वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में देश के वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश कर दिया है. वित्त मंत्री ने इस बार भारत का रक्षा बजट इतना बढ़ा दिया है जोकि चीन और पाकिस्तान के लिए रेड अलर्ट है. इस बार भारत सरकार ने रक्षा के लिए बजट 36 हजार 959 करोड़ रुपये बढ़ाकर चार लाख 91 हजार 732 करोड़ रुपये आवंटित किया है.
जहां 2024-25 के लिए भारत सरकार ने चार लाख 54 हजार 773 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, वहीं इस बार 36 हजार 959 करोड़ रुपये बढ़ाकर रक्षा मंत्रालय को दिए गए हैं. भारत ने डिफेंस सेक्टर को ही सबसे ज्यादा बजट आवंटित किया है.
डिफेंस सेक्टर को मिले बजट पर क्या बोले राजनाथ सिंह?
डिफेंस सेक्टर को मिले बजट पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछली बार से इस बार 37 हजार करोड़ रुपये बढ़ाया गया है. जोकि कुल बजट का 13.44 फीसदी है. डिफेंस फोर्सेज का मॉडर्नाइजेशन हमारी सरकार की प्राथमिकता रही है. हम इसके लिए निरंतर कार्यरत हैं. इसके लिए हमारी सरकार ने एक लाख 80 हजार करोड़ का आवंटित किया गया है, जो सेनाओं की क्षमताओं को बढ़ाएगा. इस बजट में डिफेंस फोर्स के बजट के अंतर्गत तीन लाख 11 हजार करोड़ से अधिक का आवंटन किया गया है. जो पिछले वित्त वर्ष से 10 फीसदी अधिक है. पिछले बजट की तरह ही डिफेंस मॉडर्नाइजेशन बजट का 75 फीसदी हिस्सा डॉमेस्टिक इंडस्ट्री से खर्च किया जाएगा. इससे पीएम मोदी ने डिफेंस में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य रखा है, उसे पूरा करने में मदद मिलेगी. डॉमेस्किटक डिफेंस इंडस्ट्रीज को भी बढ़ावा मिलेगा. भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को बेहतर इलाज के लिए 8300 करोड़ से अधिक का आवंटन किया गया है.
डिफेंस के बाद रूरल डेवलपमेंट को सबसे ज्यादा बजट
डिफेंस के बाद ग्रामीण विकास मंत्रालय को सबसे ज्यादा बजट मिला है. ग्रामीण विकास मंत्रालय को एक हजार करोड़ रुपये बढ़ाकर दो लाख 66 हजार 817 करोड़ रुपये कर दिया गया है. वहीं आईटी और टेलीकम्युनिकेश का बजट 21 हजार करोड़ रुपये घटाकर 95 हजार 298 करोड़ कर दिया गया है.
डिफेंस, रूरल के बाद गृह मंत्रालय को मिला हाई बजट
इसके बाद गृह मंत्रालय को सबसे ज्यादा बजट आवंटित हुआ है. गृह मंत्रालय को पिछली बार से 13 हजार 568 करोड़ रुपये बढ़ाकर दो लाख 33 हजार 211 करोड़ रुपये दिए गए हैं. इसके बाद कृषि मंत्रालय को एक लाख 71 हजार 437 करोड़, शिक्षा को एक लाख 28 हजार 650 करोड़, स्वास्थ्य मंत्रालय को 98 हजार 311 करोड़, शहरी विकास मंत्रालय को 96 हजार 777 करोड़, ऊर्जा को 81 हजार 174 करोड़, कॉमर्स एंड इंडस्ट्री को 65 हजार 553 करोड़, सोशल वेलफेयर को 60 हजार करोड़ और साइंटिफिक डिपार्टमेंट के लिए 55 हजार 679 करोड़ रुपये दिए गए हैं.