अब जजों और न्यायिक अफसरों के परिवारों को भी मिलेगी पेंशन समेत ये सुविधाएं

उत्तर प्रदेश सरकार ने न्यायाधीश पीवी रेड्डी की अध्यक्षता में गठित द्वितीय राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग (एसएनजेपीसी) द्वारा की गई संस्तुति के आधार पर जजों एवं न्यायिक अधिकारियों को पेंशन पारिवारिक पेंशन व ग्रेच्युटी देने का निर्णय किया है। सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारियों की पेंशन निर्धारण की प्रक्रिया भी तय कर दी गई है। पेंशन पुनरीक्षण के लिए भी 2.81 के गुणांक के आधार पर किया जाएगा।

 प्रदेश सरकार ने न्यायाधीश पीवी रेड्डी की अध्यक्षता में गठित द्वितीय राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग (एसएनजेपीसी) द्वारा की गई संस्तुति के आधार पर जजों एवं न्यायिक अधिकारियों को पेंशन, पारिवारिक पेंशन व ग्रेच्युटी देने का निर्णय किया है। अपर मुख्य सचिव नियुक्ति डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने इसका आदेश जारी कर दिया है। 19 मई को सुप्रीम कोर्ट ने भी पेंशन व पारिवारिक पेंशन संशोधित करने के आदेश दिए थे। इसी आधार पर सरकार ने आदेश जारी कर दिया।

 पेंशन निर्धारण की प्रक्रिया भी तय की

आदेश के अनुसार एक जनवरी 2016 या उसके बाद सेवानिवृत्त जजों व न्यायिक अधिकारियों की पेंशन सेवानिवृत्ति के समय अंतिम आहरित का 50 प्रतिशत होगी। सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारियों की पेंशन निर्धारण की प्रक्रिया भी तय कर दी गई है। पेंशन पुनरीक्षण के लिए भी 2.81 के गुणांक के आधार पर किया जाएगा।

एक जनवरी 2016 से पहले सेवानिवृत्त होने वाले सीधी भर्ती के नियुक्त उच्चतर न्यायिक सेवा के अधिकारियों को उनके द्वारा बार में की गई अधिकतम 10 वर्ष की प्रैक्टिस का लाभ पेंशन के लिए प्रदान किया जाएगा। पारिवारिक पेंशन सेवानिवृत्ति के समय अंतिम आहरित वेतन का 30 प्रतिशत होगी।

पति या पत्नी की मृत्यु के बाद पात्र सदस्यों को 30 प्रतिशत की दर से पारिवारिक पेंशन का भुगतान किया जाएगा। पारिवारिक पेंशन का निर्धारण उसी तरीके से किया जाएगा, जैसे पेंशन का निर्धारण किया जाता है।