पहनावे से व्यक्तित्व की पहचान !!

Anuradha Gupta

 मुंबई उपभोक्ता जनघोष : हमारे देश में 28 राज्य और राज्य का अपना एक विशेष पोशाक हैं। जैसे "नौवारी" महाराष्ट्र में तो "बनारसी" बनारस में , "मखेला चद्दर" आसाम में तो "कांजीवरम" तमिल नाडु में महिलाओं द्वारा पहनने जाने वाली साड़ी हैं। वैसे ही शर्ट –पैंट , धोती – कुर्ता, पगड़ी , टोपी, सफारी सूट   भारत में पुरुषों के पोशाक हैं । 

 दुनिया मॉडर्नाइज संस्कृति ( Modernised Culture) को अपना रही हैं , भारत के लोगों ने भी इस संस्कृति को अपनाया हैं। शर्ट – पैंट, सूट – सालवार से सीधा जीन्स टॉप और टीशर्ट के ज़माने में हम आ गए हैं। शब्दकोश ( Dictionary) में हर दिन नए शब्द को जोड़ा जा रहा हैं वैसे ही लोग नए संस्कृति को अपना रहे हैं। पर कही न कही यह नए जमाने का पोशाक हमारे संस्कृति को मार रहा हैं या खत्म कर रहा हैं।

 मॉडर्नाइज संस्कृति एक ऐसा दौर हैं जहा लोग खुदका छोड़ , एक दूसरे के रहन सहन, तौर तरीके, खान पान और पहनावे की ओर ज्यादा आकर्षित होने लगते हैं। इस ज़माने में एक और नया शब्द हैं जो हर दिन लोग इस्तमाल करते हैं वह हैं " comparison " जिसका अर्थ है "तूलना" । इस दौर में हर कोई एक दूसरे से एक दूसरे की तुलना करते हैं। लोग या भूल चुके हैं की यह एक जीवन हैं और किसी के पास ज्यादा या कम होना कुछ गलत नहीं हैं। 

तुलना की बात छिड़ ही गई हैं तो कोई पैसों से सामने खड़े व्यक्ति को तोलता हैं तो कोई कपड़ो से । हम सब ने वह कहावत तो सुनी होगी " Don't judge the Book by it's cover" , अर्थात "किसी के पहनावे या कपड़े से उसके बुद्धि या चरित्र को आप जान नहीं सकते हैं "। मगर क्या करें ? हम हैं भी तो इंसान ही । किसी के कपड़ो को देख कर उसका मजाक उड़ाते है या उससे साहब बुलाते हैं। हम भूल गए हैं की कपड़ो से किसी का व्यक्तित पहचाना  नहीं जा सकता बल्कि कपड़े अपने अंग को ढकने में काम आता हैं। 

यह सब स्कूल में दिखाने वाली आदत नहीं हैं बल्कि हर एक संस्कृति में सिखाए जानें वाली बात हैं। लोग समझते हैं की व्यक्तित्व ( personality) अच्छे कपड़े पहन कर निखरती हैं,पर अच्छे कपड़े पहन कर अपनी वाणी का उपयोग वह किस प्रकार करते हैं उसका उन्हें अंदाजा भी नहीं होता। हम इंस्टाग्राम, फेसबुक, यूट्यूब, आदि (instagram, Facebook, youtube, etc ) का इस्तेमाल २४ घंटो में से तकरीबन १२– १५ घंटे करते हैं। कुछ अच्छी कुछ बुरी ख़बर देखते हैं , और लाईक शेयर करके छोड़ देते हैं। आज कल लोग वीडियो बनाने के लिए कुछ भी वस्तु का उपयोग करता दिखाई देता हैं। उनमें से एक हैं वायरल हुआ वीडियो जहा जानवर को मारा जा रहा हैं और वही दूसरी तरफ कोई गरीब बच्चा मुक्के प्राणी को खाना दे रहा हैं। 

आइए #UJnews के संग इस मॉडर्न संस्कृति में भारत के संस्कृति का रंग भरे और सादगी से व्यक्तित्व को निखारे।

Edit By Priya Singh