कोरोना (Coronavirus) महामारी ने दुनियाभर भयंकर कोहराम मचाया था, जिसे आज तक लोग भूले नहीं भूल पाए हैं। कोरोनाकाल (Coronavirus Pandemic) का वह दौर आज भी याद कर लोग सहम जाते हैं। पिछले कुछ दिनों से भले ही कोरोना के मामलों में कमी आई हो, लेकिन यह वायरस अभी भी हमारे बीच मौजूद है और समय-समय पर इसके अलग-अलग स्ट्रेन हेल्थ एक्सपर्ट्स और लोगों के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं। इसी बीच अब कोरोना के और एक नए स्ट्रेन लोगों की चिंता बढ़ा दी है।
हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका में COVID-19 के वेरिएंट का एक समूह चिंता का कारण बन गया है। कोरोना के इस नए वेरिएंट को वैज्ञानिकों ने 'FLiRT' नाम दिया है। यह नया वेरिएंट ओमिक्रोन फैमिली का माना जा रहा है। बात दें कि ओमिक्रोन कोरोना वायरस का वही स्ट्रेन है, जिसने दुनियाभर में सबसे ज्यादा तबाही मचाई थी। भारत में आई कोरोना की दूसरी लहर के पीछे भी ओमिक्रॉन ही जिम्मेदार था।
वैक्सीन लगवाने पर भी खतरा
हेल्थ एक्सपर्ट्स और वैज्ञानिकों के मुताबिक कोरोना का यह वेरिएंट फिलहाल अमेरिका के कुछ हिस्सों में फैल रहा है। इस नए स्ट्रेन के बढ़ते मामलों को देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि यह वेरिएंट दुनिया के अन्य हिस्सों में भी अपने पैर पसार सकता है। इतना ही नहीं ऐसा भी कहा जा रहा है कि बूस्टर डोज लगवाने के बाद भी यह स्ट्रेन आपको अपनी चपेट में ले सकता है, जिसकी वजह से लोगों की चिंता बढ़ गई है।
कहां पाया गया नया वेरिएंट
कोरोना का ये नया वेरिएंट अमेरिकी वैज्ञानिकों को वेस्ट वॉटर की निगरानी में मिला है। अमेरिकी वैज्ञानिक जे. वेइलैंड के अनुसार, लोगों को इस नए वेरिएंट को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि वेस्ट वॉटर की निगरानी कर रही उनकी टीम को पानी के कुछ सैंपल में कोरोना का नया वेरिएंट मिला, जिसके बाद उनकी चिंता बढ़ गई है। उनका ऐसा मानना है कि गर्मी की वजह से यह वेरिएंट कोरोना के मामले बढ़ा सकता है।
इन लोगों को संक्रमण का ज्यादा खतरा
यह वेरिएंट चिंता का विषय इसलिए भी बना हुआ है, क्योंकि अमेरिका के अलावा यह दुनिया के अन्य हिस्सों में मौजूद कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को भी प्रभावित कर सकता है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि यह वेरिएंट कोरोना की एक नई लहर का कारण बन सकता है। ध्यान देने वाली बात यह है कि कोरोना का यह वेरिएंट इसके अन्य वेरिएंट्स की तुलना में कुछ अलग है। यह अन्य वेरिएंट की तुलना में ज्यादा संक्रामक हो सकता है। खासकर अगर आप डायबिटीज या दिल की बीमारी के मरीज हैं, तो इसे लेकर ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है।