किसानों ने टेंट खोलने और सामान पैक करने की तैयारी शुरू

गाजियाबाद : यूपी गेट पर सालभर से जमी करीब 200 से 250 टेंट व झोपड़ियों को सिमटने की कवायद शुक्रवार से शुरू कर दी गई। किसान टेंटों के अंदर सामान बांधने में जुट गए हैं। दूरदराज के किसानों ने गैर जरूरी सामान को भिजवा भी दिया। दिनभर यूपी गेट पर किसान एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर व डांस कर जश्न मनाते भी दिखे।


फैसले के मुताबिक, किसान 11 दिसंबर को घर लौटने की तैयारी में हैं। शुक्रवार सुबह को पंजाब, हरियाणा सहित दूरदराज के किसानों ने अपने टेंटों को खोलना शुरू कर दिया। कुछ किसान ट्रैक्टर व मेटाडोर आदि में सामान लादकर ड्राइवर को सामान सहित निकालते रहे। सुबह से युवा किसान अपने टेंट व झोपड़ी आदि को खोलने में जुट गए। इस कार्य में बुजुर्गों ने भी मदद की। किसानों के टेंट के अंदर से अपना जरूरी सामान डिब्बे, गत्ते व कट्टों आदि में भरा। ताकि, आसानी से सामान को घर पहुंचाया जा सके और घर लौटते समय किसी तरह की परेशानी नहीं आए। एक दो बुजुर्ग किसान अपने कंधे पर ही सामान लादकर पैदल ही निकलते दिखे।


वहीं आसपास के किसान सामान समेटने को लेकर पूरी तरह से निश्चिंत दिखे। अधिकांश किसान अपनी ट्राली आदि को ही तंबू व टैंट बनाकर रख रहे थे। अब उनको महज ट्राली में ट्रैक्टर जोड़कर गांव की ओर निकलना है। इसको लेकर किसान अपने परिजनों से ट्रैक्टर की व्यवस्था करने को लेकर फोन पर बात करते रहे। किसानों के मुताबिक जश्न से अगले दिन शनिवार को किसानों के निकलने का सिलसिला शुरू हो जाएगा।


यूपी गेट पर सुबह के समय किसानों के सामान्य ही चहल पहल रही। इसके बाद दोपहर से किसानों के यूपी गेट पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। किसानों के परिवार सहित महिलाएं भी शनिवार को मंच से होने वाले विदाई कार्यक्रम में शामिल होने की लिए पहुंची। पीलीभीत से पहुंचे सुखविंदर ने बताया कि किसानों को जीत की बधाई देने और जशन में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं। वह परिवार सहित यूपी-26 नाम से बने कैंप में रुकेंगे।


यूपी गेट पर दिनभर मुंह मीठा कराने का सिलसिला भी जारी रहा। किसानों ने एक दूसरे को जलेबी, बर्फी, रसगुल्ले, लड्डू आदि खिलाकर जीत की बधाई दी। यूपी गेट पर प्रवेश द्वार के पास ही लंगर व भोजनालय के अलावा मेज लगाकर मिठाई बांटी गई। किसान मिठाई खाने के साथ-साथ डांस करने से भी खुद को रोक नहीं पाए। किसानों के अलावा उनके परिवार से पहुंचे लोग भी ट्रैक्टर आदि पर लगे डीजे व साउंड सिस्टम पर नाचते रहे। जबकि युवा किसान ट्रैक्टर पर लगे झंडे व साउंड सिस्टम का आनंद लेते हुए राउंड मारते रहे। साउंड सिस्टम की पर बजती धुन से यूपी गेट का माहौल कुछ और नहीं नजर आया।


यूपी गेट पर शनिवार को होने वाले जश्न की तैयारियां लंगर व भोजनालय में भी देखने को मिली। लंगर व भोजनालयों में सुबह से मिष्ठान आदि को बनाया जाना शुरू हो गया। लंगरों में देशी घी के मिठाई व कच्ची इमरती बनाए जाने की तैयारिया जोरों पर दिखीं। इसके लिए लंगर में लगे किसान भी कड़ी मेहनत करते दिखे। कोई रसगुल्ले की गोली तो कोई बख्खर बनाने में जुटे रहे।


किसानों का एक साल से आंदोलन जारी रहा। संघर्षरत किसानों और सरकार के बीच सहमति बन गई। किसान आंदोलन समाप्त कर अपने घरों को लौट जाएंगे। किसानों ने समाधान निकलने पर ईश्वर का धन्यवाद करते दिखे। किसानों के मुताबिक शुक्रवार सुबह को किसान नेता राकेश टिकैत समेत पदाधिकारी यूपी गेट से जाकर दिल्ली बंग्ला साहिब में मत्था टेकने के लिए गए। सभी ने मत्था टेककर दुआएं मांगी।


यूपी गेट पर सुबह को किसानों ने हवन कर पूजा अर्चना की। किसानों के हवन में आहुति देकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। आहुति देने वालों में युवाओं के अलावा बुजुर्ग किसान भी शामिल रहे।