सरकार ने डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के प्रोविजनल आंकडे जारी किए हैं। फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में 9 अक्टूबर तक टोटल ₹11.07 लाख करोड़ का डायरेक्ट टैक्स सरकार ने वसूला है। यह कलेक्शन पिछले साल की इसी अवधी के मुकाबले 17.95% ज्यादा है। पिछले महीने यह डेटा 16 सितंबर तक ₹8.65 लाख करोड़ था।
रिफंड के बाद नेट कलेक्शन ₹9.57 लाख करोड़ रहा
वहीं रिफंड के बाद नेट कलेक्शन ₹9.57 लाख करोड़ रहा है। यह आंकड़ा भी पिछले साल के अक्टूबर के मुकाबले 21.82% ज्यादा है। 1 अप्रैल से 9 अक्टूबर तक सरकार ने टोटल ₹1.50 लाख करोड़ का टैक्स रिफंड भी जारी किया है।
₹18.23 लाख करोड़ के एस्टीमेट का 52.50% कलेक्शन हुआ पूरा
इस महीने के कलेक्शन को मिला दिया जाए तो सरकार ने अपने टैक्स कलेक्शन के एस्टीमेट का 52.50% पूरा कर लिया है। सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ₹18.23 लाख करोड़ का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का टारगेट रखा है। पिछले महीने के कलेक्शन के बाद यह टारगेट 46% पहुंच गया था।
पर्सनल इनकम टैक्स के कलेक्शन में 29.53% का इजाफा
जहां तक कॉर्पोरेट इनकम टैक्स (CIT) के ग्रॉस रेवेन्यू कलेक्शन की बात है, तो इसमें 7.30% और पर्सनल इनकम टैक्स (PIT) में 29.53% का इजाफा हुआ है। वहीं रिफंड के बाद नेट कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन में 12.39% जबकि PIT में 32.51% की वृद्धि दर्ज की गई है।
डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स में अंतर
जो टैक्स सीधे आम आदमी से वसूला जाता है उसे डायरेक्ट टैक्स कहते हैं। डायरेक्ट टैक्स में कॉर्पोरेट और पर्सनल इनकम टैक्स आता है। शेयर या दूसरे संपत्तियों पर लगने वाला टैक्स भी डायरेक्ट टैक्स कहलाता है। जो टैक्स सीधे आम जनता से नहीं लिया जाता लेकिन उसकी वसूली आम जनता से ही होती है, उसे इनडायरेक्ट टैक्स कहा जाता है। इसमें एक्साइज ड्यूटी, कस्टम ड्यूटी, GST शामिल हैं।
पहले देश में कई प्रकार के इनडायरेक्ट टैक्स होते थे। लेकिन 1 जुलाई 2017 से सभी प्रकार इनडायरेक्ट टैक्स को GST में शामिल कर लिया गया है। हालांकि, पेट्रोलियम पदार्थों और शराब पर लगने वाले टैक्स को अभी GST के दायरे से बाहर रखा गया है। टैक्स कलेक्शन को किसी भी देश में आर्थिक गतिविधियों को का इंडिकेटर माना जाता है।
पहले देश में कई प्रकार के इनडायरेक्ट टैक्स होते थे। लेकिन 1 जुलाई 2017 से सभी प्रकार इनडायरेक्ट टैक्स को GST में शामिल कर लिया गया है। हालांकि, पेट्रोलियम पदार्थों और शराब पर लगने वाले टैक्स को अभी GST के दायरे से बाहर रखा गया है। टैक्स कलेक्शन को किसी भी देश में आर्थिक गतिविधियों को का इंडिकेटर माना जाता है।
फाइनेंशियल ईयर 2022-23 का GST कलेक्शन
फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में टोटल 18.10 लाख करोड़ रुपए का GST कलेक्शन हुआ था। इसके आधार पर हर महीने GST कलेक्शन का औसत आंकड़ा 1.51 लाख करोड़ रुपए रहा। फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के अप्रैल महीने में सबसे ज्यादा GST कलेक्शन हुआ था। अप्रैल में यह 1.67 लाख करोड़ रुपए रहा था। इसके बाद सबसे ज्यादा GST कलेक्शन मार्च 2023 में 1.60 लाख करोड़ रुपए का रहा, जो अब तक का दूसरा सबसे ज्यादा GST कलेक्शन है।