ओमीक्रोन के कहर से बचा हुआ है एशिया, लेकिन मामलों में वृद्धि अपरिहार्य है

ताइपे : एशिया का अधिकांश भाग कोरोना वायरस संक्रमण के नए स्वरूप ओमीक्रोन को दूर रखने में कामयाब रहा है जबकि दुनिया के अन्य हिस्सों में इसका प्रकोप बढ़ता जा रहा है, लेकिन वह क्षेत्र जहां दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी है, वहां इसके मामलों में वृद्धि अपरिहार्य तौर पर देखने को मिल सकती है।


विदेशों से आने वालों के लिए पृथक-वास के सख्त नियम और बड़े पैमाने पर मास्क लगाने को अनिवार्य करने जैसे नियमों ने कोरोना वायरस के बेहद संक्रामक स्वरूप के प्रसार को धीमा रखने में मदद की है। जापान, दक्षिण कोरिया और थाईलैंड ने हाल के हफ्तों में प्रवेश और पृथक-वास प्रतिबंधों को फिर से प्रभावी बना दिया जबकि बीत दिनों ही इनमें राहत दी गई थी।


लेकिन मामले बढ़ रहे हैं और विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कुछ महीने अहम रहने वाले हैं। जापान सरकार के एक शीर्ष चिकित्सा सलाहकार ने डॉ शीगेरु ओमी ने कहा, “एक बार जब गति बढ़ जाएगी, तो मामले बहुत तेजी से बढ़ने लगेंगे।”


इस साल की शुरुआत में विनाशकारी कोविड-19 के प्रकोप के बाद सामान्य हो रहा भारत, लगभग 1.4 अरब लोगों के देश में 700 से अधिक मामलों के साथ, ओमीक्रोन एक बार फिर से भय पैदा कर रहा है।


ऑस्ट्रेलिया पहले से ही कोविड-19 के कई मामलों से निपट रहा है जहां एक राज्य के नेता ने बुधवार को कहा कि "ओमीक्रोन बहुत तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।"


इसके अलावा, थाईलैंड में 700 मामले हो गए हैं, दक्षिण कोरिया में 500 से अधिक और जापान में 300 से अधिक मामले हैं। चीन, जिसने दुनिया के कुछ सबसे सख्त वायरस नियंत्रण लागू किए हुए हैं, वहां भी कम से कम आठ मामलों की जानकारी है।


फिलीपीन में केवल चार मामले सामने आए हैं, जहां लोग क्रिसमस से पहले शॉपिंग मॉल और एशिया के सबसे बड़े रोमन कैथोलिक राष्ट्र में सामूहिक प्रार्थना के लिए आए। विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ अस्पतालों ने कोविड-19 वार्डों को खत्म करना भी शुरू कर दिया है लेकिन यह समय से पहले उठाया गया कदम साबित हो सकता है।


जापान को नए स्वरूप के प्रसार को रोकने में मदद मिली, जिसमें प्रवेश प्रतिबंधों को फिर से लागू करना, सभी आगमनों के लिए अनिवार्य कोविड-19 जांच और एक उड़ान में किसी भी यात्री के ओमीक्रोन स्वरूप से संक्रमित पाए जाने पर सभी यात्रियों को अलग-थलग करने जैसे कदम शामिल हैं।


लेकिन पिछले हफ्ते जब पड़ोसी शहरों ओसाका और क्योटो में पहले स्थानीय रूप से प्रसारित मामलों की पुष्टि हुई तो यह रोकथाम कमजोर पड़ गई।


ताइवान, जहां प्रमुख शहरों में मास्क पहनना अनिवार्य है, ने मॉडर्ना टीके की अतिरिक्त खुराकें देनी आरंभ कर दी है।


प्रारंभिक शोध से पता चला है कि फाइजर, एस्ट्राजेनेका और मॉडर्ना टीकों की अतिरिक्त खुराकें ओमीक्रोन के खिलाफ सुरक्षा कम होने के बावजूद प्रभावी रहे हैं।