दिल्ली में दीपावली के बाद प्रदूषण की स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। गुरुवार को लगातार चौथे दिन कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार हो गया है। सुबह 7 बजे दिल्ली के बवाना में AQI 442, जहांगीरपुरी में 441, आनंद विहार में 412, ITO में 412 और IGI एयरपोर्ट के पास 401 रिकॉर्ड किया गया।
ANI के मुताबिक, बढ़ते प्रदूषण को लेकर दिल्ली में दूसरे राज्यों से आने-जाने वाली BS-3 और BS-4 डीजल बसों पर बैन लग सकता है। सिर्फ इलेक्ट्रिक, CNG और BS-6 डीजल बसों को एंट्री दी जाएगी। दिल्ली सरकार छठ पर्व के बाद ये नियम लागू कर सकती है।
दिल्ली में 5 नवंबर से प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों और कॉमर्शियल वाहनों की एंट्री बैन है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक दिल्ली में इस हफ्ते प्रदूषण से राहत की उम्मीद नहीं है। अगले चार दिन तक धुंध की स्थिति बनी रहेगी। प्रदूषण को लेकर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आज रिव्यू मीटिंग बुलाई है।
पराली को लेकर पंजाब के सभी जिलों में रेड अलर्ट
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पंजाब सरकार ने पराली जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की पहल की है। पंजाब में स्पेशल डीजीपी अर्पित शुक्ला ने राज्य के सभी जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है। DGP अर्पित शुक्ला ने बताया कि पराली जलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने 7 नवंबर को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को पराली जलाने की घटनाओं पर तत्काल रोक लगाने का निर्देश दिया था। जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा था कि प्रदूषण को लेकर हमारा सब्र खत्म हो रहा है। दिल्ली को हर साल इस दौर से नहीं गुजरने दिया जा सकता। अगर हमने एक्शन लिया तो हमारा बुलडोजर रुकेगा नहीं।
दिल्ली में आर्टिफिशियल बारिश कराने की संभावना
बुधवार (15 नवंबर) को पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने प्रदूषण को लेकर कहा था कि हवा की स्पीड कम हो गई है। तापमान में भी गिरावट हुई है। ऐसे में दीपावली पर पटाखों से जो प्रदूषण फैला था, वो आसमान में बना हुआ है। अगले दो-तीन दिनों तक प्रदूषण की ऐसी ही स्थिति रहेगी। इसके बाद ऑड-ईवन या कृत्रिम बारिश (आर्टिफिशियल बारिश) कराने पर विचार किया जाएगा।
दिल्ली की केजरीवाल सरकार 21-22 नवंबर को दिल्ली में पहली बार आर्टिफिशियल बारिश का प्लान तैयार कर रही थी। इसके लिए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने 8 नवंबर को IIT कानपुर के वैज्ञानिकों के साथ बैठक की थी। इस बीच 9-10 नवंबर को बारिश हो गई। इससे प्रदूषण का स्तर 50 फीसदी कम हो गया था।
प्रदूषण रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने ये कदम उठाए...
दिल्ली से बाहर रजिस्टर्ड ओला-उबर सहित ऐप बेस्ड दूसरी टैक्सियों की एंट्री पर बैन है। राज्य में सिर्फ दिल्ली रजिस्टर्ड ऐप बेस्ड टैक्सियां की चलाने की अनुमति है।
दिल्ली में कंस्ट्रक्शन पर पाबंदी है। सड़क, हाईवे, फ्लाइओवर, ओवर ब्रिज, पावर ट्रांसमिशन, पाइपलाइन समेत सभी तरह के डेवलपमेंट गतिविधियों पर भी रोक है।
जरूरी सामान ला रहे डीजल ट्रकों और LNG, CNG, इलेक्ट्रिक ट्रकों को छोड़कर सभी ट्रकों की एंट्री बंद है। BS-3 कैटेगरी वाले पेट्रोल और BS-4 कैटेगरी वाले डीजल वाहन भी प्रतिबंधित है।
दिल्ली में पटाखों पर बैन है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दीपावली के बाद वर्ल्ड कप मैच और छठ के दौरान भी दिल्ली पुलिस को निगरानी रखने का निर्देश दिया है।
दिल्ली में प्रदूषण के कारण स्कूलों में 9 से 18 नवंबर तक सर्दी की छुट्टियां कर दी गई हैं। हर साल दिसंबर-जनवरी के बीच स्कूलों में विंटर वेकेशन होता था।
दिल्ली सरकार के मंत्रियों को प्रदूषण के खिलाफ ग्राउंड लेवल पर काम करने को कहा गया है। सभी मंत्री दिल्ली के अलग-अलग जिलों में निगरानी करेंगे।
दिल्ली में GRAP-IV लागू
दिल्ली में 5 नवंबर से ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का चौथा स्टेज लागू है। इसके तहत कॉमर्शियल गाड़ियों की एंट्री पर रोक है। सब्जी, फल, दवा जैसे जरूरी सामान की आपूर्ति करने वाले, CNG और इलेक्ट्रिक ट्रकों को छोड़कर बाकी ट्रकों की आवाजाही प्रतिबंधित है।
किसी जगह पर GRAP-IV तब लगाया जाता है, जब वहां का AQI लास्ट स्टेज यानी 450-500 के बीच पहुंच जाता है। दिल्ली में GRAP-IV लागू होने के साथ ही GRAP-I, II और III के नियम भी लागू हैं। इनके तहत गैर-जरूरी कंस्ट्रक्शन वर्क, BS-3 कैटेगरी वाले पेट्रोल और BS-4 कैटेगरी वाले डीजल, चार पहिया वाहनों पर बैन है।