प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तहत राज्य के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में शॉर्ट-टर्म कोर्स शुरू होंगे। यही कोर्स निजी आईटीआई में भी लागू किए जाएंगे। यह स्कीम उन छात्र-छात्राओं के लिए है जो 10वीं और 12वीं कक्षा में उत्तीर्ण होने बाद आईटीआई में एक साल या दो साल के कोर्स नहीं कर सकते हैं।
उनके लिए स्कीम लाभकारी होगी, जो तीन से छह माह का कोर्स करना चाहते हैं। ऐसे कोर्स करने के बाद रोजगार के लिए भटकने की जरूरत नहीं है। कोर्स पूरा होते ही युवाओं को उन कंपनियों में ही अप्रेंटिस के लिए भेजा जाएगा, जहां नियोजन सुनिश्चित हो सके।
अगले पांच वर्षों में अपग्रेड किए जाएंगे आईटीआई
स्कीम के क्रियान्वयन को लेकर कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने बिहार सरकार से दो दर्जन आईटीआई का प्रस्ताव देने को कहा है। अगले पांच वर्षों में चयनित आईटीआई को अपग्रेड भी किया जाएगा। महत्वपूर्ण यह कि इसमें राज्य सरकार भी साझेदार होगी।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत की गई पहल
श्रम संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि आईटीआई में अभी ये कोर्स नहीं आए हैं। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत एक खास पहल की गई है। इसके तहत तीन-तीन माह के शार्ट टर्म कोर्स कराए जाने हैं। इससे युवाओं का समय बचेगा। दो साल का कोर्स करने के बाद अप्रेंटिस में काफी समय लगता है। तीन माह कोर्स करने के बाद अप्रेंटिस लग जाएगी। नौकरी भी वहीं लगने की संभावना बनी रहेगी।
युवाओं के पास यह विकल्प भी होगा कि खुद रोजगार के लिए अन्य कंपनियों में संपर्क कर सकेंगे। कौशल विकास में जो तीन माह कोर्स कराए जाने हैं उनमें आटो कम्पोनेंट, एसेंबली, फिटर, वेल्डर, प्रेस शाप, सीविंग मशीन आपरेटर को शामिल किया गया है। इसमें ऐसे प्रोफेशनल कोर्स भी हैं, जो न केवल 10वीं पास युवाओं की मदद करेंगे बल्कि पांचवीं, आठवीं पास युवा भी कोर्स कर सकेंगे।