यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा की तारीखों का एलान

यूपी पुल‍िस में स‍िपाही के 60244 पदों पर सीधी भर्ती की परीक्षा की तारीखों का एलान हो गया है। प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा कांस्टेबल नागरिक पुलिस के 60244 पदों पर सीधी भर्ती-2023 के ल‍िए लिखित परीक्षा का आयोजन 23, 24, 25 अगस्त और 30, 31 अगस्त 2024 को किया जाएगा। यह परीक्षा उक्त तिथियों में प्रतिदिन 2 पालियों में आयोजित की जाएगी और प्रत्येक पाली में लगभग 5 लाख अभ्यर्थी इस परीक्षा में सम्मिलित होंगे।

पुलिस की ओर से विज्ञप्ति जारी की गई है। इसमें बताया गया है क‍ि उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा आरक्षी नागरिक पुलिस के 60244 पदों पर सीधी भर्ती-2023 की लिखित परीक्षा दिनांक 23,24,25 अगस्त एवं 30,31 अगस्त 2024 को आयोजित कराने का निर्णय लिया गया है।

विज्ञप्ति में बताया गया है क‍ि यह परीक्षा पूर्व में निरस्त कर दी गई थी। मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश द्वारा निर्देशित किया गया था कि यह परीक्षा 06 माह के अंदर शुचिता एवं पारदर्शिता के उच्चतम मानकों को दृष्टिगत रखते हुए पुनः आयोजित करायी जाए। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस परीक्षा को एक निश्चित समय सीमा के अन्तर्गत शुधितापूर्ण एवं पारदर्शी तरीके से उच्चतम मानकों के अनुसार आयोजित करने की प्रतिबद्धता के क्रम में यह कार्यकम घोषित किया गया है।

बताया गया क‍ि चयन प्रक्रिया को पारदर्शी रूप से कराए जाने के संबंध में परीक्षा सम्बन्धित विभिन्न व्यवस्थाओं यथा-परीक्षा की तैयारियों, परीक्षा केन्द्रों के चयन, परीक्षार्थियों का सत्यापन, छ‌द्मनिरूपण रोके जाने आदि हेतु विस्तृत दिशा निर्देश उत्तर प्रदेश शासन द्वारा दिनांक-19.06.2024 को जारी किए गए है। यह परीक्षा इन सभी मानकों के अनुसार की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों, जैसे प्रश्नपत्र लीक होना, उत्तर पुस्तिकाओं से छेड़छाड़ आदि को रोकने के लिए उ०प्र० सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अध्यादेश-2024 (उत्तर प्रदेश अध्यादेश संख्या-6, सन् 2024) दिनांक 01 जुलाई, 2024 को अधिसूचित किया गया है, इस अधिनियम में प्रावधान किया गया है कि इस अधिनियम के अन्तर्गत परीक्षा में अनुचित साधनों का प्रयोग करना, नकल करना या नकल कराना, प्रश्न पत्र का प्रतिरूपण करना या प्रकट करना या प्रकट करने का षड्यंत्र करना आदि कृत्य अपराध की श्रेणी में आते हैं, जो इस अधिनियम के अन्तर्गत दण्डनीय है. ऐसे प्रकरणों में एक करोड़ तक का जुर्माना और आजीवन कारावास तक की सजा, दोनों ही हो सकती है।