प्रदूषण डाटा सार्वजनिक करने में दिल्ली फिसड्डी

नई दिल्ली : प्रदूषण डाटा सार्वजनिक करने में दिल्ली फिसड्डी साबित हुई है। विज्ञान एवं पर्यावरण केन्द्र (सीएसई) द्वारा तैयार ट्रांसपेरेंसी इंडेक्स में ‘दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति टॉप 10 में जगह नहीं बना सकी है। इस इंडेक्स में पहला स्थान ओडीशा और तेलंगाना राज्य प्रदूषण नियंत्रण समिति को मिला है। लोगों को प्रदूषण के प्रति जागरूक करने और प्रदूषण पर रोकथाम के लिए प्रदूषण डाटा को सार्वजनिक करना अहम माना जाता है। इस संबंध में अलग-अलग निर्देश भी दिए गए हैं। लेकिन, प्रदूषण की स्थिति, अलग-अलग संस्थाओं पर की गई कार्रवाई आदि को लेकर डाटा को सार्वजनिक करने में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और प्रदूषण नियंत्रण समितियों में हिचक देखने को मिल रही है।


ओडीशा-तेलंगाना को पहला स्थान : सीएसई ने देश भर के 35 राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और समितियों को 25 अलग-अलग मानकों पर कसा है। इसी के आधार पर बोर्ड और समितियों द्वारा सूचना को सार्वजनिक करने को लेकर ट्रांसपेरेसी इंडेक्स तैयार किया गया है। इस इंडेक्स में 67 फीसदी अंक हासिल करने के साथ ओडीशा और तेलंगाना राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पहला स्थान हासिल किया है। इंडेक्स में सिर्फ 14 बोर्ड या समितियां ऐसी हैं जो 50 फीसदी अंक हासिल करने में सफल रही हैं। इसमें ओडीशा, तेलंगाना, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गोआ, कर्नाटक, हरियाणा, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, पंजाब, आंध्र प्रदेश व राजस्थान शामिल हैं।


15वें स्थान पर दिल्ली : प्रदूषण को लेकर डाटा सार्वजनिक करने में दिल्ली को खराब रैकिंग हासिल हुई है। यह 49.5 अंकों के साथ 15वें स्थान पर है। संस्था ने बोर्ड और समितियों द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट, मानकों का उल्लंघन करने वाले उद्योगों पर कार्रवाई, बैठकों के मिनट्स सार्वजनिक करने, निरीक्षणों आदि के आधार पर यह इंडेक्स तैयार किया है।


पारदर्शिता को बढ़ावा देने की सलाह : सीएसई के औद्योगिक प्रदूषण ईकाई के कार्यक्रम निदेशक निवित कुमार यादव ने कहा कि प्रदूषण डाटा को लेकर पारदर्शिता को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। प्रदूषण संबंधी सूचनाओं और कार्रवाईयों को सार्वजनिक करने से इस संबंध में नीति निर्धारण में भी आसानी होती है और लोगों के बीच जागरुकता भी बढ़ेगी।