संजय सिंह को जमानत नहीं, 6 दिसंबर को अगली सुनवाई

दिल्ली शराब नीति केस में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की जमानत याचिका पर मंगलवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई। AAP नेता को आज भी जमानत नहीं मिल सकी। उन्होंने कोर्ट में 24 नवंबर को जमानत याचिका लगाई थी।

कोर्ट ने इस मामले में ED को नोटिस जारी किया है। अब 6 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी। कोर्ट ने ED को उसी दिन जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। आप सांसद बीते 56 दिन से हिरासत में हैं। ED ने उन्हें को 4 अक्टूबर को अरेस्ट किया था।

संजय सिंह 4 दिसंबर तक ज्यूडिशियल कस्टडी में हैं। 24 नवंबर को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था, जहां स्पेशल जज एमके नागपाल ने उनकी ज्यूडिशियल कस्टडी 4 दिसंबर तक बढ़ा दी। इससे पहले संजय को 10 नवंबर को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया था। जहां उनकी कस्टडी 24 नवंबर तक बढ़ाई गई थी।

अब तक इतनी बार बढ़ी संजय की कस्टडी...

5 अक्टूबर को कोर्ट ने उन्हें 10 अक्टूबर तक रिमांड पर भेजा था।

10 अक्टूबर को संजय सिंह की रिमांड और 3 दिन के लिए बढ़ा दी गई।

13 अक्टूबर को कोर्ट ने उन्हें 27 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

27 अक्टूबा को ज्यूडिशियल कस्टडी 10 नवंबर तक बढ़ा दी गई थी।

10 नवंबर की सुनवाई के बाद में कस्टडी 24 नवंबर तक कर दी गई।

24 नवंबर को कोर्ट ने 4 दिसंबर तक कस्टडी बढ़ा दी।

जनवरी में ED की चार्जशीट में जुड़ा था संजय सिंह का नाम

दिल्ली शराब घोटाला केस में इसी साल जनवरी में ED ने अपनी चार्जशीट में संजय सिंह का नाम जोड़ा था। इसको लेकर संजय सिंह ने काफी हंगामा मचाया था। दरअसल, मई में संजय सिंह ने दावा किया कि ED ने उनका नाम गलती से जोड़ दिया है।

ED ने इस पर जवाब दिया कि हमारी चार्जशीट में संजय सिंह का नाम चार जगह लिखा गया है। इनमें से तीन जगह नाम सही लिखा गया है। सिर्फ एक जगह टाइपिंग की गलती हो गई थी। जिसके बाद ED ने संजय सिंह को मीडिया में बयानबाजी न करने की सलाह दी थी, क्योंकि मामला कोर्ट में लंबित है।

संजय सिंह पर क्या है आरोप

ED की चार्जशीट में संजय सिंह पर 82 लाख रुपए का चंदा लेने का जिक्र है। इसको लेकर ही ED बुधवार को उनके घर पहुंची और उनसे पूछताछ कर रही है। दिल्ली शराब नीति केस में ED की दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट 2 मई को जारी की गई थी। जिसमें आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद राघव चड्ढा का भी नाम सामने आया था। हालांकि उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया है।

अब 5 पॉइंट्स में सिलसिलेवार शराब नीति घोटाला के बारे में जानिए...

1. नवंबर 2021 को नई शराब नीति लागू हुई

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च 2021 को नई शराब नीति का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि इस नीति से शराब की दुकानें निजी हाथों में चली जाएंगी। सिसोदिया से जब नई नीति लाने का मकसद पूछा गया तो उन्होंने दो तर्क दिए। पहला- माफिया राज खत्म होगा। दूसरा- सरकारी खजाना बढ़ेगा।

17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति 2021-22 लागू कर दी गई। इससे शराब कारोबार से सरकार से बाहर हो गई और ये बिजनेस निजी हाथों में चला गया। कई बड़े डिस्काउंट देने से शराब की जमकर बिक्री हुई। इससे सरकारी खजाना तो बढ़ा, लेकिन इस नई नीति का विरोध होने लगा।

2. जुलाई 2022 में शराब नीति में घोटाला का आरोप लगा

8 जुलाई 2022 को दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने नई शराब नीति में घोटाला होने का आरोप लगाया। उन्होंने इससे जुड़ी एक रिपोर्ट एलजी वीके सक्सेना को रिपोर्ट सौंपी। इसमें बताया गया कि सिसोदिया ने लाइसेंसधारी शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। उधर, LG ने भी कहा है कि उनकी और कैबिनेट की मंजूरी के बिना ही शराब नीति में बदलाव कर दिए।

3. अगस्त 2022 को CBI और ED ने केस दर्ज किया

एलजी सक्सेना ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर CBI जांच की मांग की। 17 अगस्त 2022 को जांच एजेंसी ने केस दर्ज किया। इसमें मनीष सिसोदिया, तीन रिटायर्ड सरकारी अफसर, 9 बिजनेसमैन और दो कंपनियों को आरोपी बनाया गया। सभी पर भ्रष्टाचार से जुड़ी धाराओं के तहत केस दर्ज किया।

19 अगस्त को सिसोदिया के घर और दफ्तर समेत सात राज्यों के 31 ठिकानों पर छापेमारी की। इस पर सिसोदिया ने दावा किया कि सीबीआई को कुछ नहीं मिला। इधर, 22 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने CBI से मामले की जानकारी लेकर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया।

4. जुलाई 2022 सरकार ने नई नीति को रद्द किया

विवाद बढ़ता देख 28 जुलाई 2022 को दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति को रद्द कर दिया। फिर से पुरानी नीति लागू करने का फैसला लिया। 31 जुलाई को सरकार ने कैबिनेट नोट में बताया कि शराब की ज्यादा बिक्री के बाद भी सरकार की कमाई कम हुई, क्योंकि खुदरा और थोक कारोबारी शराब के धंधे से हट रहे थे।

5. फरवरी 2023 को CBI ने सिसोदिया को गिरफ्तार किया

सिसोदिया के पास एक्साइज डिपार्टमेंट था, इसलिए उन्हें कथित तौर पर इस घोटाले का मुख्य आरोपी बनाया गया। कई बार पूछताछ के बाद जांच एजेंसी ने 26 फरवरी को उन्हें गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल वे जेल में हैं। CBI ने सिसोदिया पर आरोप लगाया कि एक्साइज मिनिस्टर होने के नाते उन्होंने मनमाने और एकतरफा फैसले लिए, जिससे खजाने को भारी नुकसान पहुंचा और शराब कारोबारियों को फायदा हुआ।

केजरीवाल बोले- हमें खत्म करना चाहते हैं PM:हमारे खिलाफ 170 से ज्यादा केस

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 11 अक्टूबर को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी (AAP) को खत्म करना चाहते हैं। हमारे विधायकों और नेताओं के खिलाफ झूठे केस दर्ज किए जा रहे हैं। अब तक हमारे खिलाफ 170 केस दर्ज किए गए। 140 फैसले हमारे पक्ष में आए। एक पैसे का घोटाला नहीं मिला। 

ED का दावा-शराब घोटाले में 170 मोबाइल तोड़े गए:नीति आने से पहले कॉपी शराब कारोबारियों से शेयर की

सूत्रों के मुताबिक दिल्ली के डिप्टी CM को सबूत नष्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उन पर कई फोन को नष्ट करने का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने दिसंबर 2022 में दिल्ली की कोर्ट में दावा किया था कि सिसोदिया और अन्य अरोपियों ने 170 बार मोबाइल फोन बदले और फिर इन्हें तोड़ दिया। इससे 1.38 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। एक्साइज स्कैम में सबूतों को बड़े पैमाने पर नष्ट किया गया।