैच भी तैयार किया है, जो हर एक महिला की कहानी और जुनून को दर्शाता है।

आयशा बोवे को समर्पित "टारगेट स्टार" उनके ऊंचे लक्ष्यों की प्रतीक है।

अमांडा गुयेन के लिए न्याय का तराजू उनके सामाजिक न्याय के संघर्ष को दर्शाता है।

गेल किंग के लिए शूटिंग स्टार माइक उनके पत्रकारिता के समर्पण का प्रतीक है।

केटी पेरी को रंग-बिरंगी आतिशबाजी से दर्शाया गया है, जो उनकी संगीत और सामाजिक कार्यों की चमक को दिखाती है।

केरियन फ्लिन को फिल्म रील से और लॉरेन सांचेज को उनकी किताब "फ्लिन द फ्लाई" के किरदार से पैच में जगह मिली है।

यह मिशन सिर्फ एक उड़ान नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण और विविधता का प्रतीक बनकर उभर रहा है। कैटी पैरी के फैंस इस खबर को सुनकर काफी एक्साइटेड हैं। 


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देशभर में फिर ठप हुई UPI सेवा, डिजिटल पेमेंट करने में आ रही बड़ी परेशानी

देशभर में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) सेवा में तकनीकी गड़बड़ी मिली है, जिसकी वजह से डिजिटल लेन-देन ठप हो गए हैं. इससे Paytm, PhonePe और Google Pay जैसे प्रमुख ऐप्स के यूजर्स को पेमेंट करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. 

NPCI ने जारी किया बयान

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने देशभर में UPI सेवा में आई रुकावट को लेकर आधिकारिक बयान जारी किया है. इस बयान में कहा गया है, "NPCI इस समय कुछ तकनीकी समस्याओं का सामना कर रहा है, जिसकी वजह से कुछ UPI लेन-देन आंशिक रूप से असफल हो रहे हैं. हम इस समस्या को हल करने के लिए काम कर रहे हैं और आपको लगातार अपडेट देते रहेंगे. हमें हुई असुविधा के लिए खेद है."

यह परेशानी ऐसे समय में आई है जब देश में करोड़ों लोग रोज़मर्रा के लेनदेन के लिए UPI का इस्तेमाल कर रहे हैं. फिलहाल NPCI द्वारा इसे जल्द सही करने पर काम जारी है और जल्द ही सेवाओं के सामान्य होने की उम्मीद जताई जा रही है.

डाउन डिटेक्‍टर पर लोगों ने की शिकायत

पिछले एक साल में यह यूपीआई के डाउन होने का यह छठा मामला है. डाउन डिटेक्टर के अनुसार, सुबह 11:26 बजे से यूपीआई में दिक्कतें शुरू हुईं. सबसे ज्यादा परेशानी 11:41 बजे हुई. तब 222 से ज्यादा लोगों ने पेमेंट में दिक्कत की शिकायत की. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर कई लोगों ने लिखा कि उन्हें पेटीएम और गूगल पे जैसे ऐप पर पेमेंट करने में परेशानी हो रही है.

बार बार ठप हो रहीं सेवाएं

यह पहला मौका नहीं है जब UPI पेमेंट करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हो. बीते कुछ दिनों में UPI पेमेंट करने में कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. इस दौरान लोगों को पैसों के लेनदेन में भारी परेशानी हुई है.


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अंतरिक्ष में इतिहास रचेंगे वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, AX-4 मिशन के तहत इस दिन भरेंगे स्पेस की उड़ान

भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर जाने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री होंगे। वो मई 2025 अपनी उड़ान भरेंगे। यह यात्रा अक्सियम मिशन 4 (Ax-4) के तहत होगी, जिसमें शुक्ला अक्सियम स्पेस द्वारा आयोजित एक निजी अंतरिक्ष मिशन के सदस्य होंगे।

शुभांशु शुक्ला की भूमिका और ऐतिहासिक यात्रा

शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष में जाना भारतीय अंतरिक्ष यात्रा के लिए एक अहम कदम है। वह भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO के "गगनयान" मिशन का हिस्सा बनने के लिए भी चयनित किए गए हैं। गगनयान मिशन भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन है, जिसमें एक से तीन अंतरिक्ष यात्री निम्न पृथ्वी कक्षा में यात्रा करेंगे। शुक्ला की अक्सियम मिशन 4 यात्रा गगनयान मिशन से पहले का महत्वपूर्ण अनुभव साबित होगी।

इस मिशन में शुक्ला के अलावा, NASA के पूर्व अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन भी मिशन कमांडर के रूप में शामिल होंगे और पोलैंड के स्लावोश उज़नांस्की-विस्नियव्सकी तथा हंगरी के तिबोर कपू भी इस मिशन का हिस्सा होंगे।

प्रसांत बालकृष्णन नायर को बैक-अप अंतरिक्ष यात्री के रूप में नियुक्ति

भारत ने शुभांशु शुक्ला के लिए बैक-अप अंतरिक्ष यात्री के रूप में ग्रुप कैप्टन प्रसांत बालकृष्णन नायर को भी नियुक्त किया है। यदि शुभांशु किसी कारणवश मिशन पर नहीं जा पाए, तो नायर उनकी जगह ISS पर पहुंचेंगे। यह बैक-अप योजना अंतरिक्ष मिशनों में सामान्य प्रक्रिया है, जो किसी भी अप्रत्याशित स्थिति के लिए तैयार रहती है।

अक्सियम मिशन 4 (Ax-4) और अंतरराष्ट्रीय सहयोग

अक्सियम मिशन 4 (Ax-4) को फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा और इसे स्पेसX ड्रैगन अंतरिक्ष यान द्वारा भेजा जाएगा। इस मिशन में अंतरिक्ष यात्री ISS पर 14 दिन तक रहेंगे, जहां वे वैज्ञानिक अध्ययन, शिक्षा से जुड़ी गतिविधियां और वाणिज्यिक मिशन करेंगे। यह मिशन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें शुभांशु शुक्ला के साथ पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री भी ISS पर पहली बार जाएंगे।

अक्सियम मिशन 4, ISS के लिए किए गए निजी अंतरिक्ष उड़ानों की श्रृंखला का हिस्सा है। इससे पहले, अक्सियम मिशन 1 (Ax-1) ने अप्रैल 2022 में अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत की थी, इसके बाद Ax-2 (मई 2023) और Ax-3 (जनवरी 2024) भी सफलतापूर्वक ISS तक पहुंचे। इन मिशनों ने वाणिज्यिक अंतरिक्ष यात्रा के नए रास्ते खोले हैं, जिससे निजी कंपनियों के लिए अंतरिक्ष यात्रा के दरवाजे खुले हैं।

भारत-अमेरिका सहयोग का नया अध्याय

यह सहयोग NASA और ISRO के बीच अंतरिक्ष अन्वेषण में बढ़ते सहयोग का प्रतीक है। दोनों देशों के बीच बढ़ती साझेदारी से यह स्पष्ट होता है कि अंतरिक्ष अन्वेषण उनके दोनों देशों के लिए शीर्ष प्राथमिकता है।


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BHU वैज्ञानिकों का कमाल, बनाई 1300 किलोमीटर रेंज वाली इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी

पर्यावरण संकट की वजह से दुनिया के सामने इलेक्ट्रिक वाहन मजबूत विकल्प बने हैं। भले ही सरकार सब्सिडी और सुविधाओं के जरिए जनता को ई-वाहनों से जोड़ने में जुटी है, लेकिन इलेक्ट्रिक वाहनों में रेंज की समस्या बड़ी चुनौती है। यह ई-वाहनों की व्यापक स्वीकृति को प्रभावित कर रहा है। हालांकि, यह समस्या वाहनों की बैटरी की सीमित क्षमता और चार्जिंग की धीमी गति की देन है।

बीएचयू के भौतिक विज्ञानियों ने रेंज की समस्या के समाधान के लिए बेहतर प्रयास किया है। भौतिकी विभागाध्यक्ष प्राे. राजेंद्र कुमार सिंह के नेतृत्व में आधा दर्जन शोधार्थियों ने औद्योगिक कचरे में मिलने वाले सल्फर की मदद से रूम टेंप्रेचर सोडियम सल्फर बैटरी तैयार की है। लैब में क्वायन सेल का माडल बनाया है।

इस बैटरी की लागत सोडियम आयन बैटरी और लीथियम आयन बैटरी की तुलना में 35 प्रतिशत कम होगी। बड़े बैटरी पैक के रूप में वाहनों में प्रयोग किए जाने की स्थिति में यह सल्फर बैटरी एक बार चार्ज होने पर करीब 1300 किलोमीटर का रेंज देने में सक्षम होगी।

डा. राजेंद्र ने बताया कि रूम टेेंप्रेचर सोडियम सल्फर बैटरी सोडियम आयन बैट्री का बेहतर विकल्प है। प्रोजेक्ट के वृहद अनुसंधान और विकास के लिए ऊर्जा मंत्रालय की कंपनी सीपीआरआइ (सेंट्रल पावर रिसर्च इंस्टीट्यूट) बेंगलुरु से अनुबंध हुआ है। दो वर्ष में प्राेजेक्ट को पूर्ण करने का लक्ष्य तय हुआ है। तकनीक हस्तांतरण के उपरांत बैटरी का थोक उत्पादन होगा।

सोडियम आयन बैटरी की डिस्चार्ज क्षमता 170 से 175 मिली एंपियर हावर प्रति ग्राम होती है, जबकि ऊर्जा घनत्व 150 से 180 वाट हावर प्रति किलोग्राम होता है। विभाग के लैब में ट्रायल के दौरान रूम टेंप्रेचर सोडियम सल्फर बैटरी की डिस्चार्ज क्षमता 1300 से 1400 मिली एंपियर हावर प्रति ग्राम और ऊर्जा घनत्व 1274 वाट हावर प्रति किलोग्राम मिला है।

सोडियम आयन बैट्री की डिस्चार्ज क्षमता कम होती है क्योंकि यह कैथोड पर निर्भर करता है। ऊर्जा घनत्व भी कम होने से इन बैट्रियों की रेंज भी कम होती है। चार पहिया वाहन में ऐसी बैट्रियों का बड़ा पैक एक बार चार्जिंग पर ढाई सौ से तीन सौ किमी का रेंज कवर करतीं हैं।

उधर, सल्फर बैटरी काफी सस्ती होती है, डिस्चार्ज क्षमता और ऊर्जा घनत्व अधिक होेने के कारण वाहनों की रेंज क्षमता 1200 से 1300 किलोमीटर होगी। यह बैटरी सोडियम और सल्फर के बीच रासायनिक प्रतिक्रिया पर आधारित है। कम तापमान पर भी यह काम कर सकती है, जो विभिन्न अनुप्रयोगों में उपयोगी बनाती है। पर्यावरण अनुकूलता भी खास पहलू है।

लैब में दूर की जा रहीं कई चुनौतियां, मिलेंगे सकारात्मक परिणाम

डा. राजेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि देश में सल्फर प्रचुरता मेें औद्योगिक कचरे के रूप में उपलब्ध हैं। कोयला, तेल और गैस काे जलना पर सल्फर गैस का उत्पादन होता है। सल्फर बैटरी को सिलिका मैट्रिक्स, कुछ कैटालिसिस व इलेक्ट्रोलाइट से बनाया जाता है, इससे लागत कम आएगी और क्षमता अधिक होगी। हालांकि, बैटरी निर्माण में कुछ तकनीकी चुनौतियां भी हैं, पाली सल्फाइड डिजुलेशन शटल इफेक्ट और कैथोड में शार्ट सर्किट जैसी बाधाओं को दूर करने का प्रयास हो रहा है।


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