17 जुलाई से शुरू होगी श्रीखंड महादेव यात्रा, इस दिन से रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं श्रद्धालु

श्रीखंड महादेव हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में स्थित धार्मिक तीर्थ स्थल है। यह दुनिया भर में प्रसिद्व है जो भगवान शिव और पार्वती को समर्पित हैं। यह स्थान शिव भक्तों के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।

देश भर की कठिनतम धार्मिक यात्राओं में शामिल श्रीखंड महादेव की यात्रा इस बार 14 से 27 जुलाई तक होगी। इस दौरान पंजीकरण कर ही यात्रा में श्रदालु भाग ले सकते हैं। बिना पंजीकरण के श्रदालुओं को जाने की अनुमति नहीं होगी।

सुरक्षा के रहेंगे कड़े इंतजाम

ट्रस्ट की ओर से बुधवार को श्रीखंड महादेव की यात्रा को लेकर पहली बैठक की गई। बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त कुल्लू तोरूल एस रवीश ने की। जबकि इसमें विशेष रूप से एसडीएम निरमंड मनमोहन शर्मा मौजूद रहे।

बैठक में निर्णय लिए गए हैं कि प्रशासन की ओर इस बार सुरक्षा को कड़ा किया जाएगा। जिसमें स्पेशल टीम, एनडीआरएफ की तैनाती रहेगी। जबकि यात्रा पर किसी भी प्रकार के नशे की वस्तु नहीं ले जा सकते हैं। इस पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

18 से 60 साल के लोग ही कर सकेंगे यात्रा

यह यात्रा हर साल सावन के महीने में की जाती है। इसलिए इसमें खतरे की अधिक संभावना बनी रहती है। इसके लिए इस बार पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। यात्रा के लिए पंजीकरण ऑनलाइन व ऑफलाइन किया जाएगा। ऑफलाइन पंजीकरण सिंहगाड़ बेस कैंप में 14 जुलाई से सुबह पांच से शाम सात बजे तक होगा।

इस बार यात्रा के लिए 250 रुपये पंजीकरण शुल्क रखा है। 18,570 फीट की ऊंचाई पर स्थित श्रीखंड यात्रा के लिए 18 से 60 साल तक की आयु वाले स्वस्थ लोग ही यात्रा कर सकेंगे। पार्वती बाग में रेस्क्यू टीम के साथ चिकित्सक भी तैनात होंगे।

यहां बनाए जाएंगे बेस कैंप

सिंहगाड में मेडिकल जांच व पंजीकरण के बाद यात्रा पर जाने की अनुमति मिलेगी। यात्रा में पांच बेस कैंप सिंहगाड, थाचडू, कुंशा, भीमडवारी व पार्वती बाग में बनाए जाएंगे। आधार कैंप में एक सेक्टर मजिस्ट्रेट के अधीन मेडिकल, रेस्क्यू पुलिस की टीमें तैनात होंगी

ऐसे पहुंचा जा सकता है श्रीखंड

श्रीखंड महादेव पहुंचने के लिए कुल्लू जिला के निरमंड होकर बागीपुल और जाओं तक छोटे वाहनों और बसों में पहुंचा जा सकता है। जहां से आगे करीब 35 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी होती है। शिमला से रामपुर- 130 किलोमीटर, रामपुर से निरमंड-17 किलोमीटर, निरमंड से बागीपुल 17 किलोमीटर, बागीपुल से जाओं करीब 12 किलोमीटर दूर है