वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार (1 फरवरी, 2025) को बजट में मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी है. आईटीआर की समयसीमा बढ़ा दी गई है, टैक्स पर भारी छूट दी है और बुजुर्गों को भी बड़ी खुशखबरी दी है. अब 1 लाख रुपये महीना कमाने वालों को कोई टैक्स नहीं देना होगा. सरकार ने इस बजट में टैक्स से छूट की लिमिट पांच लाख रुपये बढ़ा दी है. 2023-2024 में सरकार ने 7 लाख रुपये सालाना कमाने वालों को टैक्स से बाहर रखा था, अब यह लिमिट 12 लाख रुपये पर ईयर कर दी गई है.
इनकम टैक्स के लिए निर्मला सीतारमण के पांच बड़े ऐलान-
एक लाख रुपये महीना कमाने वालों के लिए कोई टैक्स नहीं
इनकम टैक्स पर सरकार के ऐलान से मिडिल क्लास को बड़ी राहत मिली है. अब 1 लाख रुपये महीना कमाने वालों को भी कोई टैक्स नहीं देना होगा. पहले यह लिमिट करीब 60 हजार रुपये महीना तक थी, जिसमें 40 हजार की वृद्धि कर दी गई है. 2023-24 के बजट में सरकार ने टैक्स से छूट की लिमिट 7 लाख रुपये सालाना रखी थी, जबकि उससे पहले 2019 में लिमिट 5 लाख रुपये सालाना, 2014 में ढाई लाख रुपये, 2012 में दो लाख रुपये और 2005 में एक लाख रुपये सालाना थी.
टैक्स स्लैब
टैक्स स्लैब भी रिवाइज किया गया है. 12 लाख रुपये सालाना कमाने वालों को कोई टैक्स नहीं देना होगा, लेकिन उससे ज्यादा सैलरी वालों के लिए नीचे दिए गए स्लैब के अनुसार कर देना होगा-
4 लाख रुपये तक: 0% टैक्स
4 लाख से 8 लाख रुपये तक: 5% टैक्स
8 लाख से 12 लाख रुपये तक: 10% टैक्स
12 लाख से 16 लाख रुपये तक: 15% टैक्स
16 लाख से 20 लाख रुपये तक: 20% टैक्स
20 लाख से 24 लाख रुपये से तक: 25% टैक्स
24 लाख से ऊपर: 30% टैक्स
आईटीआईर की समय सीमा बढ़ी
निर्मला सीतारमण ने आईटीआर-टीडीएस भरने वालों के लिए समयसीमा बढ़ा दी है. अब चार साल तक इनकम टैक्स रिटर्न भर सकेंगे, पहले एक साल में आईटीआर भरना होता था.
टीडीएस की सीमा बढ़ाई गई
सरकार ने टीडीएस की सीमा बढ़ाकर 10 लाख रुपये तक कर दी गई है, जबकि किराए पर लगने वाले टीडीएस की लिमिट 2 लाख 40 हजार रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये तक कर दी गई है. निर्मला सीतारमण ने कहा कि टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (TCS) और लिबरेलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) की लिमिट 7 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये की गई है. टीसीएस वह टैक्स है, जो दुकानदार बिक्री के समय खरीदारा से लेता है. एलआरएस स्कीम के तहत भारतीयों को विभिन्न उद्देश्यों के लिए भारतीयों को विदेश पैसा भेजने की अनुमति देता है.
बुजुर्गों के लिए टैक्स में छूट
बुजुर्गों के लिए छूट की लिमिट डबल कर दी गई है. अब सीनियर सिटीजंस को एक लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं देना होगा, पहले यह लिमिट 50 हजार रुपये थी.