ओवैसी मुस्लिम समाज को डराने का काम कर रहे हैं: आशु मलिक

Jane Aalam (janu choudhary)

उत्तर प्रदेश नोएडा: जानेआलम (जानू चौधरी): समाजवादी लोग बापू महात्मा गाँधी के बताए गए मार्ग पर चलने और मानने वाले लोग हैं। हमने ओवैसी द्वारा संसद में की गई तकरीरों को सुना और समझा है ओवैसी साहब बापू से नही बल्कि नाथूराम गोडसे से बहुत प्यार करते है, क्योंकि जो व्यक्ति बापू के बताए गए अहिंसा के रास्ते पर नही चल सकता वो बापू का नही, गोडसे को ही मानने वाला हो सकता है।

ओवैसी जनता के बीच अपने जहरीले भाषणों से यहाँ उत्तर प्रदेश की जनता के दिलों में नफरत भरने भाईचारा ख़त्म करने आए है, और मैं यह मानता हूँ जो व्यक्ति हिन्दू मुस्लिम के दिल में नफ़रत भरने व एक दूसरे का दुश्मन बनाने का काम करे वह गोडसे का ही समर्थक हो सकता है, बापू के बताए गए रास्ते पर चलने वाला कभी नही हो सकता। लेकिन अब यहाँ की जनता अच्छे से समझती है कि एक दूसरे से लड़कर किसी का भला नही होने वाला, देश नफरत से नही प्यार से चलता है।
 
 

नेताजी को धरती पुत्र की उपाधि देने वाले यही किसान हैंइसलिए पार्टी हमेशा किसानों से साथ खड़ी है
आज देश की जनता को नफरत की नही बल्कि रोजगार की जरुरत है समाजवादी पार्टी के लोग हर जरूरतमंद का दर्द अच्छे से समझते है ,इस लिए समाजवादी पार्टी की सरकार में हुए काम और जनता को सरकारी लाभ मिलना ही समाजवादी पार्टी की सरकार की उपलब्धि रही है इसीलिए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से प्रदेश का युवा, बुजुर्ग, किसान बड़ी तादाद  में जुड़ा हुआ है, किसान आंदोलन का समर्थन समाजवादी पार्टी ने चुपके से नही, बल्कि खुलकर किया है और माननीय मुलायम सिंह यादव जी को धरती पुत्र की उपाधि इन्ही किसानों ने दी थी इसलिए समाजवादी पार्टी किसानों के साथ कभी गलत नही होने देगी।  


कांग्रेस ने देश के मुसलमानों को हमेशा अँधेरे में रखा, कांग्रेस का सपना हम दो हमारे दो” को बीजेपी ने पूरा किया
कांग्रेस ने देश के मुसलमानों को हमेशा अँधेरे में रखा है, जैसे कांग्रेस सरकार ने न्यायधीश राजेंद्र सच्चर की देखरेख में एक समिति का गठन किया था किसने अपनी रिपोर्ट में बताया कि मुसलमानों की आर्थिक स्तिथि दलितों से भी बत्तर है। हम समझ रहे थे शायद इस रिपोर्ट के बाद कांग्रेस मुसलमानों और दलितों के हालात सुधारने के लिए कोई कदम उठाएगी लेकिन ऐसा नही हुआ, और मुसलमानों को उनकी बदहाली को याद दिलाकर सभी राजनितिक दल लाभ उठाने लगे।



लेकिन मेरा मानना यह है कि देश में मुसलमानों के साथ साथ दलितों की भी आर्थिक स्थिति ठीक क्यों नही होनी चाहिए। कांग्रेस बीजेपी और ओवैसी मिलकर ही मुसलमानों को बाटने की राजनीति करते है, हमें याद है कांग्रेस का वह कार्यकाल जिसमें ,हम दो हमारे दो, का नारा, और आज उत्तर प्रदेश की बीजेपी ने उस नारे को कानून बनाकर पूरा कर दिया है।

   
स्वर्गीय कांशीराम द्वारा की गई टिप्णी मुसलमान कभी नही भूल सकता

बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम द्वारा बाबरी मस्जिद पर विवादित टिप्णी को मुसलमान कभी नही भूल सकता, जिन्होंने बाबरी मस्जिद की जगह शौचालय बनाने का प्रस्ताव दिया था। बहन कुमारी मायावती ने मुस्लिम नेताओं के जरिए मुसलमानों का हमेशा वोटबैंक के तोर पर स्तेमाल किया है जिसमें नसीमुद्दीन सिद्दीकी जैसे बड़े कद वाले नेता भी शामिल हैं। मुझे नही लगता अब मुसलमान किसी के बहकावे में आकर चुनाव में बटने का काम नही करेगा, बल्कि एकजुट होकर समाजवादी पार्टी साथ खड़ा होगा।
 
 
पांच सौ गरीब लड़कियों की शादी कराने के बाद मसीहा बनकर उभरे आशु मलिक
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आजकल के युवा जो भविष्य में राजनेता बनना चाहते है वह आशु मालिक की कामयाबी व शोहरत का हवाला देते है कि पॉलिटिक्स हो तो आशु मलिक  जैसी हो जिसमे दुआ,ताक़त शोहरत मिलती है। जैसे हाशिमपुरा के दंगा पीड़ितों की समाजवादी पार्टी की उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मदद करवाई, और दादरी बीफ कांड में अखलाक  के परिवार की मदद के लिए भी कमान आशु मलिक  ने ही संभाली थी। और तकरीबन  पांच सौ लड़कियों की शादी करवाकर सबका दिल जीत लिया है।  
  
आपको बता दें आशु मलिक  का राजनितिक सफ़र ज्यादा लम्बा नही रहा मात्र चार या पांचवर्षों  में उत्तर प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा  प्राप्त कर लिया था, और फिर समाजवादी पार्टी की सरकार का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही पार्टी आलाकमान की नजदीकियों के चलते विधान परिषद सदस्य के तौर पर आशु मलिक  के राजनीतिक सफ़र को छ वर्षों के लिए सेफ  कर दिया गया था, हालांकि  एमएलसी कार्यकाल पूरा होने के बाद मालिक की जगह वरिष्ठ नेता अहमद  हसन साहब को एमएलसी बना दिया गया जिसमें बताया जाता है आशुमलिक  की सहमती भी शामिल थी।
2010 में जब अखिलेश यादव की चुनावी परीक्षा चल रही थी तब आशु मलिक अखिलेश यादव के साथ कदम से कदम मिलाकर  रात दिन समाजवादी पार्टी की सरकार बनाने का प्लान कर रहे थे। रानीतिक सफ़र के यह दो साल आशु मलिक के लिए बहुत अहम माने जाते है ,2012 में फुल बहुमत की समाजवादी पार्टी की सरकार बनी और मलिक  का राजयोग शुरू हो गया था लेकिन मलिक के बढ़ते कद को देखकर कुछ पुराने दिग्गज नेता पार्टी में विरोध जताने लगे जिसके कारण मलिक  को सरकार की शरुआत में पद तो नही मिला, लेकिन सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से नजदीकियाँ ही आशु मालिक की पॉवर थी जिससे जनता के काम करवाने और अधिकारीयों से तालमेल का दौर जारी रहा, तक़रीबन दो वर्ष बाद मलिक को राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त हुआ था।