2024 लोकसभा चुनाव में 97 करोड़ वोटर्स

इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव में 96.8 करोड़ से अधिक नागरिक मतदान करेंगे। ये लोग ही भारत को दुनिया में वोट डालने वाले सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों में से एक बनाते हैं। यह संख्या 2019 के चुनावों से पहले रजिस्टर्ड 89.6 करोड़ लोगों से 8.1% अधिक है। इस बार कुल मतदाताओं में 49.7 करोड़ पुरुष मतदाता (2019 से 6.9% अधिक) और 47.1 करोड़ महिलाएं (9.3% अधिक) शामिल हैं। यह देश की आबादी का 66.8% है। देश में इस बार 21.6 करोड़ 18-29 वर्ष की आयु के मतदाता है। इनकी संख्या कुल मतदाताओं के 22% से अधिक हैं।

तमिलनाडु, आंध्र समेत 12 राज्यों में महिला वोटर अधिक

मतदाताओं के लिंग अनुपात (प्रति 1,000 पुरुष मतदाताओं पर महिलाओं की संख्या) में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। ये 2019 में 928 से बढ़कर इस बार 948 हो गया है। पिछले पांच वर्षों में 3.2 करोड़ पुरुषों की तुलना में 4 करोड़ से अधिक महिला मतदाता जुड़ी हैं। 2019 के लोकसभा चुनावों में 43.1 करोड़ के बाद से, इस वर्ष महिला मतदाताओं में 9.3% की वृद्धि हुई है। जबकि पुरुष मतदाताओं में 46.4 करोड़ से 6.9% की वृद्धि हुई है। तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और केरल सहित एक दर्जन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से अधिक है।

कमजोर जनजाति समूहों को जोड़ा

चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने महिला मतदाताओं, 18-19 वर्ष की आयु के मतदाताओं और पीडब्ल्यूडी मतदाताओं में उल्लेखनीय वृद्धि का श्रेय मुख्य आयुक्त राजीव कुमार द्वारा न केवल मतदाता सूची की शुद्धता और स्वास्थ्य में सुधार के लिए किए गए प्रयासों को दिया। शैक्षणिक संस्थानों के साथ काम करने और योग्य युवा मतदाताओं को नामांकन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए विशेष सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों को नियुक्त किया गया था। महिलाओं के कम पंजीकरण और मतदान वाले निर्वाचन क्षेत्रों की पहचान की गई। साथ ही इसे ठीक करने के लिए गहन प्रयास किए गए। चुनाव अधिकारी ने कहा कि विशेष प्रयासों से विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के 100% नामांकन में मदद मिली। कड़ी जांच और घर-घर वेरिफिकेशन के साथ नामावलियों को साफ करने के प्रयासों से 1.65 करोड़ मृत, स्थायी रूप से स्थानांतरित और डुप्लिकेट मतदाताओं का नाम हटा दिया गया है।