स्टारिलंग मॉल की बिल्डिंग को पैदा होता खतरा

janealam (janu choudhary)

स्टारलिंग   मॉल में अक्सर रहती है भीड भाड,नए मॉल की खुदाई बनी जी का जंजाल 

कहां है भूजल,खनन विभाग और न्यू औखला इंडस्ट्रियल डेवलप मेंट एथारिटी

उत्तर प्रदेश के जिला गौतम बुद नगर नोएडा के सेक्टर 106 में स्थित स्टारलिंग मॉल जहां पर लगभग तमाम तरह की सुविधाएं होने के कारण अक्सर भीड भाड रहती है। स्टारलिंग मॉल के बराबर वाली भूमि खाली पडी हुई थीं। कहा तो ये जाता है कि ये जमीन लाल डोरे में थीं, अभी कुछ समय पहले स्टारलिंग मॉल की बराबर और पीछे वाली दीवार से सटाकर लगभग चार हजार वर्ग मीटर इस जमीन पर कमर्शियल  मॉल बनाने के लिए बेसमेंट खोदा गया और करोड़ों रूपए की मिटटी बेच दी गई। जिससे स्टारलिंग मॉल की बिल्डिंग की मजबूती को खतरा पैदा हो सकता है, यदि कोई हादसा हुआ तो सैंकडों लोगों की जान जा सकती है, सवाल ये उठ रहा है कि क्या जिला खनन विभाग के द्वारा प्राधिकरण के द्वारा स्वीकृत नक्शा देखने का प्रयास किया कि क्या बिल्डिंग के लिए स्वीकृत नक्शे के अनुसार ही खुदाई की गई अथवा बिल्डर के द्वारा तमाम नियम कायदे कानून को ताक पर   रखते हुए काम आरंभ किया गया। वैसे भी देखा जाए तो पूरे देश में दिल्ली एनसीआर प्रदूषण से प्रभावित  है, जिसमें गाजियाबाद नोएडा सबसे प्रदूषित क्षेत्र है। ऐसे में प्रदूषण विभाग का दायित्व अधिक ही बढ जाता है। उसे ये देखना चाहिए कि ग्राम हाजीपुर के खसरा नंबर 412 की जमीन पर मॉल निर्माण के लिए जो खुदाई आदि की जा रही है, मॉल से संबंधित एनओसी जैसे सीटीई अनुमति दी गई है या नहीं। वैसे तो  पर्यावरण की अनुमति भी आवश्यक होती है। न्यू औखला इंडस्ट्रियल डेवलेपमेंट अथॉरिटी के एरिया में अवैध निर्माण होने की कोई बात नहीं है, लेकिन उक्त भूमि के बराबर में स्टारलिंग मॉल की उंची बिल्डिंग बनी हुई है, यदि कोई भूंकप या ज्यादा बारिश होने के कारण कोई हादसा हुआ तो कौन जिम्मेदार होगा।  सवाल ये भी उठ रहा है कि नए मॉल के निर्माण के दौरान जो भूजल दोहन हो रहा है, वह कौन देखेगा और क्या भूजल विभाग से भूजल दोहन की अनुमति हासिल की गई है।