नई संसद में अधिकारी गुलाबी रंग की नेहरू जैकेट पहनेंगे

केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। पहले दिन की कार्यवाही पुरानी संसद में होगी। वहीं, 19 सितंबर को नई संसद में कामकाज शुरू हो जाएगा।

नए संसद भवन में जाते समय संसद कर्मचारी नई ड्रेस पहनेंगे। इस ड्रेस में नेहरू जैकेट और खाकी रंग की पैंट को शामिल किया गया है। लोकसभा सचिवालय के एक इंटरनल सर्कुलर के अनुसार ब्यूरोक्रेट्स बंद गले सूट की जगह मैजेंटा या गहरे गुलाबी रंग की नेहरू जैकेट पहनेंगे। उनकी शर्ट भी कमल के फूल के डिजाइन के साथ गहरे गुलाबी रंग में होगी।

मार्शल पहनेंगे मणिपुरी पगड़ीसिक्योरिटी पर्सनल कैमोफ्लॉज ड्रेस में       

 यह यूनिफॉर्म नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT) ने बनाई है। दोनों सदनों में मार्शलों की ड्रेस में भी बदलाव किया गया है। अब वे मणिपुरी पगड़ी पहनेंगे।

इसके अलावा संसद भवन के सुरक्षाकर्मियों की ड्रेस भी बदली जाएगी। सफारी सूट की जगह उन्हें सेना की तरह कैमोफ्लॉज ड्रेस दी जाएंगी।

 कांग्रेस ने कहायूनिफॉर्म पर कमल ही क्योंटाइगर या मोर क्यों नहीं
 पार्लियामेंट स्टाफ की नई यूनिफॉर्म पर कांग्रेस ने निशाना साधा। लोकसभा में कांग्रेस के चीफ व्हिप मणिकम टैगोर ने कहा- यूनिफॉर्म पर कमल ही क्यों बनाया गया, मोर या टाइगर क्यों नहीं। इसलिए, क्योंकि ये भाजपा के चुनाव चिह्न नहीं हैं।

टैगोर ने ये भी कहा कि यूनिफॉर्म पर कमल बनाना बचकानापन है। इन लोगों (सरकार) ने G20 में भी ऐसा ही किया। उनका कहना है कि कमल राष्ट्रीय फूल है। उम्मीद है कि भाजपा तरक्की करे, लेकिन संसद को एक पार्टी के लिए ना बनाए। पार्लियामेंट हर दल के लिए है। इससे समझ आता है कि भाजपा हर संस्थान में दखलंदाजी कर रही है।

पांच दिन तक चलेगा संसद का विशेष सत्र
 18 सितंबर को शुरू होने वाला संसद का विशेष सत्र पुराने भवन में शुरू होगा और एक दिन बाद गणेश चतुर्थी के अवसर पर नए भवन में स्थानांतरित हो जाएगा। नए संसद भवन का इनॉगरेशन इसी साल 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।

18 से 22 सितंबर तक संसद के विशेष सत्र की घोषणा 31 अगस्त को संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने की थी। फिलहाल विशेष सत्र के एजेंडे को गुप्त रखा गया है।

संसद के विशेष सत्र को लेकर सोनिया की PM को चिट्ठी
 संसद के विशेष सत्र से 12 दिन पहले सोनिया गांधी ने पीएम को एक चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने 9 मुद्दे उठाए थे। कांग्रेस चाहती है सरकार महंगाई, भारत-चीन बॉर्डर विवाद और मणिपुर जैसे गंभीर मामलों पर चर्चा करे।

कांग्रेस संसदीय दल (CPP) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 24 पार्टियों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह लैटर भेजा। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पिछले हफ्ते 18 से 22 सितंबर तक संसद के पांच दिन के विशेष सत्र के बारे में जानकारी दी थी।

 उधर I.N.D.I.A में शामिल लोकसभा और राज्यसभा सांसदों ने मंगलवार (5 सितंबर) शाम मल्लिकार्जुन खड़गे के घर मीटिंग की। इसमें निर्णय लिया गया कि I.N.D.I.A अलायंस में शामिल 28 पार्टियों में से 24 पार्टियां 18 सितंबर से शुरू हो रहे संसद के स्पेशल सेशन में शामिल होंगी।

संसद की पुरानी बिल्डिंग का ज्यादा इस्तेमाल हो गयासरकार
 मौजूदा संसद भवन को 95 साल पहले 1927 में बनाया गया था। मार्च 2020 में सरकार ने संसद को बताया था कि पुरानी बिल्डिंग ओवर यूटिलाइज्ड हो चुकी है और खराब हो रही है।

इसके साथ ही लोकसभा सीटों के नए सिरे से परिसीमन के बाद जो सीटें बढ़ेंगी, उनके सांसदों के बैठने के लिए पुरानी बिल्डिंग में पर्याप्त जगह नहीं है। इसी वजह से नई बिल्डिंग बनाई गई है।

 मंजिला बिल्डिंगभूकंप का असर नहीं
 64 हजार 500 वर्ग मीटर में बना नया संसद भवन 4 मंजिला है। इसमें 3 दरवाजे हैं, इन्हें ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार नाम दिया गया है। सांसदों और VIPs के लिए अलग एंट्री है। नया भवन पुराने भवन से 17 हजार वर्ग मीटर बड़ा है।

नए संसद भवन पर भूकंप का असर नहीं होगा। इसकी डिजाइन HCP डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार की है। इसके आर्किटेक्ट बिमल पटेल हैं।

 संविधान हॉल में संविधान की कॉपी रखी जाएगी
 नई बिल्डिंग की सबसे बड़ी विशेषता संविधान हॉल है। कहा जा रहा है कि इस हॉल में संविधान की कॉपी रखी जाएगी। इसके अलावा महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाषचंद्र बोस, देश के प्रधानमंत्रियों की बड़ी तस्वीरें भी लगाई गई हैं।

पिछले साल राजपथ को मिला था कर्तव्य पथ नाम
 सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक 3 किलोमीटर लंबे सड़क का री-डेवलपमेंट किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 सितंबर 2023 को इसका उद्घाटन किया था। उन्होंने उसी दिन इसका नाम राजपथ से बदलकर कर्तव्य पथ करने का ऐलान किया था।

PM आवास भी इस प्रोजेक्ट का हिस्सा
 कर्तव्य पथ, संसद भवन के अलावा प्रधानमंत्री का ऑफिस-घर, सेंट्रल सेक्रेटरिएट की बिल्डिंग और वाइस प्रेसिडेंट एनक्लेव भी सेंट्रल विस्टा पावर कॉरिडोर का हिस्सा हैं। इन्हें केंद्र सरकार की एजेंसी CPWD बना रही है।

सेंट्रल विस्टा के डिजाइनर बिमल पटेलआज पश्चिम से पूरब तक रीडेवलपमेंट के मास्टर आर्किटेक्

दिल्ली में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट, वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर, अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट डेवलपमेंट और पुरी में जगन्नाथ मंदिर की मास्टर प्लानिंग- भारत के कल्चरल और अर्बन लैंडस्केप के ये सभी सिंबल्स भले ही देश के अलग-अलग कोनों में स्थित हैं, लेकिन इनके मास्टर आर्किटेक्ट एक ही हैं- बिमल पटेल।