मनरेगा के नियमों में हुए कुछ बदलाव , निजी जमीन पर काम कराने के लिए कुछ दिशानिर्देशों का करना होगा पालन

महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) से निजी जमीन पर काम कराया जाता है। इसमें पौधारोपण, पोखर खोदाई जैसी योजनाएं शामिल हैं। लेकिन अब निजी जमीन पर काम कराने के लिए कुछ दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। अब जमीन पर मालिकाना हक का पूरा ब्योरा देना होगा।

साथ ही उसमें जमीन मालिक का जाबकार्डधारी होना या उसके परिवार के किसी जाबकार्डधारी सदस्य का काम करना भी जरूरी होगा। हालांकि, यह नियम पहले से है कि जाबकार्ड रहने पर ही निजी जमीन पर मनरेगा का काम करा सकते हैं। लेकिन अब उसमें काम करने की अनिवार्यता भी रखी गई है।

लाभुक का जाबकार्डधारी होना अनिवार्य

मनरेगा आयुक्त सह मुख्य कार्यपालक इस संबंध में दिशानिर्देश जारी किया है। इसमें मनरेगा के तहत कराए जाने वाले कार्यों को लेकर कई बिंदु पर दिशानिर्देश दिए गए हैं। बिना जाबकार्ड के निजी जमीन पर मनरेगा की योजना नहीं दी जाएगी। इसमें कहा गया है कि निजी जमीन पर योजना के लिए लाभुक का जाबकार्ड धारी होना जरूरी है। योजना में लाभुक या उनके परिवार के किसी वयस्क सदस्य जिनके पास जाबकार्ड हो, उन्हें अनिवार्य रूप से काम करना होगा।

निजी जमीन पर योजना क्रियान्वित कराने के लिए विभाग में आवेदन देना होगा। जिस निजी जमीन पर मनरेगा का काम कराया जाना है, उसके दस्तावेज की जानकारी भी देनी होगी। निजी जमीन से संबंधित पूरा विवरण देना होगा। इसमें जमीन का खाता-खेसरा संख्या, जमीन की चौहद्दी आदि बतानी होगी।

जमीन के मालिकाना हक का देना होगा सबूत

निजी जमीन के मालिकाना हक संबंधित कागजात की कापी भी काम कराने की स्वीकृति वाले आवेदन में लगाना होगा। निजी जमीन पर होनेवाली वैसी येाजनाएं जिनमें अधिसंख्य अकुशल मजदूर की आवश्यकता होगी, वहां पर मजदूर की सूची लाभुक की ओर से विभाग को दी जाएगी। मनरेगा से निजी जमीन पर पोखर खोदाई, पौधारोपण आदि कराया जाएगा।

विभाग की ओर से योजनाओं की निगरानी के लिए भी दिशानिर्देश दिए गए हैं। सभी पंचायतों में निगरानी समिति का गठन करना है। यह समिति मनरेगा की हर योजनाओं की निगरानी करेगी ताकि कार्यों में गुणवत्ता और पारदर्शिता बनी रहे। योजना का काम पूरा होने के बाद तकनीकी स्वीकृति देने वाले अधिकारी इसका प्रमाणपत्र भी जारी करेंगे।