कानून मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी को नकारा

कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी को नकार दिया है। रिजिजू ने कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी है। जबकि यहां कोई किसी को चेतावनी नहीं दे सकता। हम जनता के सेवक हैं, हम संविधान के हिसाब से काम करते हैं। रिजिजू यूपी के प्रयागराज में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जजों की नियुक्ति में हो रही देरी पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने केंद्र को चेतावनी देते हुए कहा कि हमें ऐसा स्टैंड लेने पर मजबूर न करें, जिससे परेशानी हो। इस पर केंद्र ने हलफनामा दाखिल कर बताया था कि सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की नियुक्ति के लिए भेजी सिफारिश अगले पांच दिन में मंजूर हो जाएगी। हालांकि केंद्र ने 24 घंटे की भीतर ही शनिवार को पांचों सिफारिशों को मंजूरी दे दी।

किरेन रिजिजू का पूरा बयान
रिजिजू ने कहा, 'मैंने देखा कि मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि 'सुप्रीम कोर्ट ने (कॉलेजियम पर) चेतावनी दी है। इस देश के मालिक यहां के लोग हैं, हम सिर्फ सेवक हैं। हमारी गाइड संविधान है। संविधान के अनुसार देश चलेगा। कोई किसी को चेतावनी नहीं दे सकता है। हम अपने आप को इस महान देश के सेवक के रूप में देखते हैं, वह अपने आप में बड़ी बात है। लोगों ने हमें मौका दिया है काम करने का। आप सब प्रिवेलेज लोग हैं, जज-वकील बने हैं...पढ़ लिखकर ही बने हैं। हम खुशकिस्मत हैं कि देश के लिए काम करने के लिए जिम्मेदारी मिली है।'

कॉलेजियम ने जजों के नाम की सिफारिश की थी
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 13 दिसंबर को सरकार से 5 नामों की सिफारिश की थी। इनमें जस्टिस पंकज मिथल चीफ जस्टिस राजस्थान HC, जस्टिस संजय करोल चीफ जस्टिस पटना HC, जस्टिस पी वी संजय कुमार चीफ जस्टिस मणिपुर HC, पटना हाईकोर्ट के जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और इलाहाबाद HC के जस्टिस मनोज मिश्रा का नाम शामिल था।

SC में जजों की संख्या बढ़कर हुई 32
सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने जस्टिस एसके कौल और एएस ओका की बेंच को बताया था कि 5 जजों की नियुक्ति का वारंट जल्द ही जारी होगा। सुप्रीम कोर्ट में जजों की सैंक्शन स्ट्रेंथ CJI समेत 34 है। पांच जजों की नियुक्ति को केंद्र से मंजूरी मिलने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है। पहले कोर्ट 27 जजों के साथ काम हो रहा था।

जिस कॉलेजियम पर यह पूरा विवाद हो रहा है, वह हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति और ट्रांसफर की प्रणाली है। कॉलेजियम के सदस्य जज ही होते हैं। वे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को नए जजों की नियुक्ति के लिए नामों का सुझाव भेजते हैं। मंजूरी मिलने के बाद जजों को अपॉइंट किया जाता है।

देश में कॉलेजियम सिस्टम साल 1993 में लागू हुआ था। कॉलेजियम में 5 सदस्य होते हैं। CJI इसमें प्रमुख होते हैं। इसके अलावा 4 मोस्ट सीनियर जज होते हैं। अभी इसमें 6 जज हैं।

केंद्र ने अपना प्रतिनिधि शामिल करने के लिए CJI को चिट्ठी लिखी थी
16 जनवरी को कानून मंत्री किरण रिजिजू ने CJI को पत्र लिखकर कॉलेजियम में अपना प्रतिनिधि शामिल करने की बात कही थी। केंद्र के रुख का जवाब देने के लिए CJI की अगुआई में कॉलेजियम ने तय किया कि इस बार सारे मामले को सार्वजनिक किया जाए।

सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के 24 घंटे के भीतर ही केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्विटर पर इसकी जानकारी शेयर की। उन्होंने लिखा कि भारत के संविधान के तहत राष्ट्रपति ने हाईकोर्ट के पांच जजों को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति किया है। मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं।