हिंदूधर्म की कुछ आवश्यक बातें

विश्व इतिहास में दुनिया का सबसे पुराना धर्म सनातन धर्म यानी हिंदू धर्म को माना गया है। आदिकाल से इस धर्म को मानने वाले लोग इस पृथ्वी पर मौजूद हैं। हिंदू धर्म के बाद ही अन्य धर्मों का जन्म हुआ। लेकिन हिंदूधर्म की कुछ ऐसी बातें हैं जिन्हें विज्ञान भी 101 प्रतिशत सही मानता है। अमूमन हम इस तरह के क्रियाकलाप से हर दिन रू-ब-रू होते हैं लेकिन इनके पीछे के विज्ञान को नहीं जानते इस क्रम में पहले भाग में हम कुछ बातों को जानते हैं।


इसीलिए दोनों हाथ जोड़ कर करते हैं नमस्कारः भारत में विशेष तौर पर हिंदू धर्म के लोग जब आपस में मिलते हैं तो हाथ जोड़कर अभिवादन करते हैं। हालांकि यह चलन में नहीं हैं। इसका वैज्ञानिक कारण है। जब हम अपने दोनों हाथों को जोड़ते हैं तो अंगुलियां पर दबाव बनता है। ये अंगुलियां आंख, कान और मस्तिष्क से जुड़ी होती हैं। जो लंबे समय तक उन्हें बेहतर रखने में सहायक होता है।


भारतीय महिलाएं पैरों में इसलिए पहनती बिछूड़ी (रिंग): पैरों में रिंग पहनना विवाह का प्रतीक माना जाता है। विज्ञान कहता है कि पैरों के अंगूठे के पास की अंगुली गर्भाशय की विशेष तंत्रिका से जुड़ी होती है, और इसके पास की अंगुली हदय के पास होती है। इसलिए इन दोनों में रिंग पहनने से मासिक धर्म के समय रक्त प्रवाह, और हदय से रक्त का प्रवाह संतुलित रहता है।


नदी में इसलिए फेंकते हैं सिक्केः आमतौर पर ऐसा कहा जाता है कि ऐसा शुभ सूचक होता है। लेकिन विज्ञान कहता है कि पुराने समय में सिक्के तांबे और चांदी के हुआ करते थे। नदी में फेंकने पर उसके पानी में इन तत्वों का समावेश होता था। इन तत्वों की शरीर को भी जरूरत होती है। ऐसे में ये जल के द्वारा मिल जाया करते थे।


इसलिए माथे पर लगाते हैं कुमकुम और तिलक: विज्ञान कहता है कि मस्तिष्क मानव शरीर का सबसे मुख्य अंग है। और मस्तिष्क में भी माथा मुख्य है। ऐसे में यदि हम चंदन का तिलक या लाल कुमकुम लगाते है तो हमारे मस्तिष्क की ऊर्जा एक जगह केंद्रित रहती है। यह क्रम सदियों से चल रहा है।


मंदिर में घंटा-घंटी इसलिए हैं बजाते: जब भी हम मंदिर जाते हैं से सबसे पहले मंदिर का घंटा बजाते हैं। विज्ञान कहता है ऐसा करने पर जब हम घंटा बजाते हैं तो हमारा मन एकाग्र हो जाता है। घंटाध्घंटियां की आवाज एक तरह की ध्वनि उत्पन्न करती है जो हमारे दिमाग एकता पैदा करती है। घंटी की ध्वनि बहुत कम समय के लिए हो लेकिन गूंज हमारे मन से तमाम तरह की नकारात्मक ध्वनियों को दूर करती है।