राष्ट्रपति भवन का अमृत उद्यान आज जनता के लिए खुलेगा

राष्ट्रपति भवन का अमृत उद्यान आज (2 फरवरी) से एक बार फिर आम लोगों के लिए खोला जा रहा है। 15 एकड़ में फैले इस प्रसिद्ध उद्यान में इस बार फूलों की 85 से अधिक प्रजातियों के अलावा एक पुष्प घड़ी भी प्रदर्शित की जा रही है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को अमृत उद्यान में उद्यान उत्सव 2024 का उद्घाटन किया।

राष्ट्रपति भवन की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक आम लोग 2 फरवरी से 31 मार्च तक अमृत उद्यान में विजिट कर सकते हैं। इसके लिए ऑनलाइन- ऑफलाइन दोनों मोड में टिकट बुक किए जा सकते हैं। हर साल की तरह इस बार भी 5 से 6 लाख लोगों के आने के उम्मीद है। उद्यान में इस बार एक सेल्फी पॉइंट भी बनाया गया है।

18 किस्मों के 42 हजार ट्यूलिप

पहली बार, अमृत उद्यान में आने वाले लोगों के लिए 18 किस्मों के 42 हजार ट्यूलिप वाला एक थीम गार्डन विकसित किया गया है। 225 साल पुराना शीशम का पेड़ और बोनसाई उद्यान लोगों के लिए प्रमुख आकर्षण होंगे। इसमें 300 से अधिक बोनसाई (छोटे पेड़) हैं। इनमें से कई दशकों पुराने हैं।

राष्ट्रपति भवन म्यूजियम भी देख सकेंगे

अमृत उद्यान के अलावा लोग सप्ताह में छह दिन (मंगलवार से रविवार तक) राष्ट्रपति भवन और राष्ट्रपति भवन म्यूजियम भी देख सकते हैं। वहीं सरकारी छुट्टियों को छोड़कर हर शनिवार को चेंज-ऑफ-गार्ड समारोह भी देख सकते हैं।

उद्यान उत्सव के दौरान स्कूली स्टूडेंट्स म्यूजियम फ्री में घूम सकते हैं।

गेट नंबर 35 तक बस सुविधा

थीम गार्डन के बैकड्राप में ऊंचा कलात्मक अमृत उद्यान गार्डन सिग्नेचर रखा गया है। सभी आने वालों के लिए प्रवेश और निकास राष्ट्रपति भवन के गेट नंबर 35 से होगा। यहां से नॉर्थ एवेन्यू रोड राष्ट्रपति भवन से मिलती है।लोगों की सुविधा के लिए, केंद्रीय सचिवालय,मेट्रो स्टेशन से गेट नंबर 35 तक एक शटल बस सेवा सुबह 9.30 बजे से शाम 5 बजे के बीच हर 30 मिनट के अंतराल पर उपलब्ध होगी।

टिकट वेबसाइट visit.rashtrapatibhavan.gov.in पर जाकर बुक किए जा सकते हैं। राष्ट्रपति भवन के गेट नंबर 35 के पास टिकट काउंटर भी बनाया गया है। यहां से टिकट लिए जा सकते हैं।

15 एकड़ फैले गार्डन में 138 तरह के गुलाब

अमृत उद्यान 15 एकड़ में फैला है। इसमें 138 तरह के गुलाब, 10 हजार से ज्यादा ट्यूलिप के फूलों और 70 अलग-अलग प्रजातियों के लगभग 5 हजार मौसमी फूलों की प्रजातियां हैं।

जनता के लिए पहली बार इसे देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने खुलवाया था। यहां ब्रिटिश और मुगल दोनों के गार्डन की झलक मिलती है। राष्ट्रपति भवन बनाने वाले आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस ने इसे बनाया था।