हाथरस में सत्संग के बाद हुई भगदड़ के मामले में योगी सरकार ने बड़ा एक्शन ले लिया है. इस हादसे की एसआईटी रिपोर्ट सामने आने के बाद शासन ने सिकंदरामऊ एसडीएम, सीओ व तहसीलदार सहित 6 अधिकारी सस्पेंड कर दिए हैं. रिपोर्ट में खास तौर पर कहा गया है कि स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों ने आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया. वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी समुचित जानकारी नहीं दी गई.
SIT की रिपोर्ट में हाथरस हादसे के लिए कार्यक्रम आयोजक को मुख्य जिम्मेदार तो बताया ही गया है, साथ ही स्थानीय प्रशासन की भी जवाबदेही तय की गई है. जांच समिति के रिपोर्ट के आधार पर योगी सरकार ने यह कार्रवाई की है. दो सदस्यीय जांच समिति द्वारा तैयार जांच रिपोर्ट में मुख्य तौर पर यह भी कहा गया है कि इस घटना में साजिश से इंकार नहीं किया जा सकता है और इसमें गहन जांच की जरूरत है.
जांच समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट में खास तौर पर कहा गया है कि ‘एसआईटी ने प्रारंभिक जांच में चश्मदीद गवाहों व अन्य साक्ष्यों के आधार पर दुर्घटना के लिए कार्यक्रम आयोजकों को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना है. जांच समिति ने अब तक हुई जांच व कार्यवाही के आधार पर हादसे के पीछे किसी बड़ी साजिश से भी इंकार नहीं किया है और गहन जांच की जरूरत है.’
आगे कहा गया है कि जांच समिति ने कार्यक्रम आयोजक तथा तहसील स्तरीय पुलिस व प्रशासन को भी दोषी पाया है. स्थानीय एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, इंस्पेक्टर, चौकी इंचार्ज द्वारा अपने दायित्व का निर्वहन करने में लापरवाही के जिम्मेदार हैं. उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ द्वारा बिना कार्यक्रम स्थल का मुआयना किए आयोजन की अनुमति प्रदान कर दी गई और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया.
जांच कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि उक्त अधिकारियों द्वारा कार्यक्रम को गंभीरता से नहीं लिया गया और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया गया. एसआईटी ने संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की है. इसके बाद उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ, पुलिस क्षेत्राधिकारी सिकन्दराराऊ, थानाध्यक्ष सिकन्दराराऊ, तहसीलदार सिकन्दराराऊ, चौकी इन्चार्ज कचौरा एवं चौकी इन्चार्ज पोरा को शासन द्वारा निलंबित कर दिया गया है.