केंद्र की टैक्स नीतियों के खिलाफ केरल सरकार का प्रदर्शन

दिल्ली के जंतर-मंतर में केंद्र सरकार की टैक्स नीतियों के खिलाफ केरल सरकार गुरुवार (8 फरवरी) को प्रदर्शन कर रही है। इसमें केरल के CM पिनरई विजयन, दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल, पंजाब CM भगवंत और CPM महासचिव सीताराम येचुरी शामिल हुए।

इस दौरान विजयन ने कहा- आज का दिन भारत के इतिहास में एक अहम दिन होने जा रहा है। हम एकजुट होकर लड़ेंगे। हम यहां भारत के संघीय ढांचे को सुरक्षित रखने के लिए एक साथ आए हैं। हम एक लड़ाई की शुरुआत कर रहे हैं, जो राज्यों के साथ समान व्यवहार सुनिश्चित करने की शुरुआत करेगी।

बुधवार (7 फरवरी) को इसी मुद्दे पर कर्नाटक सरकार ने भी जंतर-मंतर पर प्रोटेस्ट किया था। इसमें कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी CM डीके शिवकुमार शामिल हुए थे। कर्नाटक और केरल के अलावा तमिलनाडु, तेलंगाना भी केंद्र सरकार पर फंड्स के बंटवारे में भेदभाव का आरोप लगा चुके हैं।

क्यों प्रदर्शन कर रही हैं राज्य सरकार?

केरल और कर्नाटक सरकार केंद्र से मिलने वाले टैक्स शेयर और फंड के बंटवारे को लेकर हो रहे भेदभाव के खिलाफ आवाज उठा रही है। 15वें फाइनेंस कमीशन के लागू होने के बाद केंद्र की तरफ से मिलने वाले टैक्स शेयर में कर्नाटक की हिस्सेदारी 4.17% से घटकर 3.64% रह गई। इसकी वजह से राज्य को टैक्स में 62,098 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। केरल और कर्नाटक की सरकार के मुताबिक के मुताबिक भाजपा शासित प्रदेशों को ज्यादा फंड दे रही है।

विजयन बोले- केंद्र का ध्यान सिर्फ 17 राज्यों पर

पिनरई विजयन ने बुधवार को अपने प्रदर्शन की जानकारी देते हुए कहा था- देश के 17 राज्यों NDA की सरकार है। केंद्र सरकार पूरी तरह से इन 17 राज्यों को ही फेवर करती है। जो NDA में नहीं है, उनको नजरअंदाज करती है। इस आंदोलन का उद्देश्य केवल केरल के ही नहीं, बल्कि सभी राज्यों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करना है। इस संघर्ष का उद्देश्य किसी पर विजय प्राप्त करना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि हम आत्मसमर्पण करने के बजाय अपने हक के लिए लड़ेंगे। हमारा मानना है कि पूरा देश इस विरोध के समर्थन में केरल के साथ खड़ा रहेगा।

कर्नाटक CM सिद्धरमैया- हमें सिर्फ 12-13% ही मिल रहा

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार 7 फरवरी को कहा था- टैक्स कलेक्शन के मामले में महाराष्ट्र नंबर 1 तो कर्नाटक दूसरे नंबर पर है। इस साल कर्नाटक ने टैक्स कलेक्शन में 4.30 लाख करोड़ का योगदान दिया...मैं ये बताना चाहता हूं कि अगर हम 100 रुपए टैक्स भेज रहे हैं तो केंद्र सरकार इसमें से 12-13 रुपए ही वापस कर रहे है।