ब्रज में शुरू होली की धूम, मंदिरों में उड़ा अबीर-गुलाल

कान्हा की नगरी ब्रज की होली का अलग ही अंदाज देखने को मिलता है इसलिए ब्रज की होली पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। ब्रज की होली का महोत्सव बसंत पंचमी से शुरू हो जाता है, जो 40 दिनों तक चलता है। इस दिन वृंदावन के प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में सुबह श्रृंगार आरती के बाद भगवान के गालों पर गुलाल लगाया जाता है, इसके बाद प्रसाद के रूप में गुलाल भक्तों पर डालकर बृज की होली महोत्सव का शुभारंभ हो जाता है। बसंत पंचमी के दिन होलिका दहन के स्थलों पर होली का ढांड़ा गाड़े जाने की भी परंपरा है।

40 दिवसीय होली उत्सव शुरू

बांके बिहारी मंदिर के साथ ही ब्रज के लगभग सभी मंदिरों में गुलाल उड़ाकर होली खेली गई और इसके साथ ही ब्रज में 40 दिवसीय होली उत्सव शुरू हो गया है। ब्रज के मंदिर में हर रोज सुबह सुबह भगवान कृष्ण को अबीर गुलाल लगाने की परंपरा भी शुरू कर दी गई है। वैसे तो होलिका दहन 24 मार्च को तो होली का उत्सव 25 मार्च को मनाया जाएगा लेकिन ब्रज नगरी में अभी से होली की गजब रौनक देखने को मिल रही है। होली का उत्सव द्वापर युग से मनाया जा रहा है। ब्रज की होली का शुभारंभ बांके बिहारी मंदिर से और रंगनाथ मंदिर की होली के साथ इसका समापन होगा।

अनूठी परंपराओं के साथ ब्रज की होली

देश ही नहीं बल्कि सात समंदर पार से भी ब्रज की होली उत्सव को देखने और इसमें शामिल होने के लिए लोग आते हैं। अपनी अनूठी परंपराओं को लेकर देश और दुनिया में विशेष पहचान रखने वाली ब्रज की होली में होली गीत, पद गायन की प्राचीन परंपरा है, जिसे समाज गायन भी कहा जाता है। बरसाना स्थित श्रीजी मंदिर में ब्रजभाषा में रोजाना ठाकुरजी के सामने होली पदों का गायन किया जाएगा। गोस्वामीजन समाज गायन के दौरान आपस में एक-दूसरे को गुलाल लगाते हैं।

पूरे विश्व में है प्रसिद्ध

ब्रज की अनोखी होली सात समंदर पार से विदेशी श्रद्धालु और पर्यटकों को भी आकर्षित करती है। इस पर्व पर ब्रज में आने के लिए विदेशी भी साल भर इंतजार करते हैं। बसंत पंचमी से शुरू हुई ब्रज की अनूठी होली के कार्यक्रमों को देखने और इसमें शामिल होने के लिए देश और दुनिया से श्रद्धालुओं का ब्रज में आगमन शुरू हो जाएगा। ब्रज में 40 दिनों होली का उल्लास रहता है और इसलिए यह भी कहा जाता है कि सब जब होरी या ब्रज होरा। बताया जा रहा कि होली के दौरान ब्रज में पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।

ये होंगे होली के मुख्य कार्यक्रम

12 मार्च 2024 फुलेरा दूज, फूलों से खेली जाती है होली

17 मार्च 2024 को फाग आमंत्रण नंदगांव और बरसाना में लड्डू होली

18 मार्च 2024 को बरसाना में लठमार होली होगी

19 मार्च 2024 को नंदगांव में लठमार होली खेली जाएगी

20 मार्च 2024 को रंगभरी एकादशी पर श्रीकृष्ण जन्मस्थान, द्वारिकाधीश और वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर में होली के रंग दिखेंगे

21 मार्च 2024 को गोकुल में छड़ीमार होली की धूम रहेगी।

24 मार्च 2024 होलिका दहन, फालैन में रात्रि में जलती होलिका से निकलेगा पंडा

25 मार्च 2024 होली उत्सव, धुलेंडी

27 मार्च 2024 को दाऊजी का हुरंगा, जाब गांव में हुरंगा, मुखराई में चरकुला नृत्य

02 अप्रैल 2024 को वृंदावन के रंगजी मंदिर में होली उत्सव का आयोजन