5 साल में लॉन्च होंगे 52 जासूसी सैटेलाइट

भारत अगले 5 सालों में 52 जासूसी सैटेलाइट लॉन्च करेगा। इन सैटेलाइट्स का मकसद पड़ोसी देशों चीन-पाकिस्तान की गतिविधियों पर नजर रखना होगा। इससे सेना की निगरानी क्षमता में काफी बढ़ोतरी होगी।

 ISRO के सूत्र के हवाले से यह जानकारी दी है। रिपोर्ट के मुताबिक PM नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने 7 अक्टूबर को स्पेस बेस्ड सर्विलांस (SBS-3) प्रोग्राम के तीसरे फेज को मंजूरी दे दी है। ये सभी सैटेलाइट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) बेस्ड होंगे। 36 हजार किमी. ऊंचाई पर ये आपस में कम्यूनिकेट कर सकेंगे। इससे पृथ्वी तक सिग्नल भेजने, मैसेज-तस्वीरें भेजने में आसानी होगी।

सर्विलांस सैटेलाइट्स खास, 27 हजार करोड़ खर्च होंगे

52 सैटेलाइट्स की लॉन्चिंग में करीब 27,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सभी 52 सैटेलाइट को इसरो तैयार नहीं करेगा। 21 सैटेलाइट इसरो की तरफ से बनाए जाएंगे। 31 सैटेलाइट प्राइवेट कंपनियां तैयार करेंगी।

सभी सैटेलाइट AI बेस्ड होंगे। ISRO के एक सीनियर अधिकारी ने पिछले दिसंबर में कहा था, सैटेलाइट के बीच कम्यूनिकेशन हो सकेगा।

किसी सैटेलाइट को 36,000 किमी की ऊंचाई पर GEO (जियोसिंक्रोनस इक्वेटोरियल ऑर्बिट) में कुछ पता लगाता है, तो वह निचली कक्षा (400-600 किमी. की ऊंचाई पर) में दूसरे सैटेलाइट को मैसेज भेज सकेगा कि संदिग्ध इलाके में और ज्यादा जांच करे।

अटल ने 2001 में शुरू किया था SBS मिशन

भारत के स्पेस बेस्ड सर्विलांस (SBS) मिशन की शुरुआत 2001 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी ने की थी। SBS 1 प्रोग्राम के तहत 2001 में चार सैटेलाइट लॉन्च किए गए थे। जिसमें रिसैट प्रमुख था। इसके बाद SBS 2 मिशन में 2013 में 6 सैटेलाइट लॉन्च किए गए।

भारतीय सेना के लिए 3 अलग-अलग सैटेलाइट

1. इसरो ने सबसे पहले 2013 में इंडियन नेवी के लिए GSAT-7 सैटेलाइट लॉन्च की थी। इसे रुक्मिणी भी कहते हैं।

2. पांच साल बाद 2018 में एयर फोर्स के लिए GSAT-7A या एंग्री बर्ड सैटेलाइट लॉन्च की।

3. आर्मी के लिए 2023 में GSAT-7 सैटेलाइट को मंजूरी दी गई। इसे 2026 तक अंतरिक्ष में स्थापित किया जा सकता है।


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आज से बदल गए नियम, टेलीकॉम कंपनियों की मनमानी पर लगेगी लगाम

 रिलायंस जियो, एयरेटल और VI समेत सभी टेलीकॉम कंपनियों के लिए आज 1 अक्टूबर से नए नियम लागू हो रहे हैं। इन नियमों के प्रभावी होने के बाद ग्राहकों को पहले की तुलना में बेहतर सर्विस मिलेगी। साथ में कॉल ड्रॉप (Call Drop) और अनचाही कॉल्स (Unwanted Calls) से भी काफी हद तक छुटकारा मिलेगा। आज टेलीकॉम से जुड़े कौन-से नियम लागू हो रहे हैं। आइए इनके बारे में जानते हैं।

कंपनियों पर लगेगा जुर्माना?

टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने टेलीकॉम कंपनियों से सर्विस बेहतर करने के लिए कहा है। ट्राई लगभग 10 साल बाद क्वालिटी ऑफ सर्विस नियमों में बदलाव कर रहा है। इन नियमों में बदलाव के चलते आम ग्राहकों को काफी तक सहुलियत मिलेगी। अगर किसी इलाके में 24 घंटे से ज्यादा सर्विस बाधित रहती है तो उस पर इसके लिए जुर्माना लगाया जा सकता है।

आपके इलाके में कौन-सी सर्विस

अब तक अपने इलाके में नेटवर्क की उपलब्धता पता करने में खूब मशक्कत करनी पड़ती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। क्योंकि अब सभी टेलीकॉम कंपनी को अपनी वेबसाइट पर बताना होगा कि वह किस इलाके में कौन-सी सर्विस दे रही है। जानकारी उपलब्ध होने से ग्राहक अपनी जरूरत के हिसाब अपने लिए बेहतर सर्विस चुन पाएंगे।

स्पैम कॉल पर नकेल

आज 1 अक्टूबर से स्पैम कॉल पर भी लगाम लग जाएगी। ट्राई ने सभी टेलीकॉम कंपनियों से कहा कि वह ग्राहकों की सहुलियत के हिसाब से अपनी सर्विस पॉलिसी में बदलाव करें। ट्राई ने कंपनियों से साफ कहा कि उन्हें कॉल ड्रॉप और अनचाही कॉल पर रोक लगाने के लिए ग्राहकों के हित में कुछ नई सुविधा शुरू कर चाहिए। साथ ही नए नियमों के मुताबिक अगर कोई कंपनी नियम नहीं मानती है और स्पैम कॉल करती है तो उस पर एक्शन भी लिया जा सकता है।


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जियो की सर्विस ठप! नो सिग्नल और मोबाइल इंटरनेट को लेकर आ रही परेशानी

रिलायंस जियो की सर्विस ठप हो गई है। ज्यादातर यूजर्स के मोबाइल में सिग्नल नहीं आ रहे हैं। 20 प्रतिशत लोगों ने इंटरनेट कनेक्टिविटी में बाधा होने की रिपोर्ट डाउनडिटेक्टर पर की है। 14 प्रतिशत लोगों को जियो फाइबर चलाने में दिक्कतें आ रही हैं। रिलायंस जियो की वेबसाइट भी सही तरह से काम नहीं कर रही और न ही यूजर्स जियो ऐप को एक्सेस कर पा रहे हैं। डाउनडिटेक्टर पर 12 बजे के करीब 10 हजार से अधिक शिकायतें हैं। आउटेज की परेशानी दिल्ली, लखनऊ और मुंबई जैसे शहरों से अधिक रिपोर्ट की गई हैं।

डाउनडिटेक्टर पर हजारों रिपोर्ट

जियो की सर्विस डाउन होने की शिकायत देशभर से यूजर्स कर रहे हैं। एक्स पर भी जियो डाउन ट्रेंड कर रहा है। लोग जियो के लिए मीम शेयर कर रहे हैं। कुछ लोगों ने तो अंबानी के भी मीम शेयर करना शुरू कर दिए हैं। गूगल ट्रेंड पर भी यूजर्स जियो डाउन सर्च कर रहे हैं। 

कंपनी की नहीं आई प्रतिक्रिया 

देशभर में हुए इस आउटेज को लेकर फिलहाल रिलायंस जियो की तरफ से कुछ भी नहीं कहा गया है।


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इंडिया एक्सपो मार्ट में पहुंचे PM मोदी, सेमीकॉन इंडिया-2024 का किया उद्घाटन

 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बुधवार को इंडिया एक्सपो मार्ट में शुरू होने वाले तीन दिवसीय सेमीकॉन इंडिया-2024 का उद्घाटन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।

सीए योगी इन्वेस्टर्स के साथ दो सेशन में वन टू वन कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। साथ ही वर्क फोर्स पवेलियन डेवलपमेंट पवेलियन का उद्घाटन भी करेंगे। तीन दिवसीय सेमिकान इंडिया के आयोजन में 17 देशों के 255 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।

डिजाइनिंग की दुनिया में 20% योगदान भारत का : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत दुनिया का आठवां देश है जहां ग्लोबल सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री से जुड़ा भव्य आयोजन हो रहा है। भारत में यही सही समय है। आप सही समय पर सही जगह पर हैं। 21वीं शताब्दी आज का भारत दुनिया को भरोसा देता है कि मैं भारत पर दांव लगा सकते हैं।

पीएम ने कहा कि आप इन्वेस्ट करते हैं। वैल्यू क्रिएट करते हैं। सरकार आपको पॉलिसी और सुरक्षा देती है। भारत आपको इंटीग्रेटेड इकोसिस्टम देता है। भारत के डिजाइनर के टैलेंट को सब जानते हैं। डिजाइनिंग की दुनिया में 20% योगदान भारत का है। इसका निरंतर विस्तार हो रहा है। 

भारत चिप का बड़ा कंज्यूमर- पीएम

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का फोकस अपने स्टूडेंट और प्रोफेशनल को सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के लिए तैयार करने पर है। हम सेमीकंडक्टर से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस कर रहे हैं। भारत के लिए चिप का मतलब सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं है। हमारे यहां यह करोड़ एस्पिरेशन को पूरा करने का माध्यम है। आज भारत चिप का बहुत बड़ा कंज्यूमर है। 

सेमीकंडक्टर उद्योग को मिलेगा बड़ा फायदा

उन्होंने कहा कि आज भारत का इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर 150 बिलियन डॉलर से अधिक का हो चुका है। पहले हम मोबाइल के बड़े इंपोर्टर थे आज हम मैन्युफैक्चरर और एक्सपोर्टर हैं। इस साल के अंत तक इसे 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाना चाहते हैं। भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग को इसका बड़ा फायदा होगा।

कोविड में हमने इसे देखा है कि सिस्टम किसी एक कंपोनेंट पर निर्भर ना रहे यह सप्लाई चैन पर निर्भर करता है। टेक्नोलॉजी के साथ जब डेमोक्रेटिक वैल्यू जुड़ जाती है तो टेक्नोलॉजी की ताकत बढ़ जाती है। हम ऐसी दुनिया बनना चाहते हैं जो संकट के समय ठहरे नहीं बल्कि निरंतर चलती रहे।

खास बातें

भारत समेत अमेरिका, जापान और साउथ कोरिया जैसे देशों के दिग्गज प्रमुख कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे हैं।

बुधवार, गुरुवार व शुक्रवार तीनों दिन सुबह 10 से शाम 6 बजे तक प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी। दुनिया भर के सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चर्स अपने स्टॉल लगाएंगे।

बुधवार को उद्घाटन के बाद स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग, वर्कशॉप का आयोजन होगा। भारत में सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम पर एक प्रस्तुतिकरण भी किया जाएगा।

गुरुवार को क्रॉस रीजनल पार्टनरशिप, फ्लेक्सिबल हाईब्रिड इलेक्ट्रानिक्स, सप्लाई चेन मैनेजमेंट, माइटी इंडस्ट्री एकेडमिया वर्कशाप और सस्टेनेबिलिटी सेशन आयोजित होंगे।

अंतिम दिन शुक्रवार को माइक्रोन द्वारा पैकेज मैन्युफैक्चरिंग बूटकैंप, आइइएसए द्वारा सेमीकंडक्टर की अब तक के सफर पर प्रस्तुतिकरण होगा। आईएसए द्वारा सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन का इंट्रोडक्शन भी कराया जाएगा।

कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से आईटी व इलेक्ट्रानिक्स विभाग और उत्तर प्रदेश शासन के अधीन कार्यरत यूपी इलेक्ट्रानिक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीएलसी) भी प्रतिभाग करेगा।

विभाग की ओर से 145 स्क्वायर मीटर क्षेत्र में प्रसार वाले पवेलियन की स्थापना व संचालन भी किया जाएगा।

इलेक्ट्रानिक्स, सेमीकंडक्टर व चिप निर्माण के क्षेत्र में सेक्टर फेवरिंग नीतियों का प्रमोशन किया जाएगा।

इन्वेस्टर्स के साथ बैठकों का भी आयोजन किया जाएगा। ऐसे ही दो सेशन में बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हिस्सा लेंगे।

ईको सिस्टम के विकास का मार्ग होगा प्रशस्त

सेमीकॉन इंडिया-2024 इलेक्ट्रानिका इंडिया और प्रोडक्ट्रानिका इंडिया के साथ आयोजित किया जाएगा। यह दक्षिण-पूर्व एशिया के सबसे बड़े इलेक्ट्रानिक्स उद्योग मेले में से एक है। आयोजन में विभिन्न देशी और विदेशी कंपनियों का आगमन होगा।

कई सड़कों पर लगा जाम 

ग्रेटर नोएडा के एक्सपो मार्ट में आयोजित होने होने वाले इलेक्ट्रानिका इंडिया, प्रोडक्ट्रानिका इंडिया और सेमीकॉन इंडिया-2024 का उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सड़क मार्ग के रास्ते ग्रेटर नोएडा पहुंचे।

पीएम के आगमन से पहले करीब 20 मिनट पहले ट्रैफिक को रोकना पड़ा। इस कारण जीआईपी मॉल, एलिवेटेड रोड और नोएडा-एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक जाम लग गया।

शहर में सुबह से तेज बारिश के कारण पीएम के ग्रेटर नोएडा में प्रस्तावित स्थल पर हेलीकॉप्टर उतरने के लिए जरूरी क्लीयरेंस नहीं मिलने से पीएम सड़क मार्ग के रास्ते ग्रेटर नोएडा आए। पीएम दिल्ली डीएनडी के रास्ते एक्सप्रेस-वे होते हुए ग्रेटर नोएडा एक्सपो मार्ट तक पहुंचे। पीएम का काफिला गुजरने के दौरान ट्रैफिक को एक्सप्रेस-वे पर रोका गया।


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आईफोन-16 और एपल वॉच सीरीज 10 लॉन्च

एपल ने आईफोन-16 लॉन्च कर दिया है। इस बार आईफोन में सबसे बड़ा बदलाव एपल इंटेलिजेंस है। इसके अलावा कैमरा कंट्रोल के लिए साइड में नया बटन दिया है।

यह भारत में 20 सितंबर से मिलना शुरू होगा। इसकी शुरुआती कीमत 79,900 रुपए है जो 1,84,900 रुपए तक जाती है। इसे ऑनलाइन या इन स्टोर दोनों तरीकों से खरीद सकते हैं।

आईफोन-16 और आईफोन-15 की कीमत में महज 10 हजार रुपए का अंतर है। कैमरा शेप के अलावा iPhone 16 का साइज, शेप और डिस्प्ले लगभग iPhone 15 जैसा ही है।

आईफोन 16 सीरीज के 5 सबसे बड़े बदलाव

1. आईफोन-16 में A18 चिप मिलेगी। यह सेकेंड जनरेशन 3nm टेक्नोलॉजी पर बेस्ड है। आईफोन-15 में A16 Bionic चिप मिलती है।

2. नए आईफोन में AI फीचर्स दिए गए हैं। ये आईफोन-15 सीरीज के बेस मॉडल्स पर नहीं मिलेंगे, केवल प्रो और मैक्स मॉडल पर मिलेंगे।

3. आईफोन-16 में कैमरा कंट्रोल करने के लिए साइड बटन मिलेगा। मैक्रो फोटोग्राफी भी कर सकेंगे। आईफोन-15 में ये फीचर नहीं मिलते।

4. नए आईफोन में 22 घंटे का वीडियो प्लेबैक मिलता है, जो आईफोन 15 में 20 घंटों का है। मतलब बैटरी लाइफ करीब 10% बढ़ जाएगी।

5. नया पिल शेप्ड बैक कैमरा मिलेगा। आईफोन-15 में कैमरा सेटअप डायगोनल शेप में है। मैक्स में अब तक की सबसे बड़ी स्क्रीन मिलेगी।

क्या आईफोन 16 लेना सही रहेगा?

अगर आप लेटेस्ट प्रोसेसर और AI फीचर्स नहीं चाहिए तो आईफोन 15 लेना सही रहेगा, क्योंकि ये दिवाली सेल में 55 हजार रुपए के आसपास मिल सकता है। अगर आपको मैक्रो फोटोग्राफी का शौक है तो आईफोन 16 ले सकते हैं।

आईफोन 16 सीरीज के लॉन्चिंग के बाद कंपनी ने आईफोन 15 प्रो और 15 प्रो मैक्स मॉडल्स को डिस्कंटीन्यू कर दिया है। ऐसे में अब आईफोन 16 प्रो और आईफोन 16 प्रो मैक्स का ही ऑप्शन बचता है। हालांकि, कुछ ई-कॉमर्स वेबसाइट पुराने स्टॉक्स को क्लियर करने के लिए अभी भी इसे बेच रही हैं।

एक साल में एपल के शेयर ने 23.17% का रिटर्न दिया

एपल का शेयर बीचे कारोबारी दिन 9 सितंबर को 0.041% की तेजी के साथ 220.91 USD पर बंद हुआ था। कंपनी का मार्केट कैप 3.36 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर है। पिछले 5 दिन में इसके शेयर में 3.37% की गिरावट देखने को मिली है। हालांकि, एक महीने में एपल के शेयर में 2.16%, 6 महीने में 27.88% और एक साल में 23.17% की तेजी देखने को मिली है।

18 अप्रैल 2023 को एपल का देश में पहला स्टोर खुला था

भारत में एपल का पहला ऑफिशियल स्टोर मुंबई के जियो वर्ल्ड ड्राइव मॉल में 18 अप्रैल 2023 को खुला था। यह स्टोर 20,800 स्क्वायर फीट के एरिया में 3 फ्लोर में फैला हुआ है। इसके बाद 20 अप्रैल को दिल्ली के साकेत में एपल का दूसरा ऑफिशियल स्टोर ओपन हुआ। यह स्टोर 8,417.38 स्क्वायर फीट के एरिया में फैला हुआ है। एपल के 25 देशों में 500 से ज्यादा ऑफिशियल स्टोर है। सबसे ज्यादा 272 स्टोर अमेरिका में है।


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यूपीआई पेमेंट को आसान बनाने के लिए लॉन्च हुआ UPI Circle, बिना अकाउंट के होगा ट्रांजैक्शन

 डिजिटल पेमेंट में एक नए युग की शुरुआत यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी यूपीआई (UPI) ने की है। इसके जरिये आप आसानी से घर बैठे पेमेंट कर सकते हैं। यूपीआई यूजर्स को अच्छा एक्सपीरियंस देने के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूपीआई के नए फीचर (UPI New Feature) को शुरू किया।

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल (GFF), 2024 में यूपीआई सर्कल (UPI Circle) फीचर को लॉन्च किया था। इस फीचर को लॉन्च करते हुए शक्तिकांत दास ने कहा कि इस फीचर के जरिये अब दो लोग एक बैंक अकाउंट से आसानी से यूपीआई कर सकते हैं। इस फीचर से आने से डिजिटल पेमेंट में वृद्धि होगी।

अब एनपीसीआई ने यूपीआई में ‘यूपीआई सर्कल’ फीचर जोड़ा है। इस फीचर में वह यूजर भी यूपीआई का इस्तेमाल कर सकते हैं जिनका बैंक अकाउंट (Bank Account) यूपीआई से लिंक नहीं हैं। इस आर्टिकल में हम आपको यूपीआई सर्कल के बारे में हर जानकारी देंगे।

क्या है यूपीआई सर्किल? (What is UPI Circle)

यूपीआई सर्कल एक ऐसा फीचर है जिसमें यूजर बिना बैंक अकाउंट के भी यूपीआई पेमेंट कर सकते हैं। जो यूजर ऑनलाइन बैंकिंग (Online Banking) का इस्तेमाल नहीं करते हैं उनके लिए यह फीचर काफी फायदेमंद साबित होगा।

यूपीआई सर्कल के जरिये पेमेंट के लिए यूजर को केवल मोबाइल नंबर और ओटीपी (OTP) की जरूरत होगी। इस फीचर से अब परिवार या दोस्तों को भी फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन की सुविधा मिलेगी।

कैसे काम करता है UPI Circle (How will work UPI Circle)

यूपीआई सर्कल में प्राइमरी यूजर और सेकेंडरी यूजर होते हैं। जिस यूजर की यूपीआई आईडी (UPI ID) है उसे प्राइमरी यूजर कहेंगे, वहीं जिन्हें यूपीआई सर्कल से जोड़ा जाएगा उसे सेकेंडरी यूजर कहते हैं। सेकेंडरी यूजर भी आसानी से यूपीआई पेमेंट की सुविधा का लाभ उठा सकता है।

इसे ऐसे समझिए कि प्राइमरी यूजर यूपीआई का इस्तेमाल करने का पावर सेकेंडरी यूजर को देता है। वह प्राइमरी यूजर के अकाउंट से आसानी से पेमेंट कर सकते हैं। सेकेंडरी यूजर पार्शियल (आंशिक) या फुल यूपीआई पेमेंट कर सकता है या नहीं इसकी परमिशन प्राइमरी यूजर देता है।

उदाहरण के तौर पर अगर पिता अपने यूपीआई आईडी में यूपीआई सर्कल फीचर के तहत बेटे को जोड़ता है तो पिता के पास अधिकार है कि वह बेटे को पार्शियल (आंशिक) या फुल पेमेंट में से कोई एक अधिकार दे सकता है।

यूपीआई सर्किल के फायदे (UPI Circle Benefit)

यह उन लोगों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा जो डिजिटल ट्रांजैक्शन की निगरानी करना चाहते हैं। अगर माता-पिता अपने बच्चों के यूपीआई पेमेंट ट्रांजैक्शन की निगरानी करना चाहते हैं तो यूपीआई सर्कल के जरिये ये संभव हैं।

यूपीआई सर्कल के जरिये बच्चे या माता-पिता के बैंक अकाउंट को मैनेज करना काफी आसान होगा। यूपीआई ट्रांजैक्शन की तरह अकाउंट मैनेज करने में कोई कॉन्फ्लिक्ट नहीं आएगा।

अगर कोई स्टार्टअप या कंपनी चला रहा है तो यूपीआई सर्कल के जरिये एक अकाउंट से 5 लोब बिल पेमेंट कर सकते हैं। यहां तक कि इसमें सारे पेमेंट की डिटेल्स भी एक जगह रहेगी।

यूपीआई सर्किल के नुकसान (Disadvantage of UPI Circle)

यूपीआई सर्कल जितना फायदेमंद है उतना ही इसके नुकसान भी हैं। दरअसल, इस फीचर में यूपीआई पेमेंट के लिए सेकेंडरी यूजर पूरी तरह से प्राइमरी यूजर पर डिपेंड है। इसके अलावा कोई भी ट्रांजैक्शन करने से पहले सेकेंडरी यूजर को प्राइमरी यूजर से परमिशन लेनी होगी।


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Google Gmail पर मेल का रिप्लाई करना हुआ आसान, बिना नई स्क्रीन ओपन किए होगा अब काम

गूगल की ईमेल सर्विस जीमेल का इस्तेमाल करते हैं तो ये जानकारी आपका दिल खुश कर सकती है। कंपनी अपने एंड्रॉइड यूजर्स के लिए एक नई सुविधा पेश कर रही है। Google Workspace webpage के लेटेस्ट ब्लॉग में दी गई जानकारी के मुताबिक, कंपनी अपने जीमेल यूजर्स के लिए एंड्रॉइड डिवाइस पर मेल का रिप्लाई करना आसान बना रही है। यूजर्स को ईमेल का रिप्लाई करने के लिए अलग से एक नई स्क्रीन ओपन करने की जरूरत नहीं होगी। वे ईमेल का रिप्लाई कनवर्सेशन के बॉटम से ही कर सकेंगे।

अभी ओपन करनी पड़ती है नई स्क्रीन

अभी की बात करें तो जीमेल ऐप पर किसी भी मेल को ओपन करने के बाद Reply, Reply All, Forward जैसे ऑप्शन मेल के नीचे नजर आते हैं। इन ऑप्शन में से किसी एख को सेलेक्ट करने के बाद ही रिप्लाई के लिए फुल स्क्रीन कम्पोज व्यू पॉप अप होती है।

मेल का रिप्लाई करना हुआ अब आसान

नए अपडेट के बाद जीमेल एंड्रॉइड यूजर्स किसी भी मेल को स्क्रॉल डाउन कर बॉटम पर आने के बाद रिप्लाई के लिए सीधे ही अपना मेल ड्राफ्ट कर सकेंगे।

ब्लॉग पोस्ट में गूगल का अपने जीमेल एंड्रॉइड यूजर्स से कहना है कि आज से आप ईमेल का रिप्लाई कनवर्सेशन के ठीक नीचे से ही कर सकेंगे। इसके लिए आपको अलग से नई स्क्रीन ओपन करने की जरूरत नहीं होगी। हम जानते हैं कि यह नया ऑप्शन आपके लिए क्विक, लाइटवेट और फॉर्मल रिस्पॉन्स को लेकर खास होगा। आप टेक्स्ट बॉक्स को एक्पैंड कर फॉरमैटिंग के नए ऑप्शन भी एक्सेस कर सकते हैं।

बिना नई स्क्रीन ओपन किए मेल का करें रिप्लाई

सबसे पहले एंड्रॉइड डिवाइस पर जीमेल ऐप ओपन करना होगा।

अब जिस मेल का रिप्लाई करना चाहते हैं, उसे ओपन करना होगा।

स्क्रॉल डाउन कर बाद बॉटम में टेक्स्ट बॉक्स पर क्लिक करना होगा।

बॉक्स में रिप्लाई टाइप कर send आइकन पर क्लिक करना होगा।

आप चाहें तो फुल स्क्रीन कम्पोज व्यू भी कर सकते हैं। इसके लिए आप Expand to full screen पर टैप कर सकते हैं। अगर आप अभी तक इस तरह के ऑप्शन को एंड्रॉइड डिवाइस में नहीं देख पा रहे हैं तो कुछ समय इंतजार कर सकते हैं। यह नया फीचर धीरे-धीरे रोलआउट होगा।


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टेलीग्राम के CEO पावेल डुरोव फ्रांस में गिरफ्तार

इंस्टेंट मैसेजिंग और कम्युनिटी ऐप टेलीग्राम के फाउंडर और CEO पावेल डुरोव को पेरिस के बाहर बॉर्गेट एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया है। फ्रांस की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डुरोव अपने प्राइवेट जेट से वहां पहुंचे थे। पावेल के खिलाफ पहले ही गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था।

पावेल पर कंटेंट मॉडरेटशन में नाकाम रहने का आरोप है। इससे मैसेजिंग ऐप पर क्रिमिनल्स एक्टिविटीज को बेरोकटोक जारी रखने की परमिशन मिली। कंटेंट मॉडरेशन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से आपत्तिजनक या हानिकारक कंटेंट को देखने और उसे हटाने का प्रोसेस है।

यह ऑनलाइन सिक्योरटी का एक बड़ा और महत्वपूर्ण हिस्सा है। फिलहाल टेलीग्राम या फ्रांस के सरकार या पुलिस की ओर से कोई बयान नहीं आया है। गिरफ्तारी पर रूस के विदेश मंत्रालय ने सवाल किया है कि 'क्या पश्चिमी NGO (नॉन-गवर्नमेंटल ऑर्गनाइजेशन) डुरोव की रिहाई की मांग करेंगे?'

कभी ISIS के लिए बना पसंदीदा ऐप

रिपोर्ट्स के मुताबिक 2015 के पेरिस हमलों के लिए ISIS ने अपनी बात पहुंचाने के लिए टेलीग्राम का इस्तेमाल किया था। इस पर पूछे गए सवाल के जवाब में पावेल ने कहा था कि 'मुझे लगता है कि गोपनीयता का अधिकार, आतंकवाद जैसी बुरी घटनाओं के प्रति हमारे डर से ज्यादा महत्वपूर्ण है।'

अक्टूबर 2015 तक ISIS के चैनल पर 9 हजार तक फॉलोअर्स हो गए थे। नवंबर 2015 में टेलीग्राम ने ISIS के प्रचार प्रसार के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले 78 चैनलों को ब्लॉक कर दिया था।

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने देश को टेलीग्राम पर संबोधित किया था

रूस के रहने वाले पावेल दुरोव और उनके भाई निकोलाई दुरोव ने 2013 में टेलीग्राम शुरू किया। लॉन्चिंग के 11 साल में इसे 100 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है।

भारत, इंडोनेशिया और रूस के लोगों ने इसे सबसे ज्यादा इंस्टॉल किया है। 2022 में रूस के साथ संघर्ष के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने देश को संबोधित करने के लिए टेलीग्राम का ही इस्तेमाल किया था।

जासूसी से बचने के लिए हुई टेलीग्राम की शुरुआत

VK कंपनी में चल रहे विवाद के दौरान ही पावेल ने टेलीग्राम तैयार कर लिया था। इसकी शुरुआत एक एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग सिस्टम के रूप में हुई थी। इसकी स्थापना इसलिए की गई थी ताकि रूसी सुरक्षा एजेंसी की जासूसी के बिना वे आपस में बात कर सकें।

टेलीग्राम 14 अगस्त 2013 को iOS और 20 अक्टूबर 2013 को एंड्रॉयड के लिए लॉन्च किया गया। इसके लिए फंड और इन्फ्रास्ट्रक्चर पावेल ने दिया था। पिछली कंपनी के शेयर बेचने पर जो पैसे मिले थे, सब कुछ टेलीग्राम में लगा दिया। उनके भाई निकोलाई ने कोडिंग पर ध्यान दिया।

अक्टूबर 2013 तक ऐप पर 1 लाख डेली एक्टिव यूजर हो गए। मार्च 2014 तक टेलीग्राम पर 3.5 करोड़ मंथली और 1.5 करोड़ डेली एक्टिव यूजर हो गए। 2016 तक ऐप पर हर दिन 1500 करोड़ मैसेज का फ्लो होने लगा।

कई मीडिया रिपोर्ट्स में जिक्र है कि रूस से निकलने के बाद शुरुआती कुछ साल में पावेल ने अपने 15 एम्प्लॉई के साथ कई देशों में सफर किया। जिसके बाद 2017 में दुबई में अपना हेडक्वार्टर स्थापित किया। लिंक्डइन पर टेलीग्राम के ऑफिशियल पेज के मुताबिक कंपनी में आज भी 50 से कम एम्प्लॉइज है।

प्रॉफिट नहीं बनाने के बावजूद सर्विस जारी

कंपनी की लॉन्चिंग के लगभग 7 साल बाद यानी 2020 तक कंपनी कुछ भी प्रॉफिट नहीं बना पा रही थी। इसके बावजूद कंपनी ने अपनी सर्विस में कमी नहीं आने दी। कंपनी ने 2022 में प्रीमियम सब्सक्रिप्शन सर्विस लॉन्च की। एक महीने के अंदर 1 लाख से ज्यादा लोगों ने प्रीमियम सब्सक्रिप्शन ले लिया। इसके बाद से कंपनी के रेवेन्यू में तेजी आई।

कंपनी के फाउंडर पावेल ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि अगले साल तक टेलीग्राम प्रॉफिटेबल हो जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ कंपनियों ने टेलीग्राम को खरीदने के लिए 25 हजार करोड़ रुपए तक का वैल्यूएशन लगाया था, लेकिन उन्होंने कंपनी बेचने से इनकार कर दिया। कंपनी का मौजूदा रेवेन्यू लगभग 600 करोड़ रुपए है।


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देश में टेलीकॉम सब्सक्राइबर्स की संख्या 120.5 करोड़ पार, Jio और Airtel रहे सबसे आगे

मंगलवार को जारी ट्राई की रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस जियो और भारती एयरटेल द्वारा नए कस्टमर्स जोड़े जाने से जून में भारतीय दूरसंचार ग्राहकों की संख्या 120.5 करोड़ के पार पहुंच गई।

जून के लिए ट्राई की ग्राहक रिपोर्ट में जारी आंकड़ों के अनुसार, वायरलेस ग्राहकों की संख्या बढ़कर 117 करोड़ से अधिक हो गई और देश में वायरलाइन कनेक्शन मई में क्रमशः 116.89 करोड़ और 3.47 करोड़ से बढ़कर जून में 3.51 करोड़ हो गए। रिलायंस जियो और भारती एयरटेल ने दोनों क्षेत्रों में वृद्धि का नेतृत्व किया।

टेलीफोन ग्राहकों की संख्या में वृद्धि

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने रिपोर्ट में कहा कि भारत में कुल टेलीफोन ग्राहकों की संख्या मई 2024 के अंत में 1,203.69 मिलियन से बढ़कर जून 2024 के अंत में 1,205.64 मिलियन हो गई, जिससे मासिक वृद्धि दर 0.16 प्रतिशत दिखाई देती है।

रिलायंस जियो ने 19.11 लाख नए वायरलेस सब्सक्राइबर जोड़े, जबकि भारती एयरटेल ने इस महीने 12.52 लाख नए सब्सक्राइबर जोड़े। वोडाफोन आइडिया (वीआईएल), बीएसएनएल, एमटीएनएल और रिलायंस कम्युनिकेशंस द्वारा सब्सक्राइबर खोने से कुल वायरलेस सेगमेंट में शुद्ध वृद्धि घटकर 15.73 लाख रह गई।

VI ने खोए 8.6 लाख सब्सक्राइबर

वीआईएल ने इस महीने 8.6 लाख सब्सक्राइबर खोए, बीएसएनएल ने 7.25 लाख, एमटीएनएल ने 3,927, जबकि आरकॉम ने 2 वायरलेस सब्सक्राइबर खो दिए। वायरलाइन सेगमेंट में, रिलायंस जियो 4.34 लाख नए सब्सक्राइबर जोड़कर चार्ट में सबसे ऊपर रहा।

इसके बाद एयरटेल ने 44,611 नए सब्सक्राइबर जोड़े, वीआईएल ने 21,042 और वीएमआईपीएल ने 13,996 नए सब्सक्राइबर जोड़े। जून में बीएसएनएल ने सबसे ज्यादा वायरलेस ग्राहक खोए। कंपनी ने 60,644 सब्सक्राइबर खोए। क्वाड्रेंट ने 37,159 ग्राहक, टाटा टेलीसर्विसेज ने 32,315, एमटीएनएल ने 6,218 और एपीएसएफएल ने 829 ग्राहक खो दिए।

ब्रॉडबैंड ग्राहकों की संख्या में बढ़ोतरी

भारती एयरटेल ने 2.82 करोड़ कनेक्शन के साथ मशीन-टू-मशीन सेगमेंट का नेतृत्व किया। इसके बाद वीआईएल ने 1.45 करोड़ कनेक्शन, जियो ने 67.2 लाख और बीएसएनएल ने 29.3 लाख ग्राहक खो दिए।

देश में कुल ब्रॉडबैंड ग्राहकों की संख्या जून में बढ़कर 94 करोड़ हो गई, जो पिछले महीने के अंत में 93.51 करोड़ थी। जियो ने 48.89 करोड़ ग्राहकों के साथ ब्रॉडबैंड सेगमेंट का नेतृत्व किया।

इसके बाद भारती एयरटेल ने 28.13 करोड़ ग्राहकों, वीआईएल ने 12.78 करोड़ और बीएसएनएल ने 2.5 करोड़ ग्राहकों के साथ दूसरा स्थान हासिल किया।


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ISRO की EOS-08 सैटेलाइट लॉन्चिंग सफल

इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने देश के सबसे छोटे रॉकेट SSLV-D3 से अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट-8 (EOS-08) को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया। इसरो चेयरमैन एस सोमनाथ ने बताया, लॉन्चिंग सफल रही। उन्होंने पूरी टीम को बधाई दी।

यह सैटेलाइट पृथ्वी की कक्षा से बाहर करीब 475 किमी ऊपर स्थापित किया गया। यह एक साल तक काम करेगा। EOS-08 सैटेलाइट का मकसद पर्यावरण और आपदा को लेकर सटीक जानकारी देना है। इससे पहले ISRO ने 15 अगस्त को लॉन्चिंग की तारीख तय की थी। फिर इसे एक दिन बाद लॉन्च किया गया।

EOS-08 सैटेलाइट में तीन पेलोड हैं, सेंसर और नेविगेशन सिस्टम से लैस

अंतरिक्ष में भेजे गए EOS-08 सैटेलाइट में तीन पेलोड हैं। इसमें इलेक्ट्रो ऑप्टिकल इंफ्रारेड पेलोड (EOIR), ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम-रिफ्लेक्टोमेट्री पेलोड (GNSS-R) और SiC-UV डोसीमीटर शामिल हैं।

EOIR पेलोड : आपदा निगरानी, पर्यावरण निगरानी जैसे काम के लिए तस्वीरें खींचने के लिए डिजाइन किया गया है। यह पेलोड दिन और रात में भी तस्वीरें खींच सकता है।

GNSS-R पेलोड: समुद्र की सतह पर हवा का विश्लेषण, मिट्टी की नमी का आकलन, बाढ़ का पता लगाने के लिए रिमोट सेंसिंग क्षमता के लिए किया जाएगा।

SiC UV पेलोड: डोसीमीटर गगनयान मिशन के लिए अल्ट्रावायलेट किरणों की निगरानी करेगा।

सबसे छोटे रॉकेट SSLV की तीसरी लॉन्चिंग सफल, पहली फेल हुई थी

ISRO के सबसे छोटे रॉकेट SSLV की यह तीसरी लॉन्चिंग है। इससे पहले दो प्रयास (2022 और 2023) हुए थे। जिसमें इसरो को 2023 में सफलता मिली थी, जबकि 2022 में पहली कोशिश नाकामयाब हो गई थी।

पहला प्रयास - 9 अगस्त 2022: पहली SSLV लॉन्चिंग फेल हो गई थी। रॉकेट की लॉन्चिंग तो ठीक हुई थी, लेकिन बाद में रफ्तार और फिर रॉकेट के सेपरेशन के दौरान दिक्कत आई। इसके चलते तब SSLV की लॉन्चिंग को रद्द कर दिया गया था। इसरो ने बताया था कि दोनों सैटेलाइट्स गलत ऑर्बिट में चले गए थे और ये किसी काम के नहीं रह गए थे। पढ़ें पूरी खबर...

दूसरा प्रयास- 9 फरवरी 2023: SSLV की दूसरी लॉन्चिंग फरवरी 2023 में हुई थी। SSLV ने जो 3 सैटेलाइट्स लॉन्च किए थे। उनमें अमेरिका जानूस-1, चेन्नई के स्पेस स्टार्ट अप का आजादी सैट-2 और इसरो का EOS-7 शामिल था। SSLV-D2 पृथ्वी की लोअर ऑर्बिट में 15 मिनट तक उड़ान भरी, इसके बाद सैटेलाइट्स को 450 किलोमीटर दूर ऑर्बिट में छोड़ दिया गया।

SSLV का मकसद छोटे सैटेलाइट्स की लॉन्चिंग

SSLV को डेवलप करने का मकसद छोटे सैटेलाइट लॉन्च करना है। इसके साथ ही पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) का इस्तेमाल अब तक लॉन्चिंग में बहुत ज्यादा किया जाता है। SSLV के चलते अब यह बड़े मिशन के लिए फ्री हो सकेगा। SSLV 10 से 500 किलोग्राम के ऑब्जेक्ट को 500 किलोमीटर दूर प्लैनर ऑर्बिट में ले जा सकता है।

गगनयान एस्ट्रोनॉट्स की ट्रेनिंग, ISRO ने वीडियो शेयर किया; जीरो ग्रेविटी में योग करते दिखे

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ISRO ने गगनयान मिशन के एस्ट्रोनॉट्स की ट्रेनिंग का एक वीडियो जारी किया है। वीडियो में दिख रहा है कि एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस जैसी एक सिमुलेटेड कंडीशन में ट्रेनिंग दी जा रही है।

ISRO ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर यह वीडियो शेयर किया है। वीडियो में एस्ट्रोनॉट्स स्पेस मॉड्यूल के भीतर योग कर रहे हैं। उन्हें अंतरिक्ष यान, जीरो ग्रेविटी और स्पेस में आने वाली अन्य चुनौतियों के हिसाब से ट्रेनिंग की जा रही है। 

ISRO के रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल की तीसरी सफल लैंडिंग; तेज हवाओं के बीच 4.5 KM की ऊंचाई से पुष्पक रिलीज किया

ISRO ने 23 जून को लगातार तीसरी बार रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल (RLV) लैंडिंग एक्सपेरिमेंट (LEX) में सफलता हासिल की है। पुष्पक ने तेज हवाओं के बीच एडवांस ऑटोनॉमस कैपेबिलिटी का इस्तेमाल करते हुए सटीक होरिजोंटल लैंडिंग की थी। पहला लैंडिंग एक्सपेरिमेंट 2 अप्रैल 2023 और दूसरा 22 मार्च 2024 को किया गया था।


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