नोएडा में घर बनाना हुआ महंगा, आवासीय से लेकर ग्रुप हाउसिंग सोसायटी तक के भूखंडों के इतने बढ़ गए दाम

नोएडा में आवासीय, औद्योगिक, ग्रुप हाउसिंग और संस्थागत संपत्तियों की आवंटन दरों में 6 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी कर दी गई है। संस्थागत उपयोग के अंतर्गत कॉर्पोरेट ऑफिस और व्यावसायिक संपत्तियों की दरों में बढ़ोतरी नहीं हुई है।

यह निर्णय शुक्रवार को लखनऊ में हुई नोएडा प्राधिकरण की 214 वीं बोर्ड बैठक में लिया गया। लखनऊ स्थित पिकअप भवन में आयोजित बोर्ड बैठक की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव एवं नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह ने की।

इसमें नोएडा प्राधिकरण सीईओ डा लोकेश एम, ग्रेनो प्राधिकरण सीईओ रवि कुमार एनजी, यमुना प्राधिकरण सीईओ अरूणवीर सिंह समेत बोर्ड के अन्य सदस्य शामिल रहे।

नोएडा प्राधिकरण सीईओ डा लोकेश एम ने बताया कि आवासीय भूखंड की श्रेणी ए, बी औ सी में करीब 17500 वर्ग मीटर जमीन के तहत करीब 50 भूखंड खाली पड़े हुए हैं। अब नए रेट लागू होने पर इन भूखंडों को प्राधिकरण बेचेगा। औद्योगिक व संस्थागत संपत्तियों के हिसाब से शहर को तीन वर्गों में बांटा हुआ है।

आवासीय दरों में 6 प्रतिशत का इजाफा

जहां तक आवासीय भूखंडों का सवाल है, शहर को ए प्लस से ई तक छह श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जबकि ए प्लस (सेक्टर 14 ए, 15 ए, और 44 ए और बी) में भूमि आवंटन दर सबसे अधिक है और ई में सबसे कम है

प्राधिकरण ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए ए प्लस से ई श्रेणी के सेक्टर के लिए प्रचलित दरों में 6 प्रतिश की वृद्धि की है। हालांकि श्रेणी ए प्लस आवासीय भूखंडों की दर 1.75 लाख रुपये प्रति वर्गमीटर पर ही रहेगी।

ए श्रेणी के सेक्टरों (14, 17, 19, 30, 35, 36, 39, 44, 47, 50, 51, 52, 93, 93ए और 93बी) में भूखंडों की दर 1.18 लाख रुपये प्रति वर्गमीटर से बढ़ा दी गई है। 1.25 लाख रुपये प्रति वर्गमीटर। बी, सी, डी और ई के लिए दरें 82,420 रुपये से 45,380 रुपये से बढ़ाकर 87,370 रुपये से 48,110 रुपये तक कर दी गई हैं।

आवासीय भूखंडों के लिए प्राधिकरण ने पाया कि ई-नीलामी में बोलियां अधिकतर रिजर्व प्राइज से 30 प्रतिश अधिक होती हैं। जिसमें उपलब्ध भूखंड की तुलना में आवेदनों की संख्या काफी अधिक होती है।

6 प्रतिशत बढ़ोतरी के बाद ग्रुप हाउसिंग की दर

ग्रुप हाउसिंग संपत्तियों को भी ई-नीलामी के माध्यम से आवंटित किया जाता है, जिसमें भूखंड के स्थान और बाजार मूल्य के आधार पर आवंटन की बोली लगाई जाती है। इस उद्देश्य के लिए, शहर को पांच में वर्गों में वर्गीकृत किया गया है- ए से ई तक।

जबकि प्रचलित दरें 1.03 लाख रुपये प्रति वर्गमीटर से 65,250 प्रति वर्गमीटर तक हैं, उन्हें बढ़ाकर 1.09 लाख रुपये प्रति वर्गमीटर से 69,170 रुपये प्रति वर्गमीटर कर दिया गया है।

वर्ग मीटर श्रमिक कुंज और ईडब्ल्यूएस आवासीय भवनों की दरें 10,140 रुपये प्रति वर्गमीटर पर अपरिवर्तित रहेंगी।

फेस वन, फेज टू और फेस तीन के अलावा आईटी-आईटीईएस एवं डाटा सेंटर उपयोग की परिसंपत्तियों की आवंटन दरों में भी 6 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है।

बीते सालों में व्यावसायिक संपत्तियों के बेहद कम खरीदार आए हैं। इसको देखते हुए इस संपत्ति की आवंटन दरें यथावत रखी गई हैं।

औद्योगिक भूखंड की दर में इजाफा

औद्योगिक भूखंड आवंटन के लिए शहर को तीन फेज में बांटा गया है। फेज-1 में सेक्टर 1 से 11, 16 और 16 ए आते हैं। दूसरे फेज में सेक्टर- 80, 140, 150 और 160 के दशक के औद्योगिक क्षेत्र आते हैं, जबकि तीसरे फेज में कई सेक्टर है।

यहां मौजूदा दरें अधिकतम 44,800 रुपये और न्यूनतम 16,020 रुपये प्रति वर्गमीटर से बढ़कर अधिकतम 47,490 रुपये और न्यूनतम 16,990 रुपये प्रति वर्गमीटर हो गई हैं।