जल शक्ति मंत्रालय ने जारी की वार्षिक भूजल आकलन रिपोर्ट

पानी पर अच्छी खबर यह है कि देश में भूजल रिचार्ज भी बढ़ रहा है और पानी के दोहन के मामले में भी स्थिति कुछ बेहतर हुई है। शुक्रवार को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इससे संबंधित एक रिपोर्ट जारी की। 2023 की आकलन रिपोर्ट के अनुसार पूरे देश में कुल वार्षिक भूजल रिचार्ज 449.08 बिलियन क्यूबिक मीटर है।

2023 की आकलन रिपोर्ट के अनुसार, पूरे देश में कुल वार्षिक भूजल रिचार्ज 449.08 बिलियन क्यूबिक मीटर (BCM) है। पिछले साल के मुकाबले यह 11.48 बीसीएम अधिक है। वार्षिक उपलब्ध जल संसाधन 407.21 बीसीएम और पूरे देश में वार्षिक भूजल दोहन 241.34 बीसीएम है। पिछले साल उपलब्ध जल संसाधन 398.08 बीसीएम था। इस तरह अगर भूजल दोहन स्टेज की बात की जाए तो इस साल यह प्रतिशत 59.26 है। यह भी पिछले साल के स्तर (60.08) से बेहतर स्थिति है।

भूजल दोहन स्टेज

भूजल दोहन स्टेज का मतलब प्रयोग के लिए पानी की उपलब्धता का स्तर है। रिचार्ज के लिहाज से जिन राज्यों ने अच्छा प्रदर्शन किया है, उनमें बंगाल, असम, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, गुजरात और बिहार हैं। इस बार 6553 आकलन यूनिटों के जरिये भूजल के स्तर को नापा गया है। इनमें से 736 (11 प्रतिशत) को अति दोहित यूनिट की श्रेणी में रखा गया है, जबकि 4793 यूनिट सुरक्षित श्रेणी में हैं। यानी 73 प्रतिशत यूनिट सुरक्षित स्थिति में हैं।

गौरतलब है कि डार्क जोन जैसी पहचान को समाप्त कर मंत्रालय अब सुरक्षित, कम खतरे वाली, खतरे वाली तथा अति दोहित श्रेणी के आधार पर यूनिटों का वर्गीकरण करता है।

संयुक्त सचिव सुबोध यादव ने क्या कुछ कहा?

जल शक्ति मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुबोध यादव के अनुसार, यह आकलन देश के जल संसाधनों को समझने तथा उसके अनुरूप नीति-निर्धारण के लिहाज से बेहद अहम है। हम अब वार्षिक आधार पर यह आकलन कर रहे हैं और केंद्र तथा राज्यों के समग्र प्रयासों से स्थिति बेहतर हो रही है। एक वेब आधारित अप्लीकेशन इंडिया-ग्राउंड वाटर रिसोर्स इस्टीमेशन सिस्टम (इन-ग्रेस) भी विकसित किया गया है ताकि हमें कहीं तेजी से तथा सटीक आकलन मिल सकें।

यह आकलन यह भी बताता है कि 2022 के मुकाबले 226 आकलन यूनिटों में भूजल की स्थितियों में सुधार हुआ है। एक खास बात यह भी है कि सुरक्षित यूनिटों में 301.80 बीसीएम पानी उपलब्ध है। यह कुल उपलब्ध जल संसाधन का 74.11 प्रतिशत हुआ।

केंद्रीय भूजल बोर्ड और राज्यों के साझा प्रयासों से इस तरह के आकलन इसके पहले 1980 से अब तक नौ बार किए जा चुके हैं। पहले इन आकलनों में कई वर्षों (कभी-कभी तो 15 वर्ष भी) का अंतर रहता था, लेकिन 2017 से अब तक कोविड महामारी के बावजूद चार आकलन किए जा चुके हैं। रिचार्ज का सबसे बड़ा स्त्रोत वर्षा जल है। इसका योगदान 60 प्रतिशत के लगभग है। देश में औसतन वार्षिक 119 सेमी बारिश दर्ज की जाती है। इसमें अलग-अलग क्षेत्रों में व्यापक अंतर भी होता है।