बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में ईडी ने 100 करोड़ रूपये की संपत्ति कुर्क की

नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि ऋण लेकर पुराने ऋण चुकाने वाले एक ‘आदतन अपराधी’ की 100 करोड़ रूपये की संपत्ति कुर्क की है तथा आंध्रप्रदेश में आईडीबीआई बैंक की शाखा के साथ कथित धोखाधड़ी से जुड़े धनशोधन को लेकर उसकी जांच की जा रही है।


ईडी ने एक बयान में कहा कि आंध्रप्रदेश एवं तेलंगाना में रेब्बा सत्यनारायण की कृषि जमीन, मत्स्य पालन तालाबों, वाणिज्यिक स्थलों, भूखंडों एवं फ्लैट को धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत अंतरिम रूप से कुर्क किया है।


सत्यनारायण एवं उसके परिवार के सदस्यों पर आईडीबीआई बैंक की राजमुंद्री शाखा से 143 बेनामी उधारकर्ताओं के नाम से 112.41 करोड़ रूपये का केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड स्कीम) मछली टैंक ऋण ‘धोखाधड़ी’ से लेने का आरोप है।


उसके विरूद्ध पहले इन आरोपों में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मामला दर्ज किया था जिसके बाद ईडी ने इस मामले का संज्ञान लिया था। ईडी ने कहा कि सत्यनारायण इन सभी उधारकर्ताओं को मिली केसीसी का आखिरी लाभार्थी था और उसने बैंक के अधिकारियों एवं अन्य के साथ साजिश रचकर अपने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों एवं परिचितों के नाम पर ऋण लिया।


ईडी के अनुसार ये ऋण पहले उधारकर्ताओं के खातों में अंतरित किये गये और उनमें से ज्यादातर धनराशि बाद में नकद में निकाल ली जाती थी। इस नकद को आरोपी सत्यनारायण को सौंप दिया जाता था जिसका इस्तेमाल वह उन निकायों द्वारा पहले लिये गये कर्ज का भुगतान करने के लिए करता था जो उसके, उसके रिश्तेदारों एवं बेनामी नामों से होते थे लेकिन उनका नियंत्रण उसके हाथों में होता था।


ईडी का कहना है कि आरोपी ने कर्ज की राशि का इस्तेमाल अपने नाम, अपने रिश्तेदारों के नाम से तथा बेनामी नामों से कथित रूप से संपत्तियां खरीदने तथा आयात-निर्यात में निवेश में किया। एजेंसी का आरोप है कि इन नामों से खरीदी गयी संपत्तियों का फिर ‘ अन्य कारोबारी निकायों के वास्ते अन्य ऋण हासिल करने में गिरवी के तौर’ इस्तेमाल किया जाता है।