चार करोड़ के लेनदेन में कांस्टेबल ने दरोगा जीजा को गोली मारी

नई दिल्ली : कॉमनवेल्थ और एशियाड गेम्स में जूड़ो में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले हरियाणा पुलिस के दरोगा विरेंद्र सिंह की उसके साले ने दिल्ली में रविवार सुबह अपनी सर्विस रिवॉल्वर से गोली मार कर हत्या कर दी। आरोपी विक्रम दिल्ली पुलिस में बतौर कांस्टेबल तैनात है। दोनों के बीच करीब चार करोड़ रुपये के लेनदेन को लेकर विवाद की बात सामने आ रही है।


पुलिस उपायुक्त गौरव शर्मा ने बताया कि मृतक विरेन्द्र हरियाणा के रोहतक का रहने वाला था। वर्तमान में वह हरियाणा पुलिस में बतौर सब इंस्पेक्टर करनाल में तैनात था। विरेन्द्र परिवार के साथ करनाल में ही रहता था। जबकि, आरोपी विक्रम दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल है और ग्रेटर कैलाश थाने में तैनात है। विक्रम अपनी पत्नी और बेटे के साथ सफदरजंग एंक्लेव स्थित घर में रहता है। विक्रम दिल्ली पुलिस से पहले भारतीय सेना में था और वहां से नौकरी पूरी कर उसने दिल्ली पुलिस में नौकरी शुरू की है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि सफदरजंग एंक्लेव थाना पुलिस को रविवार सुबह सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई है। पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां विरेन्द्र का शव मिला और विक्रम भी घर में ही मौजूद था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और विरेन्द्र के घरवालों को उसकी मौत की सूचना दी।


पुलिस ने विक्रम को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने बताया कि विरेन्द्र उसका जीजा है। दोनों के बीच पैसों के लेन-देन को लेकर कुछ विवाद चल रहा था। ऐसे में विरेन्द्र पिछले पांच दिनों से विक्रम के घर में ही रुका हुआ था। दोनों के बीच वारदात से पहले कहासुनी हुई थी और इसी दौरान गुस्साए विक्रम ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से अपने जीजा को गोली मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई। विक्रम के बयान के बाद पुलिस ने मामले में हत्या का केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। वहीं, उसके पास मौजूद उसकी सर्विस रिवॉल्वर भी जब्त कर ली है।


पुलिस की जांच में सामने आया कि विरेन्द्र जूड़ो के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी थे। उन्होंने एशियाड और कॉमनवेल्थ खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। जूडो में शानदार प्रदर्शन करने के चलते उन्हें प्रतिष्ठित भीम अवॉर्ड भी दिया गया था। भीम अवॉर्ड मिलने के बाद हरियाणा सरकार ने उन्हें हरियाणा पुलिस में नौकरी दी थी। वर्तमान में वह सब इंस्पेक्टर थे।


पुलिस की जांच में सामने आया है कि विक्रम ने घर खरीदने के लिए अपने जीजा से ढाई करोड़ रुपये उधार लिए थे। इसके अलावा भी उस पर पहले का पैसा उधार था। सारा पैसा मिलाकर करीब चार करोड़ रुपये बैठ रहा था। विरेन्द्र लगातार विक्रम से पैसे मांग रहा था, जिसके चलते विक्रम और विरेन्द्र के बीच विवाद चल रहा है। पांच दिन पहले विक्रम ने अपने जीजा को फोन कर कहा था कि पैसे ज्यादा हैं, ऐसे में वह खुद पैसे लेने के लिए दिल्ली आ जाए। इसके बाद विरेन्द्र दिल्ली आ गया और पिछले पांच दिन से दिल्ली में विक्रम के घर में ही रह रहा था।


पुलिस की जांच में सामने आया है कि विक्रम ने पांच दिनों से अपनी सर्विस रिवॉल्वर मालखाने में जमा नहीं की थी। ऐसे में पुलिस आशंका जता रही है कि विक्रम ने साजिश के तहत ही अपने जीजा को दिल्ली बुलाया था। विरेन्द्र के दिल्ली आने के बाद से उसने अपनी रिवॉल्वर जमा नहीं की। जिसे उसने हत्या करने के लिए इस्तेमाल किया। विक्रम ने पुलिस को दिए बयान में बताया है कि विरेन्द्र ने उसे गाली दी थी, जिसके बाद विवाद शुरू हुआ था। इसी विवाद में उसने विरेन्द्र की हत्या की। जबकि, परिजनों की मानें तो विरेन्द्र को रविवार को ही वापस करनाल जाना था। ऐसे में माना जा रहा है कि विरेन्द्र ने पैसे के लिए दवाब बनाया होगा, जिस पर विक्रम ने उसकी हत्या कर दी। हत्या के दौरान उसकी पत्नी और बेटा घर में ही मौजूद थे।