भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 30,773 नए मामले सामने आए, 309 रोगियों की मौत

नई दिल्ली : भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 30,773 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 3,34,48,163 हो गई जबकि उपचाराधीन रोगियों की तादाद कम होकर 3,32,158 रह गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार को अद्यतन आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।


आंकड़ों के अनुसार 309 रोगियों की मौत के बाद मृतकों की तादाद 4,44,838 हो गई है।


मंत्रालय ने कहा कि उपचाराधीन रोगियों की संख्या संक्रमितों की कुल तादाद का 0.99 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से उबरने की दर 97.68 प्रतिशत दर्ज की गई है। बीते 24 घंटे के दौरान कोविड-19 के उपचाराधीन रोगियों की संख्या में 8,481 की कमी आई है।


देश में अब तक कुल 55,23,40,168 नमूनों की कोविड-19 जांच की जा चुकी हैं। शनिवार को 15,59,895 नमूनों की जांच की गई।


आंकड़ों के मुताबिक दैनिक संक्रमण दर 1.97 प्रतिशत दर्ज की गई है। पिछले बीस दिन से यह तीन प्रतिशत से कम रही है। साप्ताहिक संक्रमण दर 2.04 प्रतिशत रही। पिछले 86 दिन से यह तीन प्रतिशत से कम रही है। ठीक हो चुके लोगों की संख्या 3,26,71,167 है जबकि मृत्यु दर 1.33 प्रतिशत दर्ज की गई है।


मंत्रालय के अनुसार देश में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक 80.43 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं।


देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर को 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे। देश में 19 दिसंबर को ये मामले एक करोड़ के पार, इस साल चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे।


मंत्रालय के अनुसार मौत के 309 नए मामलों में से 143 संक्रमितों की केरल में जबकि 80 की महाराष्ट्र में मौत हुई।


देश में अब तक कोविड-19 से 4,44,838 लोगों की मौत हुई है। इनमें से महाराष्ट्र में 1,38,469, कर्नाटक में 37,587, तमिलनाडु में 35,310, दिल्ली में 25,085, केरल में 23,439, उत्तर प्रदेश में 22,887 और पश्चिम बंगाल में 18,641 लोगों की मौत हुई है। मंत्रालय ने कहा कि इनमें से 70 प्रतिशत मरीजों की मौत एक से अधिक बीमारियों के कारण हुईं।


मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर कहा, ''हमारे आंकड़ों का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के आंकड़ों से मिलान किया जा रहा है।''