दिल्ली-NCR में डरा रहे कोरोना के मरीज, गाजियाबाद में कोलकाता से लौटा एक और व्यक्ति मिला संक्रमित

वसुंधरा के रहने वाले 53 वर्षीय एक व्यक्ति की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने वसुंधरा क्षेत्र के 50 से अधिक लोगों की कोरोना जांच के लिए सैंपल भेजे हैं। सीएमओ डॉ. भवतोष शंखधर ने बताया कि उक्त व्यक्ति को तीन जनवरी से बुखार और बदन दर्द की शिकायत है।

वह छह जनवरी को कोलकाता से घर लौटे तो तबीयत खराब हो गई। प्राइवेट लैब से जांच कराने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद होम आइसोलेशन में इलाज शुरू कर दिया गया है। इसके अलावा जिला एमएमजी अस्पताल में पित्त की थैली का आपरेशन करवाने पहुंचे गौतमबुद्ध नगर के एक 43 वर्षीय व्यक्ति की रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद संबंधित जिले को सूचित कर दिया गया है।

सीएमओ के अनुसार, इंदिरापुरम के रहने वाले 40 वर्षीय व्यक्ति भी जांच करने पर कोरोना संक्रमित मिले हैं। वह रोज दिल्ली जाते हैं। वर्तमान में कुल चार कोरोना संक्रमितों का इलाज चल रहा है। दो का घर और दो का अस्पताल में इलाज चल रहा है।

सर्वाइकल कैंसर से बचाव को लगेगा टीका

लोहियानगर स्थित गुरू नानक इंटर कालेज में सर्वाइकल कैंसर से बचाव को टीका लगेगा। स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से एक एनजीओ द्वारा स्कूल में पढ़ने वाली एक हजार छात्राओं को टीका लगाने का लक्ष्य है। इस संबंध में कुछ प्राइवेट महिला चिकित्सक भी वैक्सीन दे रहीं हैं।

ओपीडी में पहुंचे दो हजार मरीज

शीत लहर के चलते सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की संख्या कम हो रही है लेकिन सांस और खांसी-जुकाम के मरीज बढ़ रहे हैं। तीनों अस्पतालों में कुल 2271 मरीज पहुंचे। जिला एमएमजी अस्पताल की ओपीडी में 1191 के सापेक्ष 246, संयुक्त अस्पताल में 610 के सापेक्ष 129 और जिला महिला अस्पताल की ओपीडी में 470 के सापेक्ष 132 बीमार बच्चे पहुंचे। सीएमएस डा. मनोज कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि ओपीडी में पहुंचे 246 बच्चों में से 11 को भर्ती किया गया है। सांस के 476 मरीजों में से 22 को भर्ती किया गया है।

घर से बाहर कम निकले, गरम कपड़े पहने

डॉ. आलोक रंजन की सलाह है कि शीत लहर से बचाव के लिए कम से कम घर से बाहर निकले। गरम और ढ़ीले कपड़े पहने। गरम पानी और पेय पदार्थों का अधिक सेवन करें। रूम हीटर का उपयोग कर सकते हैं। सुबह-शाम टहलने से बचें। बुजुर्गों,बच्चों व गर्भवती का विशेष ध्यान रखें। तबीयत खराब होने पर तुरंत जिला अस्पताल की इमरजेंसी में जाकर चिकित्सक से संपर्क करें।