नई दिल्ली, 25 मार्च (वेबवार्ता)। सरकार के दो मंत्रालयों के खिलाफ दो लाख से अधिक शिकायतें मिलने और अन्य आठ मंत्रालयों के खिलाफ करीब 50 हजार से एक लाख तक शिकायतें मिलने का संज्ञान लेते हुए संसद की एक समिति ने केंद्र सरकार से सोशल ऑडिट समितियां बनाने को कहा है जो शिकायत वाले प्रमुख क्षेत्रों की पहचान कर प्रणाली को दुरुस्त करेंगी। समिति ने अपनी हालिया रिपोर्ट में प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग से सिफारिश की है कि शिकायत निवारण की अधिकतम समयसीमा को तेजी से घटाकर 60 दिन से 45 दिन पर लाया जाए। रिपोर्ट में समिति ने इस बात पर चिंता जताई है कि 2018 से 2020 के दौरान आठ मंत्रालयों और विभागों के खिलाफ 50 हजार से एक लाख शिकायतें मिली हैं, चार मंत्रालयों और विभागों के खिलाफ एक से दो लाख शिकायतें मिली हैं तथा दो मंत्रालयों और विभागों के खिलाफ दो लाख से अधिक शिकायतें मिली हैं। कार्मिक, लोक शिकायत, विधि एवं न्याय पर विभाग संबंधी स्थायी समिति ने कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय की अनुदानों की मांगों (2021-22) पर 106वीं रिपोर्ट में कहा, ‘‘समिति विभाग से सिफारिश करती है कि केंद्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों को शिकायत वाले प्रमुख क्षेत्रों को चिह्नित करने और तदनुसार प्रणाली को दुरुस्त करने के लिए सोशल ऑडिट समितियां गठित करने का निर्देश दिया जाए।’’ भारत सरकार ने शिकायत निवारण के लिए ऑनलाइन प्रणाली के रूप में केंद्रीयकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) स्थापित की है।