नजरअंदाज न करें कान का दर्द

कान के मध्य में होने वाली सूजन या मध्य कान के संक्रमण को मध्यकर्ण संक्रमण कहते हैं। यह सर्दी और नाक में संक्रमण का बढ़ा हुआ रूप है। बच्चों का बड़ों की अपेक्षा सिर का आयतन व आकार छोटा होता है, जिसके कारण नाक और कान नजदीक होते हैं। इससे बच्चों को सर्दी जल्दी होती है, जिससे कानों में संक्रमण फैल जाता है। हालांकि कान के संक्रमण से बचने के लिए बच्चों को किसी भी प्रकार का टीका नहीं लगाया जाता है।


संक्रमण के प्रकार...


एक्यूट ओटाइटिस मीडिया:- तीन सप्ताह से कम समय में ठीक हो जाए।


क्रॉनिक ओटाइटिस मीडिया:- जो छह सप्ताह से ज्यादा चले और बार-बार कान से तरल या मवाद का स्राव हो।


कान की हड्डी में संक्रमण:- ये लंबे समय तक होता है, जिससे कान की हड्डी में संक्रमण फैल जाता है। इससे कान में सुराख बन जाता है और मवाद बहने लगता है। जो ऑपरेशन के बाद ही ठीक होता है।


पैरेंट्स कैसे रखें खयाल:- बच्चे को सर्दी है तो पैरेंट्स ध्यान दें। अगर सर्दी ज्यादा दिन तक है तो बच्चे को तुरंत चिकित्सक या शिशु रोग विशेषज्ञ को दिखाएं। बिना लापरवाही के पूरे समय बच्चे को निगरानी में रखें। इसके अलावा यदि बच्चे को सुनने में समस्या है तो चिकित्सक से परामर्श लेकर कान की जांच कराएं।


लक्षण...


-सर्दी के बाद कान में दर्द होना


-छोटे बच्चों का दर्द से रात में बार-बार रोना


-लंबे समय तक संक्रमण से परदे में छेद होना, फिर कान का बहना शुरू होना


-बुखार भी हो सकता है।


उपाय...


-बच्चे को सर्दी से बचाएं


-एलर्जी और खान-पान पर विशेष ध्यान दें


-बच्चों को वातावरण के अनुसार रखें


-प्रदूषण, खासतौर पर वायु प्रदूषण से बचाएं


-एलर्जी की दवा दें


-आवश्कतानुसार चिकित्सक से परामर्श लें।