जंग लड़ने के लिए विदेशों से लौट रहे इजराइली

इजराइल-हमास जंग का आज छठा दिन है। इस बीच दुनियाभर से हजारों इजराइली जंग में शामिल होने के लिए अपने वतन लौट रहे हैं। ग्रीस से लेकर न्यूयॉर्क तक एयरपोर्ट पर इजराइलियों की भीड़ है। इजराइली मीडिया के मुताबिक, सेना ने रिजर्व सैनिकों की संख्या 3 लाख 60 हजार कर दी है, इसीलिए इजराइलियों में घर लौटने की होड़ मची है। आज अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भी इजराइल पहुंचे हैं।

वहीं, इजराइल हमास जंग में विदेशी नागरिकों की भी लगातार जान जा रही है। आज 3 चीनी नागरिकों की मौत की खबर सामने आई है। बुधवार को इजराइल ने रातभर गाजा पर हमले किए, जिसमें करीब 51 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई। 7 अक्टूबर से शुरू हुई जंग में अब तक 2,500 लोग मारे जा चुके हैं। इनमें से करीब 1,300 इजराइली हैं। अब तक करीब 1,200 फिलिस्तीनियों ने भी जान गंवाई है।

इस बीच भारत इजराइल में फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए ऑपरेशन अजय की शुरुआत कर चुका है। आज रात इजराइल के डेविड बेंगुरिअन एयरपोर्ट से रात 9 बजे चार्टर प्लेन भारत के लिए रवाना होगा। इससे 230 लोगों वापस लौटेंगे।

रक्षा मंत्री बोले- अब जंग के सारे नियम खत्म, गाजा को 180 डिग्री बदल देंगे

इजराइल सरकार ने जंग से जुड़े फैसले लेने के लिए यूनिटी गवर्नमेंट और 3 सदस्यीय वॉर कैबिनेट बनाई है। नई सरकार में विपक्षी पार्टी को भी शामिल किया गया है। कैबिनेट में प्रधानमंत्री नेतन्याहू, विपक्षी नेता बेनी गैंट्ज और मौजूदा डिफेंस मिनिस्टर योव गैलेंट रहेंगे। इजराइली रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने कहा- हमने युद्ध के सभी नियम खत्म कर दिए हैं। हमारे सैनिक अब किसी भी चीज के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। उन पर मिलिट्री कोर्ट में कोई केस दर्ज नहीं होगा। हमास गाजा को बदलना चाहता था, हम इसे 180 डिग्री तक बदल डालेंगे। वे इस बात के लिए हमेशा पछताएंगे कि गाजा अब कभी भी पहले जैसा नहीं हो पाएगा।

क्या है यूनिटी गवर्नमेंट और वॉर कैबिनेट

इजराइल में हमास के खिलाफ वॉर कैबिनेट या यूनिटी गवर्नमेंट बन गई है। ऐसा 1973 के बाद पहली बार हुआ है। यूनिटी गवर्नमेंट यानी ऐसी सरकार जिसमें सभी पार्टियां शामिल हैं। ये जंग के वक्त बनती है। टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, वॉर कैबिनेट में 3 मेंबर्स हैं।

भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन अजय की शुरुआत

वहीं, भारत सरकार ने इजराइल में फंसे 18 हजार भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन अजय की घोषणा की है। इसके लिए आज पहली फ्लाइट रवाना हो चुकी है। इस दौरान इंडियन नेवी भी मदद के लिए तैयार रहेगी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा- भारत सरकार ऑपरेशन अजय के तहत भारतीयों को वापस लाएगी। जो भी वापस आना चाहे, आ सकता है।

इजराइल में भारतीय राजदूत ने बताया कि पहली फ्लाइट से भेजे जाने वाले रजिस्टर्ड लोगों की जानकारी ईमेल कर दी गई है। अगली फ्लाइट के लिए अन्य रजिस्टर्ड लोगों की जानकारी भेजी जाएगी। तेल अवीव स्थित भारतीय दूतावास के मुताबिक, इजराइल में मौजूद सभी भारतीय फिलहाल सभी सुरक्षित हैं। इजराइल पहुंचे भारतीय पर्यटकों ने दूतावास से सुरक्षित निकाले जाने की अपील की है।

जंग से जुड़े कुछ अहम अपडेट्स...

हमास के हमले में इजराइल के अब तक 220 सैनिकों की मौत हो चुकी है।

इजराइली सेना ने गाजा पट्टी पर हमास के नौसैनिक बल के एक सीनियर मेंबर को मार गिराया है।

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन आज इजराइल पहुंचेंगे। वे PM नेतन्याहू, राष्ट्रपति इसाक हर्जोग और अन्य अधिकारियों से मिलेंगे।

राष्ट्रपति बाइडेन ने अमेरिका में यहूदी नेताओं से मुलाकात की।

इजराइल-हमास की जंग में 22 अमेरिकी नागरिकों की मौत हो गई है।

हमास ने दावा किया है कि उसने बंधक बनाए लोगों में से 2 बच्चों और 1 महिला को छोड़ दिया है।

इजराइल में घायलों की संख्या 3,000 हो गई है। वहीं, गाजा में 5,339 लोग घायल हुए हैं।

इजराइली सेना बोली- घुसपैठ की खबर गलत

अलजजीरा के मुताबिक भारतीय समयानुसार रात करीब 10 बजे लेबनान बॉर्डर से घुसपैठ की खबर मिली थी। इसके बाद इजराइल-लेबनान बॉर्डर से लगे 3 शहरों में अलर्ट जारी कर दिया गया था, लेकिन बाद में इजराइली सेना ने कहा कि घुसपैठ नहीं हुई है।

दरअसल, 10 अक्टूबर को लेबनान से इजराइल में 15 रॉकेट दागे गए थे। जवाबी कार्रवाई में इजराइली सेना ने लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के 3 ठिकानों पर हमला किया था। 8 अक्टूबर को पहली बार लेबनान बॉर्डर से हिजबुल्लाह ने इजराइल पर गोलीबारी की थी और बम दागे थे।

गाजा में UN एजेंसी के पास सिर्फ 12 दिन का खाना-पानी बचा

अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा में फिलिस्तीनी रेफ्यूजी के लिए काम कर रही UN रिलीफ एंड वर्क एजेंसी के पास बहुत कम मात्रा में खाना और पानी बचा है। इस मात्रा से सिर्फ 12 दिन का काम चल सकता है। इसके बाद 1 लाख 80 हजार लोगों के भूखे रहने की नौबत आ जाएगी।

एजेंसी की डिप्टी डायरेक्टर जेनेफर ऑस्टिन ने कहा- सड़कों पर मलबा है, रास्ते बंद हो गए हैं। कम्युनिकेशन लाइन कट गई हैं। लोगों की मदद करने में काफी मुश्किलें हो रही है।

इजराइल पर फास्फोरस बम दागने का आरोप

इजराइल पर फिलिस्तीन ने फास्फोरस बम दागने के आरोप लगाए हैं। फिलिस्तीन की न्यूज एजेंसी 'वाफा' के मुताबिक, इजराइली सेना ने गाजा से लगे हुए अल-करामा शहर पर इजराइल ने प्रतिबंधित फास्फोरस बम का इस्तेमाल किया। ये बम जिस इलाके में गिरते हैं वहां ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता है। इसके कण इतने छोटो होते हैं कि मानव शरीर में घुस जाते हैं।

पूरे गाजा की बिजली ठप, अस्पतालों में 2 दिन का ही इमरजेंसी बैकअप

अलजजीरा के मुताबिक, इजराइली हमलों के बाद पूरे गाजा में बिजली सप्लाई ठप हो गई। फिलिस्तीन की एनर्जी अथॉरिटी के चेयरमैन थाफर मेल्हेम ने वॉयस ऑफ फिलिस्तीन रेडियो को बताया कि गाजा पट्टी के एकमात्र पावर प्लांट में ईंधन खत्म हो गया है।

इससे पूरे इलाके की बिजली सप्लाई रुक गई। अस्पतालों की इमरजेंसी लाइट सिर्फ 2 दिन चल सकेगी। 9 अक्टूबर को गाजा बॉर्डर पर कब्जे के बाद इजराइल ने गाजा तक होने वाली बिजली सप्लाई रोक दी थी।

गाजा बॉर्डर पर इजराइल का कब्जा

10 अक्टूबर को इजराइल की सेना ने घोषणा की थी कि उन्होंने गाजा बॉर्डर पर कब्जा कर उसे पूरी तरह से सील कर दिया है। दरअसल, 9 अक्टूबर को इजराइल सरकार ने अपनी सेना को पूरी गाजा पट्टी पर कब्जे के आदेश दिए थे।

इजराइल ने 1 लाख सैनिकों को गाजा बॉर्डर पर तैनात किया था। साथ ही 3 लाख सैनिकों को तैयार रहने के लिए कहा गया। इजराइल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने अधिकारियों को गाजा पट्टी में खाना, पानी, बिजली और फ्यूल की सप्लाई बंद करने के भी आदेश दिए थे।

'अल-अक्सा फ्लड' के खिलाफ इजराइल का ऑपरेशन 'सोर्ड्स ऑफ आयरन '

हमास ने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को 'अल-अक्सा फ्लड' नाम दिया है। वहीं इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ 'सोर्ड्स ऑफ आयरन' ऑपरेशन शुरू किया है।

हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने शनिवार को कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।

वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।