महिमा चौधरी बोलीं- पहले लोग वही ऐक्‍ट्रेसेस चाहते थे जो वर्जिन हो, गोविंदा-आमिर पर कही बड़ी बात

मुंबई : महिमा चौधरी बेबाकी के साथ अपनी बातें रखने के लिए जानी जाती हैं। वह खुलकर बोलने से हिचकिचाती नहीं हैं। उन्‍होंने कहा है कि फिल्‍म इंडस्‍ट्री फीमेल ऐक्‍ट्रेसेस के साथ पहले अच्‍छा व्‍यवहार नहीं करती थी जितनी अब विकसित हो गई है। ऐक्‍ट्रेस ने कहा कि पहले यह पुरुष प्रधान (मेल डॉमिनेंट) ज्‍यादा थी।


अपने पॉइंट को समझाते हुए महिमा ने कहा, 'मुझे लगता है कि इंडस्‍ट्री को अब वह पोजिशन मिल रही है जहां फीमेल ऐक्‍ट्रेसेस को भी शॉट्स मिल रहे हैं। उन्‍हें बेहतर रोल मिल रहे हैं, अच्‍छा पैसा, इंडॉर्समेंट्स मिल रहे हैं, वे बेहतरीन और पावरफुल पोजिशन पर हैं। उनके पास पहले से ज्‍यादा लंबा जीवन है।' 


1997 में शाहरुख खान के ऑपोजिट फिल्‍म 'परदेस' से अपना करियर शुरू करने वाली महिमा चौधरी ने कहा, 'पहले तो ऐक्‍ट्रेस के रिलेशनशिप स्‍टेटस का प्रभाव उसकी प्रफेशनल लाइफ और काम के लिए मिलने वाले मौकों पर पड़ता था। जिस मिनट आपने किसी को डेट करना शुरू किया, लोग आपके बारे में लिखने लगते थे क्‍योंकि वे सिर्फ वर्जिन चाहते थे जिसने किस न किया हो। अगर आप किसी के साथ डेटिंग करने लगे तो रिऐक्‍शन ऐसा होता था- 'ओह! वह तो डेट कर रही है!' अगर आपकी शादी हो चुकी है, तब तो भूल जाइए, आपका करियर खत्‍म। फिर अगर आपके बच्‍चे हैं तो यह तो पूरी तरह से खत्‍म।' 


गोविंदा ओर आमिर खान का जिक्र करते हुए महिमा ने कहा, 'यहां तक कि जब फिल्‍म 'कयामत से कयामत तक' आई, हमें नहीं पता था कि आमिर शादीशुदा हैं, यही हाल गोविंदा के साथ था। लोग उनके बच्‍चों के फोटोज नहीं दिखाते थे, न ही एक्‍सपोज करते थे क्‍योंकि ऐसा करने से ऐक्‍टर्स की उम्र का पता चल जाता! ये सारी चीजें अब सच में बदल गई हैं।' 


कैसे अब चीजें बदलकर बेहतर हो गई हैं, इस पर 48 साल की ऐक्‍ट्रेस ने कहा, 'अब रिलेशनशिप स्‍टेटस यह तय नहीं करता कि आपको करियर को जारी रखना है या पर्सनल लाइफ को चुनना है। पहले ऐसा था लेकिन अब आप दोनों कर सकते हैं। अब लोग महिलाओं को अलग-अलग तरह के रोल्‍स में स्‍वीकार कर रहे हैं, यहां तक कि मां या पत्‍नी बनने के बाद रोमांटिक रोल्‍स में भी। पहले तो कई सारे पुरुष भी अपने रिलेशनशिप स्‍टेटस को छिपाते थे। उनकी फिल्‍म की रिलीज या कई साल बाद हमें पता चलता था कि वह तो शादीशुदा हैं।'