गाजियाबाद में कुत्तों के आतंक पर SC में चर्चा

गाजियाबाद में कुत्तों के आतंक के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने भी चिंता जताई है, हालांकि कोई आदेश नहीं दिया है। दरअसल, सोमवार को वकील कुणाल चटर्जी हाथों में पट्टी बांधकर कोर्ट पहुंचे। CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा- क्या हुआ है, पट्टी क्यों बंधी है? इस पर कुणाल ने कहा कि गाजियाबाद में मेरे ऊपर 5 कुत्तों ने एकसाथ हमला बोल दिया। इससे मैं घायल हो गया।

इस पर CJI ने कहा- आपको कोई मेडिकल मदद चाहिए तो मैं रजिस्ट्रार को बोल दूं। इसी दौरान वहां बैठे जस्टिस नरसिम्हा ने कहा- यह मामला गंभीर बन गया है।

कुणाल ने कहा कि आवारा कुत्तों के हमले के मामले में सुप्रीम कोर्ट को कोई दिशा निर्देश देना चाहिए, क्योंकि हाईकोर्ट ने अलग-अलग फैसले दिए हैं।

सॉलिसिटर जनरल ने उठाया गाजियाबाद में कुत्ते के काटने से मौत का मामला          

इसी बीच सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने 4 सितंबर को गाजियाबाद में कुत्ते के काटने से हुई 14 साल के बच्चे की मौत का जिक्र किया। उन्होंने कोर्ट से संज्ञान लेने की मांग की। उन्होंने कहा, यह एक गंभीर मामला है।

सॉलिसिटर जनरल ने अदालत को उस वीडियो के बारे में भी बताया, जिसमें गाजियाबाद में बाप-बेटे एंबुलेंस में रोते नजर आ रहे हैं। तुषार मेहता ने कहा, उस स्थिति में बच्चे का पिता और डॉक्टर दोनों ही असहाय थे।

CJI ने कहालॉ क्लर्क पर भी कुत्तों ने हमला किया था
 वकील और सॉलिसिटर की बात सुनने के बाद CJI ने एक वाकया बताया। उन्होंने कहा- कुछ महीनों पहले मेरे दफ्तर के लॉ क्लर्क पर कार पार्किंग के दौरान कुत्तों ने हमला कर दिया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर फिलहाल कोई आदेश नहीं दिया है।

अब जानिए क्या हुआ था गाजियाबाद में
 विजयनगर थाना क्षेत्र में चरण सिंह कॉलोनी निवासी 14 साल के किशोर की 4 सितंबर को मौत हो गई। परिजन ने दावा किया कि बच्चे को करीब डेढ़ महीने पहले पड़ोसी महिला के पालतू कुत्ते ने काट लिया था। तब बच्चे ने डर की वजह ये बात फैमिली को नहीं बताई और रेबीज फैल गया। इस वजह से उसकी मौत हो गई।

मृतक बच्चे के परिजन ने मामले में पड़ोसी महिला सुनीता सहित उनके चार फैमिली मेंबर्स पर लापरवाही से मौत का मुकदमा दर्ज कराया है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि बच्चे का पोस्टमार्टम नहीं हुआ था। इसलिए फिलहाल यह कहना मुश्किल है कि उसकी मौत रैबीज से हुई थी।

इधर, जिस महिला पर FIR हुई है, उनका कहना है कि बच्चे के शव का पोस्टमार्टम कराया जाए। तभी मौत की असली वजह पता चल पाएगी। फिलहाल उन्हें बेवजह बदनाम किया जा रहा है।

 रोजाना 400 से ज्यादा डॉग बाइट की घटनाएं
 गाजियाबाद-नोएडा यूपी के सबसे उभरते शहर हैं। लेकिन, अब ये डॉग अटैक की घटनाओं को लेकर सुर्खियों में हैं। यहां हर दिन तकरीबन 400 लोग डॉग अटैक के शिकार होते हैं। यही नहीं, इन शहरों में सड़कों पर 1.25 लाख से ज्यादा कुत्ते टहल रहे हैं। इनमें से आधे से ज्यादा की तो नसबंदी भी नहीं हुई है। 'दैनिक भास्कर' इस मुद्दे को प्रमुखता से लगातार उठा रहा है।

 कुत्ते के काटने से बच्चे की मौत:जानिए कितना खतरनाक है रेबीज

गाजियाबाद में 14 साल के बच्चे साबेज को डेढ़ महीने पहले कुत्ते ने काटा था। पापा-मम्मी से डांट न पड़े, इस डर से उसने ये बात अपने घरवालों से नहीं बताई थी। कुत्ते के काटने के बाद 1 सितंबर को साबेज अचानक से अजीब हरकतें करने लगा। जिसके बाद पेरेंट्स ने डॉक्टर को दिखाया, तो पता चला कि उसे रेबीज हो गया है। साबेज की हालत बिगड़ती जा रही थी। AIIMS समेत तमाम बड़े अस्पतालों ने इसे लाइलाज घोषित कर दिया। साबेज ने एम्बुलेंस में तड़प-तड़पकर अपने पिता की गोद में ही दम तोड़ दिया।