भारत में स्टारलिंक की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विसेज जल्द शुरू होंगी

एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को अगले हफ्ते तक भारत में अपनी स्पेस-बेस्ड ब्रॉडबैंड सर्विसेज को लॉन्च करने की मंजूरी मिल सकती है। ईटी टेलीकॉम की हालिया रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह जानकारी स्टारलिंक की ओर से अपने शेयरहोल्डिंग पैटर्न के बारे में डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) को क्लेरिफिकेशन यानी स्पष्टीकरण भेजे जाने के बाद मिली है।

टेलीकम्युनिकेशन डिपार्टमेंट बुधवार तक स्टारलिंक को जारी कर सकता है लेटर ऑफ इंटेंट

ईटी टेलीकॉम के एक सूत्र का कहना है, 'स्टारलिंक ने DPIIT को जवाब दिया है और अगले कुछ दिनों में या इस महीने के आखिरी तक डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) कंपनी को लेटर ऑफ इंटेंट (LoI) जारी कर सकता है।'

इस बीच मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट में सूत्रों का हवाला देते हुए कहा गया है कि डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन बुधवार को स्टारलिंक को लेटर ऑफ इंटेंट जारी कर सकता है।

अप्रूवल के बाद सैटेलाइट कम्युनिकेशंस विंग भी स्टारलिंक को मंजूरी दे देगी

ईटी टेलीकॉम और मनीकंट्रोल दोनों की रिपोर्ट में कहा गया है कि डिपार्टमेंट अगले हफ्ते तक टेलीकॉम सेक्रेटरी नीरज मित्तल और कम्युनिकेशन सेक्रेटरी अश्विनी वैष्णव से अप्रूवल के लिए एक लेटर तैयार कर रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रूवल के तुरंत बाद सैटेलाइट कम्युनिकेशंस विंग (SCW) भी एलन मस्क के नेतृत्व वाली कंपनी स्टारलिंक को मंजूरी दे देगी।

नीरज मित्तल और अश्विनी वैष्णव दोनों इस समय देश से बाहर हैं। मित्तल वाशिंगटन डीसी में PanIIT-2024 इवेंट में और वैष्णव वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) के लिए दावोस में हैं।

भारत में स्टारलिंक की जर्नी

एलन मस्क की स्टारलिंक ने नवंबर 2022 में भारत में ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट सर्विसेज (GMPCS) के लिए आवेदन किया था।

अप्रूवल मिलने के बाद स्टारलिंक यह लाइसेंस हासिल करने वाली रिलायंस जियो और सुनील मित्तल की वन वेब के बाद भारत में तीसरी कंपनी बन सकती है।

GMPCS लाइसेंस मिलने के बाद स्टारलिंक भारत में व्यक्तियों और ऑर्गेनाइजेशन को मैसेजिंग सर्विसेज, वॉयस सर्विसेज और ब्रॉडबैंड प्रोवाइड करने में सक्षम बन जाएगी।

लाइसेंस के लिए सरकार के अप्रूवल के अलावा सैटकॉम प्लेयर स्टारलिंक को स्पेस रेगुलेटर - इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर (IN-SPACe) से भी मंजूरी लेनी होगी।

IN-SPACe भारत में स्पेस एक्टिविटी अप्रूवल्स के लिए एक सिंगल-विंडो एजेंसी है। इसके अप्रूवल के बाद स्टारलिंक को डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) से स्पेक्ट्रम अलॉटमेंट लेना होगा।

2021 के आखिरी में सब्सक्राइबर्स से सर्विसेज के लिए एडवांस में पैसे लेने के लिए टेलीकॉम मिनिस्ट्री ने स्टारलिंक को फटकारा था, जबकि कंपनी ने लाइसेंस भी नहीं खरीदा था।

मिनिस्ट्री ने स्टारलिंक से उन लगभग 5,000 सब्सक्राइबर्स को पैसे वापस करने के लिए कहा था, जिन्होंने भारत में इसकी सर्विसेज के लिए प्री-ऑर्डर किया था।

भारत में सैटेलाइट इंटनेट सर्विसेज देंगे एलन मस्क: उनकी कंपनी स्टारलिंक को जल्द मिल सकता है लाइसेंस; एयरटेल-जियो भी रेस में

एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को देश में वॉइस और डेटा कम्युनिकेशन सर्विसेज देने के लिए जल्द लाइसेंस मिल सकता है। ET की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि डेटा स्टोरेज और ट्रांसफर नॉर्म्स पर मिले स्टारलिंक की ओर रिस्पॉन्स से भारत सरकार संतुष्ट है।